मनुष्य की त्वचा शरीर की सबसे अनोखी और जटिल संरचना है। इसकी सबसे बाहरी पर्त मृत कोशिका हैं, जो लगातार शरीर से निकलती रहती हैं। फिर भी इस बाहरी पर्त के माध्यम से ही किसी की जीवन शक्ति और अच्छे स्वास्थ्य का प्रमाण मिलता है। हम सभी अपनी त्वचा को स्वस्थ और सुंदर रखने के बहुत जतन करते हैं, लेकिन यह अक्सर भूल जाते हैं की स्वस्थ त्वचा केवल स्वस्थ टन और मान का प्रतीक है। अगर आप अंदर से स्वस्थ नहीं होंगे, तो आपकी त्वचा भी स्वस्थ नहीं होगी। इस लिए योग से ज़्यादा असरदार कोई तरीका नहीं है स्वस्थ त्वचा पाने का और उसके विकारों को मिटाने का क्योंकि योग आपको संदर से संपूर्ण रूप से सेहतमंद बनाता है।
कैसे एक्जिमा कम करने में लाभदायक है योग? -
शरीर के बाकी हिस्सों से त्वचा के स्वास्थ्य को अलग करके नहीं देखा जा सकता। त्वचा स्वास्थ्य का आहार, पाचन प्रक्रियाओं, लिवर और रक्तप्रवाह की स्थिति से सीधा संबंध है। त्वचा के विकारों का सुधार तब तक असंभव है जब तक लिवर और आँत चयापचय अपशिष्ट से पूरी तरह से सॉफ ना हों। योग चिकित्सा के माध्यम से त्वचा स्वास्थ्य की बहाली अक्सर मुख्य रूप से पाचन और रक्त संचार को प्रभावित करने पर निर्देशित की जाती है। इसका कारण यह है कि त्वचा विकार सामान्य रूप से अधिक व्यापक उन्मूलन, परिसंचरण या चयापचय संबंधी समस्या से जुड़े होते हैं। तो पहले त्वचा को बहाल करने के लिए इनको ठीक किया जाना आवश्यक है। दवाओं और क्रीम से केवल त्वचा रोगों को दबाना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि यह केवल अस्थायी राहत देते हैं ना की कोई स्थायी इलाज। योग में एक्जिमा के उपचार में पाँच तरीके हैं। (और पढ़ें – एक्जिमा के घरेलू उपचार) यह हैं:
- सूर्य नमस्कार
- प्राणायाम
- षट्कर्म
- योग निद्रा
- उचित आहार
आइए जानें इनके बारे में, किंतु ध्यान रहे की अपना मेडिकल उपचार ना रोकें, और कुशल गुरु के निर्देशन में व्यक्तिगत मामलों में विशिष्ट संशोधन आवश्यक हो सकते हैं।
एक्जिमा के इलाज के लिए योग -
सूर्य नमस्कार एक्जिमा में बहुत फायदेमंद होता है। इसे तब तक करें जब तक आपके संपूर्ण शरीर से पसीना ना बहने लगे। ऐसा होने पर आपके शरीर से सभी विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं और आपका शरीर अंदर से शुद्ध हो जाता है, विशेष रूप से आपके पाचन और रक्त संचार संबंधी अंग। परंतु ध्यान रहे की अगर आपकी शारीरिक क्षमता आपको ज़्यादा सूर्य नमस्कार करने की अनुमति नहीं देती, तो अपनी क्षमता से ज़्यादा ना करें। धीरे धीरे ताक़त और स्टेमीना बढ़ने पर आप ज़्यादा सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। ध्यान रहे की पसीने को तौलिए से सुखाए नहीं, बल्कि उसे शवासन के डऔरान शरीर पर सूखने दें। (और पढ़ें: सूर्य नमस्कार करने का तरीका और फायदे)
सूर्य नमस्कार के अलावा आसन जो अंतःस्रावी तंत्र और थाइरोइड व पैराथायरीड ग्रंथियां की मालिश करते हैं, उन्हे भी करना चाहिए। ऐसे कुछ आसन हैं सर्वांगासन (और पढ़ें: सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे), हलासन (और पढ़ें: हलासन करने का तरीका और फायदे), जानुशीर्षासन (और पढ़ें: जानुशीर्षासन करने का तरीका और फायदे)।
