इस बात से कोई इनकार नहीं करेगा कि अच्छी सेहत को हासिल करना मुश्किल हो गया है। कई बीमारियां तो ऐसी हैं, जिनमें लगातार दवाओं का सेवन करना पड़ता है और जीवनशैली बुरी तरह से प्रभावित होती है। ऐसी ही एक समस्या अस्थमा की है। अगर लगातार दवाओं का सेवन करने पर भी अस्थमा के लक्षणों में आराम न आए, तो इसके पीछे मुख्य कारण खान-पान में गड़बड़ भी हो सकता है। इस आर्टिकल में जानिए कि अस्थमा के रोगियों को किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए और कौन से खाद्य पदार्थों से परहेज करना जरूरी है, क्योंकि अस्थमा के लिए आहार जैसा होगा, सेहत में सुधार भी वैसा ही होगा।
अस्थमा डाइट क्या है?
अस्थमा होने पर सांस की नली में सूजन आ जाती है। इससे सांस की नली संकीर्ण और कठोर हो जाती है, जिस कारण सांस लेने में समस्या होती है। अस्थमा के कारण सीने में घरघराहट, सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ और खांसी हो सकती है। जब इन लक्षणों की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो जाती है, तो इसे अस्थमा का दौरा यानी अस्थमा अटैक कहा जाता है। अस्थमा किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आमतौर पर यह बचपन के दौरान शुरू होता है।
इसे पूरी तरह ठीक करना मुश्किल है लेकिन कुछ दवाओं की मदद से और जीवनशैली में परिवर्तन लाकर अस्थमा के साथ एक बेहतर जिंदगी जी जा सकती है। इसमें अस्थमा डाइट बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अस्थमा में क्या खाएं इस बारे में जानने से पहले यह याद रखना जरूरी है कि कोई भी खाद्य पदार्थ अस्थमा का कारण नहीं बनता या इसकी रोकथाम नहीं कर सकता। साथ ही इस संबंध में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण भी मौजूद नहीं हैं। हां, कुछ वैज्ञानिक अध्ययन यह जरूर कहते हैं कि अस्थमा से पीड़ित लोगों को शुद्ध और संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए, जिसमें ताजे फल और सब्जियां शामिल हों। इस प्रकार अस्थमा के लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए, अस्थमा में डाइट किस प्रकार की होनी चाहिए, इस संबंध में अभी स्पष्ट तौर पर कहना मुश्किल है।
अस्थमा में क्या खाएं –
अस्थमा के रोगियों के लिए प्रकृति ने कई विकल्प दिए हैं, जिनका सेवन करने से अस्थमा के लक्षणों से राहत मिल सकती है। यहां हम बता रहे हैं कि अस्थमा में क्या खाएं, ताकि मरीज कुछ आराम मिल सके।
1. गाजर
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार कुछ सब्जियों के सेवन से अस्थमा के प्रभाव को कुछ कम किया जा सकता है, जिनमें गाजर का नाम शामिल है। गाजर में अल्फा कैरोटीन, बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन जैसे कैरोटीनॉयड पाए जाते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से कोशिकाओं की रक्षा कर सकते हैं । ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और अस्थमा के बीच गहरा संबध है। सूजन की समस्या पैदा ही ऐसी स्थिति में होती है, जब ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ रहा हो और एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि धीमी हो। इसलिए, कहा जा सकता है कि एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि सांस की नली में सूजन को कम करके अस्थमा के लक्षणों में सुधार का कारण बन सकती है ।
2. ब्रोकली
ब्रोकली में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट सल्फोराफेन एक एंटीइंफ्लेमेटरी फाइटोकेमिकल (सूजन कम करने वाला प्राकृतिक तत्व) है। अस्थमा रोगियों के फेफड़े और उससे जुड़े तंत्र से सूजन हटाने में यह तत्व लाभकारी हो सकता है।
3. पालक
अस्थमा में पालक के पत्ते भी उपयोगी हो सकते हैं, क्योंकि एक शोध कहता है कि हरी पत्तेदार सब्जियां डीएनए की मरम्मत करती हैं। साथ ही एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम के प्रभाव को बढ़ा सकती हैं। पत्तेदार सब्जियों में भी अल्फा कैरोटीन, बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से कोशिकाओं की रक्षा करके अस्थमा की सूजन को कम कर सकते हैं। एक अन्य शोध के अनुसार, पालक जैसी हरी सब्जियां मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होती हैं। इसलिए, पालक के रूप में मैग्नीशियम का सेवन श्वास नली की अतिसंवेदनशीलताको घटा सकता है।
