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पीठ के मुंहासे के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय

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मुंहासों से निपटना अक्सर चुनौतीपूर्ण होता है। ये चेहरे के साथ ही शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें से एक पीठ भी है। पीठ पर होने वाले बैक एक्ने महिला और पुरुष दोनों को हो सकते हैं। खासकर, इससे महिलाएं परेशान होती हैं, क्योंकि वह अपना मनपसंद बैकलेस गाउन व अन्य ट्रेंडी ड्रेस नहीं पहन पाती हैं। शादियों में बैक डिपकट ब्लाउज पहनना भी पीठ के मुंहासों की वजह से ख्वाब ही बनकर रह जाता है। ऐसे में पीठ के मुंहासे के लिए घरेलू उपाय और इसके कारण जानने के लिए आप यह लेख पढ़ सकते हैं। पीठ के मुंहासे के कारण और इसे कम करने के तरीके जानने के लिए आर्टिकल को स्क्रॉल करके पढ़ें।

पीठ के मुंहासे क्या हैं – 
चेहरे की तरह ही पीठ पर मुंहासे होना भी आम है। इन्हें बैक एक्ने व पीठ के मुंहासे के नाम से भी जाना जाता है। स्किन में अधिक तेल, बैक्टीरिया, तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स और बालों के उत्पादों की वजह से मुंहासे व एक्ने की समस्या हो सकती है । मुंहासे त्वचा की तेल ग्रंथियों और बालों के रोम (फॉलिकल्स) को प्रभावित करते हैं। त्वचा में मौजूद छिद्र (Pores) फॉलिकल्स के माध्यम से ग्रंथियों से जुड़े होते हैं। फॉलिकल्स से एक पतला सा बाल भी उग जाता है, जो त्वचा के अंदर से बाहर की ओर बढ़ता है। कई बार बाल, सीबम और स्किन सेल्स एक साथ समूह बना लेते हैं, जिसे प्लग कहते हैं। प्लग में बैक्टीरिया के कारण सूजन होती है और फिर पिंंपल बनने लग जाते हैं ।

पीठ के मुंहासे के प्रकार –
पीठ के मुंहासों के प्रकार अन्य मुंहासों जैसे ही होते हैं, जिनके बारे में हम विस्तार से आगे बता रहे हैं ।

कॉमेडोनिका  – माइल्ड मुंहासों को कॉमेडोनिका कहा जाता है। इस दौरान पीठ पर ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स होते हैं। ब्लैड और व्हाइट हेड्स त्वचा के छिद्र को बंद कर देते हैं। त्वचा में जितना तेल जमा होता है, उतने बैक्टीरिया का बढ़ना शुरू होता है, जिसकी वजह से इंफ्लामेटरी एक्ने बनने लगते हैं, अर्थात हल्के एक्ने मध्यम बन जाते हैं।

पेपुलर-पुस्टुल्स (Papular-Pustules) –  यह मध्यम प्रकार के मुंहासे होते हैं। इस दौरान मुंहासों में पस जमने लगता है और एक्ने पीले रंग के दिखने लगते हैं। इसी पीले रंग के पस वाले मुंहासों को पुस्टुल्स कहा जाता है। वहीं, सूजन वाले मुंहासों को पेपुलर कहते हैं।

नोड्यूल्स (Nodules) सिवियर – नोड्यूल्स मुंहासों का गंभीर प्रकार है। इसमें सूजन और पस बहुत ज्यादा होने लगता है। इन गंभीर मुंहासों की वजह से चेहरा लाल और सूजा हुआ लगता है। पिंपल की इस स्टेज में पहुंचने से पहले ही एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

पीठ के मुंहासे  के कारण –
पीठ पर होने वाले मुंहासों का कारण हम नीचे बता रहे हैं। इनको अगर ध्यान में रखा जाए, तो मुंहासों से बचा जा सकता है। 

