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बरगद के पेड़ के फायदे

 
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हिंदू पौराणिक कथाओं में बरगद के पेड़ को पवित्र वृक्ष बताया गया है। भारत के कई मंदिरों में बरगद का पेड़ देखा जा सकता है। शरीर में बिगड़े हुए पित्त (Pitta) को संतुलित करने में भी मंजिष्ठा सहायता करती है। इसकी तासीर गर्म होती है। शरीर में बिगड़े हुए पित्त (Pitta) को संतुलित करने में भी मंजिष्ठा सहायता करती है। इसकी तासीर गर्म होती है। । आयुर्वेद के अनुसार इसका पेड़ ‘वात दोष’ के लिए लाभकारी है।

इस पेड़ का बीज बहुत छोटा होता है किंतु इसका वृक्ष बहुत विशाल होता है। ये पौधा जीनस फाइकस के परिवार से संबंधित है। भारत में जो बरगद का पेड़ पाया जाता है वो फाइकस वेनगैलेंसिस है जो कि राष्‍ट्रीय वृक्ष भी है। विश्‍व के उष्णकटिबंधीय और गर्म समशीतोष्ण क्षेत्रों में भी ये प्रजाति पाई जाती है।

बरगद के पेड़ की चमकदार हरे रंग की पत्तियां बड़ी और अंडकार होती है। कोलकाता के बोटानिकल गार्डन में पाया जाने वाला 'ग्रेट बरगद का पेड़' 250 साल से भी अधिक पुराना है और इसकी बहुत बड़ी-बड़ी शाखाएं हैं। यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा वृक्ष है।

बरगद के पेड़ के बारे में तथ्‍य:

  • वानस्‍पतिक नाम: फाइकस वेनगैलेंसिस
  • कुल: मोरेसी
  • सामान्‍य नाम: बर, बरगद, बट, बनियन ट्री
  • संस्‍कृत नाम: न्यग्रोध, वट वृक्ष
  • उपयोगी भाग: पत्तियां, शाखाएं, फल
  • भौगोलिक विवरण: विश्‍व के उष्णकटिबंधीय और गर्म समशीतोष्ण क्षेत्र।

बरगद के फायदे दिलाएँ जोड़ो के दर्द से राहत - 

जोड़ो के दर्द और सूजन से राहत के लिए बरगद की ताजी पत्तियों पर तिल का तेल लगाएँ। पत्तियों को गर्म करें और प्रभावित क्षेत्रों पर रखें। इसके अलावा प्रभावित क्षेत्र पर बरगद के लेटेक्स (दूध) को बाहरी रूप से उपयोग कर सकते हैं। गठिया के दर्द से राहत के लिए आपं बरगद के दूध से मालिश भी कर सकते हैं।

बड के लाभ हैं दाँतों के स्वास्थ्य के लिए - 

बरगद के पेड़ की पत्तियों या शाखा को तोड़े। पत्तों से दूधिया अर्क इकट्ठा कीजिएं। इसके बाद शहद के साथ मिलाकर मसूड़ों पर लगाएँ। और दस मिनट के बाद कुल्ला कर लें। आप मुंह की सफाई के लिए बरगद की जड़ों का उपयोग भी कर सकते हैं। आप बरगद की कोमल जड़ों को चबाकर टूथब्रश के रूप में उपयोग करें। साँसों की बदबू को दूर करने के लिए एक कप पानी में बरगद के पेड़ की छाल (1 इंच) को उबाल लें। इस पानी के साथ लगातार गरारे करें। 

बरगद के पेड़ का उपयोग है नकसीर के लिए - 

नकसीर को रोकने के लिए दूर्वा घास, बरगद के पत्तों और शहद को एक साथ मिश्रित करके सेवन करें।

5. बरगद के पत्ते का उपयोग करे झाइयों को दूर -
बरगद की नर्म पत्तियों और नारियल के गूदे का पेस्ट तैयार करें और झाइयों पर लगाएँ। इसी प्रकार, बरगद और मसूर की दाल के पेस्ट से फ्लेक्स हट जाती है और यह पेस्ट त्वचा को चमक देता है।

बरगद का इस्तेमाल करे बवासीर में - 

खूनी बवासीर के इलाज के लिए बरगद के रस की कुछ बूँदें लें और एक गिलास दूध में मिलाएँ। और नियमित रूप से इसका सेवन करें। इसके अलावा प्रभावित क्षेत्र पर बरगद के लेटेक्स (दूध) को बाहरी रूप से उपयोग करें।

