गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

बांस के फायदे और नुकसान

 
Image SEO Friendly

बांस क्या है?-बांस जिसे बैम्बू भी कहते हैं घास के परिवार का सदस्य है और इसके पौधे बेहद कॉमन हैं, जिन्हें हम सभी ने कभी न कभी जरूर देखा होता है। ये देखने में किसी बड़ी लकड़ी या गन्ने जैसा होता है तो ज्यादातर जंगली इलाकों में पाया जाता है। बांस के पौधे का हर एक हिस्सा- बीज, जड़, पत्ती, कली या अंकुर- हमारी सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है क्योंकि यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि लकड़ी जैसा दिखने वाला इस सख्त बांस को खाएंगे कैसे और यह बीमारियां दूर करने में हमारी मदद कैसे कर सकता है, तो इस बारे में ही हम आपको इस लेख में बता रहे हैं। आखिर बांस होता क्या है, इसके इस्तेमाल का तरीका क्या है और इसे खाने के फायदे-नुकसान क्या हो सकते हैं।

बांस से जुड़े कुछ तथ्य

  •     वानस्पतिक नाम : बैम्बूसा वल्गरिस
  •     वैज्ञानिक नाम : बैम्बू सोडिया
  •     सामान्य नाम : बैम्बू या बांस
  •     अन्य नाम : बंसलोचन, वंसकपूर, बैम्बूसा अरुणडिनासिया, बनसमिथा
  •     वंश : पोएसी फैमिली (Poaceae)
भौगोलिक विवरण : बांस की 1450 से भी ज्यादा वरायटी है और यह मुख्य रूप से एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में पाया जाता है। भारत की बात करें तो ऊत्तर पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्कम आदि के अलावा बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी बांस को उगाया जाता है। यह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ने वाले पौधों में से एक है और एक दिन में करीब 60 सेंटीमीटर तक बढ़ने की क्षमता रखता है।

बांस का उपयोग कैसे करें? - 

बांस का पौधा बाहर से देखने में भले ही बेहद सख्त लगे लेकिन इससे निकलने वाली कलियां, कोपलें और अंकुर बेहद कोमल होते हैं और खाने के लिए इन्हीं का इस्तेमाल किया जाता है। बांस की इन कोपलों को बैम्बू शूट्स कहते हैं। इन बैम्बू शूट्स में औषधीय गुण होने के साथ ही ये पौष्टिक तत्वों से भी भरपूर होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में भी कई तरह के दवाइयां बनाने और इलाज में बांस की कोपल या बैम्बू शूट्स का इस्तेमाल किया जाता है।

आयुर्वेद में बांस को वन्श्चलोचन कहते हैं जो बांस के पेड़ के नोड (ग्रंथि या गांठ) से स्रावित होता है। बांस में कफ और पित्त दोष को संतुलित करने का गुण होता है जो त्वचा की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करता है। बैम्बू शूट काफी हद तक शतावरी (ऐस्पारगस) से मिलता जुलता होता है और चीन, ताइवान, जापान समेत दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में इसे खाने में उपयोग किया जाता है। 

उपयोग का तरीका

बैम्बू शूट्स को खाने में इस्तेमाल करने से पहले ताजा बैम्बू शूट्स को छीलकर करीब 20 मिनट तक पानी में उबाल लें क्योंकि बांस की कच्ची कोपलें कड़वी होती हैं और उन्हें पचाना भी मुश्किल होता है।
आप चाहें तो ताजे बैम्बू शूट्स को घिसकर या बारीक-बारीक काटकर अन्य सब्जियों और लहसुन, अदरक, लेमनग्रास के साथ पकाकर खा सकते हैं।
इसके अलावा आप चाहें तो बैम्बू शूट्स को उबालकर कर स्लाइस में काट लें और फिर उस पर मक्खन और चीज डालकर उसे बेक कर लें और साइड डिश के तौर पर मीट या मछली के साथ खाएं।
बांस का मुरब्बा भी बनाया जाता है, बांस की कोपल या बैम्बू शूट्स का अचार भी बनता है और बांस की पत्तियों का काढ़ा बनाकर भी पीया जाता है। 

बांस की तासीर - 

बांस की तासीर ठंडी होती है और यह कफ और पित्त को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा बांस की प्रकृति मीठी, तीखी, कड़वी और एसिडिक होती है जो खून को साफ करने के साथ ही शक्ति बढ़ाने में भी मदद करता है।

बांस के पोषक तत्व - 

बांस की हर एक सर्विंग में कितने पोषक तत्व पाए जाते हैं, यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि आप बांस की किस प्रजाति का सेवन कर रहे हैं। हालांकि सामान्य रूप से देखें तो आधा कप बांस के ताजा स्लाइस में लगभग:
  •     कैलोरीज- 20
  •     फैट- 0
  •     प्रोटीन- 2 ग्राम
  •     कार्बोहाइड्रेट- 4 ग्राम
  •     फाइबर- 2 ग्राम
  •     शुगर- 2 ग्राम
  •     सोडियम- 3 मिलिग्राम
इसके अलावा बांस में पोटैशियम, कैल्शियम, मैंग्नीज, जिंक, क्रोमियम, कॉपर, आयरन, थियामिन, नियासिन, विटामिन ए, विटामिन बी6 और विटामिन ई भी पाया जाता है। फर्मेंटेड या कैन्ड बैम्बू की तुलना में ताजे बांस में ये सारे गुण अधिक मात्रा में पाएं जाते हैं।

बांस के फायदे - 

बांस में कई तरह के मिनरल्स, अमिनो एसिड, एंटीऑक्सिडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो स्किन से जुड़ी बीमारियां दूर करने के साथ ही श्वसन से जुड़ी कई बीमारियां दूर करने में भी मदद करता है। तो आखिर बांस की कोपल या बैम्बू शूट्स खाने के क्या-क्या फायदे हैं, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं:

