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भुजंगासन करने का तरीका और फायदे

 
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स्वस्थ शरीर का मतलब सिर्फ रोग मुक्त शरीर नहीं होता। इसके साथ संतुलित भोजन, उचित वजन और सही मानसिक नियंत्रण भी जरूरी है। इन सभी के लिए वैकल्पिक रूप से योग मददगार साबित हो सकता है। योग न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से व्यक्ति को स्वस्थ रखने में सहायक हो सकता है। वैसे तो योग में असंख्य आसनों के बारे में बताया गया है, लेकिन  इस लेख में हम भुजंगासन के स्वास्थ्य लाभों के विषय में बताने जा रहे हैं। हमारे साथ जानिए शरीर के लिए भुजंगासन के फायदे और भुजंगासन करने का तरीका। साथ ही आप इस लेख में भुजंगासन से जुड़ी सावधानियां व अन्य जरूरी जानकारी भी जान पाएंगे। योगासन का लाभ तभी होता है, जब साथ में संतुलित खानपान का भी ध्यान रखा जाए।

भुजंगासन क्या है? – 
भुजंगासन योगा ऐसा योगासन है, जो दो शब्दों को मिलाकर बना है, एक भुजंग अर्थात सांप और दूसरा आसन। अंग्रेजी में भुजंगासन को कोबरा पोज कहा जाता है, क्योंकि इसे करते समय शरीर की आकृति कुछ सांप जैसी हो जाती है। स्वास्थ्य के लिए इस योगासन के कई फायदे हैं, इस वजह से सूर्य नमस्कार में भी इसे शामिल किया गया है। आगे इस लेख में इस आसन करने के लाभ बताए गए हैं।

भुजंगासन करने के फायदे – 
कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत पाने में भुजंगासन के फायदे मिल सकते हैं। जानिए क्या हैं भुजंगासन करने के फायदे :

1. रीढ़ की हड्डी को बनाए मजबूत
भुजंगासन करने के फायदे रीढ़ से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाने में मदद कर सकते हैं। यह आसन पीठ की मांसपेशियों के साथ-साथ स्पाइन नर्व को आराम दिलाने में मदद कर सकता है । हालांकि, यह आसन रीढ़ की हड्डी के लिए कितना फायदेमंद होगा, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

2. मेटाबॉलिज्म के लिए भुजंगासन के फायदे
मेटाबॉलिज्म, शरीर की उन सभी रासायनिक क्रियाओं को कहा जाता है, जो ऊर्जा को बनाने और इसे इस्तेमाल करने का काम करती हैं। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय के रूप में भुजंगासन योगा का अभ्यास किया जा सकता है। यह आसन पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाता है, जिससे पाचन शक्ति बेहतर होती है। साथ ही यह एंडोकराइन सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है । एंडोक्राइन सिस्टम विशेष प्रकार की कोशिकाओं का समूह होता है, जो हॉर्मोन बनाती हैं। यह हॉर्मोन शरीर में मेटाबॉलिज्म, शरीर का विकास, टिश्यू की कार्यप्रणाली, प्रजनन व मूड आदि को नियंत्रित करने का काम करते हैं ।

3. वजन नियंत्रण
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) द्वारा प्रकाशित एक शोध में कई प्रकार के योगासन के बारे में बताया गया है, जो महिलाओं में पेट के मोटापे  को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इन योगासनों में भुजंगासन का भी शामिल किया गया । इसके साथ, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग की एक स्टडी में बॉडी मास इंडेक्स (BMI) को कम करने के लिए सुझाए गए योग प्रोग्राम में भी भुजंगासन का जिक्र किया गया है । इस आधार पर कहा जा सकता है कि वजन को नियंत्रित के योग में भुजंगासन अहम भूमिका निभा सकता है।

4. तनाव को भगाए
चिंता और तनाव को कम करने के लिए योग को एक रामबाण उपाय माना जाता है। रोज भुजंगासन करने के फायदे भी तनाव को कम करने में मिल सकते हैं। दरअसल, यह एड्रेनल ग्लैंड्स को मजबूत बनाने में मदद करता है, जो स्ट्रेस हॉर्मोन को शांत और नियंत्रित करने का काम कर सकती हैं। यह स्ट्रेस, एंग्जायटी, अवसाद और थकान से आराम दिलाने में भी मदद कर सकता है। इसके साथ, भुजंगासन के फायदे गुस्से को नियंत्रित करने में भी मिल सकते हैं ।

