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राजमा के उपयोग,फायदे और नुकसान

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जायकेदार व्यंजनों की दुनिया में राजमा अहम स्थान रखता है। इसे बीन्स की श्रेणी में रखा जाता है और विश्व भर में इसका सेवन किया जाता है। अगर भारत की बात करें, तो यहां राजमा-चावल के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। राजमा-चावल का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। यह तो रही राजमा के स्वाद की बात, वहीं अगर इसके गुणों की बात करें, तो यह कई बीमारियों में हमारी मदद कर सकता है। इस लेख में जानिए स्वास्थ्य के लिए राजमा के फायदे और इसके सेवन के विभिन्न तरीकों के बारे में।

राजमा आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छा हैं?
राजमा गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के साथ-साथ कब्ज जैसी परेशानियों से भी छुटकारा दिलाने का काम करता है । इसके अलावा, इसमें आयरन, कॉपर, फोलेट ,मैग्रीशियम, कैल्शियम और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं । शरीर से जुड़ी विभिन्न परेशानियों के लिए राजमा किस प्रकार फायदेमंद है, इसकी चर्चा हम इस लेख में आगे करेंगे।

राजमा सेहत के लिए क्यों अच्छा है, जानने के बाद आइए अब जानते हैं राजमा के प्रकार और राजमा खाने के फायदे के बारे में।

राजमा के प्रकार –
बाजार में राजमा के विभिन्न प्रकार उपलब्ध है। यह अलग-अलग रंगों और आकार में मिलता है, जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं  :

काला राजमा – यह मीडियम आकार में काले रंग का होता है। यह खाने में थोड़ा मीठा होता है।
गहरा लाल राजमा – यह आकार में थोड़ा बड़ा होता है। इसका उपयोग अधिकतर सूप और सलाद में किया जाता है।
हल्का लाल राजमा – यह भी आकार में बढ़ा होता है, इसे पकने में 90 से 120 मिनट का समय लगता है
नेवी बीन्स – यह राजमा छोटे आकार में होता है। इसे पकने में लगभग 90 से 120 मिनट का समय लगता है।
गुलाबी रंग का राजमा – यह राजमा छोटे आकार का होता है। इसे पकने में लगभग 60 मिनट का समय लगता है।
पिंटो राजमा – यह राजमा मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र में पाया जाता है। यह मीडियम आकार में पाया जाता है।
ग्रेट नॉर्दर्न बीन्स – इस राजमा की ऊपरी सतह सफेद रंग की होती है। इसका उपयोग अधिकतर फ्रांस में होता है।
राजमा के प्रकार जानने के बाद आइए जानते हैं शरीर के लिए राजमा के फायदे।

राजमा के फायदे – 
1. वजन घटाने के लिए-
राजमा के गुण वजन घटाने में सहायक माने जाते हैं। राजमा में फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता है। फाइबर वजन को नियंत्रित करने का काम करता है। रिपोर्ट के अनुसार, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शरीर में अतिरिक्त कैलोरी बढ़ाए बिना पेट को भरने का काम करते हैं। इसलिए, फाइबर युक्त राजमा मोटापे से निजात पाने में आपकी मदद कर सकता है ।

2. ह्रदय संबंधी रोग दूर करने के लिए
राजमा के फायदे ह्रदय रोग में भी देखे जा सकते हैं। राजमा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है । इसमें मौजूद मैग्नीशियम रक्तचाप को स्थिर रखता है। राजमा के लाभ से ह्रदय रोग को कम किया जा सकता है।

3. हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। राजमा में कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत करने में काफी मदद करते हैं । राजमा खाने के तरीके को सही से अपने दैनिक जीवन में शामिल किया जाए, तो यह बहुत लाभकारी होता है।