हार्मोन्स – युवाओं में मुंहासे होने का मुख्य कारण एण्ड्रोजन हार्मोन का अधिक होना है। जैसे ही हार्मोन का स्तर नॉर्मल हो जाता है, तो एक्ने ठीक हो जाते हैं ।
डाइट – एक अध्ययन में इस बात का जिक्र है कि हाई ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ, जैसे – कैंडी या सोडा के सेवन से भी मुंहासे बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, फैट, मिल्क और मछली से भी एक्ने बढ़ सकते हैं ।
इम्यून सिस्टम – माना जाता है कि प्रतिरक्षा के कमजोर होने पर भी मुंहासे हो सकते हैं। जब इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, तो यह मुंहासों का कारण बनने वाले बैक्टीरिया से ठीक प्रकार लड़ नहीं पाता है। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
आनुवांशिकता – मुंहासे होने का एक कारण आनुवंशिक भी हो सकता है। परिवार वालों को अगर एक्ने होते रहते हैं, तो यह जीन में आ सकते हैं। इससे परिवार के अन्य सदस्यों में भी समय के साथ एक्ने की आशंका बढ़ जाती है 
इंफ्लामेशन – पिंपल एक इंफ्लामेटरी त्वचा संबंधी समस्या है । इसी वजह से इंफ्लामेशन भी पीठ के मुंहासे की एक वजह है। इंफ्लामेशन की वजह से एक्ने और गंभीर हो सकते हैं।
अधिक पसीना आना – ज्यादा पसीना आने की वजह से भी पीठ के मुंहासे हो सकते हैं। माना जाता है कि पसीने की वजह से रोमछिद्रों में गंदगी जमने के साथ ही बैक्टीरिया पनपने लग सकते हैं।
कॉस्मेटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल – सौंदर्य प्रसाधन भी एक्ने का कारण बन सकते हैं। खराब क्वालिटी के कॉस्मेटिक्स और लंबे समय तक मेकअप के लगे रहने से रोमछिद्र ब्लॉक हो सकते हैं ।
दवाएं – कई बार मुंहासे दवाओं के साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। कुछ दवाएं, जैसे कि मिर्गी और अवसाद के दवा की वजह से भी एक्ने हो सकते हैं ।
तनाव – स्ट्रेस लेने वाले लोगों को भी एक्ने हो सकते हैं। तनाव एक्ने की वजह बनने के साथ ही इस स्थिति को गंभीर करने के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है ।

पीठ के मुंहासे के लिए घरेलू उपाय – 
पीठ के मुंहासे के लिए घरेलू उपाय के बारे में हम विस्तार से नीचे बता रहे हैं। इन्हें पढ़ने से पहले एक बात जान लें कि ये घरेलू उपाय गंभीर मुंहासों का इलाज नहीं हैं बल्कि ये इन्हें कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकते हैं। चलिए जानते हैं मुंहासों के घरेलू उपाय के बारे में  —

1. टी ट्री ऑयल
सामग्री:
  • टी ट्री ऑयल की 7 बूंदें
  • आधा चम्मच नारियल का तेल
उपयोग का तरीका:
  • टी ट्री ऑयल में नारियल तेल मिलाएं।
  • अब इस मिश्रण को पीठ पर लगा लें।
  • रात भर के लिए इसे छोड़ दें।
  • अगली सुबह नहाते समय पीठ को अच्छी तरह धो लें।
  • असहजता महसूस होने पर एक घंटे बाद तेल को धो सकते हैं।
  • हफ्ते में एक बार इसे दोहरा सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
एक शोध में टी-ट्री ऑयल और इससे बने जेल को हल्के से मध्यम एक्ने के उपचार में लाभदायक माना गया है । दरअसल, टी-ट्री ऑयल में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो एक्ने से राहत दिला सकते हैं। वहीं, नारियल के तेल में विटामिन-ई और एंटीबैक्टीरियल यौगिक पाए जाते हैं, इसलिए इसका उपयोग मुंहासों को रोकने और इसके धब्बों के उपचार के लिए किया जा सकता है ।

