चिंता को आप परेशानी भी कह सकते हैं। चिंता से चाहे आप सामान्य रूप से ग्रसित हों या गंभीर रूप से, ये दोनों प्रकार से आपके लिए हानिकारक है। इससे कई समस्याएं हो सकती हैं जैस धैर्य खोना, जल्दी क्रोधित होना, लगातार डर बने रहना और आत्मविश्वास खोना आदि।
जब लोग चिंता से ग्रसित होते हैं, तो इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। हालांकि, कुछ लोग इसे कम करने के लिए संघर्ष भी करते हैं। इससे बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसे दवाई और योग के सहारे आसानी से ठीक किया जा सकता है।
योग सदियों से कई प्रकार के रोगों के इलाज में मदद कर रहा है। ठीक उसी प्रकार चिंता दूर करने के लिए भी योग बहुत ही फयादेमंद है। आइये जानते हैं इन पांच योगासनों के बारे में, जो चिंता को कम करने में बेहद प्रभावी हैं। इन योगासनों के लिए आपको न तो कोई क्लास जाने की जरूरत है और न ही कोई खास ड्रेस की। बस अपने आप में आत्मविश्वास रखिए और घर पर ही इन योगासनों को कीजिए।
चिंता में किस तरह सहायक है योग
योगा आपके शरीर में खिंचाव लाता है और कई प्रकार के हार्मोंस को उत्तेजित करता है। इसके साथ ही ये तंत्रिका तंत्र को भी ठीक करता है। जब आप योगा करते हैं, तो आपके पूरे शरीर में तनाव आता है। इससे आपका दिमाग शांत होता है और शरीर को आराम मिलती है।
तंत्रिका तंत्र ठीक होने से आपके शरीर में 'एंडोर्फिन' हार्मोंस स्त्रावित होते हैं। इस हार्मोंस के स्त्रावित होने से आपको खुशी मिलती है, जिससे चिंता कम होती है। इसके अलावा अगर आप जानना चाहते हैं कि योगा किस तरह चिंता को कम करता है, तो रोजाना योगासन और प्राणायाम कीजिए। खुद-ब-खुद आपको इसे लाभ दिख जाएंगे।
चिंता को दूर करें बालासन से -
अधिकतर लोग कंधे और गर्दन के आस-पास तनाव महसूस करते हैं। बालासन इस तनाव को कम करने में बहुत उपयोगी है। इसके साथ ही बालासन आपके सांसे लेने की प्रक्रिया को भी बेहतर बनाता है, जिससे आपकी तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है। इससे चिंता को कम करने में भी मदद मिलती है।
चिंता को कम करने के लिए करें वृक्षासन -
वृक्षासन चिंता को कम करने में बेहद प्रभावी है। इस आसन को करने से आपका शरीरिक संतुलन और एकाग्रता बढ़ती है। जब आप इस आसान को करते हैं, तो आपका पूरा ध्यान आपके शरीर पर होता है, जिससे आपका मन चिंता से अलग हो जाता है।
वृक्षासन को कैसे करें -
- इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले ताड़ासन के पोजीशन में आ जाएं।
- बांय पैर को घुटने से मोड़े और दाएं पैर में पूरा वजन देकर खड़े हो जाएं।
- बांय पैर को दायं पैर में इस प्रकार रखें, जिस प्रकार फोटो में दिखाया गया है।
- अब हाथों को नमस्कार की मुद्रा में ले आएं और पूरे शरीर का संतुलन बना लें।
- अब इस इसी मुद्रा में 2 से 3 बार गहरी सांस लें।
- अब इसे दूसरे पैर के साथ करें।
चिंता में लाभदायक है वीरभद्रासन 3 -
यदि आप अपने आप को मजबूत बनाना चाहते हैं और खुद को चुनौती देना चाहते हैं, तो वीरभद्र 3 आसान कीजिए। ये आपकी ताकत, संतुलन और शारीरिक मुद्रा को बेहतर बनाता है। साथ ही ये आपके पेट के आस-पास के क्षेत्र को भी उत्तेजित करता है, जो पाचन क्रिया के लिए बहुत लाभदायक है। जब आपकी पाचन क्रिया और आंत से संबंधित स्वास्थ्य बेहतर होती है, तो चिंता को कम करने में मदद मिलती है। हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, पाचन क्रिया और चिंता में संबंध की पुष्टी की गई है।
वीरभद्रासन 3 को कैसे करें -
- इस आसन को करने के लिए, चित्र में जिस तरह दिखाया गया है उस मुद्रा में आ जाएं।
- अब अपने बायं पैर को पीछे और दोनों हाथों को आगे की ओर ले जाएं।
- इस बात का ध्यान रहे कि पैर और हाथ एक दूसरे के साथ 90 डिग्री में हों।
- कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें।
- अब इस प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
चिंता में फायदेमंद है शीर्षाशन -
शीर्षासन, चिंता के लिए सबसे प्रभावी योगासन है। इस योगासन को करने से आपके शरीर में रक्त प्रवाह की गति विपरीत हो जाती है। इसके साथ ही चिंता की तुलना में आपका पूरा ध्यान श्वसन क्रिया की ओर चला जाता है। जब आपका ध्यान खुद को जानने में लग जाता है। इससे आप अपने आप में खुशी महसूस करते हैं।
शीर्षाशन कैसे करें -
- इस योगासन को करने के लिए हाथ और घुटनों का इस्तेमाल करें।
- अब अपने हाथों एवं घुटनों को जमीन पर टिका दें।
- इसके बाद दोनों होथों की उंगलियों को जोड़ लें और बीच में अपने सिर को रख लें।
- अब सिर को जमीन में टिकाते हुए पैरों को ऊपर की ओर लें जाएं और जिस तरह चित्र में दिखाया गया है, उस मुद्रा में आ जाएं।
