आखिर क्या है आयुर्वेद? आयुर्वेद चिकित्सा को आखिर पौराणिक वरदान क्यों कहा जाता है? इन सभी बातों के जवाब हम जानेगे। आयुर्वेद सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसके द्वारा बड़ी सी बड़ी लाइलाज बिमारियों को भी ठीक किया गया है। लेकिन इस आयुर्वेद चिकित्सा में बीमारी को धीरे -धीरे समाप्त किया जाता है,और जड़ से समाप्त किया जाता है। प्राचीन समय में कुछ बिमारियों का आयुर्वेद में इलाज संभव नहीं था जिसके लिए काफी खोज और शोध किये गए जैसे कैंसर, बबासीर आदि। लेकिन आज आयुर्वेद में इन सब बिमारियों के भी इलाज है।
आयुर्वेद क्या है?
आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जिसके अंतर्गत जड़ी बूटियों के द्वार इलाज किया जाता है एवं किसी भी बीमारी को जड़ से समाप्त किया जाता है इसकी उत्पत्ति 5000 वर्ष पहले की मानी जाती है। आयुर्वेद शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर हुई है “आयुष” जिसे जीवन कहा जाता है एवं “वेद” जिसे विज्ञान कहते हैं। और आयुर्वेद से अर्थ है “जीवन का विज्ञान”। आयुर्वेद में उपचार के पर नहीं बल्कि स्वस्थ जीवनशैली पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। ऐसा मन जाता है अगर जीवनशैली अच्छी होगी तो कोई रोग नहीं होगा और किसी उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
आयुर्वेद के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जो शरीर है वह चार मूल तत्वों का मिश्रण है: मल, दोष, अग्नि और धातु। एवं इन सभी को आयुर्वेद के मूल सिद्धांत के रूप में देखा जाता है और इसी के आधार पर नाड़ी देखते हुए बीमारी का पता लगाया जाता है और इलाज किया जाता है।
आयुर्वेद चिकित्सा क्या है?
जैसा हमने देखा आयुर्वेद एक चिकित्सा प्रणाली है और आयुर्वेद चिकित्सा के द्वारा किसी भी बीमारी का इलाज जड़ी बूटियों के द्वारा किया जाता जाता है जिसे आयुर्वेद चिकित्सा कहा गया है। आयुर्वेद चिकित्सा के एक मुख्य तंत्र है पंचकर्म। यह सबसे प्राचीन एवं सबसे मुख्य उपचार पद्धत्ति है जिसमें जोड़ों का दर्द, लखवा, गठियावाह, बाल गिरना, कमर दर्द जैसी गंभीर बिमारियों से छुटकारा पाया जाता है। इस चिकित्सा के दौरान शरीर एक दम रिलैक्स हो जाता है इसी स्पा भी कहा जा सकता है।
आयुर्वेद चिकित्सा एक आश्चर्यजनक चिकित्सा है जिसमें दवाओं का शरीर पर नुकसान नहीं होता। अगर दवा आपके शरीर पर कोई असर नहीं करेगी तो उसका विपरीत असर भी नहीं होगा। इसलिए इसे सेफ चिकित्सा भी कहा जा सकता है।
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