2. एलोवेरा 
सामग्री:
  • 1 चम्मच एलोवेरा जेल
उपयोग का तरीका:
  • एलोवेरा का ताजा पत्ता लेकर उससे जेल निकाल लें।
  • घर में या आसपास एलोवेरा न हो, तो बाजार में मौजूद एलोवेरा जेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
  • अब एक चम्मच एलोवेरा जेल को प्रभावित हिस्सों पर लगाएं।
  • पीठ पर करीब आधे घंटे तक एलोवेरा जेल लगा रहने दें।
  • समय पूरा होने के बाद पीठ को साफ कपड़े से पोंछ लें।
  • ऐसा रोजाना 2 से 3 बार किया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:
एलोवेरा का इस्तेमाल लंबे समय से त्वचा के लिए किया जाता रहा है। माना जाता है कि इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक गुण त्वचा पर जीवाणुओं को पनपने नहीं देता है। इसके अलावा, एलोवेरा में एंटी-एक्ने प्रभाव भी होता है, जो मुंहासों से बचाव करने में लाभदायक हो सकता है। साथ ही एलोवेरा मे एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी पाया जाता है, जो इंफ्लामेटरी मुंहासों से लड़ने में मददगार साबित हो सकता है। इतना ही नहीं, एलोवेरा को एंटी-एजिंग और मॉइस्चराइजिंग गुण के लिए भी जाना जाता है ।

3. सेंधा नमक 
सामग्री:
  • एक कप सेंधा नमक व एप्सम सॉल्ट
  • एक टब या एक बाल्टी पानी
उपयोग का तरीका:
  • पानी से भरे टब में सेंधा नमक डाल लें।
  • करीब 10 मिनट बाद टब में बैठकर एक्ने प्रभावित हिस्से को पानी में भिगोएं।
  • टब न हो, तो बाल्टी में सेंधा नमक डालकर उस पानी से करीब 20 मिनट तक नहा लें।
  • 20 से 30 मिनट तक प्रभावित हिस्से को सेंधा नमक में भिगोने के बाद तौलिए से पोंछ लें।
  • इस उपाय को एक दिन छोड़कर किया जा सकता है।  
कैसे लाभदायक है:
पीठ के मुंहासे के लिए सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, सेंधा नमक में मैग्नीशियम नामक केमिकल होता है। यह शरीर में हार्मोन्स बैलेंस करके मुंहासे से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। दरअसल, हार्मोन के असंतुलन की वजह से भी एक्ने होता है। इसी वजह से सेंधा नमक को पीठ के मुंहासे कम करने के लिए लाभदायक माना जा सकता है। हार्मोन्स को नियंत्रित करने के साथ ही सेंधा नमक त्वचा की मृत कोशिकाओं को भी साफ करके स्किन को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है ।

4. नींबू 
सामग्री:
  • आधा नींबू
उपयोग का तरीका:
  • आधे नींबू का रस निचोड़कर एक कटोरी में निकाल लें।
  • अब नींबू के रस में रूई डुबोकर एक्ने प्रभावित हिस्से पर लगाएं।
  • करीब 30 मिनट तक प्रभावित हिस्से पर नींबू का रस लगा रहने दें।
  • नींबू के रस के सूखने के बाद एक कपड़े से पीठ को धो लें।
  • ध्यान रखें कि पीठ के मुंहासों के लिए घरेलू उपाय नहाने से पहले करेंगे, तो पीठ को धोने में आसानी होगी।
  • ऐसा हफ्ते में एक से दो बार कर सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
पीठ के मुंहासे का इलाज घर पर करने के लिए नींबू का इस्तेमाल भी काफी प्रचलित है ।  इसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि नींबू में पाया जाने वाला फ्लेवोनोइड है। यह केमिकल कंपाउंड त्वचा पर एंटीबैक्टीरियल की तरह काम कर सकता है। यही गतिविधि त्वचा में जीवाणु को खत्म करने में मदद कर सकती है, जिससे मुंहासे कम हो सकते हैं। इतना ही नहीं, मुंहासे के बैक्टिरिया प्रोपिओनी बैक्टीरियम को बढ़ने से रोकने में भी नींबू मदद कर सकता है। एक रिसर्च में कहा गया है कि इसमें मौजूद एस्कॉर्बिक और सिट्रस एसिड इस बैक्टीरिया को पनपने से रोक सकते हैं ।

