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पुदीने के फायदे और नुकसान

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पुदीना एक बहुत मशहूर औषधि है। यह चूइंग-गम, कैंडी, टूथपेस्ट और माउथवॉश में स्वाद लाने के लिए अति लोकप्रिय है। परंतु क्या आप जानते हैं, स्वाद लाने के साथ-साथ यह आपके सेहत में भी सुधार लाता है। यह चिकित्सा जगत में प्रचलित रूप से अरोमाथेरपी में उपयोग किया जाता है। आप पुदीने का इस्तेमाल पत्ते, तेल, चाय आदि के रूप में कर सकते हैं। पुदीना शरीर और मन पर ठंडा और शांत प्रभाव छोड़ता है, जिसकी मुख्य वजह इसमें मौजूद मेन्थॉल है। यह जड़ी बूटी मैंगनीज, तांबा और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है। इसके अलावा यह एंटीऑक्सीडेंट, जीवाणुरोधी, एंटीवायरल आदि गुणों की वजह से भी जाना जाता है। स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए आप पुदीने से बनी चाय या फिर सूप-सलाद का भी सेवन आकर सकते हैं।

पुदीने के फायदे करें इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम का उपचार - 

पुदीना पेट दर्द, ब्लोटिंग इत्यादि इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आई.बी.एस. ) के लक्षणों से राहत दिलाने में सक्षम होता है। डाइजेस्टिव एंड लिवर डिसीज़स जर्नल 2007 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि पुदीने के तेल से 4 सप्ताह उपचार करने से आई.बी.एस.के रोगियों में पेट के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

आई.बी.एस. के लक्षणों से राहत पाने के लिए :-
रोजाना दिन में कई बार पुदीने की चाय पियें।
डॉक्टर से सलाह लेने के बाद आप दिन में दो बार एक महीने के लिए पुदीने के कैप्सूल का भी सेवन कर सकते हैं। 

पुदीने की चाय के फायदे दिलाएँ सिर दर्द से राहत -

पुदीना अलग-अलग तरह के सिर दर्द से आराम दिलाने में भी सहायक है। विशेष रूप से यह माइग्रेन एवं तनाव संबंधित सिर दर्द के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कुछ ख़ास एनलजेसिक प्रभाव होते हैं जो दर्द को कम करने में सक्षम होते हैं। यह रक्त-प्रवाह में भी सुधार लाता है और तनाव ग्रस्त माशपेशियों को शांत करता है। पुदीने के तेल की मनोहर सुगंध का स्मरण-शक्ति एवं एकाग्रता पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।

सिर दर्द को दूर करने के लिए -
जोजोबा के तेल, जैतून के तेल या फिर किसी भी तेल में तीन बूँद पुदीने का तेल मिलाएं और अपने गर्दन के पिछले हिस्से और कनपटी पर लगाएं। 5-10 मिनट के लिए मसाज करें और इसके तेल की सुगंध का भी मजा लें क्योंकि इसकी सुगंध का भी सिर दर्द पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आप एक कप पुदीने की चाय भी पी सकते हैं।

पिपरमेंट के फायदे करें उबकाई को कम - 
पुदीना उबकाई और उल्टी को कम करने में भी सहायक है। यह पाचन क्रिया के लिए आवश्यक एन्ज़ाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे उबकाई बहुत हद तक कम हो जाती है। इंग्लैंड में लिवरपूल विश्वविद्यालय में 1997 के एक अध्ययन के मुताबिक, पुदीना प्रभावी ढंग से उबकाई दूर करने में सहायक है।

उबकाई को कम करने के लिए :-
  • धीरे-धीरे पुदीने से बनी हुई गर्म चाय पियें।
  • आप पुदीने की कैंडी भी खा सकते हैं।
  • या फिर पुदीने के तेल की कुछ बूंदें एक रुमाल पर गिरायें और उसे सूंघ लें। 

पुदीने के पत्ते है मौखिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद - 

पुदीने के एंटी-बैक्टीरियल गुण, मुँह में बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं और दांतो की सड़न एवं मसूढ़े की बीमारी से बचाव करते हैं। इसके अलावा यह आपकी सांस को भी तरो-ताजा कर देता है।

मौखिक विकारों को दूर रखने के लिए -
  • रोजाना चार-पाँच पुदीने की पत्तियां चबाएं।
  • आप पुदीना-युक्त मंजन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • आप पुदीने की चाय का कुल्ला करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

पुदीने के गुण करें अस्थमा से बचाव - 

पुदीना एलर्जी एवं अस्थमा के लक्षणों से लड़ने में भी सक्षम है। यह कफ को कम करती है और फेफड़े, वायुनलियाँ और श्वासनली से बलगम को बाहर निकाल अस्थमा के लक्षणों से राहत दिलाती है। यह एक अच्छा रिलैक्सन्ट है और एलर्जी के मौसम के दौरान यह एलर्जी एवं अस्थमा के लक्षणों से राहत दिलाता है। इसके अलावा पुदीने में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं जो एलर्जी प्रतिक्रियाओं को रोकने में मददगार है।
  • एलर्जी एवं अस्थमा से बचाव के लिए -
  • रोजाना कुछ कप पुदीने की चाय पियें।
  • पुदीने के तेल की कुछ बूंदें नारियल तेल में मिक्स करें और इसे अपने छाती, नाक और गर्दन पर लगाएं। इससे आपको सांस लेने में आसानी होगी। आप यही प्रक्रिया साइनस के उपचार के लिए भी कर सकते हैं।
  • यदि आप कफ से ग्रस्त है तो एक कंटेनर में गर्म पानी डालें और उसमें कुछ बूँद पुदीने के तेल की मिलाकर भाप लें। 

