कोई भी रिश्ता शर्तों के आधार पर कायम नहीं किया जा सकता है। विश्वास और समर्पण होना बेहद जरूरी है। अच्छे रिश्ते और संबंध एक-दूसरे की आजादी नहीं छीनते बल्कि एक-दूसरे को आजादी देते हैं। यदि एक साथी अपनी भावनाओं को शेयर करना चाहता है तो दूसरे का फर्ज है कि वह उनका आदर और सम्मान करें।
मजबूत रिश्तों की पहचान -
एक दूसरे के साथ रहने के बाद भी खुश न रह पाना खराब रिश्ते की निशानी है। साथी को खुश करने का सिर्फ यही मतलब नहीं है कि अपने साथी की सारी बात मान लें, बल्कि अपने साथी के साथ हंसी-मजाक करने से भी खुशी मिलती है। देखा जाता है जिन दम्पत्तियों के बीच कुछ समय तक साथ रहने के बाद हंसी मजाक नहीं हो पाती है और उनको एक दूसरे के साथ बोरियत होने लगती है।
प्यार व रोमांस की वजह से ही हर रिश्ता कामयाब होता है। आइए जानें कैसे बनते हैं मजबूत रिश्ते -
1. एक दूसरे को धोखा न देना
किसी भी रिश्ते की बुनियाद झूठ पर नहीं रखी जा सकती है। बनावटीपन रिश्ते के महत्व को कम कर देता है। एक दूसरे की बातों पर विश्वास करना और धोखा न देना ही रिश्ते को सफल बनाता है।
2. एक-दूसरे को परेशानी बताना
सफल दंपत्ति की एक खासियत होती है कि वह बिना बोले भी एक-दूसरे की भावनाओं को आसानी से समझ जाते हैं। फिर भी रिश्तों में खुलापन होना चाहिए जिससे किसी भी परेशानी को दोनों एक-दूसरे से बताते हुए झिझके नहीं।
3. एक-दूसरे को पूरा समय देना
किसी भी रिश्ते को सफल बनाने के लिए उसको समय देना होता है। एक दूसरे के साथ लड़ाई-झगड़ों को भूलाकर खुशियों के साथ समय बिताने पर जोर दे। साथी के साथ समय बिताते समय ध्यान रखें कि आप जितना उनको सहज महसूस करवाएंगे उतना ही आप दोनों का रिश्ता करीब होगा और आपके रिश्ते में मजबूती आएगी।
4. एक दूसरे को सम्मान करना
हर तरह की परिस्थिति में अपने साथी का सम्मान करना जरूरी होता है। अपने साथी की रूचियों को समझे और उसमें अपनी रूचि दिखाएं। अगर आपके साथी को लॉन्ग ड्राइव (वाहन से लंबी दूरी की सैर) पर जाना पंसद है तो कभी-कभी उनको बिना बताए लॉन्ग ड्राइव का कार्यक्रम बना सकते हैं।
5. साथी की अहमियत समझना
आपको अपने रिश्ते में साथी की अहमियत को समझना होगा। जिस प्रकार का बर्ताव आप अपने साथी के साथ करते हैं ठीक उसी तरह का व्यवहार आपका साथी भी आपके साथ करेगा। रिश्ते की शुरूआत में आप दोनों ने एक दूसरे को खुश रखने का वादा किया था। इस तरह से आपको दोनों को ही मानसिक तौर पर एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करना होगा और अपने होने का उनको एहसास करना होगा।
रिश्ते को मजबूत बनाने के तरीके -
- रिश्ते को मधुर बनाने के लिए आप दोनों ही साथियों को हर फैसले को मिलकर लेना चाहिए।
- आप दोनो को ही एक दूसरे के व्यवहार के बारे में जानने के लिए खूब बातें करनी चाहिए। इससे आपके बीच गहरा आपसी संबंध बनेगा।
- एक दूसरे की भावनाओं को समझे व साथी को आदर दें।
- दोनों को एक दूसरे पर निर्भर होने की बजाय आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।
- कई बार किसी मामूली बात को लेकर भी झगड़ा हो जाता है। ऐसे में आप अपने साथी के साथ बातचीत बंद न करें। इससे आपका रिश्ता खराब होता है।
- महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि साथी केवल उनसे शारीरिक संबंध ही बनाना चाहता है, जबकि महिलाओं की इस तरह की सोच रिश्ते के लिए खराब भी हो सकती है। साथी पर विश्वास बनाना बेहद जरूरी है। वहीं अगर पुरुष साथी सही मायने में केवल शारीरिक संबंध के लिए ही महिला के पास आता है तो उसको भी अपने व्यवहार और सोच में बदलाव लाना चाहिए। सेक्स के साथ साथी के साथ भावनात्मक रिश्ता होना भी बेहद ही जरूरी होता है।
- किसी पर भी जबरन आपना फैसला न थोपें। इससे उनको घुटन महसूस होने लगेगी।
- साथी की अच्छाइयों की तारीफ करें और कमजोरियों को दूर करने में उनकी मदद।
