बिच्छू बूटी को लोग डंक मारने वाले पौधे के रूप में जानते हैं। इसलिए इसे बिच्छू बूटी कहा जाता है। इस जड़ी बूटी को कई लोग झुंझलाहट के रूप में जानते हैं। क्योंकि इसको छूने पर त्वचा में झनझनी (जलन) फैल जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम अर्टिका डाइओका (Urtica dioica) है। इसकी सबसे अधिक खेती अफ्रीका, यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका में की जाती है।
बिछुआ पत्ती है हृदय के लिए लाभकारी -
यह जड़ी बूटी भी हृदय को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने में सक्षम होती है। बिच्छू बूटी का ह्रदय स्वास्थ्य पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ता है। बिच्छू बूटी से बनी चाय का नियमित रूप से सेवन लोअर सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम पर तनाव को दूर कर सकता है। (और पढ़े - हृदय को स्वस्थ रखने के लिए खाएं ये आहार)
बिच्छू बूटी के फायदे डिटॉक्सिफिकेशन के लिए -
बिच्छू बूटी में पाए जाने वाले फायदेमंद पोषक तत्वों की वजह से यह शरीर के लिए एक बहुत ही अच्छा डेटोक्सिफायर है और इसे विषाक्त पदार्थों को शरीर से साफ करने के लिए भी जाना जाता है। एक मूत्रवर्धक पदार्थ के रूप में जाना जाता है। बिच्छू बूटी से पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है जिससे शरीर में खतरनाक विषाक्त पदार्थों के संचय को रोकने से बचाया जा सकता है। यह लसीका प्रणाली को भी उत्तेजित करता है, जो कि गुर्दे में अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। (और पढ़े – नीम के पत्ते खाने के फायदे रक्त को शुद्ध करने के लिए)
बिच्छू बूटी के लाभ है प्रेगनेंसी में सहायक -
बिच्छू बूटी से बनी चाय को अक्सर उन गर्भवती महिलाओं को पीने का सुझाव दिया जाता है जो अत्यधिक लेबर पेन से गुजर रही होती हैं और यह बहुत अधिक ब्लीडिंग से भी रक्षा में मदद कर सकता है, क्योंकि यह एक कोऐग्यलन्ट (coagulant; पदार्थ जिसके कारण रक्त जम जाता है) के रूप में कार्य कर सकता है। इसके अलावा, स्तनपान कर रही महलाओं में बिच्छू बूटी मान के दूध के बनाने में मदद करती है। (और पढ़े - माँ बनने की सही उम्र)
मासिक धर्म के दौरान करे बिच्छू बूटी का उपयोग -
बिच्छू बूटी में कई सक्रिय घटक होते हैं जो स्त्री स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। यह दर्दनाक प्रीमेंस्ट्रुअल के लक्षणों, ऐंठन और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। इसके एस्ट्रिंजेंट गुणों के कारण मासिक धर्म के दौरान रक्त के प्रवाह को कम किया जा सकता है। जो महिलाएं रजोनिवृत्ति से गुजर रही है, यह उनके लिए भी उपयोगी होती हैं क्योंकि यह रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले बदलाव को सामान्य रखने में मदद करता है। (और पढ़े - मासिक धर्म में दर्द होने के लक्षण, कारण और उपचार)
बिच्छू बूटी के गुण करें ब्लड सर्कुलेशन में मदद -
बिच्छू बूटी में मौजूद विटामिन सी और लौह की उच्च मात्रा का संयोजन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करने के लिए बहुत ही अच्छा होता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने, रक्त परिसंचरण को बढ़ाने, घावों को ठीक करना और शरीर के ऊपरी हिस्से में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन प्रदान करने में मदद करता है। इसी कारण से, बिच्छू बूटी अक्सर थकान या एनीमिया से राहत दिलाने के लिए उपयोग करने की सलाह दी जाती है, जिसे सामान्य मांसपेशियों की कमजोरी, थकावट, संज्ञानात्मक कठिनाइयों और सिरदर्द से जोड़ा जाता है। (और पढ़े - एनीमिया में क्या खाना चाहिए?)