5. विटामिन डी 
सामग्री:
  • विटामिन डी 1000 IU
उपयोग का तरीका:
  • विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • विटामिन डी युक्त पदार्थों में बादाम, दूध, बादाम, मांस, अंडा, मछली आदि शामिल हैं।
  • चिकित्सक से परामर्श लेकर विटामिन डी के सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
  • ध्यान रखें कि विटामिन-डी के सप्लीमेंट सिर्फ वही लोग लें, जिन्हें बैक एक्ने इसकी कमी की वजह से हो।
कैसे लाभदायक है:
माना जाता है कि शरीर में विटामिन-डी की कमी होने की वजह से भी एक्ने हो सकते हैं (। ऐसे में विटामिन-डी युक्त खाद्य पदार्थ लाभदायक साबित हो सकते हैं। एनसीबीआई  की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में कहा गया है कि एक्ने प्रभावित लोगों में विटामिन-डी की मात्रा कम पाए जाने पर जब उन्हें इसका सप्लीमेंट दिया गया, तो उनके मुंहासों पर सुधार पाया गया (18)।

6. सेब का सिरका 
सामग्री:
  • आधा चम्मच सेब का सिरका
  • पानी की कुछ बूंदें
  • एक चम्मच शहद
उपयोग का तरीका:
  • त्वचा को थोड़ा नम करके एक्ने प्रभावित हिस्से पर शहद लगाएं।
  • शहद को लगाने के करीब पांच मिनट बाद एक्ने प्रभावित हिस्से की मालिश करें।
  • मालिश के 30 से 40 मिनट बाद गुनगुने पानी से त्वचा को धो लें।
  • उसके बाद सेब के सिरके में पानी डालकर मिश्रण तैयार करें।
  • फिर इसे टोनर की तरह रूई की मदद से एक्ने प्रभावित हिस्सों पर लगाएं। 
कैसे लाभदायक है:
सेब का सिरका और शहद, दोनों ही पीठ के मुंहासों पर प्रभावशाली एंटी-एक्ने की तरह काम कर सकते हैं। दरअसल, शहद में पाए जाने वाले एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मुंहासों को कम करने में लाभदायक हो सकते हैं । वहीं, सेब का सिरका त्वचा के पीएच लेवल को संतुलित करके एक्ने से बचाव का काम कर सकता है । दरअसल, स्किन का पीएच लेवल बढ़ना भी एक्ने का कारण होता है । ऐसे में कहा जा सकता है कि सेब का सिरका मुंहासों को दूर करने में मदद कर सकता है।

7. नारियल का तेल 
सामग्री:
  • एक चम्मच नारियल का तेल
उपयोग का तरीका:
  • हथेलियों में नारियल तेल लेकर पीठ की मालिश कर लें।
  • अगर खुद का हाथ न पहुंचे, तो परिवार के किसी सदस्य को ऐसा करने के लिए कह सकते हैं।
  • करीब 10 मिनट तक तेल से मालिश करें।
  • मालिश करने के 30 मिनट बाद पीठ को धो लें।
  • नहाने से पहले ऐसा कर सकते हैं, जिससे की पीठ चिपचिपी न बनी रहे।
  • हफ्ते में दो बार ऐसा कर सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
नारियल के तेल में विटामिन-ई और एंटीबैक्टीरियल यौगिक पाए जाते हैं, इसलिए इसका उपयोग मुंहासों को रोकने और इसके धब्बों को कम करने के लिए किया जा सकता है ।  इसके अलावा, नारियल के तेल में लौरिक एसिड भी पाया जाता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण प्रदर्शित करता है। यह दोनों गुण मुंहासों के बैक्टीरिया से लड़ने का काम कर सकते हैं। इसी वजह से नारियल के तेल का इस्तेमाल पीठ के मुंहासों को ठीक करने में लाभदायक माना जा सकता है ।