बड के दूध का सेवन करे आँखों के लिए -

कॉर्नियल ओपैसटी (Corneal opacity) यानी की आँखों की रोशनी के लिए कपूर के बारीक पाउडर को बरगद के लेटेक्स (दूध) में मिलाएं। इस मिश्रण को आंखों में मरहम के रूप में लगाएँ। इसके अलावा एक लौंग और बरगद के लाटेकस (दूध) से एक बारीक पेस्ट बनाओ और आंखों में इसे लगाएँ।

बरगद के दूध का प्रयोग भरे फटी एड़ियां - 
फटी एड़ियों को मुलायम बनाने के लिए बरगद के पेड़ के दूध के साथ दरारें भरें। 

बरगद की जड़ के फायदे दिलाएँ दस्त से राहत - 
बरगद के पेड़ की जड़ों को लें और उन्हें पीस लें। और छाछ के साथ सेवन करें। इसके अलावा दस्त से राहत के लिए रात में इसके पत्तों की कलियां भिगोएँ। और अगली सुबह उसके पानी को पी जाएँ।

बरगद के औषधीय गुण करें त्वचा रोगों का उपचार - 
पिंपल्स से बचाव के लिए बरगद की जड़ों के पेस्ट को पिंपल्स पर लगाएँ। त्वचा रोगों से राहत पाने के लिए 2 गिलास पानी में 5 ग्राम छाल पाउडर को उबालें और एक चौथाई पानी रह जाने तक उबालें। इसे सप्ताह 2-3 बार पिएं। त्वचा पर लाल चकत्तों से छुटकारा पाने के लिए प्रभावित क्षेत्र पर बरगद के पत्तों का पेस्ट बनाकर लगाएँ।

बरगद की जटा है बालों के लिए लाभकारी -
बरगद की जटा और नींबू के छिलके को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बनाएँ। इस पाउडर को नारियल के तेल में उबालें और अपने बालों पर लगाएँ।

गंजेपन के मामले में, बरगद के पेड़ और कमल की जड़ों के पाउडर को नारियल के तेल में उबाल कर बालों के लिए उपयोग करें। 

बरगद की छाल के फायदे बचाएँ पेशाब की समस्या से -
अत्यधिक पेशाब आने की समस्या से बचाने के लिए एक गिलास पानी में 2 चम्मच छाल पाउडर को उबालें जब तक कि पानी आधा ना रह जाएँ। पूरे दिन इस तैयार काढ़े को पीते रहें। 

वट वृक्ष के लाभ बचाएँ बांझपन से - 
महिला बांझपन के लिए भी आप बरगद का इस्तेमाल कर सकती है। छाया में बरगद के पेड़ की जड़ों को सूखाएँ। बारीक पाउडर बनाने के लिए अच्छे से पीस लें। आधा चम्मच पाउडर को दूध के साथ हर महीने मासिक धर्म के बाद लगातार तीन रातों के लिए लें। गर्भधारण के अवसरों में सुधार के लिए भी आप बरगद के पेड़ के पत्ते की कलियों को पानी के साथ ले सकते हैं। 

बरगद के पेड़ के गुण दिलाएँ शीघ्रपतन से छुटकारा -
शीघ्रपतन से छुटकारा पाने के लिए भी आप बरगद के पत्तों और दूध का उपयोग कर सकते हैं। बरगद के पत्तों को छाया में सूखाकर पाउडर बनाएँ और दूध के साथ हर सुबह 1 चम्मच लें। इसके अलावा बरगद के दूध की कुछ बूंदों को मिश्री के साथ लें। यौन कमजोरी को दूर करने के लिए घी में हिंग का छोटा टुकड़ा फ्राइ करें। इसे आधा चम्मच बरगद लेटेक्स (दूध) के साथ मिलाएं। हर सुबह इस मिश्रण का सेवन करें।

बरगद की छाल है मधुमेह के इलाज में उपयोगी - 
मधुमेह के इलाज के लिए बरगद के पेड़ की छाल (2 इंच) लें। इसे रात में एक गिलास पानी में भिगोएँ। अगली सुबह छाल को मैश करें और इस मिश्रण को फिल्टर करें और पी लें।

बरगद के पेड़ की छाल को सूखाएं और चूर्ण बना लें। 1 बड़ा स्पून छाल पाउडर लें और 2 गिलास पानी में तब तक उबालें जब तक पानी आधा कप ना रह जाएँ। काढ़ा फ़िल्टर करें और नियमित रूप से पिएं।

बरगद के पत्ते के फायदे करें फोड़े का इलाज -
फोड़े (जीवाणु संक्रमण के कारण मवाद) के इलाज के लिए ताजा बरगद के पत्ते लें। तिल के तेल के साथ पत्ते को कोट करें। कोटेड पत्तों को गर्म करके प्रभावित क्षेत्रों में पुल्टिस (poultice) के रूप में लगाएँ। 


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