पुदीने का तेल है मांसपेशियों के दर्द में लाभकारी - 

पुदीने में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो मांसपेशियों में हो रहे दर्द से राहत दिलाने में सहायक हैं। पुदीना मांसपेशियों में रक्त-प्रवाह को बढ़ा दर्द को कम करता है। मेंथोल, पुदीने के आवश्यक तत्वों में से एक है जो मांसपेशियों में हो रही सूजन को शांत करने में सक्षम है।
  • मांसपेशियों में हो रहे दर्द से छुटकारा पाने के लिए - 
  • जैतून के तेल या फिर बादाम के तेल में पुदीने का तेल मिला प्रभावित क्षेत्र की आराम से मालिश करें।
  • आप प्रभावित मांसपेशी पर पुदीना-युक्त मरहम भी लगा सकते हैं।

पुदीने का उपयोग करे पाचन क्रिया को उत्तेजित - 

पुदीना बहुत ही आमतौर एवं प्रचलित रूप से अपच का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह पेट की माशपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करता है, पित्त रस के प्रवाह को बढ़ाता है और समग्र पाचन क्रिया में सुधार लाता है। यह पाचन क्रिया को उत्तेजित करने के लिए पाचक एन्ज़ाइम्स के उत्पादन को बढ़ावा देता है। 
  • पाचन क्रिया में सुधार लाने के लिए -
  • रोजाना कुछ कप पुदीने की चाय पियें।
  • अपच का उपचार करने के लिए, एक गिलास गर्म पानी में पुदीने के तेल की कुछ बुँदे डालें और खाना खाने के बाद इसे पी लें।
पुदीने का रस है मुहांसों के लिए - 
पुदीने में प्रबल एंटी-इंफ्लेमेटरी, जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो मुँहासे वाली त्वचा पर चमत्कार दिखाते हैं। यह सीबम के उत्पादन को कम करने में मदद करता है। इस जड़ी बूटी को खुजली और संक्रमित त्वचा को शांत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 
  • मुहांसों को जड़ से मिटाने के लिए -
  • पुदीने के ताज़ा निकाले हुए रस को अपनी त्वचा पर रगडें। 15-20 मिनट के लिए इसे छोड़ दें और फिर ठन्डे पानी से धो लें। त्वचा की स्थिति में सुधार ना आने तक इस विधि को दिन में दो बार दोहराएं।
  • इसके अलावा आप सीधा पुदीना का तेल भी प्रभावित क्षेत्र पर दिन में तीन-चार बार लगा सकते हैं।
पिपरमिंट का उपयोग दें बालों के विकास को बढ़ावा - 
पुदीना आपके बालों के विकास के लिए अत्यंत फायदेमंद है। यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है और रुसी का भी जमकर विरोध करता है। यह सिर की त्वचा के पी.एच. स्तर को भी संतुलन में रखता है।
  • बालों के विकास में वृद्धि लाने के लिए -
  • पुदीने के तेल की कुछ बूँदें जैतून के तेल, नारियल तेल या अपनी पसंद के किसी भी अन्य तेल में मिलाएं।
  • इस मिश्रण से अपने बालों और सिर की मालिश करें और कम से कम 45 मिनट के बाद अपने बालों को शैम्पू से धोएं।
  • इस प्रक्रिया को हर सप्ताह एक या दो बार दोहराएं। 
पेपरमिंट आयल करे शरीर को चिंता-मुक्त - 
पुदीने की स्फूर्तिदायक महक आपको तनाव से तो मुक्त कराता ही है परंतु साथ ही में यह आपकी मानसिक थकान को भी दूर करता है। इसके अलावा इसका शांत कर देने वाला स्वभाव आपको रिलैक्स करने में और अच्छे से सोचने में मदद करता है।
  • तो अगली बार जब आप स्ट्रेस में हो तो -
  • एक रुमाल पर पुदीने के तेल की कुछ बुँदे गिराए और उसकी मनोहर महक को सूँघ कर अच्छा महसूस करें। यह आपके मस्तिष्क को तरो-ताज़ा कर देता है और आपके तनाव को कम कर देता है।
  • अपने नहाने के पानी में पुदीने के तेल की कुछ बुँदे मिलाएं और उससे स्नान कर प्रफुल्लित महसूस करें। आपके नहाने के पानी में, इसके तेल की बजाय पुदीने की कुछ ताज़ी पत्तियां भी मिला सकते हैं।
पुदीने के नुकसान - 
  • हालांकि आमतौर पर पुदीने का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है, इसका इस्तेमाल थोड़ी मात्रा में ही करें।
  • इसे किसी भी रोग का इलाज करने के लिए प्रयोग करने से पहले एक डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
  • जिन लोगों का पित्त पथरी (Gallstones) रोग का इतिहास है, उन्हें इस जड़ी बूटी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  •  उच्च खुराक में पुदीना लेने से, यह गुर्दे की विफलता (Renal Failure) का कारण बन सकता है।


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