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धुंधला दिखने के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज
अचानक से आंखों के सामने धूंधला सा छा जाता है और कुछ भी देखने से हमें वह चीजें साफ नहीं दिखती हैं। आंखों के यह धूंधला दिखाई देने के कई कारण हो सकते हैं, अगर यह समस्या बार- बार हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना बहुत जरूरी है।
धुंधला दिखना क्या होता है?
धुंधला व साफ न दिखना एक बहुत आम समस्या है और आमतौर पर इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं होती है। धुंधला दिखने का मतलब यह हो सकता है कि आपको अपना चश्मा या कांटेक्ट लेंस बदलवाने की आवश्यकता है। हालांकि, थोड़े-थोड़े समय में धुंधला दिखना किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है और कुछ बीमारियों के कारण भी आपको अचानक से धुंधला दिखने लग सकता है। यह समस्या कुछ समय के लिए भी रह सकती है या लम्बे समय तक भी आपको प्रभावित कर सकती है व समय के साथ और भी बिगड़ सकती है।
ज़्यादातर मामलों में धुंधली दृष्टि किसी सामान्य कारण की वजह से होती है और इसका इलाज संभव होता है। लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
धुंधला दिखने के साथ आपको कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे आंखों में दर्द, आंखों में सूखापन और आँखों के साइड में न देख पाना।
धुंधला दिखने का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। निकट दृष्टि दोष (मायोपिया), दूर दृष्टि दोष (हाइपरमेट्रोपिया) और एस्टिग्मेटिज़्म जैसे विकारों के लिए चश्मे और लेंस का उपयोग किया जाता है।अगर आपको धुंधला दिख रहा है और आप इसके लिए कोई उपचार नहीं लेते, तो स्थिति बिगड़ सकती है और आपकी आँखों की रौशनी हमेशा के लिए जा सकती है।
धुंधला दिखने के लक्षण
कुछ मामलों में, धुंधला दिखने के साथ-साथ एक या दोनों आंखों में कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जिसका कोई न कोई कारण होता है। यह लक्षण निम्नलिखित हैं –
- आंखों में दर्द होना
- आंखों से रिसाव होना
- आंखों के साइड से न देख पाना
- सीधा न देख पाना
- रात में ठीक से न देख पाना
- आंख अधिक लाल होना
- आंखों का सूखना
- आंखों में खुजली होना
- अधिक आंसू निकलना
- आंखों से खून निकलना
- पास की नज़र कमजोर होना
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (Photophobia)
- आंखों के सामने धब्बे या तैरती हुई चीज़ें दिखना (Floaters or spots)
डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर आपको अचानक धुंधला दिखने लगता है और और निम्नलिखित लक्षण होते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं –
- शरीर के एक साइड की मांसपेशियों को नियंत्रित न कर पाना
- चेहरे की त्वचा का लटक जाना
- तेज सिरदर्द होना
- बोलने में दिक्कत
- देखने में कठिनाई
- अचानक दिखना बंद हो जाना
- आंखों में बहुत तेज़ दर्द होना
- यह लक्षण स्ट्रोक के जैसे होते हैं।
धुंधला दिखने के कारण और जोखिम कारक
धुंधला दिखने की वजह मामूली या किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है। इसके कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –
- आंखों में सूखापन – “ड्राई आई सिंड्रोम” (आंखों में सूखापन) में आपकी ऑंखें पर्याप्त आंसू नहीं बनाती हैं, जिससे आपको धुंधला दिखने लगता है।
