कड़ी धूप में लू लगने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। यह गर्मियों के दौरान होने वाली सबसे गंभीर समस्या है, जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं। मार्च से लेकर जून के बीच इसका खतरा सबसे ज्यादा रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार लू मानसिक रूप से बीमार करने के साथ-साथ मृत्यु का कारण भी बन सकती है । ऐसे में इसके प्रति जागरूक और इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है। इस लेख हम आपको लू लगने के कारण, लक्षण और इसके विभिन्न घरेलू इलाज के बारे में बता रहे हैं। सबसे पहले जानते हैं कि आखिर यह लू लगना होता क्या है?
हीट स्ट्रोक या लू लगना क्या होता है –
शरीर के अंदर का तापमान एक सीमा तक नियंत्रित रह पाता है। जब हमारा शरीर गर्म होता है, तो शरीर पसीना निकालकर बढ़ते तापमान को कम कर देता है, लेकिन जब वातावरण अत्यधिक गर्म हो जाता है, तो शरीर का कूलिंग सिस्टम निष्क्रय हो जाता है और शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। चिकित्सकीय रूप से लू लगना या हीट स्ट्रोक उस अवस्था को कहते हैं, जब शरीर का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक पहुंच जाता है और पीड़ित बेहोश हो जाता है। अगर समय रहते पीड़ित को फर्स्ट एड नहीं दिया जाए, तो उसकी जान भी जा सकती है ।
लू लगने के कारण –
ऐसा नहीं है कि धूप में जाते ही लू लग जाती है, इसके पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं -
- अत्यधिक तापमान वाले इलाके में जाना।
- शरीर में पानी की कमी।
- कड़ी धूप में काम करना।
- गर्मी में ज्यादा कपड़े पहनना।
- गर्मी में अल्कोहल का सेवन।
- गर्म और भीड़भाड़ वाला इलाका।
- भीषण आग के निकट जाना।
लू लगने के लक्षण –
किसी व्यक्ति को लू लगी है, इसकी पहचान करना बहुत जरूरी है। नीचे जानिए लू लगने के लक्षण ।
- शरीर अत्यधिक गर्म होना
- सिर चकराना
- मानसिक संतुलन खोना
- जी-मिचलाना
- उल्टी
- त्वचा का लाल, सूखा या झुलसा हुआ होना
- पल्स का तेज होना
- सिरदर्द
सन स्ट्रोक के कारण और लक्षणों के बाद आगे जानिए लू लगने पर उपचार कैसे किया जाए।
हीट स्ट्रोक (लू लगना) के लिए असरकारी घरेलू उपाय –
सन स्ट्रोक से बेहोश व्यक्ति को तुरंत कोई तरल न पिलाएं, बल्कि उसे किसी ठंडी जगह पर ले जाएं और डॉक्टरी उपचार के लिए एम्बुलेंस को कॉल करें । लू लगने पर यहां बताए जा रहे घरेलू उपचार का सहारा लिया जा सकता है।
- प्याज का रस
- धनिये का पानी
- छाछ
- ठंडे पानी से स्नान
- एसेंशियल ऑयल
- चीनी दवाइयां
- इमली का रस
- सेब का सिरका
- चंदन का पेस्ट
नीचे लू लगने पर घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से जानिए।
1. प्याज का रस
सामग्री :
- प्याज का रस
- एक चम्मच का चौथाई जीरा
- चुटकी भर चीनी
कैसे करें इस्तेमाल :
लू लगने के दौरान पीड़ित को आराम पहुंचाने के लिए प्याज के रस का प्रयोग दो तरीके से किया जा सकता जैसे –
- एक प्याज का रस निकालें और पीड़ित के कान के पीछे, पैरों के नीचे और छाती पर लगाकर छोड़ दें।
या
- एक प्लाज को छोटा-छोटा काट लें।
- गर्म पैन में भूनने के लिए रखें और ऊपर से जीरा व चीनी डालें।
- तीन-चार मिनट तक अच्छी तरह भूनें।
- इसे हल्का ठंडा करके पीड़ित को खिलाएं।
कितनी बार करें :
प्याज के रस का इस्तेमाल हीट स्ट्रोक की अवस्था में एक बार करें। वहीं, दूसरा उपाय कुछ दिनों तक दिन में एक-दो बार दिया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
यूनानी स्कॉलर्स के अनुसार हीट स्ट्रोक के दौरान प्याज का इस्तेमाल मरीज के शरीर का तापमान कम करने के लिए किया जा सकता है। पीड़ित को त्वरित आराम पहुंचाने के लिए यह उपाय अच्छा विकल्प हो सकता है । साथ ही एहतिहात के तौर पर मरीज को डॉक्टर के पास ले जाना न भूलें।
2. धनिये का पानी
सामग्री :
- धनिये का एक गुच्छा
- एक चुटकी चीनी
कैसे करें इस्तेमाल :
- पत्तियों को साफ कर लें और थोड़ा पानी के साथ ग्रांइड कर लें।
- अब साफ सूती कपड़ा लें और ग्रांइड किया हुआ धनिया उसमें निचोड़कर रस निकाल लें।
- इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर कुछ मिनटों के लिए रेफ्रिजरेटर में ठंडा करें और पी लें।
कितनी बार करें :
- लू लगने पर कुछ दिनों तक दिन में एक बार धनिये के रस का इस प्रकार सेवन करें।
कैसे है लाभदायक :
धनिया अपनी ठंडी तासीर के लिए जाना जाता है , जिसका इस्तेमाल लू लगने पर शरीर का तापमान और निर्जलीकरण के प्रभाव को कम करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, धनिये की पत्तियां पोटेशियम व सोडियम (इलेक्ट्रोलाइट के अहम तत्व) जैसे पोषक तत्वों से भी समृद्ध होती हैं जो लू लगने के दौरान मरीज के शरीर में तरल संतुलन बनाने में मदद कर सकती हैं ।
3. छाछ
सामग्री :
- दो बड़े चम्मच दही
- एक गिलास पानी
- एक चुटकी नमक
- एक चुटकी जीरा पाउडर
बनाने की प्रक्रिया :
- पानी के साथ दही को अच्छी तरह फेंट लें।
- नमक व जीरा पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- इसे फ्रिज में चिल्ड होने के लिए रखें और पिएं।
कितनी बार करें :
- गर्मियों में प्रतिदिन 1-2 गिलास छाछ पिएं।
कैसे है लाभदायक :
हीट स्ट्रोक के उपाय के रूप में आप छाछ का सेवन कर सकते हैं। गर्मियों के दौरान छाछ निर्जलीकरण से बचाने और शरीर से गर्मी को खींचने का काम करती है। यह प्रोबायोटिक्स, प्रोटीन, खनिज और विटामिन से भी समृद्ध होती है, जो लू लगने के दौरान मरीज के शरीर को पोषित करने का काम कर सकती है ।
4. ठंडे पानी से स्नान
सामग्री :
- ठंडा पानी
- बाथटब
कैसे करें इस्तेमाल :
- बाथटब को ठंडे पानी से भर लें और 15 से 20 मिनट तक मरीज को स्नान कराएं।
कितनी बार करें :
यह एक प्राथमिक चिकित्सा उपाय है और इसका इस्तेमाल रोगी को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से पहले किया जा सकता है।
कैसे है लाभदायक :
ठंडा पानी हीट स्ट्रोक से प्रभावित शरीर के ताप को कम करने में मदद कर सकता है ।
सावधानी : बर्फ का ठंडे पानी का उपयोग न करें, क्योंकि इससे शरीर का तापमान काफी गिर सकता है और अन्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
5. एसेंशियल ऑयल
सामग्री :
- पेपरमिंट ऑयल की दो-तीन बूंदें
- लैवेंडर ऑयल की एक-दो बूंदें
- दो चम्मच जैतून या बादाम का तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
- जैतून या बादाम के तेल के साथ पेपरमिंट तेल को मिलाएं।
- इस तेल मिश्रण को गर्दन के पीछे, तलवों और कलाई पर अच्छी तरह लगाएं।
कितनी बार करें :
- जब भी महसूस हो कि शरीर का तापमान बढ़ रहा है, इस उपाय को अपनाएं।
कैसे है लाभदायक :
लैवेंडर का तेल न सिर्फ सनबर्न, बल्कि किसी भी कारण से त्वचा में होने वाली जलन को ठीक कर सकता है । वहीं, दूसरी ओर पेपरमिंट ऑयल शरीर पर ठंडा प्रभाव डालता है और तापमान को कम करने में मदद करता है । लू लगने के उपाय के रूप में यह उपाय किया जा सकता है।
6. चीनी दवाइयां
सामग्री :
- एक कप सूखी मूंग की दाल
- तीन कप पानी
कैसे करें इस्तेमाल
- मूंग को उबाल लें और ठंडा होने के लिए रख दें।
- पानी को छान लें और पिएं।
कितनी बार करें :
- लू लगने के दौरान मूंग के पानी को पिएं।
कैसे है लाभदायक :
मूंग एक खास दाल है, जिसका इस्तेमाल पारंपरिक चीनी चिकित्सा में भी किया जाता है। मूंग की दाल लू से प्रभावित शरीर से गर्मी खींचने और निर्जलीकरण से मुक्त करने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है ।
7. इमली का रस
सामग्री :
- 15 ग्राम इमली
- 200 ml पानी
- तीन आलूबुखारे
कैसे करें इस्तेमाल :
- इमली को थोड़ी देर के लिए पानी में उबालने के लिए रख दें।
- अब इसमें आलूबुखारा काट कर डालें।
- अच्छी तरह उबलने के बाद इस मिश्रण को 200ml पानी में 1 घंटे के लिए डालकर छोड़ दें।
- अब पानी को छान लें और ठंडा करके पिएं।
कितनी बार करें :
- लू के लक्षण दिखने पर यह उपाय करें।
कैसे है लाभदायक :
यूनानी स्कॉलर्स के अनुसार हीट स्ट्रोक के दौरान मरीज के शरीर का तापमान कम करने के लिए इस उपाय का इस्तेमाल किया जा सकता है । इमली का इस प्रकार इस्तेमाल शरीर को हाइड्रेट करने का काम भी करेगा।
8. सेब का सिरका
सामग्री :
- एक गिलास ठंडा पानी
- एक चम्मच सेब का सिरका
कैसे करें इस्तेमाल :
