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गेहूं के जवारे के फायदे और नुकसान

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प्रकृति में ना जाने कितने ही जड़ी-बूटी मानव जीवन का उद्धार करने के लिए समाविष्ट हैं। उनमें से एक है - गेंहू के जवारे (wheatgrass)। गेंहू के जवारे में क्लोरोफिल, विटामिन्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयोडीन, सेलेनियम, जिंक, आयरन आदि तत्व अच्छी मात्रा में निहित हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ट्रिटिकम एस्थिवम (Triticum aestivum)है। इसे पोषक तत्वों का घर माना जाता है जो विशेष रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त करने और कैंसर से लड़ने के लिए जाना जाता है।

पहली बार गेंहू के जवारे के स्वास्थ्य लाभ तब प्रकाश में आए जब पश्चिमी दुनिया के लोगों ने 1930 के दशक में इसका सेवन किया। कृषि रसायनज्ञ चार्ल्स एफ शनाबैल द्वारा इस जड़ी बूटी के उपयोग पर कई प्रयोग किए गए। गेंहू के जवारे को आमतौर पर गेहूं के पौधे के बढ़ने और भूरे रंग में बदलने से पहले काटा जाता है।

इसके और भी कई स्वास्थ्य लाभ हैं जो की निम्नलिखित हैं:-

गेहूं के अन्य फायदे - 

  • गेहूं के जावरे मुँहासों को ठीक करने में मदद करते हैं। 
  • इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुणों के कारण, गेहूं के जावरे का पाउडर घाव, कीड़े के काटने, त्वचा पर चकत्ते, और खरोंच के लिए अच्छा उपाय है।
  • गेहूं के जावरे के पाउडर में पाए जाने वाले क्लोरोफिल का अधिक स्तर, आपके शरीर हीमोग्लोबिन का उत्पादन करता है। इसलिए, यह एनीमिया को भी ठीक करने में मदद करता है।
  • गेहूं के जवारे डायबिटीज के प्राथमिक चरण या उन्नत चरण को नियंत्रित कर सकता है। 
  • शराब पिने के बाद होने वाले हैंगओवर का भी गेहूं के जवारे से इलाज किया जा सकता है।
  • एक अध्ययन से पता चला है कि अवसाद से पीड़ित लोगों के लिए गेहूं के जावरे का सेवन काफी फायदेमंद होता है।
  • इसमें बायोफालावोनॉयड (bioflavonoid) होता है जिसे एपिगेनिन (apigenin) कहा जाता है जो कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकता है।
  • गेहूं का पाउडर नियमित रूप से खाने पर पुरुषों और महिलाओं दोनों के ही प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।

गेहूं के जवारे खाने का सही समय -

गेहूं के जवारे का आप किसी भी समय सेवन कर सकते हैं। हालांकि, अधिकतर लोग इसे सुबह के समय कहते हैं। आप खाना खाने से पहले भी इसका सेवन कर सकते हैं, इससे आपके शरीर को जरुरी पोषक तत्व प्रदान होगें और आप स्वस्थ महसूस करेगें। 

पोषक तत्त्
पोषक तत्त्व

गेहूं के जवारे खाने का सही तरीका - 

  • गेहूं के जवारे, पाउडर, रस और कैप्सूल के रूप में मिलते हैं।
  • इसके अलावा इसके स्वस्थ लाभों को उठाने का  सबसे अच्छा तरीका है आप घर पर गेहूं का उत्पादन कर के उसका सेवन करे।
  • गेहूं के जवारे का रस को पीने के अलावा, आप अपनी पसंदीदा हरी सब्जी के साथ इसे मिलाकर जूस बना सकते हैं।
  • आप गेहूं के जवारे के रस को सलाद, चाय या अन्य पेय पदार्थों में भी मिला सकते हैं।

गेहूं के जवारे की तासीर - 

गेहूं के जवारे की तासीर ठंडी होती है। इसका उपयोग गर्मियों में ज्यादा किया जाता है क्यूंकि यह शरीर में ठंडक पहुंचता है। परंतु इसका नियमित रूप से ही सेवन करें, इसका अधिक सेवन शरीर को नुक्सान पहुंचा सकता है।

गेहूं का जवारे त्वचा के लिए - 

यूवी किरणों के अधिक संपर्क में आने से आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है और यह सनबर्न का कारण बन सकता है। सनबर्न न केवल दर्दनाक हैं, बल्कि इनका लंबे समय तक रहना कैंसर का कारण भी बन सकता है। सनबर्न को ठीक करने के लिए ये तरीका आजमाएं- 

