गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) के लिए योग

Image SEO Friendly


बदलते समय के साथ लोग योग के महत्व को समझने लगे हैं। शारीरिक समस्याओं से बचने के लिए अब हर कोई योग को प्राथमिकता दे रहा है। जिस प्रकार योग प्रभावकारी है, उसे देखते हुए योग को अपनी दिनचर्या में जगह देना स्वाभाविक भी है। इसलिए, ज्यादातर लोग तनाव को कम करने के लिए योग करते हैं । खासकर, महिलाओं के लिए योग और भी जरूरी हो जाता है। महिलाओं के लिए योग पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी समस्या में फायदेमंद हो सकता है।  इस आर्टिकल में हम चर्चा करेंगे कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या काे कम करने में योग किस प्रकार मददगार है। बेशक, योग के जरिए पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या को दूर किया जा सकता है, लेकिन साथ में दिनचर्या व खान-पान पर ध्यान देना भी जरूरी है।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम क्या है? – 
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) को मुख्य रूप से हार्मोनल विकार का प्रमुख कारण माना गया है। यह विकार लगभग 5% से 10% महिलाओं को प्रभावित करता है। इस विकार का असल कारण अनियमित मासिक धर्म चक्र, ओवेरियन में अल्सर का होना, बांझपन, मोटापा व पेट फूलना है। पीसीओएस के कारण महिलाएं तनाव और चिंता का शिकार हो जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, तनाव, चिंता और अवसाद से छुटकारा ही पीसीओएस और ओवेरियन सिट्स (ओवेरियन का अल्सर) का सबसे अच्छा इलाज है ।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम में योग कैस लाभदायक है? – 
योग में विभिन्न प्रकार के आसनों के बारे में बताया गया है, जो पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। योग के जरिए चिंता को भी कम किया जा सकता है, जिससे पीसीओएस के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। योग से वजन, बांझपन और तनाव जैसी समस्याओं को सुलझाना भी कुछ हद तक आसान हो जाता है ।

पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लिए योग – 
जानते हैं कि पीसीओएडी के लिये योगासन किस प्रकार मदद कर सकते हैं।

1. बद्धकोणासन 
Image SEO Friendly

बद्धकोणासन को बटरफ्लाई पोज भी कहा जाता है। यह दिमाग को आराम देने में सहायक है। यह तनाव के स्तर को भी नियंत्रित कर सकता है और मासिक धर्म की परेशानी से छुटकारा दिलाता है। यह तनाव को दूर करके मन को शांत रखता है और गर्भावस्था में भी फायदेमंद हो सकता है ।

कैसे करें यह आसन :
  • बद्धकोणासन के लिए सबसे पहले अपने पैरों को आगे की ओर फैला कर बैठ जाएं।
  • अब अपने दोनों पैरों को मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें।
  • इसके बाद दोनों हाथों से ग्रिप बनाकर तलवों को पकड़ लें।
  • ध्यान रहे कि आपकी रीड़ की हड्डी सीधी और दोनों घुटने जमीन से लगे होने चाहिए।
  • इसके बाद अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें।
  • इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • ऐसा आप लगभग 10 से 15 मिनट तक कर सकते हैं।
सावधानी :
  • जिन्हें घुटने में दर्द की समस्या हो या चोट हो वो इस आसन को न करें।
  • रीड़ की हड्डी में दर्द होने पर भी इस आसन को करने का प्रयास न करें।
2. सुप्त बद्धकोणासन
Image SEO Friendly

ये आसन आपके शरीर में रक्त संचार को ठीक करने में मदद करता है। साथ ही तनाव को भी दूर करता है और चिंता मुक्त बनाता है । चिंता और तनाव दूर होने से पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है ।

कैसे करें यह आसन :
  • सबसे पहले बद्धकोणासन की मुद्रा में आ जाएं। इस बारे में ऊपर बताया गया है।
  • इसके बाद हाथों के सहारे से पीठ के बल लेट जाएं।
  • पीठ के बल लेटने के बाद अपने हाथों को प्रणाम की मुद्रा में करने अपने सिर के ऊपर आराम से फैला लें।
  • सामान्य रूप से सांस लेते रहें और कोशिश करें कि दोनों पैरों की एड़ियां आपस में मिली रहें।
  • जब तक आपको अच्छा लगे इस आसन में रहें और फिर वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
सावधानी :
  • अगर घुटने में दर्द हो या चोट लगी हो तो इसे न करें।
  • रीड़ की हड्डी में दर्द होने पर भी इस आसन को करने का प्रयास न करें।
  • अगर आसन करने में तकलीफ हो, तो कमर और सिर के नीचे तकिया लगाएं।

3. भुजंगासन 
Image SEO Friendly

यह ओवेरियन (डिम्बग्रंथि) के फंक्शन को सही रूप से कार्य करने में मदद करने के साथ-साथ पाचन तंत्र में सुधार कर सकता है। साथ ही तनाव के स्तर को भी कम कर सकता है ।

