चिंता दूर करने के लिए लोग कई प्रकार की दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन योग के जरिए भी इस परेशानी को कम किया जा सकता है। माना जाता है कि योग की क्रियाएं अगर ठीक से की जाएं, तो इसका सकारात्मक असर शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों में सामने आ सकता है। इसलिए, चिंता दूर करने में योग के फायदे देखे जा सकते हैं। इस लेख में जानिए चिंता दूर करने के लिए योगासन और चिंता दूर करने में इनके फायदे। इसके साथ ही आपको इन आसनों को करने के तरीके भी बताए जाएंगे। साथ ही यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि योगासन का फायदा तभी होता है, जब संतुलित दिनचर्या का पालन किया जाए।
चिंता दूर करने में कैसे लाभदायक है योग –
मन और शरीर की एकाग्रता ही योग है। लंबे समय से इसका अभ्यास शरीर की विभिन्न समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जा रहा है। योग शारीरिक और मानसिक रूप से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकता है। शोध बताते हैं कि योग मनोवैज्ञानिक स्थितियों में सुधार कर मानसिक संतुलन बनाए रखने मदद कर सकता है, जिससे चिंता जैसी स्थिति को दूर करने में मदद मिल सकती है ।
चिंता दूर करने के लिए योग –
चिंता को दूर करने के लिए योगासन फायदेमंद साबित हो सकता है। नीचे जानिए योग के विभिन्न आसनों के बारे में, जो चिंता को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
1. उष्ट्रासन
उष्ट्रासन के जरिए चिंता को दूर करने में मदद मिल सकती है। यह आसन मांसपेशियों को आराम पहुंचाने का काम कर सकता है। साथ ही यह मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम भी कर सकता है, जिसका सकारात्मक असर चिंता जैसी मानसिक समस्या को दूर करने में दिख सकता है। हालांकि, इस विषय पर अभी और गहन शोध की आवश्यकता है।
उष्ट्रासन करने की विधि :
- सबसे पहले योग मैट पर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। दोनों पैरों में कम से कम 1 फीट की दूरी रखें।
- इसके बाद दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखें।
- फिर सांस लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें और अपने सिर को भी पीछे की ओर ले जाएं।
- इसके बाद अपने दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाकर पैरों की एड़ियों को पकड़ लें।
- आपके शरीर का भार आपकी दोनों बांहों तथा जांघों पर बराबर होना चाहिए।
- कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहते हुए धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
- जितनी देर हो सके इस मुद्रा में बने रहने का प्रयास करें।
- अब धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- एक बार में इस आसन के चार से पांच चक्र किए जा सकते हैं।
सावधानी :
- जिनकी गर्दन में चोट हो, वह इस असान को न करें।
- रक्तचाप से पीड़ित लोग भी इससे दूर ही रहें।
2. सेतु बंधासन
शोध में RLS यानी रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (पैरों से जुड़ी समस्या) के लिए योग के प्रभाव का पता लगाया गया। RLS के कारण नींद प्रभावित हो सकती है और व्यवहार में भी बदलाव आता है, जिस कारण व्यक्ति चिंतित नजर आ सकता है। वहीं, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की ओर से प्रकाशित रिसर्च में पुष्टि की गई है कि योग नींद में सुधार करने के साथ-साथ मूड को ठीक करने और चिंता को दूर करने का काम कर सकता है। इस परीक्षण में सेतु बंधासन योग को भी शामिल किया गया था। इस आधार पर कहा जा सकता है कि चिंता दूर करने में यह आसन एक अहम भूमिका निभा सकता है।
सेतु बंधासन करने की विधि :
- योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
- अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने पैरों को मोड़ कर कूल्हों के पास लाएं।
- दोनों हथेलियाें से अपनी एड़ी को पकड़ने की कोशिश करें।
- इसके बाद सांस लेते हुए, अपने नितंब और कमर को जमीन से ऊपर उठाएं।
- अब अपनी ठुड्डी को छाती से लगाने का प्रयास करें।
- कुछ सेकंड इसी आसन में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- इस आसन के तीन से पांच चक्र किए जा सकते हैं।
सावधानी :
- गर्दन और कंधे की समस्या वाले यह आसन न करें।
- अगर आपको कमर में दर्द है, तो यह आसन न करें।
3. बद्धकोणासन
चिंता और अवसाद की स्थिति को दूर करने के लिए बद्धकोणासन जिसे तितली आसन भी कहा जाता है, फायदेमंद हो सकता है। यह आसन शरीर को रिलैक्स करने का काम कर सकता है, जिससे तनाव और चिंता से कुछ राहत मिल सकती है।
बद्धकोणासन करने की विधि :