8. ओटमील बाथ 
सामग्री:
  • दो कप ओटमील व दलिया
  • पानी
उपयोग का तरीका:
  • पानी से भरे टब में एक या दो कप दलिया डालें।
  • लगभग 20 से 30 मिनट के लिए दलिया वाले पानी में लेट जाएं।
  • ओट्स से एक्ने प्रभावित हिस्से को हल्का स्क्रब भी कर सकते हैं।
  • अगर टब न हो, तो बाल्टी में ओट्स डाल दें।
  • फिर थोड़ी देर बाद उस पानी से नहाएं।
कैसे लाभदायक है:
प्रभावी एंटी-इंफ्लामेटरी गुण के कारण ओट्स इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले पीठ के मुंहासे के इलाज में मददगार हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च के मुताबिक ओट्स का एंटी-इंफ्लामेटरी गुण मुंहासे से राहत दिलाने के साथ ही इसकी वजह से होने वाली खुजली को भी कम करने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीइंफ्लामेशन ही नहीं बल्कि सूदिंग एजेंट और क्लिनंजिंग गुण भी होते हैं। ये पीठ की गहराई से सफाई कर मुंहासे की वजह से होने वाली सूजन से राहत दिला सकते हैं।

9. विक्स वेपोरब
सामग्री:
  • आवश्यकतानुसार विक्स वेपोरब
उपयोग का तरीका:
  • विक्स वेपोरब को सीधे पीठ के मुंहासों पर लगाएं।
  • इसे लगाने के बाद ऐसे ही छोड़ दें।
  • हफ्ते में दो से तीन बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
विक्स वेपोरब को भी एक्ने ट्रीटमेंट के लिए लाभदायक माना जाता है। हालांकि, इससे संबंधित कोई शोध उपलब्ध नहीं है। रिसर्च न होने के बावजूद इसका इस्तेमाल प्रचलित है। दरअसल, विक्स वेपोरब का अधिकतर हिस्सा कैम्फर से बना होता है और कैम्फर को एंटी-एक्ने माना जाता है। यह तेल को सोखने के साथ ही इंफ्लामेशन को भी कम करने का काम कर सकता है । फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

10. दही 
सामग्री:
  • एक कटोरी दही
उपयोग का तरीका:
  • एक कटोरी सादा दही खाएं।
  • वैकल्पिक रूप से पीठ के मुंहासे पर दही लगाया भी जा सकता है।
  • दही लगाने के 30 से 40 मिनट बाद पीठ को धो लें या एक कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें।
  • दैनिक आहार में रोजाना दही को शामिल किया जा सकता है।
कैसे लाभदायक है:
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स को एक्ने से राहत पाने के लिए लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा, दही में लैक्टिक एसिड पाया जाता है। इसे भी एक्ने से बचाव के लिए भी जाना जाता है। यह मृत कोशिकाओं को हटाकर रोम छिद्रों को बंद होने से रोक सकता है। इसके साथ ही यह मुंहासे की वजह से पड़ने वाले निशान को भी ठीक करने में मदद कर सकता है। इसी वजह से मुंहासों की समस्या को कम करने के लिए दही को उपयोगी माना जाता है ।

11. लहसुन 
सामग्री:
  • लहसुन की कुछ कलियां
उपयोग का तरीका:
  • लहसुन का पेस्ट तैयार कर लें।
  • अब पेस्ट को निचोड़ कर इसका रस निकाल लें।
  • रस निकालने के बाद इसे अपनी पीठ पर लगाएं।
कैसे लाभदायक है:
लहसुन में एलिसिन नामक एंटीबैक्टीरियल यौगिक होता है। यह त्वचा को एक्ने के बैक्टीरिया से बचाने और इन्हें पनपने से रोकने में मदद कर सकता है । एक शोध में जिक्र है कि इसके हाइड्रोक्लोरिक अर्क से एंटी-एक्ने जेल भी बनाया जाता है। इसके पीछे की वजह है लहसुन में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव। इन सभी गुणों की वजह से माना जाता है कि लहसुन मुंहासों को कम करने में सहायक हो सकता है ।

