सर्पगंधा का पौधा - भारतीय सर्पगंधा (Indian Snakeroot) एक प्रकार की वनस्पती है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है।
सर्पगंधा का वानस्पतिक नाम रावोल्फिया सर्पेंटीना (Rauvolfia Serpentina) है। अपने अलग-अलग गुणों के साथ, दुनिया भर में सर्पगंधा की बहुत सी किस्म होती हैं, लेकिन ज्यादातर सबके मौलिक लाभ एक ही हैं। भारतीय सर्पगंधा दो सदियों से पारंपरिक चिकित्सा में इस्तेमाल किया गया है। क्योंकि यह जड़ीबूटी सर्पदंश में बहुत लाभदायक है, इसलिए इसका नाम सर्पगंधा है।
सर्पगंधा की जड़ को सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है, इसकी जड़ को चबाकर या सुखाकर पाउडर बनाकर आदि तरीकों से खाया जा सकता है। चबाने के द्वारा खपत सबसे पारंपरिक रूप है और अभी भी व्यापक रूप से प्रचलित है।
सर्पगंधा का उपयोग हृदय के लिए -
सर्पगंधा हमारे हृदय की बढती हुई गति को सामान्य करता है। सर्पगंधा की जड़ों का रस अथवा अर्क उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) के लिए एक बहुमूल्य औषधि है। यह धमनियों का सख़्त होना (Atherosclerosis), दिल का दौरा, स्ट्रोक जैसी स्थितियों को रोकने में मदद कर सकता है।
सर्पगंधा के फायदे तनाव को कम करें -
सर्पगंधा हमारे मानसिक तनाव, चिंता तथा उत्सुकता को कम करने में बहुत ही सहायक है। इसका शरीर पर एक हार्मोनल प्रभाव पड़ता है जो कि आपके मूड को पुनर्संतुलित (rebalance) करता है और हल्के अवसाद से बाहर खींच सकता है। कुछ लोग नियमित रूप से सर्पगंधा को हल्के शामक या नशीली दवाओं के एक प्रकार के रूप में चबाते हैं।
घबराहट तथा पागलपन के उपचार में सर्पगंधा की जड़ों का प्रयोग किया जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि यदि मानसिक रूप से पागल किसी व्यक्ति को सर्पगंधा की पत्तियाँ खिलाई जायें तो उसका पागलपन दूर हो जाता है। यही कारण है कि भारत में सर्पगंधा को पागलपन की दवा के नाम से भी जाना जाता है।
सर्पगंधा चूर्ण है अनिद्रा के लिए लाभदायक -
भारतीय सर्पगंधा शरीर को आराम देने, शांत करने और नींद के लिए बहुत अच्छा है। भारतीय सर्पगंधा अनिद्रा, बेचैनी या सामान्य थकान से पीड़ित लोगों को अपने नियमित कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है। अगर आप अनिद्रा के रोगी हैं तो रात को सोने के समय एक चौथाई छोटा चम्मच सर्पगंधा चूर्ण घी के साथ मिलाकर खा लें। खांसी वाले रोगियों की अनिद्रा में भी यह लाभदायक है।
सर्पगंधा के गुण करे पेट की बिमारियों को दूर -
हजारों सालों से जठरांत्र संकट, दस्त और कब्ज जैसी बिमारियों को दूर करने में सर्पगंधा का उपयोग काफी प्रभावशाली माना गया है। सर्पगंधा का उपयोग आपके पेट को साफ करता है और अंग प्रणाली के सामान्य कामकाज को बढ़ावा देता है। इसकी जड़ का चूर्ण पेट के लिए काफी लाभदायक है। इससे पेट के अन्दर के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
सर्पगंधा का पौधा है सर्पदंश के लिए उपयोगी -
इस पौधे का उपयोग विभिन्न प्रकार के विषों को निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। सर्पदंश के उपचार में यह अत्यंत ही बहुमूल्य औषधी है, इसके अलावा सर्पगंधा का उपयोग ज्वर, हैजा तथा अतिसार के उपचार के लिए किया जाता है। यह प्रभावी ढंग से विभिन्न प्रकार के दंश और विष को बेअसर करते हुए सूजन और प्रभावित क्षेत्र के दर्द को भी कम करता है। सर्प विष में सर्पगंधा जड़ को 1 से 2 तोला जल में घिसकर पिलाते हैं और सर्पदंश स्थान पर इसकी जड़ के पाउडर का लेप भी लगाते हैं।
सर्पदंश में सर्पगंधा की ताजी ताजी पत्तिंयो को पाँव के तलवे के नीचे लगाने से भी काफी आराम प्राप्त होता है।
सर्पगंधा का उपयोग मासिक धर्म में -
उन महिलाओं के लिए भारतीय सर्पगंधा एक सरल समाधान हो सकता है, जो नियमित रूप से कष्टदायक मासिक धर्म से पीड़ित हैं। यह न केवल मासिक धर्म लाने में मदद करता है, बल्कि यह सूजन को भी कम करता है। यह मूड को भी अच्छा करता है जिससे अवसाद, ऐंठन, सूजन आदि समाप्त हो जाते हैं, जो आमतौर पर मासिक धर्म के समय हो सकते हैं।
इन सभी फायदों के अलावा यह गठिया से पीड़ित लोगों के लिए भी एक कारगर उपाय है। इसकी पत्तियों के रस का उपयोग मोतियाबिंद के उपचार में भी किया जाता है। यह जल्दी स्खलन (early ejaculation) को रोकता है। इसलिए शीघ्रपतन के उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है।
सर्पगंधा के नुकसान -
सर्पगंधा के नुकसान निम्ह है -
- इसका उपयोग सभी के लिए लाभदायक या सुरक्षित नही है। अधिक मात्रा में सेवन पेट में जलन आदि कर सकता है।
- इसके शक्तिशाली रसायनों की वजह से मतली, उल्टी, नाक से रक्त बहाना, और भूख की कमी जैसी समस्याएँ हो सकती है।
- यह अवसाद के मामलों में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त नहीं है।
- स्तनपान कराने वाली और गर्भवती महिलाओ को इसके सेवन से बचना चाहिए। बच्चों में और प्रसव के बाद इस का उपयोग करना उचित नहीं है।
- जब यह उच्च रक्तचाप की अन्य दवाओं के साथ प्रशासित किया जाता है, तब विशेष देखभाल की जरूरत होती है। संयुक्त प्रभाव काफी हद तक बीपी कम कर सकता है।
- यदि एक शराबी द्वारा यह लिया जाए, तो इसके सोने के प्रभाव को बढ़ाने के कारण यह और ज़्यादा सुला सकता है। इसलिए एहतियात की जरूरत है।
- इससे पहले कि आप भारतीय सर्पगंधा को चबाना शुरू करें, उससे पहले एक प्रशिक्षित चिकित्सक से बात करें।
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