पारिवारिक, सामाजिक और ऑफिस की जिम्मेदारियों से अपने लिए समय निकालना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से व्यक्ति आसानी से बीमारियों की चपेट में आ सकता है। ऐसे में स्वयं को स्वस्थ रखने का सबसे आसान तरीका है सुबह उठ कर योगासन करना। योग में ऐसे कई आसन हैं, जो शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और ऐसा ही एक आसन है पद्मासन। पद्मासन के फायदे आपके तनाव को कम कर सकते हैं और दिनभर ऊर्जावान बनाए रखने में मदद कर सकते हैं, बशर्ते इसे सही ढंग से किया जाए। इस लेख में हम पद्मासन योग पर चर्चा करेंगे। इस लेख में पद्मासन के लाभ के साथ, आपको पद्मासन करने का तरीका भी बताएगा जाएगा। इन सब के साथ आप यह भी जान पाएंगे कि पद्मासन करते समय सावधानी बरतना क्यों जरूरी है।
पद्मासन क्या है –
पद्मासन, एक प्रकार का योगासन है, जिसे बैठ कर किया जाता है। यह संस्कृत के शब्द पद्म अर्थात कमल और आसन को मिलाकर बनाया गया है। भारतीय संस्कृति में कमल का धार्मिक रूप से बहुत महत्व है। माना जाता है कि जिस प्रकार कमल कीचड़ में खिलने के बाद भी अपनी खूबसूरती नहीं खोता है, उसी प्रकार पद्मासन व्यक्ति को सामाजिक बुराइयों से दूर रख मन को शांत रखने में मदद करता है। अक्सर, प्राणायाम करते समय पद्मासन मुद्रा में बैठने का सुझाव दिया जाता है ।
पद्मासन करने के फायदे –
1. दिमाग को शांत करे
योग करते समय व्यक्ति का दिमाग और उसका शरीर एक लय में चलना जरूरी होता है। इस कारण योग करते समय ध्यान केंद्रित करना आवश्यक हो जाता है। ध्यान करने के लिए पद्मासन योग को एक बहुत जरूरी योगासन माना जाता है। यह ध्यान केंद्रित कर दिमाग को शांत करने में मदद कर सकता है ।
2. ऊर्जा बनाए रखे
अगर कोई थका हुआ महसूस कर रहा है, तो कुर्सी पर बैठने की जगह पद्मासन में बैठा जा सकता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग के एक शोध में पाया गया है कि लगभग 20 मिनट तक पद्मासन में बैठने से पद्मासन के लाभ ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने का काम कर सकते हैं ।
3. बेहतर नींद
नींद न आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे मानसिक या शारीरिक थकान या फिर स्ट्रेस। कई बार इसमें एलोपैथिक दवाइयां भी काम नहीं कर पाती हैं। ऐसे में पद्मासन के फायदे बेहतर नींद लाने में मदद कर सकते हैं। शोध में पाया गया है कि पद्मासन स्ट्रेस को कम कर सकता है, जिससे बेहतर नींद लेने में मदद मिल सकती है ।
4. घुटनों के लिए लाभकारी
पद्मासन में बैठते समय घुटनों और टखनों को अच्छी तरह खींच कर और मोड़ कर बैठना होता है। आसन करने के दौरान जब जोड़ों में खिंचाव पड़ता है, तो एक खास प्रकार का द्रव (श्लेष द्रव – ) का रिसाव होता है। माना जाता है कि यह द्रव मांसपेशियों की अकड़न को कम करने के साथ-साथ अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है ।
5. माहवारी में लाभदायक
माहवारी के दौरान पेट, कमर में दर्द, अकड़न, थकान, चिड़चिड़ापन आदि होना आम बात है। ऐसे में इन लक्षणों को कम करने के लिए पद्मासन योग मददगार साबित हो सकता है। जैसा कि हम लेख में पहले भी बता चुके हैं कि पद्मासन दिमाग को शांत करता है। साथ ही यह मांसपेशियों की अकड़न व कमर दर्द आदि को कम करने में भी मदद कर सकता है और माहवारी की असहजता को दूर करने में मदद कर सकता है ।
6. गर्भवती के लिए पद्मासन के फायदे
गर्भावस्था के दौरान भी पद्मासन के फायदे एक महिला को मिल सकते हैं। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि यह आसन तनाव को दूर करने के साथ-साथ मांसपेशियों की अकड़न को दूर करने और शरीर में ऊर्जा बढ़ाने का काम कर सकता है। फिलहाल, इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, जो यह बता सके कि इसके लाभ गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को मिलेंगे या नहीं। साथ ही गर्भावस्था के दौरान इस आसन को करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
