भारत में इसके प्रति जागरूकता और इलाज की कमी की वजह से यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। अधिकांश महिलाओं को इस बीमारी के इलाज की जानकारी भी नहीं होती है। इसे बच्चादानी, गर्भाशय या फिर यूट्राइन सर्विक्स कैंसर के नाम से भी जाना जाता हैं।
क्या है सर्वाइकल कैंसर
यह महिलाओं गर्भाशय और योनि के रास्ते में होने वाला कैंसर है। गर्भाशय के इंडो सर्विक्स और एक्टो सर्विक्स में से किसी एक भाग में इस कैंसर के होने का खतरा सबसे अधिक रहता है। सर्विक्स या जिसको गर्भाशय ग्रीवा कहा जाता है, गर्भाशय का एक भाग होता है, जिसकी जांच योनि मार्ग से की जा सकती है। सर्विक्स की चौड़ाई एक इंच से भी कम तथा लंबाई लगभग डेढ़ इंच होती है। सर्विक्स एक विशेष प्रकार की मांसपेशियों से घिरा होता है और सरफेश सेल्स नामक पतली पर्त से ढका रहता है। यह कैंसर सरफेश सेल्स में ही विकसित होता है। देखा जाये तो यह कैंसर सबसे पहले असामान्य तरीके से प्री कैंसर सेल्स के रूप में उत्पन्न होता है। और लगभग 5 से 10 साल के बाद ये प्री कैंसर सेल्स वास्तविक कैंसर कोशिकाओं में बदल जाती हैं। ये कैंसर कोशिकाएं सर्विक्स की मांसपेशियों तथा आस पास के अन्य टिश्यूज और शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकती हैं। एक बार यह संक्रमण हो जाने पर यह पांच से दस सालों तक सुप्तावस्था में रह सकता है। इसे कार्सिनोमो इनसीटू भी कहते है। इस आधार पर इस कैंसर को कई प्रकार कि श्रेणियों में रखा गया है। यह कैंसर सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज है।
सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण:
सर्वाइकल कैंसर होने का प्रमुख कारण ह्यूमैन पैपिलोमा वाइरस है। यौन संपर्क में आने से यह वाइरस सर्विक्स में संक्रमण उत्पन्न कर देता है। जिसके बाद सर्विक्स की प्री कैंसर सेल्स तेजी से बढ़ने लगती हैं। इसके आलावा अन्य कारणों में समय से पहले माहवारी का आना, कम उम्र ने गर्भवती होना, कई लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाना या फिर ऐसे सेक्स पार्टनर के साथ संभोग करना, जिसके अन्य लोगों के साथ शारीरिक संबध हों और गर्भ निरोधक दवाओं का अधिक सेवन। इसके अतिरिक्त धूम्रपान करना और यौन संपर्क से होने वाली अनेको बीमारियां भी सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं। महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा ह्यूमैन पैपिलोमा वाइरस से ग्रस्त होने का खतरा अधिक रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आई है कि 50 % महिलाओं में इस कैंसर का प्रमुख कारण असुरक्षित यौन संबंध है और केवल 10 % आनुवशिंक कारण पाए गए हैं।
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