त्वचा की समस्याओं के लिए करें प्राणायाम -
भस्त्रिका, कपालभाती और अनोलॉम-विल्म प्राणायाम को प्रत्येक सुबह अभ्यास करना चाहिए। कपालभाती प्राणायाम श्वसन प्रणाली से विषाक्त पदार्थ को हटाता है और अनुलोम-विलोम प्राणायाम फेफड़े में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है जो नसों को ठीक करने में काफी हद तक मदद करता है। प्राणायाम में अन्तर्कुम्भक (यानी श्वास को अंदर रोकना) और बहिर्कुम्भक (यानी श्वास को बाहर रोकना) को शामिल कर सकते हैं। ध्यान रहे की यह दोनो ही कठिन अभ्यास हैं और शुरुआत में नहीं करने चाहिए। आप किसी गुरु के निर्देशन में ही ऐसा करें। कुम्भक के लावा महा बँध (यानी तीनो बँध एक साथ: जालन्धर, उद्दियान, और मूल) भी प्राणायाम अभ्यास में शामिल कर सकते हैं। यह भी एक कठिन कार्य है जिसको सीखने में बहुत समय लगता है। किंतु जब ऐसा सही रूप से कर सकेंगे, इसके अनेक फायदे पाएँगे। (और पढ़ें: प्राणायाम करने का तरीका और फायदे)
जब आपकी एक्जिमा के आसन और प्राणायाम में एक बुनियादी आधार बन जाए तो आप षट्कर्म पर जा सकते हैं।
षट्कर्म करेगा एक्जिमा के इलाज में फायदा -
हठ योग के छह क्रिया, षट्कर्म, बहुत शक्तिशाली हैं। नेती, कुंजल और लघू शंख प्रक्षालन रोज़ की जानी चाहिए। पूर्ण उपचार के प्रारंभ में एक बार किसी गुरु के निर्देशन में पूर्ण शंख प्रक्षालन कर लेना चाहिए। वामन-धौती या योगिक उल्टी एक षट्कर्म या योगिक सफाई विधि है। वामन-धौती क्रिया पित्त दोष को संतुलित करती है और पेट के अन्य रोगों से राहत दिलाती है जैसे हृदय जलना, एसिड रिफ्लेक्स। लेकिन ध्यान रहे की षट्कर्म केवल किसी गुरु के निर्देशन में ही करने चाहिए।
योग निद्रा करेगा एक्जिमा की ट्रीटमेंट में फायदा -
योग निद्रा के बिना एक्जिमा का इलाज पूरा नहीं हो सकता। योग निद्रा तीन स्तरों पर लाभ देता है - शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक। और योग हम में जागरूकता भी बढ़ाता है। योग निद्रा से आपका तनाव का स्तर कम हो जाता है। और तनाव त्वचा की बीमारियों का एक बड़ा कारण है। (और देखें: योग निद्रा करने का तरीका और फायदे)
एक्जिमा के लिए सही आहार -
एक्जिमा के मरीज़ों को हल्का शाकाहारी आहार लेना चाहिए। मिठाई, परिष्कृत, तले हुए और मसालेदार भोजन से दूर रहना चाहिए। भोजन में नमक और डेयरी पदार्थ भी कम कर देने चाहिए। अंडे, गेहूं के उत्पाद, टमाटर, बैंगन, और काली मिर्च से भी बचना चाहिए। अगर मुमकिन हो तो सात्विक भोजन अपनायें। सात्विक भोजन से आपका शरीर हल्का और विषाक्त पदार्थों से मुक्त रहेगा।
इन बातों का खास तौर से ध्यान रखें:
- याद रहे की योगाभ्यास से आराम निरंतर अभ्यास करने के बाद ही मिलता है और धीरे धीरे मिलता है।
- आसन से जोड़ों का दर्द बढे नहीं, इसके लिए अभ्यास के दौरान शरीर को सहारा देने वाली वस्तुओं, तकियों व अन्य उपकरणों की सहायता जैसे ज़रूरी समझें वैसे लें।
- अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न दें। अगर दर्द बढ़ जाता है तो तुरंत योगाभ्यास बंद कर दें और चिकित्सक से परामर्श करें।
- यह ज़रूर पढ़ें: योग के नियम।
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