12. ग्रीन टी 
सामग्री:
  • 1 चम्मच ग्रीन टी
  • 1 कप पानी
उपयोग का तरीका:
  • एक कप गर्म पानी में एक चम्मच ग्रीन टी मिलाएं।
  • 5 से 7 मिनट बाद ग्रीन टी को छान लें।
  • जैसे ही ग्रीन टी ठंडी हो जाए, उसमें कॉटन बॉल को डुबोएं।
  • रूई व कॉटन बॉल की मदद से अच्छी तरह ग्रीन टी को मुंहासों पर लगाएं।
  • पीठ के मुंहासे पर इसे करीब 20 मिनट तक लगा रहने दें।
  • 20 मिनट बाद पीठ को गीले कपड़े से पोंछ लें या नहा लें।
  • ग्रीन टी को नियमित रूप से दिन में एक से दो बार पी भी सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
पीठ के मुंहासे के लिए घरेलू उपाय के रूप में ग्रीन टी को इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इसमें पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो त्वचा में सीबम (तैलीय पदार्थ) के उत्पादन को कम कर सकता है। जैसा कि हम ऊपर लेख में बता ही चुके हैं कि त्वचा के तैलीय होने से मुंहासे हो सकते हैं। यह इसके स्राव को रोकर मुंहासों को कम करने का काम कर सकता है । साथ ही ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव भी होते हैं, जो एक्ने से लड़ने में मदद कर सकते हैं ।

13. शहद 
सामग्री:
  • आवश्यकतानुसार कच्चा शहद
उपयोग का तरीका:
  • शहद को मुंहासे प्रभावित हिस्सों पर लगाएं।
  • इसे 20 से 30 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
  • इसके बाद पीठ साफ करने के लिए गिले कपड़े से पोंछ लें या फिर नहा लें।
  • रोजाना 2 बार इस प्रक्रिया को दोहरा सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण एक्ने के बैक्टीरिया को खत्म करने और एक्ने को ठीक करने में मददगार हो सकते हैं। इसी वजह से कॉस्मेटिक्स में भी शहद का इस्तेमाल किया जाता है । एनसीबीआई  की वेबसाइट पर भी एक रिसर्च में इस बात का जिक्र है, जिसमें शहद को मुंहासे के लिए लाभदायक पाया गया है। इस अध्ययन में 12 हफ्ते तक शहद का इस्तेमाल करने वालों में सुधार पाया गया ।

दरअसल, शहद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुंहासों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को खत्म करने का काम कर सकता है। वहीं, शहद में पाए जाने वाला एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण एक्ने में होने वाली सूजन को ठीक करने में लाभदायक हो सकता है।

14. हल्दी
सामग्री:
  • 2 चम्मच हल्दी पाउडर
  • पानी (आवश्यकतानुसार)
उपयोग का तरीका:
  • हल्दी में आवश्यकतानुसार पानी डालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
  • अब इस पेस्ट को समान रूप से पीठ के मुंहासों पर लगाएं।
  • पेस्ट लगाने के बाद करीब 20 से 30 मिनट तक इसे छोड़ दें।
  • जब पेस्ट सूख जाए, तो पीठ को धो लें।
  • यह पेस्ट लगाने के बाद नहाना बेहतर होगा, वरना पीठ में पीले निशान रह जाएंगे।
  • रोजाना हल्दी पेस्ट को पीठ के मुंहासों पर लगा सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
घर पर पीठ के मुंहासे का इलाज करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। सदियों से आयुर्वेद में हल्दी को इसके एंटीसेप्टिक और हीलिंग गुण की वजह एक औषधि की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है । हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए होते हैं। ये दोनों गुण एक्ने को ठीक करने में लाभदायक माना जाते हैं । 

नोट: हल्के से मध्यम पीठ के मुंहासे के लिए घरेलू उपाय किया जा सकता हैं। जैसे ही एक्ने गंभीर होने लगें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसके अलावा, मुंहासे के पैक में मौजूद किसी सामग्री से एलर्जी हो, तो उसका उपयोग न करें।