- आंखों पर दबाव – कभी-कभी नींद पूरी न होने या ज़्यादा देर धूप में रहने से आंखों पर बहुत अधिक दबाव बनता है, जिससे कुछ समय के लिए धुंधला दिखने लगता है। यह आराम करने से ठीक हो जाता है।
- नज़र कमजोर होना – दूर या पास की चीज़ें देखने में समस्या होने से धुंधला दिख सकता है।
- एस्टिग्मेटिज़्म (Astigmatism) – “एस्टिग्मेटिज़्म” में “कॉर्निया” (Cornea) की गोलाई सामान्य नहीं होती, जिससे दूर की चीज़ें धुंधली दिखने लगती हैं।
- प्रेगनेंसी – प्रेगनेंसी के दौरान हॉर्मोन के कारण आँखों की आकृति बदलती है, जिससे धुंधला दिख सकता है।
- माइग्रेन – माइग्रेन में सिरदर्द होने से नज़र पर भी असर पड़ता है, जिससे धुंधला दिख सकता है।
- दवाएं और सर्जरी – कुछ खाने वाली व आंख में डालने वाली दवाओं से धुंधला दिख सकता है। यह समस्या नज़र के लिए की जाने वाली “लेसिक” (LASIK) सर्जरी के कारण भी हो सकती है।
- फ्लोटर्स (Floaters) – आँखों के सामने तैरती हुई चीज़ें दिखने से धुंधला दिख सकता है। यह समस्या ज़्यादातर उम्र के साथ होती है लेकिन अचानक से फ्लोटर्स दिखने पर अपने डॉक्टर के पास जाएं।
- लेंस या चश्मा – गलत नंबर के लेंस या चश्मे पहनने से या अधिक समय तक लेंस लगा कर रखने से धुंधला दिखने की समस्या हो सकती है।
धुंधला दिखने के कुछ अन्य गंभीर कारण निम्नलिखित हैं –
- स्ट्रोक
- मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस
- अन्य कारण (जैसे ब्रेन ट्यूमर)
- आंखों के संक्रमण और बीमारियां
- मोतियाबिंद
- ग्लूकोमा (काला मोतिया)
- शुगर
- हाल ही में आंख की सर्जरी होना या चोट लगना
- आंखों की दवाएं लेना
- धूम्रपान करना
- बुढ़ापा
- शुगर होना
- गर्भावस्था
- हृदय रोग होना
- चिंता या तनाव होना
- सही आहार न लेना
- तंत्रिकाओं से सम्बन्धी समस्याएं होना
- आंखों पर दबाव पड़ना
- माइग्रेन या बार-बार सिरदर्द होना
- आंखों का सूखापन होना
- गर्भावस्था के दौरान माँ को कोई संक्रमण होना
- तीस हफ़्तों के समय से पहले जन्म होना
- जन्म के समय वज़न 1500 ग्राम से कम होना
- “सिकल सेल एनीमिया” (Sickle cell anemia: शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी से लाल रक्त कोशिकाओं का सख्त हो जाना)
- हाई बीपी होना
- थायराइड होना
- आंख का संक्रमण होना
- ज़्यादा समय के लिए धूप में रहना
- परिवार में से किसी को आंखों से सम्बंधित समस्याएं होना
- परिवार में से किसी को चयापचय (Metabolic) या अनुवांशिक सम्बन्धी समस्याएं होना
धुंधला दिखने से बचाव
धुंधली दृष्टि के कुछ कारणों से बचने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन अपनी आंखों की देखभाल करने से जीवनशैली के कारण होने वाला दृष्टि का धुंधलापन रोका जा सकता है
स्वस्थ नज़र बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय करें –
- बहुत अधिक या कम रौशनी में काम करने से आंखों पर दबाव पड़ता है। ऐसी रौशनी में काम करें जिसमें
- आपकी ऑंखें पूरी तरह से खुल पाए और उनपर कोई दबाव न बने।
- धूप में बाहर जाते समय आँखों पर धूप का चश्मा पहनें।
- एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ए से भरपूर आहार लें।
- सिगरेट न पिएं।
- अपनी आंखों की नियमित जाँच कराएं। खासकर अगर आपके परिवार में किसी को कोई आंखों से सम्बंधित समस्या है या थी।
- संक्रमण से बचने के लिए लेंस लगाते और उतारते समय अपने हाथ धोएं।
- घर में पेंट व रिपेयर जैसे काम करते समय और भरी मशीन चलाते समय आँखों पर चश्मा पहनें।
- अगर आप कंप्यूटर पर लगातार काम करते हैं या किताब पढ़ते हैं, तो हर 15 मिनट में अपनी आंखें उनसे हटाकर कहीं और देखें, जिससे आंखों को आराम मिलेगा।
