शोक का मतलब दुख है। अशोक का मतलब है दुख या दर्द से राहत देने वाला। अशोक एक ऐसा वृक्ष है जिसके कई गुण हैं। इसका वैज्ञानिक नाम सरका असोच (Saraca asoca) है। यह पेड़ भारतीय उपमहाद्वीप खासकर दक्षिण भारत, मध्य और पूर्वी हिमालय के करीब पाया जाता है। अशोक वृक्ष को नेपाल, भारत और श्रीलंका में पवित्र माना जाता है। इस वृक्ष के साथ बौद्धों और हिंदुओं की मजबूत धार्मिक आस्था जुड़ी है। ऐसा कहा जाता है कि गौतम बुद्ध का जन्म अशोक वृक्ष के नीचे हुआ था।
अशोक के पेड़ का उपयोग रोगों से छुटकारा दिलाने और शारीरिक दुख दूर करने के लिए हजारों साल से होता आ रहा है। यह मुख्य रूप से स्त्री रोग, रक्त बहने के विकारों और मूत्र रोगों में काफी फायदेमंद है। अशोक की छाल कसैली, रूखी और स्वभाव से ठंडी होती है। अशोक के पत्ते लम्बे होते हैं जिसे लोग ताम्रपत्र भी कहते हैं। इसका फूल सुन्दर और सुगन्धित होता है। इसका फल फलियों के रूप में होता है। अशोक की छाल, पत्तों, फूलों और बीजों का प्रयोग दवा के लिए किया जाता है। इसके छाल में टैनिन, कैटीकाल, उड़नशील तेल, कीटोस्टेरोल, ग्लाइकोसाइड, सेपोनिन, कैल्शियम और आयरन जैसे यौगिक पाए जाते हैं। तो चलिए आज हम जानते हैं कि अशोक के क्या क्या औषधिक गुण हैं।
अशोक का औषधीय गुण
अशोक प्रकृति से लघु, रूखा, चरपरा, विपाक में कड़वा और शीतल होता है। यह दर्दनिवारक, रंग गोरा करने वाला, हड्डी जोड़ने वाला, सुगन्धित, हृद्य,तीन दोषों को हरने वाला, प्यास, जलन, कृमि, सूजन, दर्द, पेट का रोग, आध्मान या पेट का फूलना , विष, अर्श या पाइल्स, रक्त संबंधी रोग, गर्भाशय की शिथिलता, सर्व प्रकार के प्रदर या लिकोरिया, बुखार, जोड़ो का दर्द और अजीर्ण या अपच आदि रोगों का नाशक है। इसका प्रयोग कष्टार्तव, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहना), अश्मरी या पथरी तथा मूत्रकृच्छ्र या मूत्र संबंधी रोग में करते हैं। अशोक की छाल (ashok chhal) कटु, तिक्त या कड़वी, बुखार व तृषा (प्यास) नाशक, रक्त-विकार, थकावट, शूल या दर्द, अर्श या पाइल्स इत्यादि रोगों में लाभदायक होता है। इसके अतिरिक्त पेट बढ़ने की बीमारी, अत्यधिक रक्तस्राव तथा गर्भाशयगत रक्तस्राव में उपयोगी होता है। अशोक के बीज मूत्रल या मूत्र रोग नाशक होते हैं। अशोक के पुष्प रक्तजप्रवाहिका (खूनी दस्त) नाशक होते हैं।
नकली अशोक प्रकृति से कटु, तिक्त, उष्ण या गर्म, लघु तथा रूक्ष यानि रूखा होता है। यह कृमि रोग में फायदेमंद तथा बुखार व कुष्ठ रोग से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसका प्रयोग आमदोष, कब्ज तथा कृमिरोग में अत्यन्त लाभकारी होता है।
अशोक के पत्ते के फायदे मासिक धर्म संबंधी विकारों में -
अशोक का प्रयोग स्त्रीरोग की समस्याओं और महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी विकारों के इलाज में किया जाता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों और एंडोमेट्रियम के लिए एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है।
मासिक धर्म के समय बहुत अधिक खून आने की समस्या में अशोक की छाल का काढ़ा बनाकर प्रतिदिन कुछ-कुछ देर में कई बार पिएं या फिर अशोक की 8 कोमल पत्तों का रोज़ सुबह सेवन करें।
मासिक धर्म की अनियमितता में भी आप अशोक की छाल का काढ़ा बनाकर पिएं। इसके उपयोग से मासिक धर्म नियमित हो जाएगा। (और पढ़ें - मासिक धर्म जल्दी लाने के सबसे अच्छे उपाय)
अशोक के पेड़ के लाभ योनि से असामान्य खून की समस्या में -
अगर किसी को रक्त प्रदर, योनि से असामान्य खून निकलना, पेशाब से सम्बंधित समस्या है तो अशोक की छाल का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार पिएं। इसके सेवन से इन समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
अशोक का पौधा गर्भाशय को करे मजबूत -
अगर किसी को बाँझपन, गर्भाशय की कमजोरी, होर्मोन का असंतुलन, पेट के रोग और पेडू का दर्द (Pelvic pain) जैसी समस्या है तो अशोकारिष्ट का सेवन करें क्योकि अशोकारिष्ट को अशोक के अर्क से बनाया जाता है। इससे आपको इन समस्याओं में फायदा होगा।
अशोक के औषधीय गुण दिलाए लिकोरिया से निजात -
अगर किसी को सफ़ेद पानी आना या लिकोरिया (Leucorrhoea) की समस्या है तो 1 चम्मच अशोक की छाल के चूर्ण का प्रतिदिन दो बार गाय के दूध के साथ सेवन करें। इसके सेवन से इन समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।
अशोक वृक्ष के फायदे सूजन करे दूर -
अगर किसी को अंडकोष (testicles) में सूजन है तो एक सप्ताह तक अशोक के छाल का काढ़ा प्रतिदिन दो बार पिएं। इसके सेवन से अंडकोष की सूजन कम हो जाती है।
अशोक की छाल का काढ़ा पेट में दर्द के लिए -