4. कैंसर की रोकथाम के लिए
राजमा के फायदे कैंसर की बीमारी में भी उपयोगी होते हैं। राजमा खाने से शरीर के अंदर बायोएक्टिव यौगिक की पूर्ति होती है, जो कैंसर से बचाने में मदद करता है। साथ ही इससे कई पुरानी बीमारियां भी अपने आप ठीक हो सकती हैं। अगर राजमा के साथ एंटीऑक्सीडेंट युक्त अन्य कोई खाद्य पदार्थ लिया जाए, तो यह शरीर में होने वाली ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया को कम कर देता है और कैंसर जैसे बीमारी को धीरे-धीरे कम कर देता है ।

5. मधुमेह का उपचार
राजमा के गुण मधुमेह को ठीक करने में भी काम आते हैं। राजमा सिर्फ मधुमेह से ही नहीं बचाता, बल्कि ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करता है । राजमा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो मधुमेह को नियंत्रित करता है। राजमा में अघुलनशील फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

6. कोलेस्ट्रॉल
शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता। ऐसे में राजमा आपकी मदद कर सकता है। राजमा में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नहीं होती है । इसलिए, राजमा खाने से शरीर के अंदर का अच्छा कोलेस्ट्रॉल प्रभावित नहीं होता है। इससे उल्ट राजमा के सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा (LDL) घटती है और शरीर के अंदर अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा प्रभावित नहीं होती है।

7. मस्तिष्क विकास में लाभकारी
राजमा में कोलीन  नामक जरूरी पोषक तत्व पाया जाता है, जिससे एसिटाइलकोलाइन का निर्माण होता है। एसिटाइलकोलाइन एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर होता है, जो मस्तिष्क विकास और नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करता है । राजमा मस्तिष्क के प्रारंभिक विकास में भी कारगर साबित हो सकता है।

8. कब्ज को दूर करने में लाभकारी
राजमा में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है, जो खाने को पचाने में सहायक होता है। शरीर के लिए कितने फाइबर की आवश्यकता होती है, यह आपकी उम्र के हिसाब से निर्भर करता है। फाइबर की पूर्ति के लिए राजमा एक बेहतर विकल्प हो सकता है । इस प्रकार कब्ज को ठीक करने के लिए राजमा के गुण देख सकते हैं।

9. रोग प्रतिरोधक क्षमता
राजमा विभिन्न प्रकार के विटामिन से युक्त पदार्थ है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए शरीर को विटामिन-B6, जिंक, आयरन, फोलिक और एंटीऑक्सीडेंट जैसे चीजों की जरूरत होती है । राजमा का सेवन आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

10. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में उपयोगी
ब्लड प्रेशर बढ़ने से शरीर के तंत्र प्रभावित होते हैं। सबसे ज्यादा इसका प्रभाव ह्रदय पर पड़ता है। इससे ह्रदय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए कम फैट वाले आहार का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डायट में राजमा को शामिल कर सकते हैं, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो फैट को कम करता है ।

11. ऊर्जा में बढ़ोत्तरी
शरीर को आयरन की आवश्यकता होती है, जिससे शरीर के अंदर हीमोग्लोबीन बनता है। इसके लिए आप राजमा का सेवन कर सकते हैं। राजमा में आयरन की मात्रा पाई जाती है , जिससे हीमोग्लोबीन का स्तर बेहतर होता है और शरीर में ऊर्जा की मात्रा बढ़ती है। साथ ही राजमा में प्रोटीन पाया जाता है, जिससे कोशिकाओं का निर्माण होता है । ऐसे में अगर राजमा का सेवन नियमित रूप से किया जाता है, तो शरीर में ऊर्जा की मात्रा बनी रहती है।

12. बॉडी बिल्डिंग में सहायक
बॉडी बिल्डिंग के लिए शरीर में प्रोटीन का होना बहुत जरूरी होता है और राजमा प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। राजमा में प्रोटीन के साथ-साथ फाइबर और आयरन भी पाया जाता है । राजमा को अपने भोजन में शामिल करने से सुडौल शरीर का निर्माण हो सकता है, लेकिन वर्कआउट के दौरान आपको और उपयुक्त सलाह लेनी चाहिए।