5. साइटिका और अस्थमा से आराम
साइटिक नस में होने वाले दर्द को साइटिका कहा जाता है, जो अक्सर पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर पूरे पैर में फैलने लगता है । भुजंगासन योग पीठ और गर्दन के दर्द से आराम दिलाने में मदद कर सकता है और साइटिका के दर्द से राहत दिला सकता है। इसके अलावा, भुजंगासन के फायदे अस्थमा के लक्षणों को कम करने में भी मिल सकते हैं ।

भुजंगासन करने के फायदे के बाद लेख के अगले भाग में जानिए भुजंगासन करने का तरीका।

भुजंगासन करने का तरीका – 
भुजंगासन योगा को नीचे बताए गए तरीके से किया जा सकता है :

  • सबसे पहले योग मेट पर पेट के बल लेट जाएं, हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें और माथे को जमीन से टिकाएं।
  • इस दौरान अपने पैरों को तना हुआ और इनके बीच थोड़ी दूरी रखें।
  • अब अपनी हथेलियों को अपने कंधों के बराबर में लाएं। फिर लंबी गहरी सांस भरते हुए हाथों से जमीन की ओर दबाव डालते हुए, नाभि तक शरीर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
  • आपको सबसे पहले मस्तक, फिर छाती और आखिर में नाभि वाले हिस्से को ऊपर उठाना होगा।
  • इस पोजीशन में रहकर आसमान की ओर देखने की कोशिश करें और इस पोजीशन में कुछ देर ठहरें।
  • इस दौरान अपने शरीर का भार दोनों हाथों पर बराबर बनाएं रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • इस तरह आप इस योग का एक चक्र पूरा करेंगे।
  • आप अपनी क्षमतानुसार इस योग के तीन से पांच चक्र पूरे कर सकते हैं।
अगर आपने पहले कभी भुजंगासन योगा नहीं किया तो लेख के अगले भाग में आपके लिए कुछ टिप्स बताई गए हैं।

शुरुआती लोगों के लिए भुजंगासन करने के टिप्स – 
अगर किसी ने पहले कभी भुजंगासन नहीं किया है, तो भुजंगासन करने का तरीका जानने के साथ इससे जुड़ी कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, जैसे :
  • इसे करते समय खुद पर किसी प्रकार का दबाव न लें।
  • अपनी क्षमतानुसार ही नाभि वाले हिस्से को ऊपर उठाएं।
  • शुरुआत में योगासन में कुछ सेकंड तक ही ठहरें। समय के साथ, प्रतिदिन अभ्यास करते हुए योगासन के समय को बढ़ाया जा सकता है।
  • शुरुआती लोगों के लिए योग विशेषज्ञ की देखरेख जरूरी है।
  • भुजंगासन करने का तरीका जानने के साथ इससे जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में भी जानना जरूरी है। लेख के अगले भाग में जानिए भुजंगासन के लिए कुछ सावधानियां।
भुजंगासन के लिए कुछ सावधानियां – 
भुजंगासन योगा को नीचे बताई गई परिस्थितियों में नहीं किया जाना चाहिए (6):   
  • गर्भावस्था के दौरान
  • माहवारी के दौरान
  • कार्पल टनल सिंड्रोम के दौरान (इसमें हाथ-बांह में दर्द, इनका सुन्न पड़ना या इनमें झुनझुनी होती है)
  • जोड़ों के दर्द
  • कलाइयों या पसलियों में फ्रैक्चर
दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि भुजंगासन योगा करने से आपको किस तरह के फायदे मिल सकते हैं। भुजंगासन के फायदे को और प्रभावी बनाने के लिए हम यह सलाह देंगे कि इसे अकेले करने की जगह सूर्य-नमस्कार के साथ करें। साथ ही भुजंगासन करने के फायदे सही प्रकार से लेने के लिए लेख में बताया गया भुजंगासन करने का तरीका और इससे जुड़ी सावधानियों को ठीक से पढ़ लें। आपको बता दें कि भुजंगासन लेख में बताई गई किसी भी बीमारी का पूर्ण इलाज नहीं है। यह इनके प्रभाव व लक्षणों को कम करने में एक सहायक भूमिका जरूर निभा सकता है। वहीं, अगर कोई बीमारी नहीं है, तो स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, लेख से जुड़े किसी सवाल या सुझाव के लिए आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स की मदद ले सकते हैं।


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