पद्मासन के लाभ जानने के बाद, आइए अब आपको पद्मासन की विधि के बारे में बताते हैं।
पद्मासन योग मुद्रा करने का तरीका –
किसी भी आसन के फायदे उसे सही ढंग से करने पर ही मिलते हैं, इसलिए जरूरी है उसके करने के तरीके के बारे में जानना। नीचे जानिए पद्मासन की विधि के बारे में :
- योग मैट पर पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
- अपनी कमर और गर्दन को सीधा रखें।
- अब दाएं पैर को मोड़ कर उसकी एड़ी को बाईं जांघ पर रखें।
- इस प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ भी दोहराएं।
- जब दोनों पैरों को मोड़कर एड़ी को विपरीत जांघों पर रखकर आप सहज हो जाएं, तो हाथों से ज्ञानमुद्रा बनाकर घुटनों पर रखें।
- इस दौरान अपनी कोहनियों को सीधा रखें।
- अब इस मुद्रा में कुछ देर बैठें।
- इस मुद्रा में सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को सामान्य रूप से जारी रखें।
- इस प्रक्रिया को दिन में दो बार तीन से पांच मिनट के लिए दोहरा सकते हैं।
अगर आपने पहले कभी पद्मासन नहीं किया तो लेख का अगला भाग आपके लिए है। जानिए शुरुआती लोगों के लिए पद्मासन की विधि।
शुरुआती लोगों के लिए पद्मासन करने की टिप –
अगर आपने पहले कभी पद्मासन नहीं किया और पिछले भाग में बताई गई पद्मासन की विधि करने में आपको असहजता हो रही है, तो आप अर्धपद्मासन कर सकते हैं। इसे नीचे बताई गई विधि से किया जा सकता है :
- योग मैट पर पालथी मार कर बैठ जाएं।
- अब दाएं पैर की एड़ी को बाएं पैर की जांघ पर रखें।
- अब उंगलियों से ज्ञान मुद्रा बनाकर हाथों को घुटनों पर रखें।
- अपनी कोहनियों को सीधा रखें।
- ध्यान रखें कि पूर्ण पद्मासन की ही तरह इसमें भी कमर और गर्दन को सीधा रखना है।
- अब धीरे-धीरे गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें।
- इसे लगभग तीन से पांच मिनट तक करें और फिर दूसरे पैर से यह प्रक्रिया दोहराएं।
- जब आप इसमें पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएं, तो पूर्ण पद्मासन करने का प्रयास करें।
यह आसन करते समय कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है। लेख के अगले भाग में जानिए पद्मासन करते समय सावधानियां कैसे बरतनी चाहिए।
पद्मासन योग के लिए कुछ सावधानियां –
पद्मासन करते समय सावधानियां न बरतने से आपको कुछ नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। नीचे जानिए पद्मासन करते समय सावधानियां कैसे बरतनी चाहिए :
- अगर आपने पहले कभी पद्मासन नहीं किया है, तो इसे योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
- जोड़ों या घुटने के दर्द से पीड़ित लोग पद्मासन को न करें।
- गर्भावस्था में भी पद्मासन योग विशेषज्ञ की देखरेख में करने की सलाह दी जाती है।
इस लेख को पढ़ने के बाद आप पद्मासन के फायदे के बारे में अच्छी तरह समझ गए होंगे। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि अगर इसे सही ढंग से किया जाए, तो इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। आप अब पद्मासन करने का तरीका भी समझ गए होंगे। इस बात पर ध्यान दें कि प्रतिदिन योग करने से शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है, लेकिन यह कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है। किसी बीमारी का उपचार करने के लिए पद्मासन कितना लाभकारी होगा, यह नहीं कहा जा सकता। साथ ही पद्मासन करते समय सावधानियां भी जरूर बरतें। हम आशा करते हैं कि इस लेख की मदद से आप पद्मासन के लाभ सही ढंग से उठा पाएंगे। कमेंट बॉक्स में लिख कर हमें बताना न भूलें कि यह लेख आपको कैसे लगा।
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