1. गेहूं के जवारे का पाउडर और पानी को साथ में मिलाएं।
2. प्रभावित क्षेत्र पर इस मिश्रण को लगाएं।
3. लगाने के बाद, इसे 5 से 10 मिनट के लिए चेहरे पर रहने दें और फिर, मुँह को धो लें।
4. सनबर्न से राहत पाने के लिए सप्ताह में दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं।

गेहूं के जवारे सूजन के लिए -

शरीर में चोट और संक्रमण की रक्षा करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा सूजन एक सामान्य प्रतिक्रिया है। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि सूजन, हृदय रोग और ऑटोम्यून्यून विकार (autoimmune disorders) जैसी स्थितियों में होती है। कुछ रिसर्च से पता चला है कि गेहूं के जवारे और उसमें शामिल घटक, सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक अध्ययन द्वारा, 23 लोगों में अल्सरेटिव कोलाइटिस (बड़ी आंत में सूजन) जैसी समस्या में गेहूं के जवारे का जूस पिने का अच्छा प्रभाव देखा है।

गेहूं के जवारे का उपयोग साइनस में - 
गेहूं के जवारे साइनस के लिए भी प्रभावशाली हो सकते हैं क्यूंकि यह प्रतिरक्षा को सुधारता है और सूजन को कम करने में मदद करता है।

कुछ लोग साइनस के इलाज के लिए गेहूं के जवारे का रस नाक में डालते हैं ताकि यह टॉक्सिन्स को खींचकर, श्लेष्म को तोड़कर साइनस को साफ़ कर सके। पर आप गेहूं के जवारे का जूस भी पि सकते हैं और साइनस से राहत पा सकते हैं।

गेहूं के जवारे का फायदा है शरीर को विषाक्त प्रदार्थों से मुक्त करना - 
शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है अन्यथा शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। गेंहू के जवारे का पाउडर के रूप में सेवन किया जा सकता है जिसमें अधिक मात्रा में क्लोरोफिल पाया जाता है, जो शरीर में डिटॉक्सिफिकेशन की क्रिया को अंजाम देने में सहायक होता है। यह ना केवल रक्त में उपस्थित विषाक्त प्रदार्थों से छुटकारा दिलाता है बल्कि शरीर की हर एक कोशिका में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।

गेहूं के जवारे का लाभ है पौष्टिक तत्व देना - 
गेहूं के जवारे कई विटामिन और खनिजों का एक बहुत अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और एमिनो एसिड की अधिक मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा, इसमें 17 एमिनो एसिड होते हैं जिनमें में से आठ हमारे शरीर के लिए काफी जरुरी हैं। आपका शरीर इन आठ एमिनो एसिड को खुद उत्पन्न नहीं कर सकता है इसलिए उन्हें खाद्य स्रोतों से प्राप्त किया जाता है। गेहूं में भी क्लोरोफिल (chlorophyll) होता है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसलिए गेंहू के जवारे को बेहद ही पौष्टिक माना जाता है। इसलिए अस्वस्थ जंक फूड को चबाना छोड़ें और उसकी बजाय गेंहू के जवारे का सेवन कर अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार लायें।

गेंहू के जवारे के रस से मोटापा घटायें - 
कई अनुसंधानों में यह पाया गया है कि गेंहू के जवारे के रस में अधिक मात्रा में फाइबर होने की वजह से यह वज़न घटाने में सहायक बन सकता है। यह शरीर को जंक फूड द्वारा बढ़ाये गए अधिकतम वसा को घटाने के लिए ऊर्जा प्रदान करता है जिससे आप अधिक कसरत कर पाएंगे और वज़न कम करने में सहायता होगी। तो जल्दी से इसे अपनी आहार योजना में शामिल करें और स्वस्थ वज़न का लाभ उठाएं। इसके अलावा, यह पाउडर आपके थायराइड ग्रंथि (thyroid gland) को उत्तेजित करके वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है। गेहूं के जवारे का पाउडर जूस में मिलाकार पिया जा सकता है, जो स्वादिष्ट भी है और अनेक स्वास्थ लाभों से भी भरपूर है। 

