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नॉर्मल डिलीवरी के लिए योग

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क्या आप मां बनने वाली हैं और डिलीवरी को लेकर चिंतित रहती हैं? क्या आपको पता है योग अभ्यास आपको नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार करता है? अगर आप इस बात को नहीं जानतीं लेकिन  जानना चाहती हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आयी हैं। गर्भावस्था के दौरान योग एकदम सुरक्षित वर्कआउट है।

गर्भावस्था का चरण हर महिला के जीवन में अनोखा और यादगार अनुभव लेकर आता है। योग अभ्यास प्रेग्नेंसी को स्वस्थ रखने और सुरक्षित डिलीवरी के लिए तैयार करने में मदद करता है। गर्भावस्था में योग करने के लक्ष्य हैं:
  •     प्रेग्नेंसी की सभी जटिलताओं को कम किया जा सके
  •     बनने वाली माँ को नॉर्मल डिलीवरी करने में मदद मिल सके
गर्भावस्था में योग की अवस्था प्रेग्नेंसी के प्रत्येक चरण के लिए अलग होती है। रोजाना योग अभ्यास करने से कमर और पेट की मांसपेशियां टोन होती हैं। साथ ही आपका शरीर प्रसव के लिए तैयार होता है। लेकिन हम आपको यही सलाह देंगे कि गर्भावस्था में योग शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें। योग किसी प्रशिक्षित गुरु की देखरेख में करें।  तो आइये आपको बताते हैं नॉर्मल डिलीवरी के लिए योग –

नॉर्मल डिलीवरी करने के लिए योग - 

नॉर्मल डिलीवरी के लिए वक्रासन - 
वक्रासन को अर्ध मत्स्येन्द्रासन भी कहा जाता है। जानिये इसको करने का तरीका और लाभ:

कैसे करें -
  • सबसे पहले चटाई पर बैठ जाएं और पैरों को सीधा कर लें।
  • अब अपने दोनों हाथों को कूल्हों के पीछे रखें।
  • फिर बाएं पैर को मोड़ें और उसे फिर बीच में ले आयें। जैसे चित्र में दर्शाया गया है। 
  • दायें पैर को सीधा रखें। सांस छोड़ें और अब कमर को आराम से मोड़ते हुए गर्दन को जितना सम्भव हो बाईं ओर घुमाएं। 
  • अब अपने दायें हाथ को बाएं पैर के घुटने पर रख लें।
  • बाएं हाथ को पीछे की ओर सीधा रखें।
  • क्षमता के अनुसार इस आसन को बनाये रखें।
  • सांस लें और फिर अपनी पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं। 
लाभ -
यह योग अभ्यास आपकी कमर, गर्दन, हाथ और पैरों को मजबूत करता है। साथ ही वक्रासन पेट के अंगों की मसाज करता है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी करने में मदद मिल सके।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए कोणासन की मदद लें -
कैसे करें -
  • सबसे पहले सीधा खड़े हो जाएं और पैरों को जितना सम्भव हो इतना खोल लें। दोनों हाथों को जांघों के पास रखें।
  • अब सांस लें और अपने दाएं हाथ को ऊपर उठायें।
  • सांस छोड़ें और बाईं तरफ झुक जाएं, पहले कमर से झुकें और फिर कूल्हों को बाईं ओर ले जाएँ। अपनी क्षमता के अनुसार ही शरीर को मोड़ें। दाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा रखें।
  • अब सिर को दाएं हाथ की ओर घुमाएं और हथेलियों की तरफ देखें। दस की गिनती तक इस अवस्था को बनाये रखें।
  • सांस लें और शरीर को फिर सीधा कर लें।
  • सांस छोड़ें और अपने दाएं हाथ को नीचे ले आएं।
  • यही समान प्रक्रिया बाएं और से भी दोहराएं।
लाभ –
यह योग अभ्यास रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करता है। इस आसन को करने से हाथ, पैर और पेट के अंगों को टोन करने में मदद मिलती है। अगर गर्भवती महिला कब्ज और साइटिका दर्द (sciatica pain) से पीड़ित है तो यह आसन उन्हें इस समस्या से राहत दिलाएगा।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए उत्कटासन - 
कैसे करें - 
  • सबसे पहले ताड़ासन में खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को ऊपर रखें। हथेलियां एक दूसरे के सामने होनी चाहिए।
  • दोनों पैरों को थोड़ा खोलकर रखें। अब सांस छोड़ें और घुटनों को मोड़ लें। कूल्हों को ज़मीन की ओर झुकाएं। जैसे आप कुर्सी पर बैठते हैं उस प्रकार से इस आसन को करना है। दोनों कूल्हों और जांघों को एक समान रखें।
  • इस आसन को अपनी क्षमता के अनुसार बनाये रखें। सांस लें और फिर घुटनों को धीरे-धीरे सीधा करें। फिर ताड़ासन में वापिस खड़े हो जाएं।
  •  इस बात का बेहद ध्यान रखें कि आपको इस आसन को किसी प्रशिक्षित योग ट्रेनर की निगरानी में ही करना है।
लाभ –
  • यह आसन छाती की मांसपेशियों, रीढ़ की हड्डी और कूल्हों को स्ट्रेच करने में मदद करता है। उत्कटासन आपकी कमर और धड़ को भी मजबूती देता है। इस योग अभ्यास से मानसिक शक्ति बढ़ती है साथ ही शारीरिक संतुलन बना रहता है। इसके अलावा उत्कटासन गर्भवती महिला के शरीर को नॉर्मल डिलीवरी के लिए तैयार करता है।
पर्यंकासन नॉर्मल डिलीवरी के लिए लाभकारी - 
कैसे करें - 
  •     गर्भवती महिलायें सबसे पहले अपनी कमर के नीचे एक मुलायम मोटा तौलिया या तकिया रख लें।
  •     अब उस तौलिये पर अपनी कमर टिकाते हुए सीधा लेट जाएं।
  •     पैरों को सीधा रखें और दोनों पैरों के घुटनों को एक साथ रखें।
  •     अब अपने बाएं पैरों को क्षमता अनुसार मोड़ें। जैसे चित्र में दर्शाया गया है उसी तरह।
  •     सामान्य तरीके से सांस लेते रहें और जब तक आपको सही लगे इस अवस्था को बनाये रखें।
  •     यही प्रक्रिया दूसरी तरफ से भी दोहराएं। 
लाभ –
यह योग अभ्यास जांघ, पेट और पेट के निचले क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत करता है और नॉर्मल डिलीवरी करने में मदद करता है।  