13. गर्भावस्था के दौरान राजमा का उपयोग
गर्भावस्था के दौरान राजमा खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। राजमा में फोलेट जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं । गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने से गर्भवती महिला में फोलेट की कमी नहीं होती है। गर्भ में पल रहे शिशु के विकास के लिए भी फोलेट जरूरी है। प्रेग्नेंसी के दौरान रोज 400 माइक्रोग्राम फोलेट की आवश्यकता होती है ।

14. बच्चों के लिए राजमा कितना उपयोगी है?
अगर आप अपने बच्चे को खाने में राजमा दे रहे हैं, तो राजमा के गुण बच्चे के विकास में कारगर साबित हो सकते हैं। ऐसा राजमा में मौजूद आयरन और विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा के कारण होता है । आयरन शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। राजमा में कैल्शियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, जिससे बच्चों की हड्डियों को मजबूती मिलती है।

15. त्वचा और बालों में सहायक
बालों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन-सी की आवश्यकता होती है। विटामिन-सी से बाल मोटे, मजबूत और स्वस्थ्य होते हैं। अगर राजमा का सेवन किया जाता है, तो शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी मिलता है, जिससे बाल मजबूत होते हैं। त्वचा के लिए भी विटामिन-सी का होना जरूरी है। विटामिन-सी सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों से भी बचाता है । विटामिन-सी एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट तत्व है, जो त्वचा के लिए लाभकारी होता है और त्वचा की सुंदरता को भी बढ़ाता है।

राजमा का उपयोग -
राजमा कैसे खाएं इस बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। राजमा का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें कुछ इस प्रकार हैं –

1. राजमा करी
सामग्री :
  • एक कप राजमा
  • चार से पांच चम्मच सरसों का तेल या नारियल तेल
  • ताजे दो टमाटर
  • दो मध्यम आकार के प्याज
  • दो हरी मिर्च
  • एक चौथाई चम्मच लहसुन बारीक कटा हुआ
  • एक चौथाई चम्मच अदरक बारीक कटा हुआ
  • एक चौथाई चम्मच साबुत जीरा
  • हिंग चुटकी भर
  • हल्दी चुटकी भर
  • एक चौथाई चम्मच धनिया पाउडर
  • एक चौथाई चम्मच गरम मसाला
  • एक चौथाई चम्मच लाल मिर्च
  • थोड़ा हरा धनिया बारीक कटा हुआ
  • नमक स्वादानुसार

राजमा करी बनाने से पहले कुछ तैयारियां :
  • राजमा बनाने के एक दिन पहले रात में राजमा को भिगोकर रख दें। अगर आपको लगे कि राजमा नरम नहीं हुआ है, तो राजमा को थोड़ी देर उबाल लें।
  • फिर प्याज और मिर्च को छोटा-छोटा काट लें और मिक्सर की मदद से पेस्ट बनाकर एक बाउल में रख लें।
  • मिक्सर की मदद से टमाटर का पेस्ट भी बना लें और एक बाउल में अलग रख दें।
  • इसी तरह अदरक और लहसुन का पेस्ट भी बना लें।
  • अब एक अलग से बाउल लें और उसमें अदरक-लहसुन के पेस्ट के साथ हल्दी, धनिया, लाल मिर्च, गरम मसाला और नमक डालकर अच्छी तरह मिलाकर अलग रख दें।

