सेक्स क्रिया को खुशनुमा बनाने के लिए लुब्रिकेशन (निजी अंगों में चिकनाई के लिए इस्तेमाल होने वाला पदार्थ) का इस्तेमाल किया जाता है। आपके सेक्स को संवेदनशील बनाने के लिए भी लुब्रिकेंट मदद करता है। इससे सेक्स के समय आपके निजी अंगों में रूखापन नहीं रहता है। जब पुरुष व महिला सेक्स क्रिया में शामिल होने वाले होते हैं, तो उनके निजी अंगों में प्राकृतिक रुप से ही एक तरह का चिपचिपा पदार्थ (लुब्रिकेंट) निकलना शुरु हो जाता है। इस प्राकृतिक लुब्रिकेंट से सेक्स के दौरान निजी अंगों में किसी तरह का रुखापन नहीं आता है, लेकिन जब आप सेक्स क्रिया में लंबे समय तक रहना चाहते हैं तो कई बार यह लुब्रिकेंट सूख भी जाता है। ऐसे में आपको बाहर से लुब्रिकेंट लेकर सेक्स क्रिया का आनंद लेना पड़ता है।
प्राकृतिक लुब्रिकेंट करता है इन बातों पर निर्भर -
प्राकृतिक लुब्रिकेंट करता है इन बातों पर निर्भर -
कहा जाता है कि महिला जब सेक्स करने के बारे में सोचती है या अपने साथी के साथ फोरप्ले को महसूस करने लगती है, तो उसकी योनि में प्राकृतिक लुब्रिकेंट बनना शुरु हो जाता है। लुब्रिकेंट निकलने के बाद ही वह सेक्स को महसूस कर पाती है या आनंदित हो पाती है। हर किसी महिला में लुब्रिकेंट की मात्रा का स्तर अलग-अलग होता है और यह कई तरह की स्थितियों पर निर्भर करता है। महिलाओं में लुब्रिकेशन का स्तर निम्न स्थितियों पर निर्भर करता है -
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मासिक धर्म के दौरान- मासिक धर्म के समय लुब्रिकेशन का स्तर प्रभावित हो जाता है। इस समय एस्ट्रोजन (एक प्रकार का हार्मोन) महिलाओं के निजी अंगों के लुब्रिकेशन स्तर को अस्थिर कर देता है। जबकि ओवुलेशन (अंड़ा बनने का समय) के समय यह सबसे अधिक मात्रा में निकलता है।
आयु – जिन महिला का रजोनृवत्ति (मेनोपॉज) का समय निकल जाता है, वह कामोत्तेजित होने में काफी समय लेती है। काफी लंबे समय के बाद उनकी योनि से लुब्रिकेशन निकलना शुरू होता है। यह पूरी तरह से एस्ट्रोजन के कम स्तर के कारण ही होता है।
तनाव का स्तर – तनाव किसी भी तरह के संबंध को खराब करने के काम करता है। तनाव के कारण महिलाओं में कामोत्तेजना कम हो जाती है। इसके अलावा एकाग्रता, रक्त प्रवाह व योनि में नमी बनाए रखने में परेशानी होती है।
स्वास्थ्य स्थिति – कई बार गंभीर रोग, जैसे- कैंसर आदि के इलाज के लिए ली जाने वाली कीमोथैरेपी व अन्य विकरणीय तकनीक से भी महिलओं की योनि में रुखापन आने लगता है। इसके अलावा डायबिटीज में भी इस तरह की समस्या देखी जाती है।
दवाइयों का इस्तेमाल- एलर्जी और सर्दी से बचाने वाली कुछ दवाइयां भी इस समस्या का कारण होती है। यह भी लुब्रिकेशन को कम करती हैं।
सेक्स लुब्रिकेंट्स के प्रकार -
यदि प्राकृतिक लुब्रिकेंट के निर्माण में कोई परेशानी हो तो आप बाहरी लुब्रिकेंट्स की मदद से सेक्स का भरपूर आनंद ले सकते हैं। इन लुब्रिकेशन की मदद से निजी अंगों में चिकनाई का स्तर अधिक समय तक बना रहता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही इस तरह का लुब्रिकेशन सेक्स क्रिया में सहायता प्रदान करता है।
