कोको पाउडर का नाम लेते ही मन में सबसे पहला ख्याल चॉकलेट का आता है। कोको पाउडर का इस्तेमाल चॉकलेट, केक, मिल्क शेक बनाने के साथ ही सालों से स्वास्थ्य लाभ के लिए भी किया जाता रहा है। चौंकिए नहीं! कई रिसर्च में जिक्र है कि कोको पाउडर का नियमित और संयमित इस्तेमाल रोजमर्रा में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव व उनके लक्षणों को कम करने में लाभदायक हो सकता है। इसी वजह से हम इस लेख में शोध पर आधारित कोको पाउडर से संबंधित जानकारी दे रहे हैं। कोको पाउडर का उपयोग किस तरह से शरीर को लाभ पहुंचा सकता है, यह जानने के लिए आगे पढ़ते रहें यह लेख। कोको पाउडर के फायदे बताने से पहले हम यह भी स्पष्ट कर देते हैं कि यह किसी भी बीमारी का उपचार नहीं है, बल्कि इसे खुद को स्वस्थ रखने और छोटी-मोटी शारीरिक समस्याओं से बचाव के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
कोको पाउडर क्या है –
कोको बीन्स को पीसकर बनाए जाने वाले पाउडर को कोको पाउडर कहा जाता है। कोको पाउडर में काफी कम फैट होता है। अधिकतर लोग कोको पाउडर को चॉकलेट भी समझ लेते हैं, जो सही नहीं है। कोको पाउडर से चॉकलेट बनती है, लेकिन चॉकलेट या उसे पीसकर कोको पाउडर नहीं बनता है । आगे जानिए यह किस तरह शरीर के लिए लाभदायक हो सकता है।
कोको पाउडर के फायदे –
1. ओरल हेल्थ के लिए कोको पाउडर के फायदे
कोको को ‘फूड ऑफ गॉड’ का दर्जा दिया गया है। एनसीबीआई की एक रिसर्च में इस बात का जिक्र मौजूद है। शोध में कहा गया है कि कोको पाउडर का इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए किया जा सकता है। इसी स्टडी में ओरल हेल्थ के लिए कोको के उपयोग का जिक्र भी मिलता है ।
वहीं दूसरी ओर, कोको में टैनिन पाया जाता है, जो दांतों को कैरीज दांतों का खराब होना) से बचाने में कुछ हद तक मदद कर सकता है। वहीं, कोको में मौजूद कैफिन और थेयोब्रोमाइन को भी कैरीज को रोकने के लिए लाभदायक माना है। बस ध्यान रखें कि फैट फ्री कोका ही यह काम कर सकता है ।
2. वजन घटाने में कोको पाउडर के फायदे
माना जाता है कि कोको का सेवन करने से मोटापे को भी नियंत्रण में किया जा सकता है। इंडोनेशिया में हुए एक रिसर्च के दौरान अधिक वजन वाले लोगों में से एक समूह को चार ग्राम कोको पाउडर और दूसरे समूह को एक ग्राम कोको पाउडर युक्त कैप्सूल दिया गया। शोध के मुताबिक दोनों ग्रुप के वजन में कमी दर्ज की गई।
आठ हफ्ते तक चार ग्राम कोको पाउडर का सेवन करने वालों के पेट के आस-पास का फैट और वजन में कमी पाई गयी। रिसर्च के मुताबिक कोको में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में लेप्टिन नामक हॉर्मोन को बढ़ाता है, जो भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसी वजह से माना जाता है कि कोको पाउडर वजन घटाने में लाभदायक हो सकता है ।
3. हृदय रोग (कार्डियोवस्कुलर डिजीज) में कोको पाउडर के फायदे
कोको पाउडर को हृदय रोग से बचाव के लिए भी लाभकारी माना गया है। सबसे पहले तो कोको पाउडर वजन घटाकर हृदय संबंधी रोग से बचाने में मदद कर सकता है। दरअसल, बढ़ता वजन हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाने का काम करता है । एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध में पाया गया है कि कोको में मौजूद प्राकृतिक पॉलीफेनॉल्स का सेवन करने से हृदय स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही कोको में मौजूद फ्लेवानोल्स शरीर में सामान्य रक्त प्रवाह को सुनिश्चित करते हैं। रिसर्च में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हृदय स्वास्थ्य के लिए कोको का सेवन 200mg मात्रा में किया जाना चाहिए।
माना गया है कि कोको में मौजूद सकारात्मक कार्डियोवस्कुलर प्रभाव की वजह पॉलीफेनोल्स हो सकते हैं। इसके सेवन के बाद शरीर में बढ़ने वाला नाइट्रिक ऑक्साइड एंडोथेलियम फंक्शन में सुधार (हृदय और रक्त वाहिकाओं के अंदर मौजूद पतली झिल्ली), रक्तचाप, इंसुलिन और ब्लड लिपिड पर संभावित लाभकारी असर दिखा सकता है ।