- नींद पूरी न होने से धुंधला दिख सकता है, इसीलिए पर्याप्त नींद लें।
- अगर चिंता के कारण आपको धुंधला दिखता है, तो चिंता कम करने के लिए मनोचिकित्सक से बात करें, व्यायाम करें और डॉक्टर से बात पूछ कर दवाएं लें।
- मैडिटेशन करें।
धुंधला दिखने का परीक्षण
धुंधला दिखना अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, यह किसी समस्या का लक्षण होता है।
इस समस्या का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर सबसे पहले आपके लक्षणों की जांच करेंगे और आपकी व आपके परिवार के सदस्यों की आंखों से सम्बंधित समस्याओं की भी पूछताछ करेंगे।धुंधली दृष्टि की वजह का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं –
ब्लड टेस्ट (Blood test) – ब्लड टेस्ट से यह पता चलता है कि खून में कोई बैक्टीरिया मौजूद है या नहीं। आपके डॉक्टर ब्लड टेस्ट से सफ़ेद रक्त कोशिकाओं की गिनती का भी पता लगा सकते हैं, जिससे संक्रमण का पता चलता है।
रेफ्रेक्शन टेस्ट (Refraction test) – इस टेस्ट से लेंस और चश्मे के लिए आपकी आँखों के नंबर का पता चलता है। इसमें आपको एक चार्ट पढ़ने के लिए कहा जाता है जिससे यह पता चलता है कि आपको चश्मे की ज़रूरत है या नहीं।
टोनोमेट्री (Tonometry) – इस परीक्षण में आपको पूरी ऑंखें खोलकर सामान्य तरह से साँस लेने के लिए कहा जाता है। डॉक्टर एक उपकरण के प्रयोग से एक-एक कर के आपकी दोनों आंखों के दबाव को देखते हैं।
स्लिट-लैंप टेस्ट (Slit-lamp test) – इस परीक्षण में आपके डॉक्टर एक मशीन की मदद से आंख के आगे और पीछे की बनावट को देखेंगे। इस परीक्षण से उन्हें यह पता चलता है कि आंख ठीक से काम कर रही है या नहीं।
धुंधला दिखने का इलाज
धुंधला दिखने का उपचार इसकी वजह से पर निर्भर करता है।
- फ्लोटर्स (Floaters) – आँखों के सामने तैरती हुई वस्तुएं दिखना अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन ठीक न होने पर इसके लिए लेज़र सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इस सर्जरी में लेज़र की किरणों का उपयोग कर के फ्लोटर्स को ठीक किया जाता है जिससे या तो वह गायब हो जाते हैं या फिर उनसे होने वाली परेशानी कम हो जाती है।
- मायोपिया (Myopia)/ हाइपरमेट्रोपिया (Hypermetropia)/ एस्टिग्मेटिज़्म (Astigmatism)/ प्रेस्बायोपिया (Presbyopia) – इन समस्याओं के कारण दृष्टि में होने वाले धुंधलेपन को आमतौर पर चश्मे या लेंस से ठीक किया जाता है। इनके इलाज के लिए सर्जरी का भी उपयोग किया जा सकता है, जिससे चश्मा या लेंस लगाने की आवश्यकता नहीं रहती।
- ड्राई आई सिंड्रोम (Dry eye syndrome) – आँखों के सूखने पर आर्टिफीशीयल (Artificial) आंसुओं के उपयोग से आँखों में नमी बढ़ाई जा सकती है, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में दवाओं की और ऐसे उपकरणों की आवश्यकता होती है जो आंसू बाहर निकालने वाली नली को बंद करते हैं और आँख की नमी बढ़ाते हैं।
- थकान – पूरी नींद लें और कोशिश करें कि आपकी ऑंखें सूखे नहीं व थकान न हो। अगर आवश्यकता है तो अपने डॉक्टर से पूछ कर आंखों में नमी बनाने वाली दवाओं का प्रयोग करें। (और पढ़ें – थकान दूर करने के घरेलू उपाय)
- शुगर – अगर आपको शुगर के कारण अचानक धुंधला दिखने लगा है, तो आपको दवाओं या अन्य उपायों से शुगर को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है।
