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गरुड़ासन के फायदे, नियम और करने का तरीका

 
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योगासन से होने वाले शारीरिक और मानसिक लाभ किसी चमत्कार से कम नहीं है। प्रतिदिन योगाभ्यास करने वाले लोग इससे होने वाले फायदों से भलीभांती परिचित हैं। वैसे जो लोग योग के विषय में ज्यादा नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि शरीर के अलग-अलग अंगों को स्वस्थ रखने के लिए विशेष योग क्रियाएं की जाती हैं, जिसमें गरुड़ासन का नाम भी शामिल है। यहां एक बात पर जरूर ध्यान दें कि योग किसी बीमारी का सहायक उपचार हो सकता है, इसे एकमात्र इलाज न समझा जाए। अगर कोई व्यक्ति किसी रोग से पीड़ित है, तो वो डॉक्टरी ट्रीटमेंट को नजरअंदाज न करें।

आइए,  इस लेख जानते हैं गरुड़ासन करने का तरीका और शरीर को होने वाले गरुड़ासन के फायदे। साथ ही इस आसन को करते वक्त किस प्रकार की सावधानी बरतनी है, इस विषय में भी जानकारी दी जाएगी।

गरुड़ासन क्या है? – 
गरुड़ासन एक प्रकार का योगासन है। इस आसन का नाम पौराणिक कथाओं में वर्णित पक्षियों के राजा गरुड़ के नाम पर रखा गया है। गरुड़ासन की उत्पत्ति संस्कृत शब्द गरुड़ से हुई है। इसे अंग्रेजी में ईगल पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह योगासन मुख्य रूप से कंधे, कलाई, बाजू और पैर वाले हिस्से पर असर डालता है। साथ ही यह आपके टखनों और कूल्हों को भी मजबूत करने का काम कर सकता है। जो इस आसन को करना चाहते हैं, उन्हें शरीर का संतुलन बनाए रखने की अधिक आवश्यकता होती है ।

गरुड़ासन के फायदे – 
गरुड़ासन करने से कई तरह के फायदे हो सकते हैं। इसकी जानकारी होने के बाद आप भी इस आसन को करने के बारे में जरूर सोचेंगे। वहीं, अगर गरुड़ासन के वैज्ञानिक महत्व की बात करें, तो इस पर अधिक रिसर्च नहीं हुई, लेकिन इसके बावजूद गरुड़ासन के महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता। इस आसन के फायदे कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।

1. संतुलन में सुधार
गरुड़ासन करते समय आपको एक ही पैर पर शरीर का संतुलन बनाना पड़ता है। इससे शरीर का संतुलन बनाने में मदद मिल सकती है। इस योग के शुरुआत में आपको संतुलन बनाने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, शुरुआत में इस आसन को योग विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें ।

2. जांघों और हिप्स को स्ट्रेच करने के लिए
जब गरुड़ासन करते हैं, तब इसका ज्यादातर प्रभाव जांघ और हिप्स पर होता है। इस हिस्से में आपको खिंचाव महसूस हो सकता है। इसलिए, गरुड़ासन के अन्य लाभ में जांघ और हिप्स के स्ट्रेचिंग को भी शामिल किया जा सकता है। फिलहाल, इस पर अभी वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

3. पीठ को लचीला करने के लिए
गरुड़ासन करने के लाभ में पीठ को लचीला बनाना भी शामिल है। दरअसल, यह एक स्ट्रेचिंग-स्ट्रेंथिंग एक्सरसाइज है, जिसे करने से शरीर के कई भागों में खिंचाव पैदा होता है । इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि पीठ को लचीला करने में यह आसन मदद कर सकता है।

4. मांसपेशियों की मजबूती में सहायक
अगर मांसपेशियां कमजोर होती जा रही हैं, तो व्यक्ति को मांसपेशियों से संबंधित समस्या हो सकती है। ऐसे में गरुड़ासन पर भरोसा किया जा सकता है। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि यह एक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है, जो शरीर में खिंचाव पैदा करने का काम कर करती है। इस आसन का फायदा खासकर पैर, घुटने और टखनों को मजबूत करने में दिख सकता है। साथ ही यह आसन पैर की मांसपेशियों में ऐंठन को दूर कर उन्हें मजबूत करने का काम भी कर सकता है।

