बात की जाए फलों की, तो हर किसी को मौसंबी (स्वीट लाइम) जरूर पसंद होती है। हो भी क्यों न, स्वाद और पौष्टिक तत्वों से भरपूर मौसम्बी के फायदे अनेक हैं। कुछ लोग मौसंबी को खाना पसंद करते हैं, तो कुछ इसका जूस बड़े चाव से पीते हैं। मौसम्बी और मौसम्बी जूस के फायदे के बारे में भी हम इस लेख में विस्तार से बताएंगे। इसमें मौजूद विटामिन-सी व फाइबर आपकी सेहत को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं और आपको तरोताजा महसूस कराते हैं। यह मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। इसका रंग या तो हरा होता है या फिर पीला। ऐसा माना जाता है कि जब मौसंबी का पेड़ पांच-सात वर्ष पुराना हो जाता है, तब कहीं जाकर इस पर फल उगते हैं। इस लेख में हम मौसंबी के फायदों के बारे में विस्तार से बात करेंगे।\
सेहत के लिए मौसंबी और इसके जूस के फायदे –
मौसंबी एक खट्टा-मीठा फल है, जिसके अनेक फायदे हैं। पोषण और स्वाद से भरपूर इस फल को ऐसे ही खाने के अलावा जूस, जैम, अचार व कैंडी आदि के रूप में भी सेवन किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि औषधि के रूप में मौसंबी के क्या फायदे हैं :
1. मधुमेह के लिए मौसम्बी के फायदे
मधुमेह यानी डायबिटीज किसी को भी हो सकती है, लेकिन इससे बचना आसान है। ऐसे में मीठे फल न खाने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि मधुमेह में मौसम्बी का सेवन हानिकारक है, लेकिन अगर मधुमेह नियंत्रण में हो, तो इसका सेवन किया जा सकता है। साथ ही मौसम्बी के फल से तैयार कुछ नुस्खों का प्रयोग किया जा सकता है। ध्यान रहे कि डायबिटीज से ग्रस्त मरीज मौसम्बी का जूस पीने से बचें।
सामग्री :
- एक चम्मच मौसंबी के छिलके का पाउडर
- एक गिलास गुनगुना पानी
- मौसंबी के छिलकों को धूप में अच्छी तरह सुखाकर उनका पाउडर बना लें। अब रोज एक चम्मच पाउडर खाकर, ऊपर से गुनगुना पानी पी लें।
कब करें सेवन :
- रोज सुबह खाली पेट ले सकते हैं।
यह काम कैसे करता है?
मौसंबी को मधुमेहरोधी माना गया है। इसमें मौजूद विभिन्न तरह के फ्लेवोनोइड्स खून में ग्लूकोज की मात्रा कम करने में सहायता कर सकते हैं। फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है ।
2. वजन घटाने के लिए मौसम्बी के फायदे
सामग्री :
- एक मौसंबी फल
कैसे करें इस्तेमाल :
- रोज सुबह एक मौसंबी के फल का सेवन कर सकते हैं।
कब करें इस्तेमाल :
- रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन किया जा सकता है।
यह काम कैसे करता है?
मौसंबी में मौजूद विटामिन-सी वजन कम करने में मदद कर सकता है। यह शरीर में फैट ऑक्सीडेशन को बढ़ा सकता है, जिससे वजन कम हो सकता है ।
3. कब्ज के लिए
सामग्री :
- एक मौसम्बी
कैसे करें इस्तेमाल :
मौसंबी को काटकर उस पर चुटीक भर काला नमक डालकर खा सकते हैं।
यह काम कैसे करता है?
मौसंबी में मौजूद एसिड शरीर से टॉक्सिन दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो कब्ज की समस्या से राहत दिला सकता है।
4. स्कर्वी से करे बचाव
सामग्री :
- चार चम्मच मौसंबी का रस
- दो चम्मच पानी
- एक चुटकी काला नमक
कैसे करें इस्तेमाल :
मौसंबी के रस, पानी और काले नमक को मिला कर प्रभावित मसूड़ों पर लगाएं।
कब करें इस्तेमाल:
- मिश्रण को दिन में तीन से चार बार प्रभावित मसूड़ों पर लगाएं।
यह काम कैसे करता है?