अगर किसी को पेट में दर्द की समस्या है तो अशोक की छाल को पानी में उबालकर उसका काढा बना लें और प्रतिदिन दो बार पिएं। इससे पेट दर्द से छुटकारा मिलेगा।
अशोक के बीज के फायदे पथरी की समस्या में -
अगर किसी को गुर्दे की पथरी की समस्या है तो अशोक के बीज को पीस लें और प्रतिदिन पांच-दस ग्राम की मात्रा का ठंडे पानी के साथ सेवन करें। इसके सेवन से पथरी की समस्या से निजात मिलेगा।
अशोक के फायदे करे दूर सांस रोग को -
अगर किसी को सांस रोग की समस्या है तो अशोक के बीजों का 65 मिली ग्राम चूर्ण पान के बीड़े में रख कर सेवन करें। इसके सेवन से कुछ ही दिनों में सांस रोग से छुटकारा मिल जाएगा।
अशोक की छाल का चूर्ण हड्डी के लिए -
अगर किसी कि हड्डी टूट गई है तो अशोक की छाल का पांच से दस ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दो बार दूध के साथ लें। इसके सेवन से हड्डी काफी जल्दी जुड़ जाती है।
अशोक के फूल का लाभ खूनी पेचिश में -
अगर कोई खूनी पेचिश (Blood dysentery) से परेशान है तो 3-4 ग्राम अशोक के फूल को पीस के पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलेगा।
अशोक की छाल का उपयोग करे बवासीर को दूर -
बहुत से लोगों को खूनी बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए 5 ग्राम अशोक की छाल और 5 ग्राम अशोक के फूल को रात भर एक गिलास पानी में भिगोने के लिए छोड़ देना चाहिए। सुबह इसे छान कर पी लें। इसी प्रकार सुबह भिगो कर शाम को पिएं। इसके सेवन से खूनी बवासीर की समस्या में आराम मिलेगा।
अशोक की छाल से करें ढीली योनि को टाइट -
अगर आप अपनी योनि के ढीलेपन से परेशान है तो अशोक की छाल, बबूल छाल, गूलर छाल, माजूफल और फिटकरी को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। फिर इसे किसी सूती कपड़े से छान कर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर की सौ ग्राम की मात्रा एक लीटर पानी में उबालें। जब एक चौथाई बच जाए तो इसे ठंडा कर के रात को योनि के अन्दर डालें। इसका प्रयोग कुछ दिन तक लगातार करें।
अशोक के पेड़ का महत्व त्वचा के लिए -
अशोक का उपयोग त्वचा के रंग में सुधार करता है। यह रक्त को शुद्ध करता है और त्वचा की एलर्जी को दूर रखने में मदद करता है। यह विषाक्त पदार्थ को निकालने और रंग को साफ करने का काम करता है। इसके अलावा अशोक का उपयोग त्वचा की जलन को भी शांत करने के लिए किया जा सकता है। इसके लिए अशोका फूलों और पत्ते को पीसकर पेस्ट बना लें और प्रभावित त्वचा पर रगड़ें।
अशोक की छाल के लाभ जोड़ो के दर्द से दिलाए राहत -
अशोक का उपयोग दर्द से राहत पाने में भी लाभदायक है। इसे सुरक्षित रूप से एनाल्जेसिक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जोड़ो के दर्द के लिए इसके छाल को पीस कर पेस्ट बना लें और उपयोग करें।
अशोक के अन्य फायदे -
अशोक वृक्षों के सूखे फूल मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी होते हैं। इसके सेवन से मधुमेह की समस्या में राहत मिलती है।
अशोक पेट के कीड़ों से छुटकारा दिलाने में भी काफी लाभदायक है। इसके लिए अशोक के पत्ते या छाल का सेवन करें। यह पेट को साफ़ करता है और दर्द से निजात दिलाता है।
अशोक वृक्ष बिना किसी दुष्प्रभाव के आपके दस्त का इलाज करने में भी लाभदायक है। अशोक वृक्ष की पत्तियों, फूलों और छाल को एक टॉनिक के रूप में उपयोग करें। यह दस्त की समस्या को दूर करेगा।
अशोक के पेड़ के नुकसान –
अशोक के पेड़ के नुकसान की बात करें, तो इसे औषधीय मात्रा में लिए जाने से कोई भी नुकसान नहीं होता है, लेकिन कुछ मामलों में इसे न लेने की सलाह दी जाती है, जिसका कोई पुख्ता प्रमाण मौजूद नहीं है।
- मासिक धर्म न होने की स्थिति में इसका सेवन स्थिति को और खराब कर सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो इसका सेवन चिकित्सक की सलाह से ही करें।
अशोक के पेड़ की खूबियां और औषधीय उपयोग इतने अधिक हैं कि इनके बारे में विस्तार से एक ही लेख में बता पाना आसान नहीं है। इसके बावजूद यहांं हमने अशोक के पेड़ के फायदे और इस्तेमाल के तरीकों को बताने की कोशिश की है। ऐसे में अगर आप भी लेख में बताई गई समस्याओं से परेशान हैं, तो लेख में दिए गए तरीकों को अच्छे से पढ़ें और फिर हासिल जानकारी को अपनाकर इसे इस्तेमाल में लाएं। मुमकिन है कि यह आपकी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर साबित होगा। इस विषय से संबंधित कोई अन्य सवाल या सुझाव हों तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमसे संपर्क कर सकते हैं।
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