नॉर्मल डिलीवरी के लिए बद्ध कोणासन -
कैसे करें - 
  • सबसे पहले एक चटाई पर बैठ जाएं।
  • पैरों को एकदम सीधा रखें। फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को मोड़ लें। जैसे चित्र में दर्शाया गया है उस प्रकार।
  • आपके पैर चटाई से लगने चाहिए। अब दोनों पैरों के तलवों को एक साथ मिलाएं।
  • कमर को सीधा रखें और अपने हाथों को घुटनों या जांघ पर रखें। आप हाथों से पैरों के पंजों को भी पकड़ सकते हैं।
  • इस अवस्था को क्षमता अनुसार बनाये रखें।
लाभ –
यह आसन जांघ को मजबूत करता है। कूल्हों को और अधिक लचीला बनाता है और पेट के निचले क्षेत्र के रक्त परिसंचरण को सुधारता है। रोजाना इस आसन का अभ्यास करने से आपको नॉर्मल डिलीवरी करने में मदद मिलेगी।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए योग अभ्यास में पर्वतासन है जरूरी - 
कैसे करें -
  • सबसे पहले एक चटाई पर सुखासन, पदमासन या अर्धपद्मासन में बैठ जाएं।
  • फिर सीधा बैठें और जब आप सांस लें तब अपने दोनों हाथों को ऊपर लेकर जाएं।
  • अब दोनों हाथों को जोड़ लें। अपनी कोहनी एकदम सीधी रखें।
  • आपके दोनों हाथ कान के पास होने चाहिए।
  • इस अवस्था को कुछ सेकेंड के लिए बनाये रखें और फिर कुछ मिनट बाद पुरानी अवस्था में वापस आ जाएं।
लाभ –
इस आसन को करने से आपके पेट, हाथ और कमर की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं। इस तरह यह आसन गंभीर कमर दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए यस्तिकासना - 
कैसे करें - 
  •     सबसे पहले चटाई पर शवासन में लेट जाएं।
  •     अब अपने दोनों हाथों को सिर के पीछे लेकर जाएं। फिर उन्हें पीछे की तरफ स्ट्रेच करें।
  •     अपने पैरों को भी जितना हो सके उतना सीधा करें।
  •     शरीर में होने वाले इस खिंचाव को महसूस करें।
  •     इस अवस्था को क्षमता अनुसार बनाये रखें।
  •     फिर कुछ मिनट बाद शवासन में वापस आ जाएं।
  •     इस आसन को पांच से छः बार दोहराएं।
लाभ –
यह आसान योग पेट की मांसपेशियों में आये तनाव को आराम देने में मदद करता है। इससे शरीर नॉर्मल डिलीवरी के लिए बेहतर तरीके से तैयार होता है। साथ ही इससे थकान और स्ट्रेस से राहत मिलती है।

नार्मल डिलीवरी के लिए योग अभ्यास में कुछ बातों को ध्यान में रखे-
  • गर्भावस्था के चरण के अनुसार आप योग वर्कआउट की तीव्रता को बदल सकते है। प्रेग्नेंसी के शुरूआती चरणो में कुछ आसान स्टेªचिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करे। 
  • अगर आपको किसी भी तरह का तनाव,सांस फूलने की समस्या,चक्कर या असहजता महसूस होती है तो आसन का अभ्यास करना छोड दे। 
  • आगे की तरफ झुकने वाले आसन न करे। इससे आपके पेट के निचले क्षेत्र पर दबाव पडेगा और बच्चे व गर्भाशय पर तनाव बढ सकता है। 
  • साथ् ही पीछे झुकने वाले आसन न करे। इससे लंबर स्पाइन के मुलायम लिगामेंट्स ‘‘ दो हड्डियो को आपस में जोडने वाले मजबूत,कठोर और लचीले उतक ’’ दबाव पडेगा।
  • योग अभ्यास किसी प्रशिक्षित योग ट्रेनर की निगरानी में करे। 

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