स्कर्वी विटामिन-सी की कमी से होने वाली बीमारी है। इस बीमारी में मसूड़ों से खून, मसूड़ों में सूजन व होंठ फटने जैसी समस्या हो सकती है। साथ ही इससे शरीर में जगह-जगह रैशेज हो सकते हैं। मौसंबी में विटामिन-सी की मात्रा अधिक होती है , इसलिए मौसंबी जूस स्कर्वी को कम कर सकता है। इससे मसूड़ों से होने वाला रक्तस्राव कम हो सकता है। इसके अलावा, यह मुंह की दुर्गंध को भी दूर कर सकता है ।
5. पेप्टिक अल्सर के लिए मौसम्बी के फायदे
सामग्री :
- तीन चम्मच मौसंबी का रस
- एक चम्मच नींबू का रस
- आधा गिलास गुनगुना पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- आधे गिलास गुनगुने पानी में तीन चम्मच मौसंबी का रस और एक चम्मच नींबू का रस डालकर दिन में तीन बार कुल्ला करें।
यह काम कैसे करता है?
जब पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो वह आंतों पर घाव करने लगता है, जिसे हम पेप्टिक अल्सर कहते हैं। मौसंबी एक साइट्रस फल है, जिसमें लिमोमिन ग्लूकोसाइड नामक फ्लेवोनोइड होता है। इसमें कैंसर से लड़ने वाले एंटी-कार्सिनोजेनिक, एंटीऑक्सीडेंट, और एंटीबायोटिक गुण हैं। साथ ही यह फल शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है। यही कारण है कि मौसंबी मुंह और पेप्टिक अल्सर को ठीक करने में मदद कर सकती है।
6. आंखों के लिए मौसम्बी के फायदे
सामग्री:
- मौसंबी के रस की तीन-चार बूंदें
- एक गिलास सादा पानी
कैसे करें इस्तेमाल :
- मौसंबी जूस की कुछ बूंदें सादे पानी में मिलाकर उससे दिन में तीन बार आंखें धोएं।
यह काम कैसे करता है?
मौसंबी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण मैकुलर डिजनरेशन (एक प्रकार का अंधपन) और आंखों में होने वाले संक्रमण से बचा सकते हैं। इस मिश्रण से आंखे धोने से कंजक्टिवाइटिस से राहत मिल सकती है।
7. रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करे
मौसम्बी के फायदे में इसका रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करना भी आता है। नियमित रूप से एक मौसंबी का सेवन करने से हृदय को सुचारू रूप से काम करने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है और रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और प्रदूषण से हो रहे नुकसान से बचाता है ।
8. गर्भवती महिला के लिए फायदेमंद
मौसम्बी विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जो शरीर में आयरन को अवशोषित करने में मदद करता है। यह गर्भवती महिला में आयरन की कमी को पूरा करके शिशु के विकास में मदद कर सकता है। आप प्रतिदिन एक मौसम्बी खा सकती हैं, लेकिन ध्यान रहे कि सभी की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है। संभव है कि किसी के लिए मौसंबी लाभकारी न हो। इसलिए, आप इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछ लें ।
9. अस्थमा के लिए फायदेमंद
सामग्री :
- एक गिलास मौसंबी जूस
- एक चुटकी जीरा
- एक चुटकी अदरक का चूर्ण
कैसे करें इस्तेमाल :
- मौसंबी के रस, जीरा और अदरक के चूर्ण को मिलाकर, दिन में दो बार मरीज को पिलाएं।
यह काम कैसे करता है?
