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क्या महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होता है वजन बढ़ने के लिए ज़िम्मेदार

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क्या आपने वजन कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन सब व्यर्थ? तो क्यों नहीं एक बार अपने हार्मोन की जांच कराएँ? महिलाएं अपने जीवन के सभी चरणों में हार्मोन असंतुलन, भोजन की कमजोरी और धीमी चयापचय की चपेट में आ सकती हैं। ये पीएमएस (PMS), गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति (menopause) या दिन-प्रतिदिन बढ़ते तनाव से संबंधित हो सकते हैं।

अनुसंधान से पता चला है कि भूख, वजन घटाना, चयापचय और महिला हार्मोन आपस में जुड़े हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाएं हार्मोनल असंतुलन के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। हार्मोन सभी उम्र की महिलाओं को प्रभावित करते हैं और हार्मोन का बायोलॉजिकल साइकिल और दैनिक जीवन पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है।

लेकिन क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि हार्मोन कैसे वजन को प्रभावित करते हैं? तो आइये जानते हैं कि कौन से हार्मोन्स महिलाओं में वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं -

थायराइड हार्मोन है वजन बढ़ने का कारण - 
अक्सर महिलाओं में थाइरोइड की कमी पाई जाती है। हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) महिलाओं में वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। इसके आम लक्षणों में थकान, ठंड सहन न कर पाना, अधिक वजन, ड्राई स्किन और कब्ज आदि शामिल हैं। चयापचय दर में कमी शरीर में वजन बढ़ने का कारण होती है। 

मोटापे के लिए ज़िम्मेदार है एस्ट्रोजन हार्मोन - 
एस्ट्रोजन फीमेल सेक्स हार्मोन होता है। रजोनिवृत्ति के दौरान, एस्ट्रोजन का स्तर गिर जाता है जिसके कारण वजन बढ़ता है, विशेष रूप से पेट के आसपास। वसा कोशिकाएं एस्ट्रोजन का एक और स्रोत है जो कैलोरी को फैट में बदल देता है। इससे मोटापा भी हो सकता है।

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की कमी करे वजन में बढ़ोतरी - 
रजोनिवृत्ति के दौरान, शरीर में प्रोजेस्टेरोन के स्तर में कमी आ जाती है। इस हार्मोन के स्तर में कमी वास्तव में वजन बढ़ाने का कारण नहीं होती है। बल्कि यह महिलाओं में वाटर रिटेंशन और सूजन का कारण बनती है जिससे आपका शरीर फूला हुआ और भारी लगता है। 

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी है मोटापे का कारण - 
कुछ महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) नामक हार्मोनल विकार से पीड़ित होती हैं। यह विकार टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है जिससे वजन, मासिक धर्म संबंधी विकार, चेहरे पर बाल, मुँहासे और बांझपन की समस्याएँ हो सकती हैं। टेस्टोस्टेरोन महिलाओं में मसल मास (Muscle Mass) के लिए जिम्मेदार होता है। रजोनिवृत्ति के दौरान, टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी के कारण चयापचय दर में कमी आ जाती है जिसके परिणामस्वरूप वज़न बढ़ने लगता है।

इन्सुलिन हार्मोन करे वजन बढ़ने में मदद - 
अग्न्याशय में हार्मोन इंसुलिन का उत्पादन बीटा कोशिकाओं (Beta Cells) द्वारा किया जाता है। इंसुलिन शरीर में फैट और कार्बोहाइड्रेट के रेगुलेशन (regulation) के लिए जिम्मेदार होता है। इंसुलिन शरीर को ग्लूकोज का उपयोग करने की अनुमति देता है। इंसुलिन भी पीसीओएस (PCOS) का एक कारण है जिससे बांझपन हो सकता है। रक्त में इंसुलिन का उच्च स्तर वजन बढ़ाने में मदद करता है।

कॉर्टिसोल हार्मोन है वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार - 
वजन बढ़ने में मदद के लिए तनाव हार्मोन कोर्टिसोल भी जिम्मेदार होता है। कोर्टिसोल के उच्च स्तर के कारण भूख में वृद्धि होती है जो कि वजन बढ़ने का कारण है। तनाव और नींद की कमी रक्त में कोर्टिसोल के उच्च स्तर के दो कारण हैं। कुशिंग सिंड्रोम एक अतिसंवेदनशील स्थिति है जो कोर्टिसोल के उत्पादन को बढ़ाती है। 

ऊपर बताये गए सभी हार्मोन वजन बढ़ने के जिम्मेदार हैं। हार्मोनल असंतुलन के लक्षणों को जाँचकर महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन और उसके कारण बढ़ते वजन का निदान और उपचार किया जा सकता है। उपचार में जीवन शैली में परिवर्तन, दवाएं या सिंथेटिक हार्मोन शामिल हो सकते हैं। अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों से अवगत रहें और डॉक्टर को बताएं यदि आपको संदेह है कि आपके शरीर में हार्मोन का परिवर्तन हो रहा है। इससे आप समय रहते ही अपने वजन को नियंत्रित कर सकेंगी।


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