5. तनाव को कम करने के लिए
योग और उससे होने वाले मानसिक फायदे से लगभग सभी परिचित हैं। योग करने से आपको मानसिक शांति का अनुभव हो सकता है। गरुड़ासन की गिनती भी उन खास आसनों में होती है, जो तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है। इसलिए, तनाव से मुक्ति पाने के लिए गरुड़ासन के फायदे काम कर सकते हैं।

गरुड़ासन करने से पहले ये आसन करें
गरुड़ासन को करने से पहले कुछ अन्य आसन करने की सलाह दी जाती है, ताकि इस योगासन का आपको अधिक लाभ मिल सके। आइए, नीचे जानते हैं उन आसनों के नाम।
  • अधोमुख श्वानासन (Downward-Facing Dog Pose)
  • प्रसारित पादोत्तासन (Wide-Legged Forward Bend)
  • उपविष्टकोणासन (Wide-Angle Seated Forward Bend)
  • वृक्षासन (Tree Pose)
  • गोमुखासना (Cow Face Pose)
गरुड़ासन करने का तरीका – 
  • गरुड़ासन को करने से पहले खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करें।
  • अब किसी समतल मैदान का चुनाव करें और योग मैट बिछाएं।
  • फिर योग मैट पर ताड़ासन यानी सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें।
  • अगले स्टेप में आपको घुटनों को थोड़ा मोड़ना है और दोनों हाथों को सामने की ओर करना है।
  • अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर ले आएं और बाएं पैर को ऊपर उठाएं।
  • इसके बाद बाएं पैर को दाईं टांग के आगे से घूमाते हुए पीछे ले जाएं।
  • इस दौरान बाईं जंघा, दाईं जंघा के ऊपर रहेगी।
  • अब अगले स्टेप में आपको दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रास करना है। इस दौरान बाईं बाजू को दाईंं बाजू के ऊपर रखना है।
  • फिर आपको दोनों हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में लाने का प्रयास करना है।
  • अब इस मुद्रा में जितनी देर हो सके खुद को बनाकर रखें।
  • फिर धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • अब यही प्रक्रिया आपको दूसरी ओर से भी करनी है।
  • इस आसन के तीन से पांच चक्र किए जा सकते हैं।
गरुड़ासन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए, जिसके बारे में लेख के अगले हिस्से में बता रहे हैं।

गरुड़ासन के लिए कुछ सावधानियां – 
प्रत्येक योगासन को करने से पहले उन्हें किस स्थिति में नहीं करना चाहिए, यह जानना बहुत जरूरी होता है। अगर आप उस आसन को करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है, तो आपके लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, गरुड़ासन के लिए कुछ सावधानियां इस तरह से हैं:
  • अगर आपके टखनों, घुटनों या कोहनियों में चोट लगी है या पैरों में दर्द हो रहा है, तो ऐसे में इस आसन को न करें।
  • गठिया रोग से पीड़ित मरीज इस आसन से दूर रहें। हां, ऐसे मरीज डॉक्टर की सलाह पर योग विशेषज्ञ की देखरेख में यह आसन कर सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाएं इस आसन को न करें। इस आसन को करते वक्त उनके गिरने का डर हो सकता है।
इस लेख को पढ़ने के बाद यह तो स्पष्ट हो ही गया होगा कि गरुड़ासन क्या है और यह किस तरह से शारीरिक फायदा पहुंचाने का काम कर सकता है। साथ ही इस अभ्यास को प्रभावी बनाने के लिए बताए गए आसनों को भी करने का प्रयास करें। इसके अलावा, आपको गरुड़ासन करने का सही तरीका भी स्टेप बाय स्टेप बताया गया है। अगर आप पहली बार इस आसन को करने जा रहे हैं, तो योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। साथ ही गंभीर रोग से पीड़ित मरीज डॉक्टरी सलाह के बिना इस आसन को न करें। उम्मीद करते हैं कि यह आसन आपको लाभ पहुंचाने का काम करेगा। अगर आपने मन में गरुड़ासन से जुड़ा कोई अन्य सवाल है, तो बेझीझक नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते हैं।


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