मौसंबी में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो अस्थमा से राहत पाने में फायदेमंद हो सकते हैं। मौसंबी के रस, जीरा और अदरक के चूर्ण से बना पेय पदार्थ अस्थमा के मरीज को राहत दिला सकता है।
10. कोलेस्ट्रॉल घटाने के लिए
मौसंबी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप नियंत्रित रह सकता है। मौसम्बी जूस में एंटी-हाइपरलिपिडेमिक गुण होते हैं। इसलिए, प्रतिदिन मौसंबी का सेवन करने से शरीर में कॉलेस्ट्रोल का स्तर और रक्तचाप नियंत्रित रह सकता है ।
11. पाचन शक्ति मजबूत करे
मौसंबी में मौजूद फ्लेवोनोइड पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि जिन लोगों को पेट संबंधी परेशानी जैसे अपच व गैस जैसी समस्या होती है, उन्हें मौसंबी खाने की सलाह दी जाती है। मौसंबी शरीर में बने टॉक्सिन को दूर करने में मदद करती है, साथ ही मांसपेशियों में होने वाले संकुचन को बढ़ाती है। यह उल्टी, दस्त और जी-मिचलाने की समस्या से राहत दिलाने में भी मदद करती है ।
12. मूत्र संबंधी समस्या से आराम
मौसंबी में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम होता है, जो किडनी और मूत्राशय को डिटॉक्सिफाई कर मूत्राशय के संक्रमण से बचाने में मदद करता है। मौसंबी के जूस को उबाल कर और ठंडा होने के बाद पीने से सिस्टिटिस (cystitis) जैसी मूत्र संबंधी समस्याओं से तुरंत आराम मिल सकता है । इस घरेलू उपचार को डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
13. जॉन्डिस के लिए मौसम्बी के फायदे
लिवर खराब होने पर जॉन्डिस की समस्या होती है। साथ ही पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है। ऐसे में मौसंबी पर भरोसा किया जा सकता है। जॉन्डिस के दौरान मौसंबी जैसे रसदार फलों को खाने की सलाह दी जाती है। ये पाचन शक्ति को बेहतर बनाते हैं, लिवर के लिए फायदेमंद होते हैं और शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं ।
14. कैंसर विरोधी गुण
मौसम्बी में मौजूद डी-लिमोनेन में एंटीकैंसर गुण होते हैं। यह ब्रेस्ट कैंसर से लड़ने में मदद कर सकता है। साथ ही मौसम्बी जैसे उच्च डाइटरी वाले फलों का सेवन नियमित रूप से करने से 20 प्रतिशत तक कैंसर की बीमारी से बचा जा सकता है ।
15. गाउट के लिए मौसम्बी के फायदे
यह यूरिक सीरम एसिड के स्तर को भी कम करता है। यूरिक सीरम एसिड प्रोटीन से मिलने वाला एमिनो एसिड होता है, जो पेशाब के माध्यम से शरीर से निकल जाता है। वहीं, जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो यह शरीर में एकत्र होने लगता है, जिससे गाउट हो सकता है। गाउट को गठिया का ही एक प्रकार माना गया है। कई वैज्ञानिक अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई है कि मौसम्बी में मौजूद विटामिन-सी होता है (3), जो गाउट के खतरे को कम कर सकता है ।
16. रुमेटाइड अर्थराइटिस से बचाव
प्रतिदिन एक मौसम्बी का सेवन करने से रुमेटाइड अर्थराइटिस और ऑस्टियोअर्थराइटिस जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद मिल सकती है। मौसंबी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और विटामिन-सी होता है , जो इन बीमारियों से राहत दिलाता है। साथ ही रुमेटाइड अर्थराइटिस के कारण होने वाले दर्द से भी आराम मिल सकता है ।
17. सनस्ट्रोक और निर्जलीकरण का उपचार
मौसंबी का जूस भरपूर मात्रा में शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है। लू लगने पर या शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) होने पर मौसंबी का जूस शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल्स प्रदान करता है।
18. तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद
मौसम्बी में मौजूद विटामिन-सी केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाए रखता है। इससे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग हो सकता है। न्यूरोडीजेनेरेटिव में मस्तिष्क के न्यूरॉन्स बुरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में मौसंबी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद कर सकते हैं।
19. सांस संबंधी समस्याएं
मौसम्बी के जूस के फायदों की बात करें, तो इसमें मौजूद विटामिन-सी, एंटी-ऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सांस संबंधी समस्याओं जैसे -अस्थमा व एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (ARDS) से बचाने का काम कर सकते हैं। कुछ वैज्ञानिक अध्ययन में इसकी पुष्टि की गई है ।
20. गले में टॉन्सिल से राहत
सामग्री :
- आधे मौसंबी का जूस
- एक गिलास गरम पानी
कैसे करें इस्तेमाल:
- मौसम्बी के रस को गरम पानी में मिला कर दिन में दो बार गरारे करें।
यह काम कैसे करता है?