4. सेब
सेब को मानव स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है, क्योंकि इसमें कई गुणकारी प्राकृतिक तत्व होते हैं। एनसीबीआई के एक शोध के अनुसार 31 ग्राम से अधिक सेब का प्रतिदिन सेवन करने से अस्थमा का जोखिम 10 प्रतिशत तक कम हो सकता है। अस्थमा में सेब का सेवन, इसकी एंटीऑक्सीडेंट क्षमता और फाइटोकेमिकल (प्राकृतिक रूप से गुणकारी) घटक के कारण सुरक्षात्मक हो सकता है।
5. अदरक
हम यहां बात कर रहे हैं कि अस्थमा में क्या खाएं, तो इसमें अदरक का नाम आना जरूरी है, क्योंकि सांस से जुड़ी बीमारियों के उपचार में अदरक फायदेमंद हो सकता है । चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार, अदरक के एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सांस की नली की अंदरूनी सरंचना को मुलायम बनाकर अस्थमा के लक्षणों में कमी ला सकते हैं ।
6. अनार
अनार में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इसलिए, अनार को अस्थमा जैसी पल्मोनरी डिसीज (फेफड़े और श्वसन तंत्र) से जुड़ी समस्याओं में वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि अस्थमा के लक्षणों से निजात पाने के लिए दवाओं के साथ अनार का सेवन लाभदायक हो सकता है ।
7. केला
एक जर्नल के अनुसार, केले के सेवन से अस्थमा के शिकार बच्चों में घरघराहट ) की समस्या कम हो सकती है। केले में सेब और अन्य फलों के मुकाबले फेनोलिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है, जो पानी में घुलनशील तत्व है। फेनोलिक एसिड अस्थमा के कारण हुई सूजन को कम कर सकता है। इसके अलावा, केले में अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने की क्षमता भी पाई जाती है। साथ ही केला विटामिन-ए-कैरोटीनॉयड से भरपूर होता है, जिसे पुरानी बीमारियों से बचाव में सहायक माना जाता है। केले में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होता है। साथ ही यह पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है। अपने इन गुणों की वजह से केला फेफड़ों में वायु के प्रवाह को सामान्य कर सकता है। ये सभी तथ्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि केले के फायदे अस्थमा के दौरान लिए जा सकते हैं ।
8. खरबूजा
अस्थमा के लिए ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को मुख्य कारण माना गया है। इसलिए, अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों को एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर भोजन लेने की सलाह दी जाती है। एंटीऑक्सीडेंट तत्व फ्री रेडीकल्स से लड़कर अस्थमा की स्थिति में सुधार ला सकता है। वहीं, खरबूजे में प्रचुर मात्रा में विटामिन-सी होता है, जिसे प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट माना गया है। इस गुण के कारण खरबूजे का सेवन अस्थमा के दौरान श्वास मार्ग की सूजन को कम करने में मदद कर सकता है ।
अस्थमा में क्या नहीं खाना चाहिए? –
अस्थमा के रोगियों को कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, ताकि हानिकारक परिणामों से बचा जा सके। कुछ खाद्य पदार्थों में फूड एलर्जन (एलर्जी बढ़ाने वाले तत्व) पाए जाते हैं, जो अस्थमा की स्थिति को ज्यादा बिगाड़ सकते हैं। इसलिए, अस्थमा रोगियों को इनके सेवन से बचना चाहिए।
- अंडे
- मूंगफली
- नट्स (गिरी)
- शैल फिश
- गेहूं
- तिल
सबसे बेहतर यही होगा कि किसी भी पदार्थ का सेवन डॉक्टर से पूछकर और उनकी देखरख में ही करें। खासतौर पर अस्थमा से पीड़ित बच्चों को कुछ भी खिलाने से बचना चाहिए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ से होने वाली एलर्जी से बचाया जा सके।
इस आर्टिकल में आपने जाना कि कैसा होना चाहिए अस्थमा के लिए आहार। उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक करेगी। खान-पान का ध्यान रखना तो हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, लेकिन पुरानी और लंबी चलने वाली बीमारियों से जूझ रहे लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है। इसके अलावा, सबका शरीर किसी भी तत्व पर एक जैसी प्रतिक्रिया नहीं देता, इसलिए अस्थमा में क्या खाएं और क्या न खाएं, इस संबंध में एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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