- सबसे पहले मैट पर बैठकर पैर सामने की ओर फैला लें।
- अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए दाेनों तलवों को आपस में मिलाएं।
- फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर ग्रिप बनाए और दोनों पैरों के पंजों को पकड़ लें।
- इसके बाद जहां तक संभव हो अपनी दोनों एड़ियों को शरीर के पास लाने का प्रयास करें।
- फिर अपने दोनों घुटनों को जमीन पर लगाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य रूप से सांस लेते रहें और कमर को सीधा रखें।
- इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें।
- उसके बाद वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
सावधानियां :
- कूल्हों, कमर या घुटने में चोट लगी हो, तो यह आसन करने से बचें।
4. पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, शरीर को आराम देने और तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है। इस आसन के ये लाभ चिंता को दूर करने में मदद कर सकते हैं ।
पश्चिमोत्तानासन करने की विधि :
- योग मैट पर अपने पैरों को सामने की ओर सीधे फैलाकर बैठ जाएं। इस दौरान पीठ और गर्दन सीधी होनी चाहिए।
- अब आराम-आराम से सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं।
- फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए, जितना हो सके आगे की ओर झुकें।
- अपने सिर को घुटनों का स्पर्श कराने की कोशिश करें और हाथों से पैरों के अंगूठे पकड़ने का प्रयास करें।
- जब तक संभव हो इस स्थिति में बने रहें।
- फिर सांस लेते हुए वापस सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- थोड़ी देर आराम करें और वापस से इस क्रिया को करें।
- एक बार में इस आसन के तीन से पांच चक्र किए जा सकते हैं।
सावधानियां :
- जिन्हें गंभीर पीठ दर्द की समस्या हो, वो इस आसन को न करें।
- गर्भवती महिलाएं भी इस आसन को करने की कोशिश न करें।
5. दंडासन
दंडासन हृदय गति को सामान्य कर रक्तचाप नियंत्रित करने का काम कर सकता है । साथ ही यह आसन रीढ़ के साथ-साथ हाथ-पैरों की मासपेशियों में खिंचाव पैदा कर उन्हें आराम पहुंचाने में मदद कर सकता है। इसलिए, ऐसा माना जा सकता है कि इन सभी फायदों का सकारात्मक असर चिंता को दूर करने में दिख सकता है, लेकिन इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
दंडासन करने की विधि :
- मैट पर अपने पैरों को आगे की तरफ सीधा फैलाकर बैठ जाएं। इस दौरान पैरों की उंगलियां आपकी ओर थोड़ी मुड़ी हुई होंगी।
- अपने सिर, पीठ और गर्दन को सीधा रखें।
- अपनी रीढ़ को सहारा देने के लिए हथेलियों को अपने कूल्हों के पास जमीन पर रखें।
- कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर सामान्य हो जाएं।
- इस आसन के तीन से पांच चक्र किए जा सकते हैं।
- सावधानियां :
- टखनों में चोट होने पर इस आसन को न करें।
- ध्यान रहे कि आप सही रूप से इस आसन को करें।
6. उत्तर त्रिकोणासन
चिंता दूर करने में उत्तर त्रिकोणासन के लाभ देखे जा सकते हैं। दरअसल, यह आसन न सिर्फ तनाव बल्कि चिंता को दूर करने के साथ-साथ संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है ।
उत्तर त्रिकोणासन करने की विधि :
- खड़े होकर अपने पैरों को एक समान दूरी पर फैलाएं।
- अपने दोनों पैरों के बीच में कम से कम दो फुट का फासला रखें।
- अपने दाएं पैर को 90 डिग्री तक बाहर की ओर और बाएं पैर को 45 डिग्री तक अंदर की ओर घुमाएं।
- अब कंधे की ऊंचाई तक अपनी दोनों भुजाओं को फैलाएं।
- इसके बाद लंबी गहरी सांस लें और फिर सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को दाईं ओर मोड़ें। अपने दाएं हाथ से दाएं पंजे के पास जमीन पर रखने का प्रयास करें और बाएं हाथ को ऊपर की ओर ले जाएं।
- इस मुद्रा में अपने बाएं हाथ की उंगलियों को देखने का प्रयास करें।
- इस स्थिति में कुछ सेकंड तक रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
- फिर सांस लेते हुए ऊपर उठें और सामान्य अवस्था में आ जाएं। इसके बाद यही प्रक्रिया दूसरी ओर से भी करें।
- इस आसन को तीन से पांच बार किया जा सकता है।
सावधानियां :
- गर्दन की समस्या से पीड़ित लोग इस आसन को न करें।
- साथ ही जिन्हें माइग्रेन की समस्या है, वो इसे न करें।
7. मार्जरी आसन
इस आसन को कैट पोज भी कहा जाता है। यह आसन गर्दन, कंधे और स्पाइन को लचीला बनाने का काम कर सकता है । इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि इससे थकान और शरीर से जुड़े तनाव से राहत मिल सकती है, जिसका सकारात्मक प्रभाव चिंता के दौरान आराम पाने में दिख सकता है।
मार्जरी आसन करने की विधि :
- सबसे पहले योग मैट पर वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं।