अगर मौसम्बी जूस के फायदे की बात करें, तो इसके प्रयोग से टॉन्सिल से भी राहत मिल सकती है। मौसम्बी में मौजूद विटामिन-सी गले के संक्रमण और टॉन्सिल से राहत दिला सकता है।
त्वचा के लिए मौसंबी जूस के फायदे –
स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने के साथ-साथ मौसंबी त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है, जिसके बारे में हम नीचे बता रहे हैं :
1. रंग साफ करे
मौसम्बी में मौजूद विटामिन-सी प्राकृतिक रूप से रंग को साफ करता है। बेहतरीन खुशबू और विटामिन-सी के कारण इसे रूखी त्वचा के उपचार, त्वचा में मॉइस्चराइजर को बनाए रखने और स्किन टोन में सुधार लाने में इस्तेमाल किया जा सकता है ।
प्रयोग का तरीका : चने के आटे में मौसंबी का रस मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसे चेहरे पर लगाएं। इससे आपका निखार बढ़ेगा।
2. मुंहासों से राहत दिलाए
मौसंबी, अपने गुणकारी तत्वों की वजह से त्वचा के लिए बहुत लाभदायक है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बायोटिक गुण त्वचा को साफ रखते हैं और किसी भी तरह के संक्रमण से बचाते हैं।
प्रयोग का तरीका : मौसंबी के छिलकों को पीसकर उन्हें चेहरे पर लगाने से मुंहासे कम होने में मदद मिलती है। इसके अलावा, ताजे मौसम्बी के रस को रात में चेहरे पर लगा कर, अगले दिन गुनगुने पानी से धोने से भी मदद मिल सकती है ।
3. पिम्पल्स से राहत दिलाएं
इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बायोटिक गुण, खून को साफ रखकर, पिम्पल्स को दूर रखते हैं और त्वचा को जवां बनाए रखते हैं ।
प्रयोग का तरीका : मौसम्बी के जूस का नियमित सेवन त्वचा को पिम्पल मुक्त बनाए रखने में असरदार साबित हो सकता है।
4. कीड़े काटने के दर्द और त्वचा के टोन को हल्का करने में मदद करे
अगर आपको कीड़ा काट जाए, तो उससे होने वाले दर्द को कम करने में भी मौसंबी मदद कर सकती है।
प्रयोग का तरीका : प्रभावित जगह पर मौसम्बी का जूस और अरंडी का तेल (कैस्टर ऑइल ) मिलाकर लगाने से आराम मिल सकता है । इसके अलावा, यह कुहनियों, हाथों या घुटनों पर पिगमेंटेशन को कम करने में मदद कर सकता है ।
5. होंठों का कालापन दूर करे और फटे होंठ को मुलायम बनाए
विटामिन-सी की कमी से चिलाइटिस (cheilitis) हो सकता है। चिलाइटिस में होंठों के आसपास जलन और संक्रमण हो सकता है। ऐसे में मौसंबी मदद कर सकती है।
प्रयोग का तरीका : रोजाना तीन से चार बार होंठों पर मौसंबी का जूस लगाएं। इससे होठों का कालापन दूर होगा और फटे होंठों से राहत मिलेगी।
बालों के लिए मौसंबी जूस के फायदे –
मौसम्बी के गुणों के बारे में जितना कहा जाए कम है। त्वचा, स्वास्थ्य और यहां तक कि बालों के लिए भी यह बहुत लाभदायक है। मौसम्बी का रस आपको रूखे, कमजोर, दो मुंहे बाल व डैंड्रफ आदि से छुटकारा दिला सकता है। आप या तो मौसंबी को खा सकते हैं, जूस पी सकते हैं या फिर इसके रस को बालों में लगाकर कुछ देर बाद धो सकते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी बालों को मजबूती देता है और झड़ने से रोकता है। मौसंबी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है , जिससे आपके बालों को पराबैंगनी किरणों और प्रदूषण से होने वाले नुकसान से सुरक्षा मिलती है।
मौसंबी के पौष्टिक तत्व –
नीचे दिए गए टेबल के जरिए जानें कि मौसंबी में कौन-कौन से पोषक तत्व हैं और उनकी मात्रा कितनी है।
मौसंबी का उपयोग –
वैसे मौसम्बी का उत्पादन जुलाई से अक्टूबर तक होता है, लेकिन आजकल कोल्ड स्टोरेज की वजर से इसका सेवन सालभर किया जा सकता है। मौसम्बी का सेवन या तो आप सीधे फल के रूप में कर सकते हैं या इसका जूस भी पी सकते हैं। शरीर में ऊर्जा की कमी या थकान के समय मौसम्बी का जूस बहुत फायदेमंद होता है और तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। अगर आप मधुमेह या किसी और बीमारी से ग्रसित हैं, तो इसका सेवन अपने चिकित्सक के परामर्श से ही करें। नीचे हम बता रहे हैं कि आप किस तरह से घर में मौसंबी का जूस बना सकते हैं।
