आयुर्वेद सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली होने के साथ –साथ चमत्कार भी है क्योंकि इसमें औषधि के रूप में दी जाने वाली जड़ी-बूटियां चमत्कार के समान अपना कार्य करती हैं और आयुर्वेद के चमत्कार के चमत्कार से कोई भी अछुता नहीं रहा है। आज के समय में कई प्रकार की चिकित्सा प्रणाली हैं जैसे एलोपेथी, होम्योपेथी, यूनानी चिकित्सा इत्यादि, लेकिन इसके बाद भी लोग आयुर्वेद को अपनाना चाहते हैं। आयुर्वेद को अपनाने का कारण है इस चिकित्सा का कोई दुष्परिणाम नहीं होना और बहुत चमत्कारिक परिणाम होना। आयुर्वेद के चमत्कारों को तो गुरु धन्वन्तरी जैसे विद्ध्मानों ने अपनी पुस्तकों में लिखा है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी शुद्ध और शाकाहारी होती हैं एवं शरीर को किसी भी प्रकार का नुक्सान नहीं पहुंचाती।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी पेड़-पोधों, पत्तों, जड़ों, फलों आदि चीज़ों से बनायीं जाती हैं जिनका शरीर पर विपरीत परिणाम देखने को नहीं मिलता और यही कारण है कि लोग फिर से आयुर्वेद चिकित्सा की ओर वापस लौट रहे हैं। यह आयुर्वेद के चमत्कार ही तो हैं जहाँ सौंदर्य हो या कोई दुर्लभ बीमारी आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज संभव है। लेकिन धीरे –धीरे आराम होने के कारण लोगों को कुछ बिमारियों के इलाज के लिए एलोपेथी का सहारा लेना पड़ता है। एलोपेथी दवाइयों के साथ भी आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट लिया जा सकता है। किसी भी अन्य चिकित्सा के साथ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी ली जा सकती हैं इनके कोई विपरीत परिणाम नहीं होते।
यह कारण भी है जिससे आयुर्वेद को चमत्कार माना गया है। आयुर्वेद के चमत्कार अनगिनत हैं अतुल्य हैं। योग भी आयुर्वेद चिकित्सा का ही भाग है। और योग से कई प्रकार की बिमारियों को दूर भगाया जा सकता है जैसे मोटापा, जोड़ों में दर्द, ह्रदय रोग, श्वास की बीमारी अस्थमा इत्यादि। अगर योग किया जाये तो किसी भी प्रकार की दवाई की जरुरत नहीं पड़ती क्योंकि आसानी से रोगों पर काबू पाया जा सकता है। किसी भी प्रकार के दर्द के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी रामबाण की तरह असर करती हैं। आयुर्वेद के चमत्कारिक लेप जॉइंट पैन, बेक पैन, माइग्रेन जैसी बिमारियों के लिए कारगर माने गए हैं। आयुर्वेदिक नुक्से अचूक और गुणकारी होते हैं। आयुर्वेद में प्रयोग होने वाली जड़ी-बूटियां आसानी से उपलब्ध हो जाती लेकिन इसमें कुछ दुर्लभ जड़ी –बूटियां भी हैं जो आसानी से नहीं मिलती और उनके शोध में भी काफी लम्बा समय लगता है।
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