- अब कम से कम 5 से 6 बार सांस लें और वापस सामन्य मुद्रा में आ जाएं।
विपरीत करनी आसन से करें चिंता को दूर -
'विपरीत करनी आसन' बेहद आसान योगासन है। इसे करने से पीठ दर्द और चिंता को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा ये जोड़ों के दर्द, मासिक धर्म में दर्द, रक्तचाप के स्तर को कम करने और अनिद्रा में भी लाभकारी है।
विपरीत करनी आसन कैसे करें -
- पीठ के बल सीधे लेट जाएं और अपने पैंरो को दीवाल में टिका दें, जिस तरह चित्र में दिखाया गया है।
- इस बात का ध्यान रखें की कंधे और सिर जमीन से टिके रहें।
- अपने हिप्स और हैम्स्ट्रिंग को जितना हो सके दीवाल के करीब ले जाएं।
- इसके बाद अपनी आंखें बंद कर लें और अपने आप को ढ़ीला छोड़ दें।
- इस मुद्रा को कम से कम 10 मिनट तक करें और सामान्य आवस्था में आ जाएं।
चिंता में सहायक है उष्ट्रासन -
उष्ट्रासन से आपके पूरे शरीर में खिंचाव आता है, जिससे आपके शरीर का तनाव कम होता है। इसके साथ ही इससे शरीर में रक्त का प्रवाह भी बेहतर होता है। जब आपके शरीर में रक्त प्रवाह सही होता है, तो शरीर में आॉक्सीजन की मात्रा भी बराबर बनी रहती है। ये दोनों आपके दिमाग और शरीर दोनों को स्वस्थ रखते हैं। इसलिए ये आसन चिंता को दूर करने के लिए बहुत लाभदायक है।
उष्ट्रासन कैसे करें -
- उष्ट्रासन को करने के लिए सबसे पहले दोनों घुटनों के बल बैठ जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों होथों के सहारे, जिस तरह चित्र में दिखाया गया है, उस तरह से छूने की कोशिश करें।
- अब जितना हो सके अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को पीछे की ओर झुकाएं और कुछ देर तक इस पोजीशन को बना कर रखें
- अब पुनः सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
चिंता में लाभदायक है सेतुबंधासन -
उष्ट्रासन की ही तरह 'सेतुबंधासन' भी आपके शरीर के रक्त संचार को बेहतर बनाता है। यह आसन आपके शरीर के पीछे के हिस्से के खिंचाव के लिए बहुत अच्छा होता है। सेतुबंधासन आपके मन को शांत करता है, जिससे तनाव कम होता है। इसके साथ ही यह आसन अनिद्रा में भी बहुत लाभदायक है। इसलिए अगर आप चिंता की समस्या से परेशान हैं, तो इस आसान को रोजाना कीजिए।
सेतुबंधासन कैसे करें -
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले लेट जाएं।
- अब अपने पैर के दोनों पंजो और कंधों को जमीन पर टिकाते हुए, अपने कुल्हों को ऊपर उठाएं।
- इस बात का ध्यान रहे कि आपके कंधे और पैर दोनों एक ही लाइन में होने चाहिए।
- कुछ सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।
- अब सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।
चिंता में मददगार है पश्चिमोत्तानासन -
पश्चिमोत्तानासन में आप सामान्य रूप से बैठ कर अपने शरीर को आगे की ओर झुकाते हैं। इससे आपके शरीर के हर हिस्से में खिंचाव आता है। पश्चिमोत्तानासन आपके दिमाग, मन और शरीर को स्वस्थ और खुश रखता है। इसलिए अगर चिंता से ग्रसित हैं, तो इस योगासन को रोजाना करें।
पश्चिमोत्तानासन कैसे करें -
- पश्चिमोत्तानासन को करने के लिए पहले सामान्य रूप से बैठ जाएं।
- अब अपने पैरों को पूरी तरह से खोल लें, जिस तरह से फोटो में दिखाया गया है।
- अपने शरीर के ऊपरी हिस्से और सिर को, जितना हो सके घुटनों से सटाएं।
- कुछ सेकंड तक इसी पोजीशन में रहें।
- अब सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
चिंता में फायदेमंद है धनुरासन -
धनुरासन आपके कंधे, छाती और गर्दन के खिंचाव के लिए बेहद उपयोगी है। इस आसन को करने से आपके पेट और शरीर के पीछे के हिस्से भी मजबूत होते हैं। इसलिए इस योगासन को कीजिए और तनाव और चिंता से मुक्त हो जाइए।
धनुरासन कैसे करें -
- धनुरासन को करने के लिए सबसे पहले छाती के भार लेट जाएं।
- अब अपने दोनों हाथों से दोनों पैरों को पकड़ें, जिस तरह से फोटो में दिखाया गया है।
- अब कुछ सेकंड के लिए इसी पोजीशन में बने रहें।
- अब सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
चिंता में उपयोगी है शवासन -
शवासन चिंता को दूर करने के लिए सबसे अच्छा आसन है। यह आसान आपके दिमाग को शांत करता है और शरीर को आराम भी पहुंचाता है। यह आसन सभी व्यायाम को संतुलित करने के लिए बेहद आवश्यक है। हार्ड वर्कआउट के बाद ये आसन पूरे शरीर को आराम पहुंचाता है। इसके अलावा यह योगासन आपके तंत्रिका तंत्र को भी बेहतर बनाता है।
शवासन कैसे करें -
- सबसे पहले पीठ के भार लेट जाएं।
- अब अपने शरीर को पूरी तरह से ढ़ीला छोड़ दें।
- अब अपनी आंखें बंद कर लें।
- अब ध्यान को एकाग्र करने की कोशिश करें।
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