पीठ के मुंहासे का इलाज – 
एक्ने अगर घरेलू उपचार से कम नहीं होते हैं या फिर बढ़ते ही जाते हैं, तो इसका इलाज भी जरूरी है। इसी वजह से आगे हम पीठ के मुंहासे के इलाज के बारे में बता रहे हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना इनमें से किसी को भी न अपनाएं। हम यहां सिर्फ वो ट्रीटमेंट बता रहे हैं, जिनका सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं, परंतु नीचे बताई गई किसी भी दवा को डॉक्टर के परामर्श के बिना न लें ।

मुंहासों से पीड़ित लोगों को एंटीबायोटिक्स दवा दी जा सकती है। सबसे पहले मुंह से ली जाने वाली एंटीबायोटिक्स दवा के बारे में बता करते हैं –
  • टेट्रासाइक्लिन
  • डॉक्सीसाइक्लिन
  • मिनोसाइक्लिन
  • एरिथ्रोमाइसिन
  • ट्राइमेथोप्रिम-सल्फामेथोक्साजोल
  • एमोक्सिसिलिन
त्वचा पर लगाने के लिए एंटीबायोटिक्स –
  • क्लिंडामाइसिन
  • एरिथ्रोमाइसिन
  • डैपसोन
त्वचा पर क्रीम या जैल लगाया जा सकता है –
  • विटामिन ए के तत्व जैसे कि रेटिनोइक एसिड क्रीम या जेल (ट्रेटिनॉइन या रेटिन-ए)
  • बेंजोयल पेरोक्साइड, सल्फर, रेसोरिसिनॉल या सैलिसिलिक एसिड
  • एजेलिक (Azelaic) एसिड
महिलाओं में हार्मोन के कारण होने वाले एक्ने के लिए –
  • स्पिरोनोलैक्टोन नामक एक गोली मदद कर सकती है।
मामूली प्रक्रिया या उपचार भी सहायक हो सकते हैं –
  • एक्ने से छुटकारा पाने के लिए फोटोडायनेमिक थेरेपी का उपयोग भी किया जा सकता है। यह एक ऐसा उपचार है, जिसमें त्वचा पर नीली लाइट की मदद से एक रसायन को सक्रिय किया जाता है।
  • स्किन पीलिंग की भी डॉक्टर सलाह दे सकते हैं। इसके अलावा, डर्माब्रेशन द्वारा निशान हटाने के साथ ही कोर्टिसोन के साथ सिस्ट इंजेक्शन लगाने का परामर्श भी डॉक्टर दे सकते हैं।
  • सिस्टिक मुंहासे और दाग-धब्बे वालों को डॉक्टर आइसोट्रेटिनॉइन दवा दे सकते हैं। इस दवा के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। खासकर, गर्भवती महिलाओं को यह दवा नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि यह गंभीर जन्म दोष का कारण बन सकती है।
पीठ के मुंहासे से बचाव  – 
पीठ के मुंहासों से बचाव के लिए कुछ टिप्स को अपनाना और दिनचर्या में हल्के बदलाव करना जरूरी है। ऐसा करने से बार-बार एक्ने होने की समस्या से बचा जा सकता है। नीचे हम विस्तार से बता रहे हैं टिप्स। 