बनाने की विधि :
  • सबसे पहले कढ़ाई में तेल डालें और थोड़ा गर्म होने दें।
  • अब तेल में साबुत जीरा डालें और चम्मच से चलाएं।
  • फिर प्याज-मिर्च का पेस्ट और मसालों के साथ बनाया अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और कुछ मिनट तक अच्छी तरह चलाएं।
  • चलाते वक्त चार-पांच चम्मच पानी भी डालें, ताकि मसाला जल न जाए।
  • अब ऊपर से टमाटर का पेस्ट डालें और एक-दो मिनट तक अच्छी तरह चलाएं। साथ ही हींग भी डाल दें।
  • अब आप भिगोए या उबाले हुए राजमा को डालें और लगभग दो कप पानी डालकर कुछ देर के लिए ढक दें, जब तक कि अच्छी तरह उबाल न आ जाए।
  • राजमा की ग्रेवी अगर आपको ज्यादा रखनी है, तो आप आधा कप और पानी मिला सकते हैं।
  • राजमा को लगभग और 10-15 मिनट अच्छी तक पकाएं, ताकि राजमा और सभी मसाले अच्छी तरह पक जाएं।

अब कढ़ाई को उतार लें और ऊपर से चुटकी भर गरम मसाले का छिड़काव करें और गार्निशिंग के लिए बारीक कटा हुआ धनिया डालें।

2. राजमा सलाद
  • सामग्री :
  • एक कप राजमा
  • एक टमाटर
  • एक प्याज
  • आधा नींबू का रस
  • नमक (स्वादानुसार)
  • बनाने की विधि :
  • सबसे पहले राजमा को उबाल लें।
  • टमाटर और प्याज को बारीक काट लें।
  • अब एक बाउल लें, जिसमें राजमा और कटे हुए टमाटर व प्याज को मिला लें।
  • स्वाद के लिए ऊपर से नमक और नींबू का छिड़काव करें।

3. राजमा सूप
सामग्री :
  • एक कटोरी राजमा
  • आधी कटोरी पुदीने की पत्तियां
  • एक चम्मच घी
  • एक चम्मच भुना जीरा
  • नमक (स्वादानुसार)
  • दो चम्मच मसला हुआ अदरक
  • आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर
  • बनाने की विधि :
  • सबसे पहले राजमा को भिगो देना चाहिए।
  • इसके बाद राजमा ,अदरक और पुदीने को एक साथ उबाल लेना चाहिए।
  • फिर तीनों को मिक्सी में अच्छी तरह ग्राइंड कर लेना चाहिए।
  • इसके बाद कढ़ाई में घी डालकर उसे गर्म करें और ऊपर से ग्राइंड किए गए मिक्सर को दो कप पानी के साथ डाल दें।
  • अंत में मसाले डालकर एक उबाला दिला दें। लीजिए, आपका सूप तैयार है।

आप राजमा के गुण, राजमा के लाभ और राजमा कैसे खाएं, इन सब से परिचित हो गए होंगे। आगे हम कुछ और जरूरी जानकारी दे रहे हैं।

राजमा के नुकसान – 
  • राजमा में फाइबर पाया जाता है, जिसकी मात्रा अधिक होने से पेट में गैस, सूजन और मांसपेशियों से संंबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।
  • राजमा में फोलिक एसिड पाया जाता है, जिसकी मात्रा बढ़ने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है ।
  • राजमा में आयरन पाया जाता है, जिसकी अत्यधिक मात्रा से कब्ज, उल्टी और पेट में दर्द जैसी समस्या हो सकती है ।

राजमा खाने के फायदे और शारीरिक लाभ जानने के बाद आपको इसे अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। अगर आप लेख में बताई गई किसी भी बीमारी से ग्रसित हैं, तो इसका सेवन एक औषधि के रूप में करें। इसके नियमित सेवन के दौरान हो सकता है कि बताए गए दुष्प्रभाव आपको परेशान करें। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। जायकेदार व्यंजनों के शौकीन राजमा के बताए गए व्यंजनों के माध्यम से इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं। आशा है कि राजमा पर लिखा यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपके पास राजमा के प्रयोग से जुड़ा कोई अन्य सुझाव या सवाल हैं, तो आप नीचे कमेंट बॉक्स के जरिए हमसे पूछ सकते हैं।

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