अर्ध का अर्थ आधा और चंद्रासन का मतलब चंद्र के समान किया गया आसन। इस आसन को करते समय शरीर का आकार अर्ध चंद्र के समान हो जाता है, इसलिए इसे अर्ध चंद्रासन कहा जाता है। इस आसन का आकार त्रिकोण के समान भी बनता है तो इसे त्रिकोणासन भी कह सकते हैं, क्योंकि दोनों आसन को करने में कोई खास अंतर नजर नहीं आता। इस आसन को खड़े होकर किया जाता है।
इस लेख में अर्ध चंद्रासन के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में अर्ध चंद्रासन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में अर्ध चंद्रासन से संबंधित एक वीडियो शेयर किया गया है।
अर्ध चंद्रासन के फायदे -
अर्ध चंद्रासन के लाभ कुछ इस प्रकार हैं –
- यह अभ्यास संतुलन विकसित करता है और शरीर के आगे वाले भाग में खिंचाव उत्पन्न करता है।
- यह आसन पूरे शरीर को लचीला बनाता है।
- यह गर्भाशय और मूत्र नली से संबंधित स्त्री रोगों में विशेष रूप से लाभकारी होता है।
- यह आसन छाती और गर्दन को पर्याप्त खिंचाव प्रदान करता है, जिससे श्वसन सम्बन्धी समस्याओं, गले की खराश, टॉन्सिलाइटिस, खांसी और सर्दी से आराम पहुंचता है।
अर्ध चंद्रासन करने का तरीका -
अर्ध चंद्रासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें –
- सबसे पहले घुटनों के बल खड़े हो जाएं, दोनों हाथों को साइड में रखें।
- बाएं पैर से एक कदम आगे बढ़ाएं।
- आगे की और झुकें और हथेलियों को बाएं पंजे के दोनों तरफ जमीन पर रखें।
- दाहिने पैर को पीछे की ओर पूरा खीचें।
- दाहिना घुटना, दाहिने पंजे के आगे का भाग और उंगलियां जमीन पर टिकी रहें।
- पीठ को धनुषाकार में बनाएं और दोनों हाथों को जोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं। सिर को भी पीछे की ओर ले जाएं।
- दो से तीन मिनट तक इस अवस्था को बनाये रखें।
- फिर हाथों को नीचे जमीन पर लायें। बाएं पैर को पीछे दाएं पैर के बगल में लाते हुए पुरानी अवस्था में लौटें और घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
अर्ध चंद्रासन का आसान रूपांतर -
आप इस आसन को आसान तरीके से भी कर सकते हैं। बस अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें और कोहनियों को सीधा रखें। बाकि पूरी प्रक्रिया उपर बताये गए तरीकों से ही की जाएगी।
अर्ध चंद्रासन करने में क्या सावधानी बरती जाए-
अर्ध चंद्रासन में बरतने वाली सावधानियां कुछ इस प्रकार है-
- अगर आपको चक्कर की समस्या रहती है तो इस आसन को न करे।
- लो ब्लड प्रेशर वाले इस आसन को न करे।
- अगर आपको कमर दर्द या गर्दन में दर्द की समस्या है तो इस आसन को नजरअंदाज करे।
- आसन को करते समय अगर आपको सिर दर्द महसूस होता है तो इसे तभी बंद कर दे।
- डायरिया से पीडित व्यक्ति इस आसन को न करे।
No comments:
Post a Comment
कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।
अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।