- पानी में सिरका मिलाएं और इसे पिएं।
कितनी बार करें :
- धूप में चक्कर आते हैं या कमजोरी महसूस होने पर इसे पिएं।
कैसे है लाभदायक :
हीट स्ट्रोक के उपाय के रूप में सेब का सिरका प्रभावी विकल्प हो सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है और पानी के साथ मिलाकर प्रभावी रूप से काम करता है। शरीर की अत्यधिक गर्मी खींचने और निर्जलीकरण से बचने के लिए आप यह उपाय अपना सकते हैं ।
9. चंदन का पेस्ट
सामग्री :
- तीन-चार चम्मच चंदन पाउडर
- पानी आवश्यकतानुसार
कैसे करें इस्तेमाल :
- पानी की मदद से चंदन पाउडर का पेस्ट बनाएं।
- पेस्ट को माथे व छाती पर लगाएं और एक-दो घंटे के लिए छोड़ दें।
कितनी बार करें :
- सन स्ट्रोक के लक्षणों को कम करने के लिए इसे एक बार लगाएं।
कैसे है लाभदायक :
लू लगने के उपाय के रूप में आप चंदन का पेस्ट प्रयोग में ला सकते हैं। चंदन को अपने शीतल गुणों के लिए जाना जाता है, जिसके पेस्ट का इस्तेमाल लू से प्रभावित त्वचा से गर्मी खींचने और सिरदर्द जैसे लक्षणों को दूर करने के लिए किया जा सकता है ।
हीट स्ट्रोक के लिए कुछ और टिप्स और लू लगने से बचाव
धूप में बाहर निकलते समय अपने सिर को हमेशा स्कार्फ या टोपी से ढकें। इसके अलावा, आप छाते का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- खासतौर पर गर्मियों में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पानी आपके शरीर को हाइड्रेटेड और शरीर को ठंडा रखेगा। जब भी आप बाहर निकलें, अपने साथ पानी की एक बोलत जरूर रखें।
- शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए नींबू पानी या छाछ पिएं।
- गर्मियों के दौरान ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनें।
- गर्मियों में हल्के रंग के कपड़े पहनें, क्योंकि ये गर्मी को कम अवशोषित (Absorb) करते हैं।
- तेज धूप में बाहर काम या कसरत न करें।
- हर दिन कम से 6-7 घंटे सोएं और विटामिन, खनिज व प्रोटीन युक्त संतुलित आहार खाएं।
आशा है कि हीट स्ट्रोक से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारियों से आप अवगत हो गए होंगे। अगर आप या आपके परिवार का सदस्य लू के लक्षणों का अनुभव करता है, तो लेख में बताए गए जरूरी उपचार और बचने के तरीकों का पालन करना न भूलें। यह समस्या आप के आसपास किसी भी को भी हो सकती है, इसलिए इस जानकारी को अपने तक सीमित न रखें, बल्कि दूसरों के साथ भी साझा करें। यह लेख आपके लिए कितना कारगर साबित हुआ, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
हीट स्ट्रोक के दीर्घकालिक प्रभाव क्या हैं?
हीट स्ट्रोक के दीर्घकालिक प्रभाव निम्नलिखित हो सकते हैं –
- बेहोशी, कोमा व दौरा पड़ना आदि
- लिवर, किडनी व हार्ट डैमेज
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कौन-कौन से खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए ?
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों से दूर रहें :
- तला हुआ भोजन
- ऐसी खाद्य सामग्री, जो शरीर का तापमान बढ़ा दे, जैसे लहसुन व लौंग आदि
- सब्जियां जैसे मूली और सरसों का साग आदि
- मांस, शराब, चाय व कॉफी जैसे गर्म पदार्थ
हीट स्ट्रोक के लिए प्राथमिक चिकित्सा उपचार क्या है?
आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को कॉल करने के बाद, निम्नलिखित बिंदुओं का पालन करें :
- पीड़ित को ठंडी जगह पर ले जाएं।
- सभी अनावश्यक कपड़ों को हटा दें, ताकि त्वचा को खुली हवा मिल सके।
- पूरे शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करें।
- हीट स्ट्रोक से बेहोश व्यक्ति को तुरंत कोई तरल न पिलाएं।
हीट स्ट्रोक का रिकवरी समय क्या है?
अस्पताल में भर्ती होने के बाद, हीट स्ट्रोक से उबरने में पीड़ित को एक से दो दिन का वक्त लग सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि लू का लक्षण कितना गंभीर है।
हीट स्ट्रोक कौन से तापमान पर होता है?
जब शरीर का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक पहुंच जाता है, तो इसे हीट स्ट्रोक माना जाता है ।
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