- अब आगे की ओर झुकते हुए अपनी दोनों हथेलियों को जमीन पर रखें और पीठ को सीधा करें।
- अपने हाथों को घुटनों की सीध में ऐसे रखें कि आपकी मुद्रा एक बिल्ली की तरह हो जाए।
- फिर सांस लेते हुए पीठ को नीचे की ओर करें और अपनी गर्दन को ऊपर की ओर। इस मुद्रा में आपको कुछ सेकंड बने रहना है।
- अब सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर की ओर करें और गर्दन को नीचे की ओर करते हुए ठुड्डी को छाती से स्पर्श करने का प्रयास करें। इस मुद्रा में भी कुछ सेकंड बने रहें।
- अब धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- इस आसन के चक्र को तीन से पांच बार किया जा सकता है।
सावधानियां :
- शरीर को ज्यादा न खीचें, नहीं तो मांसपेशियों में अधिक खिंचाव पड़ सकता है।
- अगर सिर या घुटने में चोट लगी हो, तो इस आसन का अभ्यास न करें।
8. बालासन
यह मन को शांत करने वाली मुद्रा है। यह आसन शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत फायदेमंद हो सकता है, जो कि तनाव को दूर करने के साथ मेंटल हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव चिंता से आराम दिलाने में दिख सकता है ।
बालासन करने की विधि :
- सबसे पहले अपनी रीढ़ को सीधा करते हुए वज्रासन में बैठें।
- अब गहरी सांस लेते हुए अब अपने हाथों को सीधा ऊपर उठा लें।
- फिर सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाने का प्रयास करें।
- आगे की ओर झुकते हुए अपने माथे से फर्श को छूने की कोशिश करें।
- अपने हाथों को आगे की दिशा में इस तरह रखें कि वे पूरी तरह से जमीन से चिपक जाएं।
- अपनी आंखें बंद करें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
- इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें।
- इसके बाद सामान्य होकर कुछ समय के लिए आराम करें और मुद्रा को लगभग 3 से 5 बार फिर दोहराएं।
सावधानियां :
- जिन्हें घुटने की चोट, जोड़ों का दर्द या उच्च रक्तचाप की समस्या हो, वो इस आसन से दूर रहें।
- गर्भवती महिलाएं इस आसन को न करें।
9. धनुरासन
यह आसन कंधों, छाती और गर्दन में खिंचाव लाता है और इन्हें बेहतर स्थिति प्रदान करता है। साथ ही यह पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। रक्त के संचार को सुधारता है और चिंता को दूर कर तनाव की स्थिति को खत्म करने में आपकी मदद कर सकता है ।
धनुरासन करने की विधि :
- सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
- अब सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़ें और अपने हाथों से एड़ियों को पकड़ें।
- सांस लें और फिर पैर, सिर व छाती को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाने का प्रयास करें।
- पेट के निचले हिस्से पर शरीर का वजन बनाए रखने की कोशिश करें।
- ऊपर की ओर देखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- जब तक आपको अच्छा लगे कुछ देर इस आसन में बने रहें।
- अब धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
सावधानियां :
- जो लोग हृदय रोग, रक्तचाप, हर्निया और पेट के अल्सर से पीड़ित हैं, वे इस आसन से दूर रहें।
- भोजन के तुरंत बाद इस आसन का अभ्यास न करें।
10. शवासन
शवासन चिंता और अवसाद को कम करने के लिए सबसे अच्छे योग में से एक है। शवासन आपके शरीर और दिमाग को आराम देता है ।
शवासन करने की विधि :
- सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
- पूरे शरीर की मांसपेशियों को सामान्य करने की कोशिश करें।
- आपके दोनों हाथ शरीर से कम से कम एक फीट की दूरी पर रखें और हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए।
- अपने पैरों के बीच दो फीट का फासला रखें।
- आंखें बंद कर लें और पूरा ध्यान अपनी सांसों पर लगाने का प्रयास करें।
- इसका अभ्यास 5-10 मिनट तक किया जा सकता है।
सावधानियां :
- इस आसन को करते समय सोने की कोशिश न करें।
- आसन के दौरान नींद महसूस होने पर गहरी सांस लें।
आपने इस आर्टिकल में जाना कि किस प्रकार योग आपकी चिंता और तनाव को दूर कर सकता है। एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि अगर आप पहली बार योगासन करने जा रहे हैं, तो ये योगासन योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। साथ ही अगर आप किसी गंभीर समस्या से पीड़ित हैं, तो बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी योग को करने से बचें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। इसके अलावा, लेख से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें संपर्क कर सकते हैं।
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