वैसे तो बाजार में कई तरह के लुब्रिकेशन मौजूद है। लेकिन इनका इस्तेमाल महिलाओं के शरीर की जरूरत के आधार पर ही करना चाहिए। कुछ लुब्रिकेंट्स के प्रकार निम्न हैं-
तेल युक्त लुब्रिकेंट्स –
बेबी ऑयल, मिनिरल ऑयल, पेट्रोलियम युक्त क्रीम या त्वचा पर लगाने वाली क्रीम तेल युक्त लुब्रिकेशन होते है। यह सभी के घरों में आसानी से उपलब्ध होते हैं। लेकिन इनके इस्तेमाल करने से कंडोम के खराब होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा घरों में लंबे समय तक रखने पर कई बार इनकी गुणवत्ता में भी खराबी आ जाती है। साथ ही यह आपके शुक्राणुओं की गुणवत्ता में भी कमी ला सकते हैं।
पानी से युक्त लुब्रिकेंट्स -
इस तरह के लुब्रिकेंट्स को सामान्य स्तर का लुब्रिकेंट कहा जाता है। इस तरह के लुब्रिकेंट्स के लिए बाजार में कई तरह के उत्पाद मौजूद है। इस तरह के लुब्रिकेंट्स में नमक का स्तर कम होता है और इससे आपकी प्रजनन शक्ति पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता हैं। इसके साथ ही यह संवेदनशील त्वचा पर भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इस तरह के लुब्रिकेंट का कोई स्वाद नहीं होता है और यह प्राकृतिक लुब्रिकेंट की तरह होता है, इसलिए ओरल सेक्स के दौरान आपको इससे हानि नहीं होती है।
सिलिकॉन युक्त लुब्रिकेंट्स –
इस तरह के लुब्रिकेंट्स पानी युक्त लुब्रिकेंट्स से भी ज्यादा सुरक्षित होते हैं। इनको आप सेक्स के दौरान कंडोम का प्रयोग करते हुए भी इस्तेमाल में ला सकते हैं। इस तरह के सिलिकॉन युक्त उत्पाद को अन्य तरह के लुब्रिकेंट्स के ज्यादा देर तक न सूखने के लिए बनाया जाता है। इसके साथ ही इसके इस्तेमाल से आपकी त्वचा अधिक नरम और मुलायम हो जाती है।
इनके इस्तेमाल से पहले आप इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि आप इन लुब्रिकेंट्स का प्रयोग अपने शरीर के संवेदनशील हिस्सों पर कर रहें हैं। यह आपकी त्वचा को किसी तरह की समस्या उत्पन्न करने वाले नहीं होने चाहिए। जिस लुब्रिकेंट से आपकी त्वचा को नुकसान न हो उसका ही इस्तेमाल करें।
लुब्रिकेंट के फायदे -
सेक्सुअल जिंदगी को मजेदार बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही यह सेक्स के समय आने वाली परेशानियों को भी दूर करता है। सेक्स के समय होने वाली लुब्रिकेंट की समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर भी बाहरी लुब्रिकेंट्स को इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। तो आइये जानते हैं कि लुब्रिकेंट्स कैसे आपके लिए फायदेमंद है-
- अक्सर महिलाओं की योनि में रूखापन हो जाता है। कई बार यह प्राकृतिक होता है, तो कई बार मेनोपॉज व कई अन्य कारणों की वजह से ऐसा होता है, लेकिन इस तरह की समस्या में लुब्रिकेंट आपकी मदद कर सकता है। इसे योनि या निजी अंगों में लगाने के बाद साथी के साथ बिताए गए खास पलों का आनंद दोगुना हो जाता है।
- यह आपके ओरल सेक्स करने की प्रक्रिया को बेहतर बना देता है। इसके अलावा यह सामान्य क्रीम से ज्यादा सुरक्षित है। कुछ अन्य वस्तुओं को लुब्रिकेंट की तरह इस्तेमाल करने से महिलाएं व पुरुष दोनों ही संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।
