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बबूल के फायदे और नुकसान

 
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बबूल या कीकर 'अकैसिया' (Acacia) प्रजाति का एक पेड़ होता है। यह अफ्रीका महाद्वीप और भारतीय उपमहाद्वीप में मुख्य रूप से पाया जाता है। यह एक कांटेदार पेड़ होता है। बबूल के पेड़ मध्यम आकार के होते हैं। इसके पेड़ की छाल भूरे रंग और सूखी होती है। इसकी शाखाएं गोल, नरम और मुड़ी होती है। इसकी पत्तियां बहुत छोटी और 4- 9 पत्तियों के समूह में होती है। इसके फूल गोल एवं पीले होते हैं और 4-6 फूल के समूह में होते हैं। इसकी लकड़ी को जलाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

बबूल के पेड़ के फायदे हैं दस्त में उपयोगी -

बबूल के पेड़ के विभिन्न भाग अपनी शक्ति के कारण दस्त में उपयोगी होते हैं। सफेद और काले जीरे के साथ, इसकी कोमल पत्तियों के बराबर भाग का मिश्रण 12 ग्राम की खुराक के रूप में लिया जाता है। दैनिक रूप से तीन बार इस मिश्रण का सेवन करें। इसकी छाल से बने अर्क को भी दिन में तीन बार लिया जा सकता है। यह दस्त के लिए प्रभावी दवा है।

बबूल के औषधीय गुण हैं घाव भरने में लाभकारी - 

बबुल के पत्तों को घाव भरने के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। बबुल के पत्ते और छाल में रक्तस्राव और संक्रमण को नियंत्रित करने की क्षमता होती है, जिससे घावों, कट्स और चोटों को ठीक किया जा सकता है। 

बबूल के लाभ बालों के स्वास्थ्य के लिए - 

बबुल के पत्ते बालों के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। बालों का झड़ना नियंत्रित करने के लिए, खोपड़ी पर बबूल के पत्तों का पेस्ट लगाएं। अच्छे परिणाम के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले शैम्पू के साथ 30 मिनट के बाद बाल धो लें। हमेशा अपने बालों को धोने के लिए गुनगुने पानी का उपयोग करें। 

बबूल का उपयोग रखे दांतों को मजबूत - 

रोज़ इस पेड़ की ताजा छाल को चबाने से, ढीले दांतों को मजबूत करने और मसूड़ों से बह रहे खून को रोकने में मदद मिलती है। गंदे दांतों को इसके पाउडर के साथ ब्रश करने से साफ किया जा सकता है। इस पाउडर को बनाने के लिए 60 ग्राम बबूल की लकड़ी का कोयला, 24 ग्राम भुनी हुई फिटकरी और 12 ग्राम सेंधा नमक उपयोग किया जाता है। 

बबूल के गुण करें एक्जिमा का इलाज - 

एक्जिमा के उपचार में बबूल के पेड़ की छाल उपयोगी होती है। 25 ग्राम बबूल की छाल और 25 ग्राम आम की छाल को लगभग 1 लीटर पानी में उबालें और इसकी भाप से प्रभावित हिस्से को सेंकें। फोमेंटेशन के बाद, प्रभावित भाग को घी के साथ मालिश करनी चाहिए। 

बबूल का सेवन करे टॉन्सिल्स को ठीक - 

टॉन्सिल्स को ठीक करने के लिए बबुल का पेड़ बेहद फायदेमंद होता है। इसकी छाल से बने काढ़े में सेंधा नमक को मिक्स करें। इसके बाद इस मिश्रण को टॉन्सिल्स का उपचार करने के लिए गरारे करने के लिए इस्तेमाल करें। 

बबूल फॉर स्किन - 
खुजली और ड्राईनेस से छुटकारा पाने के लिए बबूल के पत्ते और छाल फायदेमंद होते हैं। सर्दियों के दौरान त्वचा का ड्राई होना एक बड़ी समस्या होती है। खुजली वाली जगह में बबूल के पेस्ट को लगाने से, आपको राहत मिलती है। इसके सूजन को कम करने वाले गुणों के कारण, यह अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए भी अच्छे होते हैं। इसके अलावा बबूल का प्रयोग युवा दिखने के लिए भी फायदेमंद है। यह त्वचा को पोषित करता है। यह कॉस्मेटिक कंपनियों द्वारा अस्ट्रिन्जन्ट और स्किन क्लीन्ज़र बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। 

कीकर के फायदे करें कंजंक्टिवाइटिस का इलाज - 
आंख आने को नेत्रश्लेष्मलाशोथ या कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक असहज और परेशान करने वाली स्थिति होती है। लेकिन कंजंक्टिवाइटिस के उपचार में कीकर के पेड़ के पत्ते बहुत लाभकारी होते हैं। इन पत्तियों से एक पेस्ट तैयार करें और रात में प्रभावित आँखों पर लगाएं। यह दर्द और लालिमा को हटा देता है। 

बबूल की पत्तियां हैं एपिफॉरा में उपयोगी - 
एपिफॉरा (Epiphora - आँखों में आँसू इकट्ठा होने का रोग) के उपचार के लिए बबुल के पेड़ के पत्ते लाभकारी होते हैं। इस रोग में आँसू, आँखों की जल निकासी प्रणाली (Tear Drainage System) की असामान्यता के कारण बहते हैं। लगभग 250 ग्राम पत्तियों को एक लीटर पानी में लगभग एक चौथाई लीटर पानी बाकी रहने तक उबालें। इसके बाद इसे अच्छे से छान कर रख लें। अब इस तरल को आँखों के ऊपर पलकों पर सुबह और शाम उपयोग करें।

कीकर के लाभ हैं ल्यूकोरिया में उपयोगी - 
कीकर के पेड़ की छाल, ल्यूकोरिया या सफ़ेद स्राव में बहुत ही उपयोगी होती है। इससे बने काढ़े को इस विकार के इलाज के लिए वैजिनल वाश (योनि को साफ करने के लिए) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। 

बबूल के नुकसान - 
  • कब्ज में बबूल का उपयोग करना लाभकारी नहीं होता है। (और पढ़ें - कब्ज दूर करने के घरेलू उपाय)
  • बहुत कम मामलों में, बबूल की गोंद से एलर्जी हो सकती है। इस एलर्जी से आपको श्वसन और त्वचा की समस्या हो सकती है।  
  • अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से लिवर और गुर्दे को भी नुकसान पहुंच सकता है। 


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