क्या करें:
  • अपनी त्वचा को हमेशा माइल्ड साबुन से धीरे-धीरे साफ करें।
  • सौंदर्य प्रसाधन और त्वचा की क्रीम खरीदते समय वॉटर बेस्ड या नॉन-कॉमेडोजेनिक उत्पाद ही खरीदें। यह रोम छिद्रों को ब्लॉक नहीं करते।
  • कभी किसी पार्टी या कॉन्सर्ट में जाने के लिए पीठ पर मेकअप का इस्तेमाल किया हो, तो उसे जरूर साफ करें।
  • एक्सरसाइज करने के बाद रोजाना पीठ साफ करें या नहा लें। इससे शरीर पर पसीने की वजह से गंदगी और बैक्टीरिया नहीं पनपेंगे।
  • बाल अगर तैलीय हों, तो रोजाना शैम्पू करें।
  • धूप में थोड़ी देर बैठने से भी मुंहासों में हल्का सुधार हो सकता है।
क्या न करें:
  • एक्ने को दबाने, खरोंचने या रगड़ने की कोशिश न करें। इससे त्वचा पर संक्रमण फैल सकता है और एक्ने के निशान पीठ पर पड़ सकते हैं।
  • उंगलियों से एक्ने को छूने से बचें।
  • बॉडी मॉइस्चराइज करते समय चिपचिपी क्रीम से बचें।
  • पीठ को ज्यादा रगड़ने से बचें।
  • मेकअप को रातभर के लिए त्वचा पर न छोड़ें।
सावधानियां – 
मुंहासे से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय का इस्तेमाल करने से पहले कुछ सावधानियां बरतने की भी जरूरत है। सावधानी से घरेलू उपाय का इस्तेमाल न करने पर मुंहासे बढ़ भी सकते हैं। इसी वजह से हम नीचे पीठ के मुंहासे के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बता रहे हैं।
  • त्वचा को अगर स्क्रब कर रहे हैं, तो हल्के हाथों से करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि एक्ने की वजह से त्वचा में सूजन हो सकती है।
  • हल्दी का उपयोग करते समय ख्याल रखें कि इसे ज्यादा मात्रा में न लगाएं। ऐसा करने पर त्वचा पर हल्दी के पीले दाग रह सकते हैं।
  • लहसुन या अन्य कोई ऐसा पदार्थ, जिससे एलर्जी हो, उसका उपयोग न करें।
  • एप्पल साइडर विनेगर एसेडिक होता है, इसलिए हमेशा पानी डालकर ही इसका इस्तेमाल करें।
  • मुंहासे से छुटकारा पाने के लिए मास्‍क का उपयोग करने के बाद त्वचा को मॉइस्चराइज करना न भूलें।
  • पिंपल हटाने के लिए मास्‍क लगाते समय ब्रश या हल्के हाथों का ही इस्तेमाल करें। त्वचा पर किसी तरह का दबाव न बनाएं।
  • नारियल तेल युक्त मास्क का इस्तेमाल हर प्रकार की त्वचा के अनुरूप नहीं होता। अगर पैक लगाने वाले व्यक्ति की त्वचा बहुत तैलीय है, तो इसके इस्तेमाल से मुंहासे बढ़ भी सकते हैं। ऐसे में अपनी त्वचा के अनुरूप ही पीठ के मुंहासे के लिए घरेलू उपाय का चुनाव करें।
  • लहसुन का इस्तेमाल करते वक्त त्वचा पर जलन हो सकती है। इसलिए, लहसुन की ज्यादा मात्रा का इस्तेमाल न करें।
  • त्वचा पर किसी तरह का कट या घाव हो, तो नींबू और लहसुन का उपयोग न करें।
  • साथ ही पिंपल हटाने के लिए घरेलू उपाय का इस्तेमाल करने से पहले पहले पैच टेस्ट कर लें। परीक्षण बांह या हाथों पर किया जा सकता है। 
पीठ के मुंहासे के लिए घरेलू उपाय कितना कारगर है, यह हम रिसर्च पर आधारित जानकारी के रूप में आपको बता चुके हैं। बस ख्याल रखें कि अगर मुंहासे अधिक हो रहे हैं या किसी भी तरह से कम नहीं हो रहे हैं, तो एक बार स्किन एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। हल्के से मध्यम मुंहासों को कम करने के लिए पीठ के मुंहासे के इलाज के रूप में बताए गए घरेलू उपचार किए जा सकते हैं। वहीं, बैक एक्ने को ठीक करने के उपाय में इस्तेमाल की जाने वाली किसी भी सामग्री से अगर आपको एलर्जी हो, तो उसके उपयोग से बचें। यह लेख अपने साथियों तक पहुंचाने के लिए इसे शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मुझे कब तक मुंहासे होंगे?
मुंहासे अक्सर 20 साल की उम्र तक अपने आप साफ हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को 30 साल की उम्र के बाद भी मुंहासे हो सकते हैं ।

पीठ के मुंहासों के लिए सबसे अच्छे साबुन कौन से हैं?
न्यूट्रोजेना, डव, सेटेफिल और सेरा वी जैसे माइल्ड साबून को अच्छा माना जाता है ।


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