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शवासन करने का तरीका और फायदे

 
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शवासन, योग विज्ञान का बेहद महत्वपूर्ण आसन है। शवासन को किसी भी योग सेशन के बाद बतौर अंतिम आसन किया जाता है। 'शवासन' शब्द दो अलग शब्दों यानी कि 'शव' (corpse) और 'आसन' से मिलकर बना है। 'शव' का शाब्दिक अर्थ होता है मृत देह जबकि आसन का अर्थ होता है 'मुद्रा' या फिर 'बैठना'।

आम धारणा है कि शवासन बेहद सरल आसन है। जबकि हकीकत ये है कि शवासन योग विज्ञान के सबसे कठिन आसनों में से एक है। ये आसन देखने में बेहद सरल लगता है लेकिन इसमें सिर्फ लेटना ही नहीं होता है बल्कि अपने मन की भावनाओं और शरीर की थकान दोनों पर एक साथ नियंत्रण पाना होता है। 

शवासन को योगा सेशन के बाद किया जाता है। इसे करने से डीप हीलिंग के साथ ही शरीर को गहरे तक आराम भी मिलता है। इस आसन को तब भी किया जा सकता है जब आप बुरी तरह से थके हों और आपको थोड़ी ही देर में वापस काम पर लौटना हो। शवासन का अभ्यास न सिर्फ आपको ताजगी ​बल्कि ऊर्जा भी देगा।

इसीलिए इस आर्टिकल में मैं आपको शवासन क्या है, के अलावा शवासन के फायदे, शवासन करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में जानकारी दूंगा।

शवासन करने के फायदे-
शवासन साधारण कठिनाई वाला अष्टांग योग का आसन है। रोज योग करने के बाद 10-12 मिनट तक इसका अभ्यास किया जा सकता है। शवासन से शरीर की खर्च हो चुकी ऊर्जा वापस मिलने के साथ ही डिप्रेशन और तनाव से भी मुक्ति मिलती है। 

शवासन करने के फायदे तभी पूरी तरह से मिलते हैं जब आप इस आसन को करते हुए सो न जाएं। पूरी तरह अलर्ट रहते हुए शवासन करने से आपको इसके ज्यादा से ज्यादा फायदे मिलेंगे। अगर आपको शवासन करते हुए आलस महसूस होता है तो आप गहरी और तेज सांसें लें। एकाग्रता इस आसन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। 

इसके अलावा भी शवासन का अभ्यास करने के ढेरों फायदे हैं। जैसे, 

1. शरीर को मेडिटेशन की स्थिति में लाए
शवासन शरीर को न सिर्फ रिलैक्स करता है बल्कि मेडिटेशन की स्थिति में भी ले जाता है। इससे शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों/टिश्यूज को रिपेयर होने का मौका मिलता है बल्कि स्ट्रेस से भी छुटकारा पाने में मदद मिलती है।

2. शरीर को रिलैक्स और शांत करता है 
शवासन न सिर्फ शरीर को नयापन देता है बल्कि ऊर्जा से भरपूर भी बनाता है। ये वर्कआउट खत्म करने के लिए वाकई बेहद बढ़िया है, खासतौर पर जब आप बेहद कठिन वर्कआउट करके आए हों। शवासन, आपके कठिन वर्कआउट के फायदों को शरीर में समाने का मौका देता है। ये आपके रोजमर्रा के कामों और एक्सरसाइज के बीच संतुलन बनाने में मदद करता है।

3. रक्तचाप और एंग्जाइटी घटाए 
जब आपका शरीर शांत रहकर आराम कर रहा होता है, तो आपका ब्लड प्रेशर भी गिरता है। ये स्थिति दिल को आराम देने में मदद करती है। इसके नतीजे में एंग्जाइटी या बेचैनी को भी कंट्रोल किया जा सकता है। क्योंकि बेचैनी बढ़ने पर सबसे पहले दिल की धड़कनें ही तेज होती हैं।

4. एकाग्रता और मेमोरी बढ़ाता है 
मेडिटेशन का सीधा फायदा ये है कि ये फोकस और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। जब आप शवासन कर रहे होते हैं तो अपने आप आपका ध्यान शरीर के हर हिस्से पर अपने आप ध्यान केंद्रित करने लगता है। आपका दिमाग अपने आप ही एकाग्रता और याददाश्त को मजबूत करने लगता है।

5. ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है 
शवासन, इंस्टेंट ऊर्जा/एनर्जी हासिल करने का सबसे सुरक्षित और तेज तरीका है। सिर्फ 10 मिनट तक शवासन करने से आपको ऐसी ऊर्जा का अनुभव होगा, जैसा बाकी किसी उपाय से पहले कभी नहीं हुआ था। ये आपकी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में भी मदद करता है।

शवासन करने का सही तरीका-
शवासन को करना बेहद सुरक्षित है और कोई भी इसका अभ्यास कर सकता है। लेकिन अगर डॉक्टर ने किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से आपको पीठ के बल लेटने से मना किया है तो इस आसन का अभ्यास बिल्कुल भी न करें। 

