हलासन का नाम हल शब्द से रखा गया है। हल यानी खेती के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला यंत्र। जैसे की हल खेत को बीज बोने के लिए तैयार करता है, उस ही तारा हलासन शरीर और दिमाग़ को गहरी कायाकल्प के लिए तैयार करता है।
इस लेख में हलासन के फायदों और उसे करने के तरीको के बारे में बताया है। साथ ही इस लेख में हलासन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। लेख के अंत में हलासन से संबंधित एक वीडियो शेयर किया गया है।
हलासन के फायदे -
- हर आसन की तरह हलासन के भी कई लाभ होते है। उनमें से कुछ है यह-
- दिमाग को शांत करता है।
- पेट के अंगो और थायराइड ग्रथिं को उत्तेजित करता है।
- तनाव और थकान कम कर देता है।
- कमर दर्द,सिर दर्द बांझपन,अनिद्र,साइनस के लिए चिकित्सीय।
हलासन करने से पहले यह आसन करें -
हलासन करने से पहले आप यह आसन कर सकते हैं इनसे आपकी हॅम्स्ट्रिंग, कूल्हे, और जांघे पर्याप्त मात्रा में खुल जाएँगे।
- बालासन
- सेतुबंधासन
- विरासन
- सर्वांगासन
हलासन करने का तरीका -
हलासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें।
- पीठ के बल सीधे लेट जायें। बाज़ुओं को सीधा पीठ के बगल में ज़में पर टिका कर रखें।
- साँस अंदर लेते हुए दोनो टाँगों को उठा कर “अर्ध-हलासन” में ले आयें (नीचे चित्र में दूसरी मुद्रा देखें)।
- कोहनियों को ज़मीन पर टिकाए हुए दोनो हाथों से पीठ को सहारा दें (नीचे चित्र में तीसरी मुद्रा देखें)। इस मुद्रा में 1-2 साँस अंदर और बाहर लें और यह पक्का कर लें की आपका संतुलन सही है।
- अब टाँगों को बिल्कुल पीछे ले जायें। दृष्टि को नाक पर रखें। अगर आपको यह करने से दिक्कत होती है संतुलन बनाए रखने में तो दृष्टि को नाभी पर भी रख सकते हैं।
- अगर आपके कंधों में पर्याप्त लचीलापन हो तो हाथों को पीछे ले जा कर जोड़ लें। अगर यह संभव ना हो तो उन्हे पीठ को सहारा देती हुई मुद्रा में ही रखें।
- अपनी क्षमता के मुताबिक 60 से 90 सेकेंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से पैरों को वापिस ले आयें। शुरुआत में कम देर करें (30 सेकेंड भी पर्याप्त है) और धीरे धीरे समय बढ़ायें।
मार्जरी आसन करने का आसान तरीका -
- नीचे दिए गये चित्र को देखें: अगर आपकी गर्दन में लचीलापन कम हो तो कंधों के नीचे एक तौलिया लगा लें ऐसा करने से गर्दन को आराम मिलेगा।
- अगर आपको पूरी तरह वापिस मुड़ने में कठिनाई हो तो पैरों को एक योगा ब्लॉक पर टिका सकते हैं। अगर और आसान बनाना चाहें तो पैरों को एक कुर्सी पर भी टिका सकते हैं।
हलासन करने में क्या सावधानी बरती जाए -
- दस्त,सिरदर्द हाई बीपी माहवारी या गर्दन में चोट हो तो हलासन ना करे।
- क्योकि यह एक कठिन आसन है,इसे शुरूआत में किसी गुरू के निर्देशन में ही करे।
- टपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर ना लगाये।
हलासन करने के बाद आसन -
- कर्नापीडासन
- उध्र्व पद्यासन
- पिण्डासन
- मत्स्यासन
- उत्तान पादासन
- शीर्षासन
हलासन का वीडियो -
हलासन को ठीक से करने के लिए यह वीडियो ध्यान से देखें।
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