तन-मन की स्फूर्ति और स्वास्थ्य के लिए योग को लाभदायक माना गया है। वजह यह है कि दिन के करीब 10 से 15 मिनट निकालकर आप इसे घर के भीतर या बाहर कहीं भी कर सकते हैं। वहीं, यह जान लेना भी जरूरी है कि योग कोई एक क्रिया नहीं, बल्कि इसमें कई योगासन समाहित हैं। इस कारण शरीर के विभिन्न भागों पर व्यापक प्रभाव के लिए अलग-अलग योगासनों का अभ्यास किया जाता है। इन्हीं में से एक है पश्चिमोत्तानासन। इस लेख में हम आपको पश्चिमोत्तानासन के फायदे के साथ-साथ पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका भी बताएंगे। साथ ही यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि योग का लाभ तभी होता है, जब उचित खानपान का भी नियमित रूप से पालन किया जाए।
पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे –
1. माइल्ड डिप्रेशन और तनाव से राहत
पश्चिमोत्तानासन के फायदे की बात करें, तो माइल्ड डिप्रेशन और तनाव की समस्या में इस आसन के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग द्वारा दिमागी स्वास्थ्य से संबंधित किए गए एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है कि पश्चिमोतानासन के अभ्यास से शारीरिक समस्याओं को दूर करने के साथ-साथ दिमागी स्वास्थ्य को भी नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, जिसमें अवसाद और तनाव जैसी समस्याएं भी शामिल हैं ।
2. पाचन में सुधार
पाचन से संबंधित समस्याओं को दूर कर पाचन शक्ति को मजबूत करने में भी पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, योग के इस आसन के अभ्यास से शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यशैली में सुधार आता है। साथ ही यह पाचन और उत्सर्जन (मल त्याग) प्रणाली से संबंधित विकारों को दूर करने में भी मदद करता है । इस कारण यह कहा जा सकता है कि पश्चिमोत्तानासन का नियमित अभ्यास कर अव्यवस्थित पाचन क्रिया को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
3. चिंता को रखे दूर
जैसा कि हम लेख में पहले ही बता चुके हैं कि अवसाद और तनाव जैसी कई दिमागी समस्याओं को दूर करने में पश्चिमोत्तानासन लाभकारी परिणाम दे सकता है। इन दिमागी समस्याओं में चिंता का भी जिक्र मिलता है (1), जो दिमागी तनाव का एक अहम कारक है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पश्चिमोत्तासन का नियमित अभ्यास चिंता की समस्या को दूर करने में भी राहत पहुंचा सकता है।
4. सिरदर्द की समस्या से दिलाए निजात
लेख में हम पहले भी बता चुके हैं कि पश्चिमोत्तानासन का नियमित अभ्यास तनाव, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियों से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है । वहीं, विशेषज्ञों का मानना यह भी है कि ऊपर बताई जा चुकी मानसिक समस्याओं के साथ-साथ यह दिमाग को आराम पहुंचाने में भी सहायक साबित हो सकता है । इस कारण यह माना जा सकता है कि चिंता और तनाव के कारण पनपने वाले सिरदर्द में पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे काफी हद तक लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
5. थकान में लाभदायक
योग के कई आसनों को शरीर में ऊर्जा प्रवाह और रक्त प्रवाह को बनाए रखने में सहायक माना जाता है। इन योगासनों में पश्चिमोत्तानासन भी शामिल है । वहीं, इस संबंध में किए गए एक शोध में जिक्र मिलता है कि इस योगासन का अभ्यास सीधे तौर पर शारीरिक थकान को दूर करने में प्रभावी परिणाम प्रदर्शित करता है । इस कारण यह माना जा सकता है कि पश्चिमोत्तानासन के नियमित अभ्यास से रक्त प्रवाह को बढ़ाकर शरीर में ऊर्जा संचारित करने में मदद मिलती है, जो थकान की समस्या के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
6. हाई ब्लड प्रेशर से छुटकारा
शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करने के साथ-साथ रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में भी पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास अहम भूमिका निभाता है। रक्त प्रवाह के अनियंत्रित होने के कारण ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास सहायक साबित हो सकता है ।
7. मोटापे की समस्या में मददगार
विशेषज्ञों के मुताबिक, बढ़ते वजन की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी योग के सकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं, जिसके लिए कई योगासनों को करने का सुझाव दिया जाता है। इन सुझावों में पश्चिमोत्तानासन का भी जिक्र मिलता है । इस कारण यह कहा जा सकता है कि वजन कम करने के लिए पश्चिमोत्तानासन को नियमित अभ्यास में लाया जा सकता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि योगाभ्यास के साथ ही नियमित दिनचर्या और संतुलित आहार का भी खास ख्याल रखा जाए। ऐसा करने पर ही वजन कम करने में इस योगाभ्यास के सार्थक लाभ हासिल किए जा सकते हैं।