शवासन करने की विधि 
1. योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। ये सुनिश्चित करें कि आसन करने के दौरान कोई भी आपको डिस्टर्ब न करे। आप बिना किसी समस्या के आराम से लेटे हों। लेकिन किसी तकिया या कुशन का इस्तेमाल न करें। सबसे अच्छा यही है कि आप सख्त सतह पर लेटे हुए हों। 

2. अपनी आंखें बंद कर लें। 

3. दोनों टांगों को ध्यान से अलग-अलग कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से रिलैक्स हों और आपके पैरों के दोनों अंगूठे साइड की तरफ झुके हुए हों।  

4. आपके हाथ आपके शरीर के साथ ही हों लेकिन थोड़ी दूर हों। हथेलियों को खुला लेकिन ऊपर की तरफ रखें। 

5. अब धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से की तरफ ध्यान देना शुरू करें, शुरुआत पैरों के अंगूठे से करें। जब आप ऐसा करने लगें, तो सांस लेने की गति एकदम धीमी कर दें। धीरे-धीरे आप गहरे मेडिटेशन में जाने लगेंगे। लेकिन जैसे ही आपको आलस या उबासी आए सांस लेने की गति तेज कर दें। आपको शवासन करते हुए कभी भी सोना नहीं है। 

6. सांस लेने की गति धीमी​ लेकिन गहरी रखें। ये आपको धीरे-धीरे पूरी तरह रिलैक्स करने लगेगी। मन में ख्याल लाएं कि जब आप सांस ले रहे हैं तो वह पूरे शरीर में फैल रही है। आप और ज्यादा ऊर्जावान होते जा रहे हैं। लेकिन जब आप सांस छोड़ रहे हैं, शरीर शांत होता जा रहा है। आपका फोकस सिर्फ खुद और अपने शरीर पर ही रहेगा। बाकी सारे कामों को भूल जाएं। इस स्थिति के सामने सरेंडर कर दें और आनंद लें। लेकिन ध्यान दें आपको सोना नहीं है।  

7. 10-12 मिनट के बाद, जब आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाए और नई ताजगी को महसूस करने लगे तो, एक तरफ को करवट ले लें। दोनों आंखों को बंद रखें। एक मिनट तक इसी स्थिति में बैठे रहें। इसके बाद धीरे-धीरे उठें और फिर पालथी मारकर या सुखासन में बैठ जाएं। 

8. कुछ गहरी सांसें लें और आंखें खोलने से पहले आसपास चल रहे माहौल का जायजा लें। इसके बाद धीरे-धीरे आंखें खोल दें।

शवासन करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें 
अगर आप शवासन करने से पहले कंधे, सीने और पीठ में कड़ापन महसूस कर रहे हैं, तो आपके कंधे फर्श को छू नहीं सकेंगे। अगर आप जबरन इसे करने की कोशिश करेंगे तो आपकी गर्दन दर्द करने लगेगी। 

इसी स्थिति से बचने के लिए शवासन करते समय सिर को हल्का सा उठाकर गर्दन के स्तर पर ले आएं। इससे कुछ ही दिनों में आपकी गर्दन का पिछला हिस्सा मुलायम हो जाएगा। इस काम के लिए आप पतले से तकिए का सहारा ले सकते हैं जो आपके कंधे के ऊपरी हिस्से तक आता हो। लेकिन जब आसन को आसानी से करने लगें तो तकिए का प्रयोग बंद कर दें।

शवासन करने में क्या सावधानी बरती जाए 
अगर आपकी कमर से नीचे की मसल्स या हैमस्ट्रिंग्स (जांघ की मांसपेशियां) सख्त हैं, तो शवासन के अभ्यास से आपको कुछ ही समय में कमर दर्द की समस्या हो सकती है। इस स्थिति से बचने के लिए शवासन करते ​समय टांगों को हल्का सा उठा लें। 

शवासन उस स्थिति में भी बेहतरीन काम करता है जब आपकी कमर या हिप्स में दर्द हो। अगर आप इस स्थिति से बचना चाहें तो घुटनों से नीचे एक तकिया रख सकते हैं।

शवासन करने से पहले ये आसन करें-
शवासन का अभ्यास हर आसन और प्राणायाम को करने के बाद किया जाना चाहिए। 

शवासन करने के बाद ये आसन करें
शवासन के अभ्यास के बाद सिर्फ सुखासन का ही अभ्यास 1 मिनट के लिए किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष-
शवासन, योग विज्ञान का बहुत शानदार आसन है। ये दिमाग को रिलैक्स करता है और शरीर को हील करता है। सबसे अच्छी बात ये है कि इस आसन को करने में कोई मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है। ये आपके शरीर और मन की थकान को पूरी तरह से दूर करने का मौका देता है। शवासन के सभी फायदों को उठाने के लिए अपने योग सेशन में इसे जरूर शामिल करें।

शवासन करने के लिए इस वीडियो की मदद लें-


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