अचानक धुंधला दिखना एक सामान्य समस्या हो सकती है जो अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि, दोहरा दिखना या एक सीध के अलावा साइड में कुछ न देख पाने का मतलब एक गंभीर समस्या हो सकती है जिसका तुरंत इलाज होना चाहिए।
धुंधला दिखने की जटिलताएं
अगर आपको किसी नज़र की समस्या के कारण धुंधला दिख रहा है, तो यह आसानी से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर आपको शुगर, ग्लूकोमा या मोतियाबिंद के कारण धुंधला दिख रहा है और आप इसके लिए कोई इलाज नहीं ले रहे हैं, तो इससे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं और आपकी आंखों की रौशनी भी जा सकती है।
आंखों से धुंधला दिखाई देने पर घरेलू उपाय
आंवला जूस – अगर आंखों से धुंधला दिखाई देता है तो प्रतिदिन आंवला जूस का सेवन करना चाहिए आंवला जूस पीने से आंखों की रोशनी तेज होती है इसके लिए दो चम्मच आंवला जूस आधे कप पानी में मिलाकर पीने से शीघ्र ही आंखों की ज्योति बढ़ती है।
गुलाबजल – पूरी तरह से ठीक नींद नहीं ले पाने के कारण कभी-कभी आंखें लाल हो जाती है और दर्द करने लगती है इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दिन में 3 बार आंखों में गुलाबजल डालने से आंखों की लाली दूर होती है और दर्द में आराम मिलता है.
मिश्री काली मिर्च और सौंफ – आंखों में जलन होने पर मिश्री काली मिर्च और सौंफ को पीसकर समान मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें अब इस जून को प्रतिदिन दिन में दो बार सेवन करें ईश्वर आंखों की जलन दूर होगी और आंखों की ज्योति बढ़ेगी.
ज्यादा टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल आदि चलाने के कारण या, धूप में जाने पर प्रदूषण के कारण आंखों से पानी निकलता हैं तो रात को त्रिफला के चूर्ण को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठकर इस पानी छानकर इस पानी से आंखों में छींटे मारे इससे आंखों की ज्योति बढ़ेगी और आंखों के कई रोग जैसे कम दिखाई देना, धुंधलापन, पीलापन, आँखो की लाली ओर आँखो की जलन आदि दूर होंगे। यह एक रामबाण उपाय है।
आंवला और गाजर के जूस – किसी किसी को आंखों में तेज जलन होती है जिसका कारण है आंखों में सूखापन आंखों में पानी का ना बनना इस समस्या से निदान के लिए प्रतिदिन आंवला और गाजर के जूस का सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों का सूखापन दूर हो जाता है।
आंखों के लिए ऐक्सरसाइज
कमजोर आंख की मसल्स को ठीक करने के लिए एक उपकरण द्वारा आंख से इमेज देखने को कहा जाता है और फिर उन्हें दोनों आंखों से जोड़ने को कहा जाता है.
नाक की सीध में हाथ को तानते हुए उस में पैन या पैंसिल पकड़ते हैं. पैन की नोक पर नजर टिका कर उसे धीरेधीरे नाक के पास लगभग 10 सैंटीमीटर दूर तक लाते हैं. फिर वापस हाथ ताने हुए नाक की सीध में ले जाते हैं. इस प्रक्रिया से भी आंख की मसल्स में ताकत आती है.
जिस आंख से ठीक दिख रहा है, उसे हाथ से बंद करने को कहा जाता है और जिस से कम दिख रहा है उस से देखने को कहा जाता है ताकि देखने की ताकत डैवलप हो.
इस के अलावा यदि आंख चोटग्रस्त हुई है या उस में कैटरैक्ट या अन्य कोई दोष हो गया है, तो उसे सर्जरी द्वारा दूर किया जाता है पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आंख में कोई बीमारी हो या कम दिखे तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें ताकि आंख ठीक हो सके. डाक्टर चश्मे के लिए कहें तो सही चश्मे का प्रयोग करें. आंखें अनमोल हैं, इन्हें संभाल कर रखें.
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