पसीना आना सामान्य प्रक्रिया है, जो आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। शरीर में मौजूद पसीना ग्रंथि से नमकीन तरल पदार्थ बहता है, जिसे हम पसीना कहते हैं। कुछ लोगों को ज्यादा पसीना आता है तो कुछ लोगों को कम पसीना आता है। इसी तरह कुछ लोगों को रात को ज्यादा पसीना आता है। ऐसे लोगों की अकसर आधी रात को नींद खुल जाती है, क्योंकि इनका बिस्तर इन्हीं के पसीने से बुरी तरह भीग जाता है। क्या आप भी इन्हीं में से एक हैं? अक्सर सुबह आप खुद को पसीने से नहाया हुआ पाते हैं?
यूं तो रात को पसीना गर्म कमरे की वजह से, बहुत ज्यादा कपड़े पहनकर सोने की वजह से भी आ सकता है। यह समाान्य है। लेकिन कई बार रात को बहुत ज्यादा पसीना दवा लेने या स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने की वजह से भी आ सकता है। ऐसी स्थिति में आपको डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि किस-किस स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों की वजह से आपको रात को सोते समय पसीना आ सकता है।
मेनोपाॅज
मेनोपाॅज हो चुकी या मेनोपाॅज के दौर से गुजर रही महिलाओं को हाॅट फ्लैश (अचानक चेहरे, गर्दन और छाती में बुखार महसूस करना और बहुत ज्यादा पसीना आना) का अनुभव हो सकता है। नतीजतन रात को इन्हें बहुत ज्यादा पसीना आ सकता है। हालांकि जरूरी नहीं है कि सभी मेनोपाॅज के दौर से गुजर रही या मेनोपाॅज हो चुकी महिलाओं को हाॅट फ्लैशेज महसूस हो। यह स्थिति महिला दर महिला निर्भर करती है।
इडियोपेथिक हाइपरहाइड्रोसिस
हाइपरहाइड्रोसिस को पोलिहाइड्रोसिस (इस प्रक्रिया में त्वचा की पसीना बनाने वाली ग्रंथियां नमकीन फ्लूड का स्राव करती हैं) भी कहते हैं। कुछ लोगों को शरीर के किसी एक हिस्से में बहुत जयादा पसीना आता है। हालांकि इस बीमारी में ऐसा जरूरी नहीं है कि मरीज को रात को ही पसीना आता है।
संक्रमण
ट्यूबरकुलोसिस (फेफड़ों को प्रभावित करने वाला संक्रामक रोग) से पीड़ित मरीजों को रात के समय काफी जयादा पसीना आता है। इसी तरह बैक्टीरियल संक्रमण जैसे एंडोकार्डिटिस (दिल की आंतरिक परत पर होने वाला संक्रमण), ऑस्टियोमाइलाइटिस (हड्डी का संक्रमण) की वजह से भी रात को पसीना आ सकता है। रात को पसीना आना एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) का भी एक लक्षण है।
कैंसर
रात को पसीना आना कैंसर का भी लक्षण है। हालांकि सिर्फ पसीना आने का मतलब कैंसर नहीं होता। इसके साथ अन्य लक्षण भी नजर आते हैं। आमतौर पर रात को लिंफोमा और ल्यूकेमिया कैंसर (ब्लड कैंसर) होने की वजह से पसीना आता है।
हाइपोग्लाइसीमिया
हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड शुगर कम होना) होने की स्थिति में मरीज को बहुत ज्याद भूख लगना, कंपकंपी, दिल का तेजी से धड़कना, मतली और पसीना आना। जो मरीज इंसुलिन या डायबिटीज के लि दवा लेते हैं, उन्हें भी रात को बहुत ज्यादा पसीना आ सकता है।
हार्मोन असंतुलन
डायबिटीज, मेनोपाॅज, थायराइड और प्रेग्नेंसी के साथ-साथ हार्मोन असंतुलन होने की वजह से रात को बहुत ज्यादा पसीना आता है। हालांकि इसके साथ-साथ आपको अलग-अलग बीमारी में अलग-अलग तरह के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। उदाहरण के रूप में समझें, हाइपरथायराइडिज्म (थायराइड ग्रंथि के अधिक सक्रिय होने के कारण थायराइड हार्मोन का अत्यधिक स्राव) होने की स्थिति में पसीना आने के साथ-साथ तनाव, चिंता और अन्य लक्षण दिखते हैं। फीयोक्रोमोसाइटोमा (एड्रेनल ग्लैंड के ऊतकों में होने वाला ट्यूमर जो कि बहुत दुर्लभ स्थिति में होता है) और कैरसिनोइड सिंड्रोम (ऐसे लक्षणों का समूह है जो तब हो सकते हैं जब किसी को कैरसिनोइड ट्यूमर हो जाता है) होने पर भी बहुत ज्यादा पसीना आता है।
तंत्रिकाओं से संबंधित बीमारियां
स्ट्रोक, ऑटोनोमिक न्यूरोपैथी, तंत्रिकाओं से संबंधित कुछ ऐसी बीमारियां हैं जिस वजह से मरीज को बहुत ज्यादा पसीना आ सकता है। इसी के साथ ही रात को भी पसीना काफी ज्यादा आता है।
दवाएं
बुखार में खाई जानी वाली कुछ दवाओं की वजह से भी रात को बुखार आ सकता है। अवसादरोधी दवाएं लेने की वजह से भी मरीज को काफी जयादा पसीना आ सकता है। तथ्यों की बात करें तो कई मानसिक रोगों में खाई जानी वाली दवाओं की वजह से मरीज को पसीना आता है।
जांच
रात को बहुत ज्यादा पसीना आने पर विशेषज्ञ मरीज की मेडिकल हिस्टी की जांच करते हैं और इसके साथ ही कुछ टेस्ट जैसे ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, सीटी स्कैन और अन्य टेस्ट की सलाह देते हैं ताकि रात को पसीना आने की वजह का पता लगाया जा सके।
इलाज
पसीना आने की वजह का पता चलने पर, उसी आधार पर मरीज का इलाज किया जाता है। इसमें हार्मोन को संतुलित करना, दवाईयों को बदलना, संक्रमण के इलाज की शुरूआत करना और तंत्रिका तंत्र से संबंधित स्थिति का पता लगाना। अगर रात को पसीना आने की ये वजहें न हों, तो इसके लिए अन्य उपचार जैसे ठंडी जगह में सोना, सोते समय कंबल का इस्तेमाल न करना, खानपान में बदलाव करना, वजन संतुलित रखना, एक्सरसाइज करना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी शामिल है।
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