8. अनिद्रा से दिलाए राहत
ब्राजीलियन एसोसिएशन ऑफ स्लीप द्वारा किए गए योग से संबंधित एक शोध में पाया गया है कि अन्य योगासनों के साथ पश्चिमोत्तानासन के अभ्यास से भी अनिद्रा की समस्या में राहत मिल सकती है (7)। ऐसे में नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास अनिद्रा की समस्या से राहत पाने का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
9. साइनस में लाभकारी
पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास कर साइनस की समस्या में भी लाभ पाया जा सकता है। दरअसल, साइनस एक श्वसन तंत्र से संबंधित विकार है, जिसमें रोगी को सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है। वहीं, योग की वह क्रियाएं जिनमें सांस लेने की क्रिया पर जोर दिया जाता है, इस समस्या में फायदेमंद साबित होती हैं । पश्चिमोत्तानासन भी ऐसा योगासन है, जिसमें अन्य योगासनों की ही तरह सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर खास ध्यान दिया जाता है। इस कारण हम कह सकते हैं कि साइनस की समस्या में यह आसान राहत पहुंचा सकता है। फिलहाल, इस संबंध में कोई पुष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
पश्चिमोत्तानासन के फायदे जानने के बाद लेख के अगले भाग में हम पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका बता रहे हैं।
पश्चिमोत्तानासन योग मुद्रा करने का तरीका –
- जमीन पर योग मैट बिछाएं और अपने पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
- सुनिश्चित करें कि इस स्थिति में दोनों पैर आपस में सटे हों और घुटने बिल्कुल सीधे रहें।
- वहीं, यह भी ध्यान में रखना होगा कि अभ्यास के दौरान सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी भी सीधी रहे।
- अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे कि ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने का प्रयास करें।
- ध्यान रहे कि आगे झुकने के दौरान भी घुटने मुड़ने नहीं चाहिए।
- कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहने का प्रयास करें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
- अंत में एक गहरी सांस लेते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं।
शुरुआती लोगों के लिए पश्चिमोत्तानासन करने की टिप –
पश्चिमोत्तानासन अभ्यास करने से पूर्व इससे जुड़ी कुछ आवश्यक बातों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है, ताकि इसका सकारात्मक लाभ हासिल हो सकें।
- शुरुआती अभ्यास के दौरान अपने शरीर पर अधिक जोर न डालें। कम समय में अभ्यास को पूर्ण करें और धीरे-धीरे अभ्यास के समय को बढ़ाएं।
- योगाभ्यास के प्रत्येक चरण को बारीकी से समझें और फिर उसे उपयोग में लाएं।
- साथ ही प्रत्येक चरण के साथ सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- वहीं अगर शुरुआती अभ्यास ट्रेनर के साथ किया जाए, तो अधिक बेहतर होगा।
- लेख के अगले भाग में अब हम पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।
पश्चिमोत्तानासन योग के लिए कुछ सावधानियां –
तो आइए, अब हम निम्न बिंदुओं के माध्यम से पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी सावधानियों के बारे में भी जान लेते हैं।
- गर्भवती महिलाओं को इस आसन को न करने की सलाह दी जाती है।
- ऐसे लोग जो अस्थमा, अल्सर और स्लिप डिस्क (जोड़ों से संबंधित विकार) जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें इस आसन को करने से बचना चाहिए।
- पीठ, कमर या किसी अन्य अंग से संबंधित ऑपरेशन हुआ हो, तो इस आसन को करने का बिल्कुल भी प्रयास न करें।
- डायरिया से पीड़ित लोगों को इस आसन को करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
अब तो आप पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में अच्छे से जान गए होंगे। साथ ही आपको पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे से संबंधित सभी छोटी-बड़ी जानकारियां भी हासिल हो गई होंगी। ऐसे में अगर आप इस आसन को अभ्यास में लाना चाहते हैं, तो इस काम में लेख में बताया गया पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका आपकी मदद करेगा। साथ ही सबसे जरूरी और ध्यान देने वाली बात यह है कि लेख में बताई गई समस्याओं में पश्चिमोत्तानासन राहत तो पहुंचा सकता है, लेकिन यह उन समस्याओं का उपचार नहीं है। ऐसे में किसी भी समस्या या बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। इस विषय से जुड़ा कोई अन्य सवाल हो, तो आप उसे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से हम तक पहुंचा सकते हैं।
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