बिच्छू बूटी खाने के फायदे मूत्र पथ के संक्रमण के लिए -
बिच्छू बूटी में मूत्रवर्धक गुण होते हैं और मूत्र त्याग करने में भी सहायता करती है। यह मूत्र संक्रमण, मूत्राशय के संक्रमण और मूत्राशय में पथरी और अन्य मूत्र संबंधी समस्याओं के उपचार में प्रयोग किया जाती है। यह मूत्राशय में से पत्रों को छोटे टुकड़ों में तोड़कर मूत्र के साथ उन्हें बाहर निकालने में मदद करता है। यह दस्त और पेचिश के उपचार में भी सहायक होता है। (और पढ़े - यूरिन इन्फेक्शन के बचाव के उपाय)
बिच्छू बूटी बेनिफिट्स फॉर इन्फ्लेमेशन -
बिच्छू बूटी एक उत्तेजक और रूबिफ़ेशॅन्ट पदार्थ है जिससे यह विभिन्न सूजन की समस्याओं में मदद करती है जैसे गठिया या पुरानी मांसपेशियों में दर्द। शोध से पता चला है कि बिच्छू बूटी से बनी चाय या हर्बल सप्लीमेंट प्रभावी ढंग से मांसपेशियों में दर्द को शांत करने और गठिया के लक्षणों को कम और गठिया का इलाज करने में मदद करता है। (और पढ़ें – मांसपेशियों में दर्द का घरेलू इलाज)
बिच्छू बूटी का सेवन करें ऑस्टियोपोरोसिस के लिए -
शायद आपने बोरान के बारे में ज्यादा नहीं सुना होगा लेकिन यह हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण खनिज तत्व होता है जो बिच्छू बूटी में पाया जा सकता है। बोरान को हमारी हड्डियों को ठीक रखने वाले कैल्शियम सामग्री से वैज्ञानिक रूप से लिंक किया गया है, जिसका अर्थ है कि बिच्छू बूटी ऑस्टियोपोरोसिस की शुरुआत धीमी कर सकती है। बिच्छू बूटी हड्डियों के स्वास्थ्य को नियमित और मॉनिटर करने में मदद करती है। (और पढ़े - हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जूस रेसिपी)
नेटल लीफ फॉर अस्थमा -
बिच्छू बूटी विभिन्न प्रकार की श्वसन समस्याओं के उपचार में मदद कर सकता है, जिनमें अस्थमा और अन्य मौसमी एलर्जी शामिल होती हैं। अध्ययनों से पता चला है कि बिच्छू बूटी से प्राप्त अरक को अन्य जड़ी बूटियों के संयोजन में मिलाकर देने से एलर्जी की प्रतिक्रियाओं को कम कर सकते हैं। बिच्छू बूटी से बनी चाय का नियमित उपयोग ऑस्ट्रेलिया में, पीढ़ियों से अस्थमा के इलाज के लिए किया जाता है। (और पढ़े - दमा (अस्थमा) की दवा)
प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए बिच्छू बूटी का इस्तेमाल -
बढे हुए प्रोस्टेट और प्रोस्टेट कैंसर दोनों गंभीर बीमारियां होती हैं लेकिन बिच्छू बूटी प्रोस्टेट के विकास को रोकने के एक प्रभावी इलाज साबित हुई हैं। हालांकि बिच्छू बूटी केवल इनके विकास को रोक सकती है। बिच्छू बूटी की खुराक को मितली और दस्त को कम करने के लिए उपयोग करने की सलाह दी जाती है और यह अल्सर और बवासीर को भी ठीक करने में मदद कर सकती है। (और पढ़े - प्रोस्टेट कैंसर का उपचार)
त्वचा को स्वस्थ बनाए रखें बिच्छू बूटी से -
जब इसके अर्क को त्वचा पर लगाया जाता हैं तो एक्ने को कम करने के लिए उपयोगी साबित हुई हैं और इसके अलावा यह विभिन्न प्रकार के बैक्टीरियल संक्रमण से छुटकारा दिलाने में भी मदद कर सकती हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण, यह उपचार को जल्दी ठीक करने में भी कर सकती है, और निशानों को कम करने में सहायक है। साथ ही यह झुर्रियों और बढ़ती उम्र के लक्ष्यों को कम करने के लिए लाभकारी होता है। (और पढ़े - आयुर्वेद की मदद से एजिंग के लक्षणों को कम करके रहें हमेशा युवा)
बिछुआ पत्ती है बालों के लिए लाभकारी -
बिच्छू बूटी का उपयोग बाल झड़ने का मुकाबला करने के लिए सबसे पुराना उपचार है। बिच्छू बूटी कैप्सूल और चाय को आंतरिक रूप से बालों के झड़ने का इलाज करने के लिए उपयोग किया जा सकता है जबकि बिछुआ तेल का उपयोग करके बालों के झड़ने को रोका जा सकता है। नारियल या सरसों के तेल के साथ बिच्छू बूटी के पत्तों का रस निकालकर अपने बालो पर लगाएं। यह रूसी के लिए एक बहुत प्रभावी उपचार है। (और पढ़े - बालों को झड़ने से रोकने के लिए ये पांच पोषक तत्व अपनी डाइट में ज़रूर करें शामिल)
नेटल लीफ फॉर लिबिडो -
बिच्छू बूटी एक लिबिडो उत्तेजक के रूप में कार्य करता है क्योंकि यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और शरीर को लंबे समय तक बनाए रखने में भी मदद करता है। यह सेक्स ड्राइव में सुधार के लिए एक प्रभावी उपाय है।
बिच्छू बूटी के नुकसान -
- बिच्छू बूटी में रक्त को पतले करने वाले गुण होते हैं, जो शरीर के रक्त के थक्के (blood clotting) की क्षमता को प्रभावित करती है।
- बिच्छू बूटी रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है। इसलिए यदि आप मधुमेह को कम करने के लिए दवाएं ले रहे हैं तो इसका उपयोग आपके रक्त स्तर को कम करने के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसलिए इसके उपयोग से पहले अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करवाएं।
- बिछुआ का उपयोग रक्तचाप के स्तर को कम करता है। इसलिए यदि आप उच्च रक्तचाप को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो इस जड़ी बूटी का सेवन न करें। क्योंकि इससे रक्तचाप का स्तर और भी कम हो सकता है।
- यह बहुत अधिक नींद आने का कारण हो सकता है। बिछुआ सहित किसी भी प्रकार की शामक दवा खाने के बाद ड्राइव न करें।
- यह एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है और यह मूत्र उत्पादन को बढ़ाता है। यदि आप किसी भी प्रकार की किडनी समस्या से पीड़ित हैं, तो इस दवा का उपयोग न करें।
- बिच्छू बूटी में कई प्रकार के रसायन होते हैं इसलिए इसका अधिक उपयोग पुरुषों में वीर्यस्खलन को कम कर देता है। अरोमातासेस (aromatases) नामक एंजाइम के उत्पादन को रोकता है जो शुक्राणु उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण होता है।
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