- आपसी संबंधों को मधुर बनाना हो तो "मैं की भावना" को दूर ही रखें।
- लंबे समय तक पार्टनर की अनुपस्थिति, संबंधों को और मजबूत बना सकती है। शायद आपको शॉपिंग करने में और घर संभालने में काफी कठिनाई हो रही हो, लेकिन इस मुश्किल वक्त को आधुनिक और रचनात्मक तरीकों से आसान बनाया जा सकता है।
- इंटरनेट और मोबाइल हमारे काम और रिश्तों में बेहतरीन परिवर्तन लाएं है। यह दूर होने पर भी करीब होने का सरल माध्यम है। आप वीडियो व गानों से साथी तक अपने मन की बात पहुंचा सकते हैं।
- विशेषज्ञों का मानना है कि वो पार्टनर्स जो अपने निवेशों के बारे में बात नहीं करते उनका ब्रेक अप होने की सम्भावनाएं अधिक रहती है। अपने पार्टनर से सभी प्रमुख निवेशों के बारे में बात करें। ऐसा करने से आपको एक सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी।
अस्वस्थ रिश्ते की पहचान -
कई बार रिश्तों में किसी गलतफहमी या अन्य कारणों से तनाव पैदा हो जाता है। जल्दी से तनाव दूर न किया जाए तो ये भयंकर रूप धारण कर रिश्तों को खोखला कर देता है। जिससे पति-पत्नी या प्रेमी-प्रेमिका के बीच का मनमुटाव आसानी से कोई भी समझ जाता है। यही खराब रिश्ते की पहचान होती है। आइए जानें खराब रिश्तों की क्या पहचान होती है।
- खराब रिश्तों में साथी एक-दूसरे से इतना दूर हो जाते हैं कि उनमें किसी भी प्रकार का संबंध बनना भी मुश्किल हो जाता है।
- पति-पत्नी रिश्ते खराब होने की वजह उनका अहम होता है।
- दोनों का एक दूसरे के साथ समस्याओं को शेयर न करना रिश्ते के खराब होने की ही ओर इशारा करता है।
- इस तरह के खराब रिश्ते के चलते कई बार दोनों ही साथी तलाक की बात सोचने लगते हैं।
- बाहर लोगों के सामने अपने साथी का अपमान कर देते हैं।
- किसी भी तरह की प्यार भरी बातों को अपने रिश्ते में नहीं करते हैं।
- दोनों ही ्अपनी जिम्मेदारी को करने से बचने लगते हैं।
- साथी की कमियों पर ताना मारना व गलतियों को बार बार दोहराने से रिश्ते में दूरियां बढ़ती जाती हैं।
- एक दूसरे का सामना करना भी अच्छा नहीं लगता है।
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अस्वस्थ रिश्ते को दोबारा जीवंत करने के लिए टिप्स -
किसी भी संबंध में फिर से वापसी करने का निर्णय हर किसी का निजी फैसला होता है, लेकिन आपको इस भटकाव के कारण को बेहतर समझना होगा और इस पर विचार करना होगा और साथी को दिल से माफ करना होगा। हो सकता है कि आप दोनों को ही इस हिला देने वाली घटना के बाद एहसास हो कि आपका आपसी संबंध बहुत बहुमूल्य है जिसे निरंतर आपसी प्यार से सींचते हुए इस का पूरा ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे में आप दोनों को ही इस संबंध को फिर से जीवंत बनाने के लिए मिलजुलकर कोशिश करनी होगी।
- संबंध की नींव कमजोर करने वाली जो गलतियां आप दोनों ने की उनको पहचानते और मानते हुए, अपने संबंध की नई शुरुआत करें। चर्चा करें, लेकिन दोषरोपण से बचें और अपनी आदतों में सुधार लाएं।
- एक दूसरे से झूठे वादे करने के बजाय सच्ची प्रतिबद्धता निभाएं।
- धोखा देने वाले साथी को दोषी ठहराने और गलती करने के लिए नीचा दिखाने की कोशिश ना करें। फिर से संबंध में वापसी करने के बाद आपके लिए साथी को क्षमा करना और पुरानी बातें भूल जाना ही बेहतर होगा।
आपके संबंध में जो पुराना आकर्षण आपको महसूस होता था, उसे वापस लौटाने की कोशिश करें। डेट पर जाएं, उपहारों का अदान-प्रदान करें, एक दूसरे से प्यार भरी बातें करें, एक दूसरे के लिए खुद को सजाएं-संवारें और सामने वाले की तारीफ करें। मिलजुलकर कोई हॉबी या दूसरा कार्य करने से संबंध को नई मजबूती मिलती है।
सावधान और सतर्क रहें लेकिन अपने साथी पर संदेह मत करें, क्योंकि आपने अपनी अंतरात्मा की पुकार को सुनकर धोखाधड़ी को भूलकर जीना स्वीकार किया है। अपने रिश्ते को पर्याप्त समय दें।
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