डॉक्टर इस टेस्ट का इस्तेमाल खून में एमाइलेज एंजाइम का स्तर मापने के लिए कर सकते हैं। हमारे शरीर में एमाइलेज का 40 प्रतिशत हिस्सा हमारे अग्नाशय द्वारा तैयार किया जााता है। बाकी अमीलस हमारी लार ग्रंथियों से आता है। इस टेस्ट का इस्तेमाल इस बात का पता लगाने के लिए किया जाता है कि हमारे अग्नाशय या लार ग्रंथि में कहीं सूजन तो नहीं है। अगर आपके अग्नाशय में किसी तरह की कोई गड़बड़ी है तो आपका एमाइलेज का स्तर सामान्य से या तो अधिक होगा या फिर कम होगा। शरीर में एमाइलेज की अधिकता किसी प्रकार के इन्फेक्शन, कैंसर, किसी तरह की शराब या फिर दवा का सेवन करने से भी हो सकती है।
एमाइलेज सीरम टेस्ट क्या होता है? -
एमाइलेज एक तरह का एंजाइम या विशेष तरह का प्रोटीन है, जो अग्नाशय और लार ग्रंथियों में बनता है। अग्नाशय आपके पेट के पीछे का एक अंग होता है। यह कई प्रकार के एन्जाइम्स तैयार करता है, जो हमारी आंतों में भोजन को पचाते हैं।
कई बार यह प्रक्रिया किसी कारण से प्रभावित हो जाती है जिसके कारण से या तो बहुत कम या फिर बहुत अधिक एमाइलेज बन जाती है। शरीर में असामान्य एमाइलेज बनने का मतलब शरीर में पैनक्रेटिक डिसऑर्डर हो सकता है।
एमाइलेज ब्लड टेस्ट से शरीर में एमाइलेज की मात्रा को पता करके यह जांचा जा सकता है कि आपके अग्नाशय में किसी प्रकार की बीमारी तो नही है। शरीर में एमाइलेज की मात्रा बहुत अधिक या बहुत कम होने पर आपके अग्नाशय में कोई डिसऑर्डर हो सकता है।
एमाइलेज सीरम टेस्ट क्यों किया जाता है? -
एमाइलेज टेस्ट शरीर में खून की जांच करके किया जा सकता है। कुछ स्थितियों में यूरीन की जांच करके भी शरीर में एमाइलेज की मात्रा का पता किया जा सकता है।
एमाइलेज ब्लड टेस्ट उस स्थिति में किया जाता है अगर डॉक्टर को आप में अग्नाशयशोथ का संदेह होता है। यह अग्नाशयशोथ अग्नाशय में सूजन के कारण होता है। अमीलस लेवल अग्नाशयशोथ संबंधी अन्य गड़बड़ियों के कारण भी हो सकता है। ये निम्न हैं:
- पैनक्रियेटिक श्यूडोसीस्ट
- पैनक्रियेटिक फोड़ा
- पैनक्रियेटिक कैंसर
अलग-अलग रोगों के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन उन लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द। (और पढ़ें: पेट दर्द का इलाज)
- भूख का घटना। (और पढ़ें: वजन कम करने के उपाय)
- बुखार होना।
- उल्टी होना और मितली आना। (और पढ़ें: उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)
एमाइलेज सीरम टेस्ट से पहले -
एमाइलेज टेस्ट करवाने से पहले शराब न पिएं। अगर आपने किसी तरह की दवा का सेवन किया है तो अपने डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं। इसका कारण यह है कि कुछ ऐसी दवाएं है, जो टेस्ट को प्रभावित करती हैं। ऐसी स्थिति में आपके डॉक्टर आपको कोई विशेष दवा लेने की सलाह दे सकते हैं या फिर दवा की मात्रा थोड़े समय तक बदल सकते हैं।
कुछ दवाइयां आपके शरीर में अमीलस की मात्रा को प्रभावित कर सकती हैं। उनमें से कुछ दवाएं निम्न हैं:
- ऐस्पैरजाइनेस
- एस्पिरिन
- गर्भनिरोधक गोलियाँ
- कोलीनर्जिक दवाएं
- एथाक्राइननिक एसिड
- मिथाइलडोपा
- ओपिएट्स, जैसे कोडीन, मेपरिडीन और मॉर्फिन
- थियाजाइड ड्यूरेटिक्स, जैसे कि क्लोरोथियाजाइड, इंडैपामाइड, और मेटोलजोन
एमाइलेज सीरम टेस्ट के दौरान -
एमाइलेज टेस्ट के दौरान निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
एमाइलेज टेस्ट के लिए आपके शरीर से खून का सैंपल लिया जाता है। यह खून सामान्य तौर पर हाथ की नसों से लिया जाता है। इस प्रक्रिया में बहुत कम समय लगता है। यह प्रक्रिया कुछ इस तरह है:
- इसके लिए सबसे पहले डॉक्टर उस हिस्से पर थोड़ा सा एंटीसेप्टिक लगा देते हैं, जिस जगह से खून निकाला जाना है।
- इसके बाद जिस जगह से खून निकालना होता है, आपके हाथ की उस भुजा में एक इलास्टिक बैंड बांध दी जाती है, दरअसल ऐसा करने से नसों में खून का दौैड़ना बढ़ जाता है। इससे नस में सुजन आ जाती है। जिसके कारण नसों का पता लगाना आसान हो जाता है।
- इसके बाद वो आपके हाथ की नस में एक सूई चुभोकर थोड़ा सा खून निकालते हैं। इस खून को वो एक छोटी सी शीशी में रख लेते हैं। सूई चुभने पर आपको थोड़ा सा दर्द हो सकता है लेकिन यह बहुत ज्यादा दर्द नहीं देता है।
- जांच के लिए खून निकाल लेने के बाद सूई निकाल ली जाती है और सूई चुभोने वाली जगह पर एक पट्टी बांध देते हैं।
- इसके बाद शीशी में एकत्र किए गए उस खून को लैब में भेज दिया जाता है।
एमाइलेज सीरम टेस्ट के क्या खतरे होते हैं? -
सूई से खून का सैंपल लेना खतरनाक हो सकता है। इससे संक्रमण, खून बहना, घाव होना या फिर चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है। जब सूई हाथ में चुभाई जाती है तो उस समय आपको थोड़ा सा दर्द हो सकता है।
एमाइलेज सीरम टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब होता है -
अलग-अलग लेबोरेटरी में खून में एमाइलेज की मात्रा को अलग अलग माना जाता है। कुछ लैब में खून में अमीलस की मात्रा 23 से 85 यूनिट प्रति लीटर (U/L) सामान्य मानी जाती है जबकि कुछ जगहों पर यह 40 से 140 यूनिट प्रति लीटर सामान्य मानी जाती है। इस बात का ध्यान रहे कि अपने डॉक्टर को आप अपने रिजल्ट के बारे में बताकर उनसे इस बारे में बात करें।
ध्यान दें कि असाधारण रिजल्ट कई वजहों से हो सकता है। ये कारण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपके खून में एमाइलेज की मात्रा बहुत कम है या फिर बहुत ज्यादा है।
No comments:
Post a Comment
कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।
अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।