बांस के फायदे कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए - 
बांस या बैम्बू शूट्स में फाइबर की उच्च मात्रा पायी जाती है और इसमें कैलोरीज की संख्या बेहद कम होती है इसलिए यह शरीर में मौजूद एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा बैम्बू शूट्स में फाइटोस्टेरॉल्स और फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी होते हैं जिसे अगर उबालकर खाया जाए तो यह धमनियों में होने वाली रुकावट को और संकुचन को दूर कर देता है। एक बार जब बैड कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है और धमनियां क्लियर हो जाती हैं तो उसके बाद हृदय रोग होने का खतरा भी अपने आप कम हो जाता है।

बांस के फायदे भूख बढ़ाने के लिए -
कई बार पाचन से जुड़ी समस्याओं या जी मिचलाने और उल्टी की वजह से भी व्यक्ति की भूख कम हो जाती है। ऐसे में अगर ताजा बांस की कोपलों का सेवन किया जाए तो यह भूख बढ़ाने में मदद कर सकता है। बांस का स्वाद हल्का मीठा होता है और इसका टेक्सचर यानी बनावट कुरकुरा होता है। साथ ही बांस में सेलुलोज की सांद्रता अधिक होती है जो भूख को बढ़ाने, उत्तेजित करने, कब्ज को रोकने और पाचन में सुधार करने में मदद कर सकता है।

बांस के फायदे सांस संबंधी समस्याओं के लिए - 
जैसा कि हमने आपके पहले ही बताया है कि बांस की कोपल या अंकुर जिसे बैम्बू शूट कहा जाता है उसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो श्वसन तंत्र की सूजन और अन्य संक्रमणों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक, सांस संबंधी कई परेशानियों जैसे -अस्थमा आदि को दूर करने के लिए भी बांस की कोपल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा अस्थमा की वजह से सांस लेने में जो तकलीफ होती है उसे भी दूर करने में मदद करता है बांस। साथ ही यह फेफड़ों में इन्फ्लेमेशन को कम करता है और वायु मार्ग में बनने वाले म्यूकस के उत्पादन को भी कम करने में मदद करता है।

बांस के फायदे इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए - 
बांस में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बताते हुए हमने आपको बताया था कि बांस में एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं तो शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा ढेरों विटामिन्स और मिनरल्स का स्टोरहाउस होने की वजह से भी बैम्बू शूट्स या बांस की कोपलें इम्यूनिटी को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। अक्सर मॉनसून के दौरान और सर्दियों के मौसम में इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से हम वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए आप चाहें तो बांस का सेवन कर सकते हैं।

बांस के फायदे डायबिटीज के लिए - 
अपनी एंटीऑक्सिडेंट प्रॉपर्टी की वजह से बांस डायबिटीज को भी मैनेज करने में मदद कर सकता है। बांस में फेनोलिक एसिड और फ्लैवनॉयड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो अग्नाशय में मौजूद कोशिकाओं की क्षति को रोकते हैं और इंसुलिन के स्त्राव (सिक्रिशन) को बढ़ावा देते हैं। ऐसा होने पर ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करने में मदद मिलती है जिससे डायबिटीज को मैनेज करना आसान हो जाता है। आयुर्वेद की मानें तो वात और कफ दोष के असंतुलन की वजह से डायबिटीज होता है और बांस इन दोनों दोषों को बैलेंस कर शरीर में इंसुलिन के लेवल को सामान्य बनाता है जिससे डायबिटीज के लक्षणों में कमी आती है।

बांस के फायदे मुंहासे और स्किन की समस्याओं के लिए - 
स्किन से जुड़ी बीमारियों को मैनेज करने में भी बांस को फायदेमंद माना जाता है। यह त्वचा के लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करता है और कुछ विशिष्ट खनिजों और आवश्यक अमिनो एसिड की उपस्थिति के कारण स्किन को मजबूत भी बनाता है। बांस में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज भी होती हैं जो मुंहासे, स्किन फटने और त्वचा पर घाव होने जाने जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि बांस से बना सिरका (बैम्बू विनिगर) त्वचा की बाहरी परत को मजबूत बनाकर त्वचा संबंधी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।

बांस के नुकसान - 
अब तक आपने बांस क्या है, उसे कैसे उपयोग किया जाता है और इसे खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं इस बारे में पढ़ा। लेकिन कोई भी चीज चाहे कितनी ही हेल्दी क्यों न हो उसके कोई न कोई नुकसान जरूर होते हैं या फिर बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने पर भी वह नुकसानदेह हो सकता है। ऐसे में बांस का सेवन करने से पहले जान लें कि किन लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए और बांस के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं:
  • प्रेगनेंसी के दौरान और बच्चों को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं पर बांस का क्या असर होता है इस बारे में बहुत ज्यादा रिसर्च मौजूद नहीं है। लिहाजा बेहतर यही होगा कि गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं बांस का सेवन न करें और इससे दूर ही रहें।
  • जिन लोगों की थायराइड की समस्या हो फिर चाहे वह हाइपोथायराइडिज्म (थायराइड का कम बनना) हो, हाइपरथायराइडिज्म (थायराइड का अधिक बनना) हो, गॉयटर हो या फिर थायराइड ट्यूमर- इन लोगों को भी बांस के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि लंबे समय तक बांस खाने से थायराइड संबंधी ये समस्याएं और ज्यादा बदतर हो सकती हैं।
  • बहुत अधिक मात्रा में बांस का सेवन करने से हाइपरयूरिसीमिया यानी शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा यदि आप किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हों तब भी बांस को डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें वरना यह दवाइयों के साथ हस्तक्षेप कर सकता है।



No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"