कैसे करें यह आसन :
  • सबसे पहले पेट के बल बिल्कुल सीधा लेट जाएं और पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें।
  • अपनी हथेलियों को छाती के पास दोनों ओर जमीन पर सटाकर रखें।
  • अब सांस लेते हुए हथेली के बल शरीर को नाभि तक ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की तरफ ले जाएं।
  • इस दौरान आपके शरीर का अधिकांश भार दोनों हाथों पर होगा और इसी अवस्था में सामान्य गति से सांस लेते रहें।
  • जब तक अच्छा लगे इस मुद्रा में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।
सावधानी :
  • रीड़ की हड्डी में दर्द होने पर भी इस आसन को करने का प्रयास न करें।
  • अगर आपका पेट खराब है, तो भी इस आसन से दूर ही रहें।
  • पेट की समस्या या फिर शरीर में दर्द हो, तो इस आसन को करने से पहले अच्छे योग गुरु की सलाह जरूर लें।
4. भारद्वाजासन 
यह आसन रक्तचाप को संतुलित करने में मदद कर सकता है। इससे तनाव की स्थिति कुछ हद तक कम हो सकती है। साथ ही मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को भी कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है ।

कैसे करें यह आसन :
  • सबसे पहले अपने दोनों पैराें को सामने की ओर फैलाएं।
  • अब अपने दाहिने पैर को घुटने से मोड़ कर पीछे की ओर ले जाएं। ध्यान रहे कि पैर के ऊपर बैठना नहीं है।
  • फिर अपने दाहिने कूल्हे पर शरीर का वजन डालते हुए बाएं पैर के पंजे को दाहिने पैर की जांघ पर रखें।
  • फिर अपने बाएं हाथ को पीठ के पीछे से ले जाकर अपने बांये पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें।
  • अब रीड़ की हड्डी को सीधा करते हुए सांस लें और सांस छोड़ते हुए अपने दाहिने हाथ से ध्यान मुद्रा बनाएं और अपने बाएं पैर के घुटने पर रख दें।
  • इसके बाद अपनी कमर को ट्विस्ट कराते हुए बाईं ओर देखें। ध्यान रहे कि दोनों घुटनों के बीच में थोड़ा फासला होगा। उन्हें चिपकाएं नहीं और न ही एक दूसरे के पास रखें।
  • जब तक आपको अच्छा लगे इस आसन में रहिये और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं।
  • इसके बाद यही प्रक्रिया दाहिने पैर को बाईं जांघ पर रख कर करें।
सावधानी :
  • जिन्हें कमर और पेट की समस्या हो, वो इस आसन को न करें।
  • रीड़ की हड्डी में परेशानी होने पर इस आसन को जानकार की देखरेख में ही करें।
  • अच्छा होगा कि यह आसन योगाचार्य के सामने और उनकी देखरेख में ही करें।
5. चक्कीचालासन 
यह आसन हार्मोन को नियंत्रित करने वाली ग्रंथी यानी एंडोक्राइन ग्लैंड की कार्यप्रणाली को बेहतर करता है। साथ ही हार्मोन बनाने की क्षमता को भी बढ़ाता है ।

कैसे करें यह आसन :
  • सबसे पहले अपने दोंनों पैरों को आगे की ओर सीधा फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के बीच कुद दूरी रखें।
  • इसके बाद अपनी रीड़ की हड्डी को सीधा करें।
  • अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर ग्रिप बना लें।
  • अब सांस लें और अपने दोनों हाथों को दाईं ओर ले जाएं।
  • फिर आगे की ओर झुकते हुए सांस छोड़ें और अपनी हथेलियों को पैरों के पंजों के आगे से निकालने का प्रयास करें।
  • इसके बाद अपने हाथों को बाईं ओर ले जाएं।
  • साथ ही शरीर भी बाईं ओर जाएगा। इसके बाद शरीर पीछे की ओर जाते हुए फिर से दाईं तरफ जाएगा।
  • यह क्रिया इसी प्रकार होती है, जैसे चक्की को चलाया जाता है।
सावधानी :
  • जिन्हें पेट व पीठ की समस्या है, वो इस आसन को न करें।
  • पैरों में या घुटने में दर्द होने पर इसे करने से बचें।
6. कपालभाति प्राणयाम 
Image SEO Friendly

लेने और छोड़ने की एक तकनीक है। इससे कई प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की समस्या से निपटने के लिए यह प्राणायाम किया जा सकता है ।

कैसे करें यह आसन :
  • सबसे पहले सुखासन या पद्मासन में बैठ जाए और अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें।
  • रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
  • इसके बाद आंखों को बंद करें और लंबी गहरी सांस लेकर धीरे-धीरे छोड़ दें।
  • इसके बाद मुंह को बंद करके सिर्फ नाक से गति के साथ लगातार सांस छोड़ें। इस दौरान सांस लेने की प्रक्रिया अपने आप होगी।
  • जब सांस छोड़ें, तो पेट भी अंदर की ओर जाना चाहिए।
  • इस आसन के चार-पांच चक्र किए जा सकते हैं।
सावधानी :
  • जिन्हें दमा की समस्या हो, वो इस आसन को किसी की देखरेख में ही करें।
  • सर्दी की समस्या होने पर भी इस आसन को न करें।
  • अगर रीढ़ की हड्डी में कोई दर्द हो, तो इस आसन को न करें।
आपने आर्टिकल के माध्यम से जाना कि पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का एक कारण चिंता और तनाव भी हो सकता है। वहीं, योगासन इन दोनों स्थिति को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। आर्टिकल में आपने कुछ योगासन के बारे में जाना, जो तनाव को दूर करने में मदद कर सकते हैं। योग करने के साथ-साथ इस बात का ध्यान रहे कि पीसीओडी के लिए योगासन कुछ हद तक ही सहायता कर सकता है। अगर समस्या गंभीर हो, तो डॉक्टर से पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम का इलाज कराना ही बेहतर है। अगर पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लिए योग करने से आपके किसी परिचित को लाभ हुआ हो, तो उनके अनुभव आप यहां हमारे साथ नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए शेयर कर सकते हैं।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"