मौसम्बी जूस बनाने की विधि :
सामग्री:
- दो बड़ी मौसंबी
- शहद/ग्लूकोज पाउडर (स्वादानुसार)
- काला नमक (वैकल्पिक)
- मौसम्बी को छिलकर, उसे टुकड़ों में काट लें और बीज निकाल लें।
- मौसम्बी के टुकड़ो को ब्लेंडर में डाल कर दरदरा पीस लें।
- फिर एक गिलास में छानकर व एक चम्मच शहद/ग्लूकोज पाउडर मिलाकर सर्व करें।
- मौसम्बी जूस कब पीना चाहिए
- दवा की तरह फल के सेवन का भी निर्धारित समय होता है। इसे गलत समय पर लेने से सेहत को नुकसान हो सकता है। मौसम्बी जूस के फायदे और जूस बनाने की विधि जानने के बाद, यह जानना जरूरी है कि मौसम्बी जूस कब पीना चाहिए।
नाश्ते के साथ : मौसम्बी का जूस सुबह नाश्ते के साथ पीना ज्यादा सेहतमंद साबित होता है। अगर आप चाय या कॉफी पीते हैं, तो जूस और चाय/कॉफी के बीच कम से कम एक घंटे का अंतर रखें।
शुगर लेवल कम होने पर : मौसम्बी के जूस में शुगर की मात्रा 1.69 ग्राम होती है। इससे शरीर में शुगर का स्तर तुरंत बढ़ जाता है। याद रखें कि अगर आपको मधुमेह की समस्या है, तो मौसम्बी के जूस का सेवन अपने चिकित्सक की सलाह पर ही करें ।
ऊर्जा बढ़ाने के लिए : मौसम्बी का जूस शरीर में तुरंत ऊर्जा बढ़ाने में कारगर साबित होता है। इसमें मौजूद कैलोरी शरीर में तुरंत स्फूर्ति प्रदान करती है।
मौसंबी का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
चयन : सही मौसंबी को चुनने के लिए सबसे पहले ये ध्यान रखें कि फल ताजा और पका हुआ हो। अगर मौसंबी का रंग पीला और वजन में भारी है, तो इसका मतलब है कि यह मौसंबी जाता और पकी हुई है। साथ ही उसे थोड़ा-सा दबा कर देखें। हल्के और हरे फलों में रस की मात्रा कम होती है। साथ ही यह भी देखें कि उस पर कोई दाग या धब्बा न हो।
कैसे स्टोर करें :
- मौसम्बी को लम्बे समय तक ताजा रखने के लिए उसे फ्रिज या फ्रीजर में रखें।
- फ्रिज में मौसम्बी दो से तीन हफ्ते तक सुरक्षित रहेगी और फ्रीजर में तीन महीने तक।
- याद रखें कि उसे किसी एयर टाइट डिब्बे या पैकेट में न रखें। इससे वो जल्दी खराब हो सकती है।
- मौसम्बी को धोने व पोंछने के बाद स्टोर करें। गीला रखने से वो जल्दी खराब हो सकती है।
- आप चाहें तो मौसम्बी का जूस निकाल कर, उस जूस को स्टोर कर सकते हैं। जूस छह महीने तक खराब नहीं होता।
नोट : स्टोर करने के लिए सुझाए गए उपाय, लोगों के प्रयोगों पर आधारित हैं। इनका सफल होना न होना, पूरी तरह से स्टोर करने की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
मौसंबी के नुकसान –
हर चीज का अति उपयोग नुकसानदायक हो सकता है। ठीक वैसे ही मौसंबी का भी अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। आइए जानते हैं कि मौसम्बी के क्या नुकसान हो सकते हैं :
- अगर आपको साइट्रस एसिड से एलर्जी है, तो मौसंबी का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में आपको मुंह में सूजन, शरीर पर रैशेज और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- अगर आपको एसिडिटी की समस्या है, तो मौसम्बी का अधिक सेवन करने से आपकी समस्या बढ़ सकती है।
- अगर आपके दांत संवेदनशील हैं, तो मौसम्बी खाने से या मौसम्बी का जूस पीने से आपको सेंसिटिविटी हो सकती है।
चेहरे या शरीर पर मौसम्बी का रस लगाकर धूप में निकलने से उल्टा असर पड़ सकता है और सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
मौसम्बी का उपयोग आपको एक नहीं, कई फायदे पहुंचा सकता है। मौसम्बी जूस आपको दिनभर के लिए स्फूर्ति प्रदान करता है और तंदुरुस्त बनाए रखता है। याद रखें कि इसका ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है। अगर आपको मधुमेह की समस्या है, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही मौसंबी जूस का सेवन करें। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख के माध्यम से आप मौसम्बी और मौसंबी जूस के फायदे समझ गए होंगे।
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