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कम उम्र में मासिक धर्म होने पर दिखते हैं रजोनिवृत्ति के ज्यादा और गंभीर लक्षण

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मासिक धर्म, माहवारी, पीरियड्स, मेन्स्ट्रुएशन या एमसी शब्द चाहे जो हो सभी का अर्थ एक ही है। लड़कियों और महिलाओं को हर महीने आने वाला मासिक धर्म जिसमें योनि के माध्यम से खून शरीर से बाहर निकलता है वह महिलाओं के प्रजनन चक्र का प्राकृतिक अंग है और एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। आमतौर पर लड़कियों में पीरियड्स की शुरुआत 11 से 15 साल की उम्र में यानी प्यूबर्टी के दौरान होती है और 45 से 55 साल की उम्र में मासिक धर्म की यह प्रक्रिया बंद हो जाती है जिसे मेनोपॉज कहते हैं। 

मासिक धर्म जल्दी शुरू होने का संबंध मेनोपॉज के लक्षणों से 
मेन्स्ट्रुएशन यानी मासिक धर्म और मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति ये दोनों ही प्रक्रियाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। हाल ही में यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि जिन महिलाओं का मासिक धर्म औसत उम्र से जल्दी शुरू हो जाता है, यानी अगर किसी लड़की का पीरियड्स 11 साल की उम्र से पहले शुरू हो जाए तो दशकों बाद जब उस लड़की को मेनोपॉज होता है तो उस दौरान उसे हॉट फ्लैशेस (तेज गर्माहाट का अनुभव होना) और नाइट स्वेट (रात के समय बहुत ज्यादा पसीना आना) होने की आशंका बढ़ जाती है।

हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट होने का जोखिम 50 प्रतिशत अधिक
स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं ने यूके, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की मध्यम उम्र की 18 हजार महिलाओं के डेटा की जांच की। इस दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ क्वीन्सलैंड की डॉ सिंग-फैंग चुंग ने बताया कि उनकी स्टडी में यह बात सामने आयी है कि जिन महिलाओं का पीरियड्स 11 साल या इससे कम उम्र में शुरू हो जाता है, उन्हें नियमित रूप से हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट का अनुभव होने का जोखिम 50 प्रतिशत अधिक होता है। हॉट फ्लैश और नाइट स्वेट मेनोपॉज के सबसे कॉमन लक्षण हैं, जिन्हें वैसोमोटर सिम्पटम्स कहते हैं। इस रिसर्च को बीजेओजी: इंटरनेशन जर्नल ऑफ ऑब्स्ट्रेटिक्स और गाइनेकॉलजी में प्रकाशित किया गया है।

मासिक धर्म जल्दी शुरू हो तो डायबिटीज और हृदय रोग का भी खतरा
इस ग्रुप की महिलाओं की तुलना उन महिलाओं से की गई जिनका पहला मासिक धर्म 14 साल या इससे अधिक उम्र में शुरू हुआ था। डॉ चुंग कहती हैं, 'जिन महिलाओं में मासिक धर्म की शुरुआत कम उम्र में हुई थी उनमें मेनोपॉज के समय इन दोनों लक्षणों का अनुभव करने का जोखिम अधिक था।' इससे पहले भी कई अध्ययनों में यह बात सामने आ चुकी है कि जिन महिलाओं का मासिक धर्म औसत उम्र से पहले शुरू हो जाता है उन्हें जीवन में आगे चलकर सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं जैसे- टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग होने का खतरा भी अधिक होता है।  

स्टडी के नतीजों में यह बात भी पता चली कि जिन महिलाओं में कम उम्र में मासिक धर्म शुरू होने की हिस्ट्री होती है और साथ ही साथ अगर उन महिलाओं का मध्य आयु में वजन भी अधिक हो (ओवरवेट) तो उन्हें मेनोपॉज के समय हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट्स से पीड़ित होने का खतरा दो गुना अधिक होता है, उन महिलाओं की तुलना में जिनका मासिक धर्म 14 साल या इससे अधिक उम्र में शुरू हुआ और जिनका वजन जीवनभर सामान्य ही रहा।

11 साल से कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो तो मेनोपॉज जल्दी होने का भी खतरा
इससे पहले साल 2017 में ह्यूमन रिप्रॉडक्शन नाम के जर्नल में भी एक स्टडी प्रकाशित हुई थी। इस स्टडी में बताया गया कि 12 या 13 साल की तुलना में जिन महिलाओं का पहला पीरियड्स 11 साल या इससे भी कम उम्र में शुरू हुआ था उनमें प्रीमैच्योर यानी समय से पहले मेनोपॉज होने का खतरा 80 प्रतिशत अधिक था। सामान्य रूप से महिलाओं में मेनोपॉज 45 से 55 साल के बीच होता है। लेकिन इन महिलाओं में 40 साल से भी कम उम्र में मेनोपॉज शुरू होने का खतरा था।

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में दिखते हैं ये लक्षण
ऐसे कई लक्षण हैं जो मेनोपॉज के बाद शुरुआती कुछ सालों तक महिलाओं में देखने को मिलते हैं। वैसोमोटर लक्षण, जो रक्त धमनियों के फैलाव और संकुचन से जुड़ा होता है में हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट यानी रात में पसीना आना शामिल हैं। अन्य लक्षणों में जनन मूत्रीय (जेनिटोयूरिनरी) लक्षण (योनि में लचीलेपन की कमी, योनि से होने वाले स्त्राव में कमी, पेशाब पर संयम न रहना) हड्डी से जुड़े लक्षण (हड्डियों का द्रव्यमान कम होना) और मनोवैज्ञानिक लक्षण (मूड स्विंग, अनिद्रा, चिंता और अवसाद) शामिल हैं।



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