4. मस्तिष्क और याददाश्त के लिए कोको के लाभ
कोको को मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है। शोध में पाया गया है कि इसमें मौजूद फ्लेवेनोल्स में कोग्नेटिक (मानसिक क्षमता) बढ़ाने का प्रभाव हो सकता है। यह दिमाग के कार्य को बेहतर करके थकान और अनिंद्रा को दूर कर सकता है। याददाश्त में आने वाली कमी और नई चीजों को समझने में होने वाली दिक्कतको दूर करने में भी कोको को फायदेमंद माना गया है। इसी वजह से मस्तिष्क स्वास्थ्य को लेकर कोको पर भविष्य में अधिक शोध करने का जिक्र स्टडी में है । वहीं, एक अन्य शोध में भी जिक्र मिलता है कि कोको में मौजूद फ्लेवोनोइड मस्तिष्क कार्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। दरअसल, यह न्यूरल टिशू तक ब्लड पहुंचाता है, जो दिमाग के लिए बेहतर होता है ।
5. इंफ्लामेशन को कम व नियंत्रित करे
कोको में एंटीइंफ्लामेटरी गुण पाया जाता है। यह गुण इंफ्लामेशन को नियंत्रित करने के साथ ही इसे कम करने का भी काम कर सकता है। दरअसल, कोको में पॉलीफेनॉल्स होते हैं, जो इस गुण को प्रदर्शित करते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद रिसर्च के मुताबिक आंत में होने वाली सूजन (इंफ्लेमेटरी बावल डिजीज) में सुधार करने व कम करने में कोको में मौजूद पॉलीफेनोल मदद कर सकता है (9)।
कोको नर्व यानी तंत्रिकाओं को इंफ्लामेशन व क्षति से बचाने में भी मदद कर सकता है। प्रोसीएनिडिन्स और कैटेचिन जैसे फ्लेवोनॉयड डीएनए (DNA) को भी इंफ्लामेशन और ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाने में मदद कर सकते हैं ।
6. अस्थमा में कोको पाउडर के लाभ
प्राकृतिक कोको पाउडर, जो मीठा न हो उसे दमा से बचाव यानी अस्थमा के मरीजों के लिए अच्छा माना गया है। इसमें एंटी-अस्थमैटिक कंपाउंड थियोब्रोमाइन और थियोफिलाइन पाए जाते हैं। कोको पाउडर, जिसे कोको बटर हटाने के बाद तैयार किया जाता है, उसमें 1.9% थियोब्रोमाइन होता है। इसी वजह से माना जाता है कि कोको पाउडर दमा को कम करने में मदद कर सकता है ।
इसी अध्ययन में यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोको पाउडर में एंटी-अस्थमेटिक प्रभाव पाए तो गए हैं, लेकिन इसका किसी दवा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है या नहीं यह साफ नहीं है (11)। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति पहले से ही किसी दवाई का सेवन कर रहा है, तो कोको पाउडर का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
7. मूड को बेहतर करे और डिप्रेशन से बचाए
कोको के फायदे में मूड को बेहतर बनाना और अवसाद से दूर करना भी शामिल है। दरअसल, कोको में फ्लेवोनोइड्स होते हैं। माना जाता है कि यह कंपाउंड मूड को अच्छा बनाने में मदद कर सकते हैं । वहीं, कोको में मौजूद पॉलीफेनोल्स एंटी-डिप्रेसेंट की तरह शरीर में काम करते हैं ।
8. टाइप-2 डायबिटीज के लिए कोको पाउडर के फायदे
कोको डायबिटीज के पेशेंट्स के लिए भी बेहतर माना गया है। खासकर, टाइप-2 मधुमेह वालों के लिए। एनसीबीआई में मौजूद कोको में मौजूद फ्लेवेनॉल्स टी-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। हालांकि, शोध में यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि टाइप-2 डायबिटीज से बचाव के लिए कोको का सेवन करने वालों को सावधानी भी बरतनी चाहिए। दरअसल, बाजार में बिकने वाले कई कोको में फ्लेवेनॉल्स की मात्रा कम और चीनी की मात्रा अधिक होती है। इससे टाइप-2 मधुमेह के रोगियों में ग्लाइसेमिक (ग्लूकोज की मात्रा) का स्तर बढ़ सकता है। ऐसे में इसका सेवन करते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि बाजार से खरीदे गए कोको पाउडर में चीनी की मात्रा न हो।