- एनल (Anal/ गुदा) सेक्स में एनल योनि की तरह प्राकृतिक रूप से लुब्रिकेंट नहीं बना पाता है। ऐसे में एनल में थोड़े से लुब्रिकेंट का प्रयोग करने से आप इसमें चिकनाई महसूस करेंगे और आपको एनल सेक्स करते समय किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। लुब्रिकेंट्स को लगाने के बाद आपके एनल के भीतरी भाग में मौजूद कोशिकाओं को भी क्षति नहीं होती है। लेकिन आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि लुब्रिकेंट्स में कई तरह के तत्व मिले होते हैं। जिससे सेक्स के दौरान इसका ज्यादा इस्तेमाल करना घातक सिद्ध हो सकता है।
- अगर आप सेक्स करते समय सेक्स टॉय का प्रयोग करते हैं, तो आपको इनके इस्तेमाल से पहले थोड़ा सा लुब्रिकेंट को इनपर लगाना चाहिए। इसके बाद यह टॉय आपको भरपूर आनंद देते हैं।
- लुब्रिकेंट के इस्तेमाल के बाद महिलाएं सेक्स करते समय ज्यादा बेहतर तरह से आनंदित हो पाती हैं।
- पुरुषों के लिंग पर लुब्रिकेंट का इस्तेमाल कर सेक्स करने से महिलाओं की योनि में घर्षण कम होता है। इसके साथ ही महिलाओं को इससे दर्द भी कम होता है। (और पढ़ें - सेक्स के दौरान दर्द)
- कई बार कंडोम सूखे होते हैं, ऐसे में लुब्रिकेंट्स को आप कंडोम के अंदर व बाहर वाले हिस्से में लगा लें। इसके बाद ही कंडोम को पहनें।
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लुब्रिकेंट इस्तेमाल करने का तरीका -
वैसे तो इसको इस्तेमाल करना बेहद ही आसान है, लेकिन फिर भी आप इस बात को लेकर परेशान हैं, तो आइये जानते है इसको कैसे इस्तेमाल करना चाहिए-
- लुब्रिकेशन का इस्तेमाल करना या न करना केवल आपकी इच्छा पर ही निर्भर करता है। अगर आप इसको पहली बार इस्तेमाल कर रहें हैं तो सबसे पहले आपको थोड़ी मात्रा में लुब्रिकेंट को खरीदना चाहिए। जब आपको यह ठीक लगे तब ही इसको अधिक मात्रा में खरीदें। इसको लगाने के बाद कुछ समय के लिए इंतजार करें और अपने व साथी पर इसके प्रभावों को देखें।
- लुब्रिकेंट को अपने बिस्तर के पास ही रखें, ताकि जब आपको इसकी जरूरत हो तो यह आसानी से मिल जाए। इसके अलावा आप इसकी थोड़ी मात्रा अपने पर्स या बैग में भी रख सकते हैं। इससे कहीं बाहर जब आपको इसकी जरूरत हो तो आप इसका इस्तेमाल कर सकें
- इसको आप सबसे पहले अपनी हथेली पर लें और इसके बाद अपने और अपनी साथी के निजी अंगों पर लगाएं।
- लुब्रिकेंट की एक बूंद को अपने कंडोम की बाहरी परत पर लगाएं। इससे सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल करने का आनंद दोगुना हो जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इसको कंडोम पर ज्यादा न लगाएं, क्योंकि इसके ज्यादा इस्तेमाल से कंडोम फिसलने लगता है।
- लुब्रिकेंट को निजी अंगों पर लगाने के बाद इस बात को जांच लें कि उनकी चिकनाई ठीक है या नहीं। अगर आपको चिकनाई कम लगे तो थोड़ा और लुब्रिकेंट लगा लें और अगर ज्यादा लगे तो इसको किसी सूती कपड़े से साफ कर लें।
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