गेंहू के जवारे के रस का फायदा है मौखिक स्वास्थय का संरक्षण करना -
गेहूं में एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं जो मुंह के स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। गेंहू के जवारे के रस से कुल्ला करने से मुंह, दांत व मसूड़ों में उपस्थित सारे कीटाणुओं का नाश हो जाता है और आपको बहुत ही तरोताज़ा महसूस होता है। गेहूं के जवारे में क्लोरोफिल मौजूद होता है, जो की 2007 में जर्नल सल-ब्रासिलिरा डी ओडोंटोलिया (Revista Sul-Brasileira de Odontologia) द्वारा एक अध्ययन के मुताबिक, एंटीमिक्राबियल गुणों का एक स्त्रोत हैं। यदि आप मुँह की बदबू से लज्जित हैं तो 4-5 गेंहू के जवारे को मुंह में रखकर चबाएं और दिन में दो बार अवश्य ब्रश करें। इससे आपकी इस समस्या का समाधान केवल 5 दिनों में हो जाएगा। गेहूँ के जवारे के पाउडर से मालिश करने से मसूड़ों से आने वाला खून बंद हो जाता है। यह कैनडीडा अल्बिकन्स (candida albicans) को भी ठीक करने में मदद करता है।

गेंहू के जवारे दिलाता है कब्ज़ से राहत - 
यह फाइबर का एक अच्छा स्रोत है जो कब्ज़ के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। गेंहू के जवारे शरीर में मेटाबोलिज्म (metabolic) क्रियाओं को उत्तेजित कर मल त्याग क्रिया को आसान बना देता है। यह मल-त्याग क्रिया को विनियमित कर कब्ज़ पर रोक लगातें हैं और रेक्टल ब्लीडिंग से भी बचाते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी (American Cancer Society) के अनुसार, गेहूं के जवारे के पाउडर में कुछ ऐल्कलाइन खनिज (alkaline minerals) होते हैं जो अल्सर, कब्ज और दस्त से राहत देने में मदद करते हैं। गेहूं के जवारे में मैग्नीशियम की अधिक मात्रा भी कब्ज को ठीक करती है।

गेंहू के जवारे का रस है उबकाई (जी मिचलाना) का उपचार - 
गेंहू के ज्वारे के सेवन से शरीर को स्वच्छ एवं विषाक्त प्रदार्थों से दूर रखा जा सकता है। इसका जूस पीने से सारा कफादि मल शरीर से निकल जाता है और उबकाई बहुत हद तक कम हो जाती है।

गेंहू के जवारे लगाता है बुढ़ापे पर विराम - 
बुढ़ापा एक ऐसा दौर है जिसे आने से कोई नहीं रोक सकता है और लोगों को इसे समय के बदलाव का नाम देकर अपनाना ही पड़ता है। परंतु वह स्थिति बहुत ही दुखदायक होती है जब समय से पहले बुढ़ापा दरवाज़े पर दस्तक दे देता है। परंतु आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि आपकी इस समस्या का हल गेंहू के जवारे के पास है। गेंहू के जवारे क्लोरोफिल से निहित होता है जो शरीर को ढंग से कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है और बुढ़ापे को जन्म देने वाले प्रदार्थों की रफ़्तार को धीमी कर देता है।

गेहूं के जवारे का फायदा है रक्तचाप को नियंत्रित करना - 
यह रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की संख्या को बढ़ाता है और रक्तचाप को नियंत्रित कर, रक्त के स्तर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। गेहूं के जवारे में शामिल क्लोरोफिल अधिक रक्तचाप और धमनियों को सख्त रखने के उपचार में मदद करता है। इसमें ऑक्सीजन की अधिक मात्रा होती है, इसके साथ ही यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों को भी साफ करने​ में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह रक्त को शुद्ध करता है जिससे रक्तचाप को कम करने में सहायता मिलती है। यह शरीर में ह्रदय रोग के होने की संभावना को भी कम करता है।

गेहूं के जवारे करता है अम्लता का समाधान - 
गेंहू के जवारे स्वाभाविक रूप से क्षारीय (alkaline) होता है जो पेट में समस्या उत्पन्न कर रही एसिडिटी  (acidity) को विफल कर आपकी परेशानी का समाधान करता है। यह शरीर में पी.एच. के स्तर को संतुलित (pH balance) कर समग्र स्वास्थ्य में सुधार लाता है। गेहूं के जवारे का जूस पिने से एसिडिटी की समस्या ठीक हो सकती है। यह दस्त जैसी परेशानी को भी ठीक करने में मदद करता है।

गेहूं के जवारे के नुकसान - 
गेंहू के जवारे का अधिक सेवन करने से आपको सिर-दर्द व उलटी की शिकायत हो सकती है।  इसका सेवन शुरुआत में थोड़ी ही मात्रा में करें। क्योंकि यदि आपका शरीर इसे ढंग से नहीं पचा सका तो आपको डायरिया हो सकता है। धीरे-धीरे आप इसकी खुराक को बड़ा सकते हैं।     यह संभव है कि आपको इससे एलर्जी हो। इसके एलर्जिक होने के आम लक्षण हैं - सूजा हुआ मुंह या फिर गला। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। 



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