9. स्किन के लिए कोको पाउडर
कोको पाउडर का इस्तेमाल स्किन को हाइड्रेट करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह त्वचा के घनत्व यानी डेंसिटी को बढ़ाता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद शोध के मुताबिक कोको पाउडर में मौजूद फ्लेवोनॉल की वजह से यह त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। स्किन हाइड्रेट करने के साथ ही यह तत्व त्वचा को सोलर रेडिएशन से भी बचाने में मदद कर सकता है। यह त्वचा को फोटोडैमेज यानी सूर्य की वजह से त्वचा में दिखने वाले बुढ़ापे को कम करने और त्वचा को कंडीशन करने का काम भी कर सकता है। यह स्किन की स्केलिंग और शुष्कता को कम करने में मदद कर सकता है ।
10. बालों के लिए कोको पाउडर
कोको पाउडर को बालों के लिए भी बेहतर माना गया है। कोको पाउडर में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है। यह गुण स्कैल्प की सूजन और डैंड्रफ को कम करने का काम कर सकता है । वहीं, लोगों का मानना है कि कोको पाउडर बालों में लगाने के बाद यह स्कैल्प के अतिरिक्त तेल को सोख लेता है। हालांकि, इससे संबंधित कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। कुछ लोग कोको पाउडर को सीधे बालों में लगाते हैं, तो कुछ इसका पेस्ट बनाकर इस्तेमाल में लाते हैं।
कोको पाउडर का उपयोग –
कोको पाउडर के फायदे के बाद हम आगे कोको पाउडर का उपयोग कैसे किया जाए यह बता रहे हैं।
- कोको पाउडर को कॉफी के ऊपर छिड़कने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ब्राउनी बनाते समय भी कोको पाउडर का उपयोग किया जा सकता है।
- कोको पाउडर का उपयोग करके हॉट चॉकलेट बनाई जा सकती है।
- नॉर्मल चॉकलेट भी कोको पाउडर से बन सकती है।
- कोको पाउडर से स्मूदी बनाई जाती है।
- फेस मास्क बनाने के लिए भी कोको पाउडर का उपयोग किया जाता है।
- दही में मिलाकर भी कोको पाउडर को खा सकते हैं।
- कोको पाउडर को फेस स्क्रब के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- इसका इस्तेमाल टैबलेट और कैप्सूल बनाने के लिए भी किया जाता है।
कब खाएं – कोको पाउडर खाने को कोई सटीक समय स्पष्ट नहीं होता। इसे किसी भी समय बैलेंस डाइट के रूप में या कॉफी व अन्य खाद्य पदार्थ का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
कितना खाएं – संतुलित आहार में शामिल करने और कोको पाउडर के फायदे के लिए इसका इस्तेमाल 200 mg (.2 ग्राम) तक किया जा सकता है ।
कोको पाउडर के नुकसान –
कोको पाउडर के फायदे के साथ ही इसके नुकसान भी हो सकते हैं। जी हां, सीमित मात्रा में इसके सेवन से जहां स्वास्थ्य लाभ मिलता है, वहीं अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से शरीर को कोको पाउडर के नुकसान भी हो सकते हैं। क्या हैं संभावित कोको पाउडर के नुकसान आइए जानते हैं –
बाजार में उपलब्ध कई कोको पाउडर में शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को बढ़ा सकता है। इससे डायबिटीज का खतरा हो सकता है ।
कोको पाउडर में अधिक कैफिन होता है, जिससे कुछ इस प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं ।
- चिंता
- दिल का तेज धड़कना
- बेचैनी
- सोने में कठिनाई
- मतली और उल्टी
- बेचैनी
- बार-बार पेशाब आना
कोको पाउडर के फायदे के साथ ही इस लेख में हमने इसके अधिक सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया है। बस अब शारीरिक आवश्यकता और रोग को ध्यान में रखते हुए ही इसका सेवन करें। याद रखें कि संयमित मात्रा में जो खाद्य पदार्थ औषधि की तरह काम कर सकता है, उसी खाद्य सामग्री की मात्रा अधिक होने पर वह शरीर पर हानिकारक प्रभाव भी छोड़ सकता है। साथ ही यह भी ध्यान दें कि कोको पाउडर के लाभ शरीर को सबसे अधिक तभी हो सकते हैं, जब यह रसायन और चीनी युक्त न हो।
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