गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

कैसे हुआ बालि और सुग्रीव का जन्म तथा कैसे पड़ा ऋष्यमूक पर्वत का नाम

Image SEO Friendly

कैसे हुआ बालि और सुग्रीव का जन्मआज इस लेख में हम आपको दो पौराणिक घटनाओं के बारे में बताएंगे-

बालि और सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ?
ऋष्यमूक पर्वत का नाम कैसे पड़ा?

1. ऋष्यमूक पर्वत का नाम कैसे पड़ा?-
ऋष्यमूक पर्वत श्रेणियों के अन्तर्गत एक पर्वत पर एक विशाल बानर रहता था, जिसका नाम ऋक्षराज था ।किसी ने उससे पूछा कि इस पर्वत का नाम ऋष्यमूक क्यों पड़ा? तो उसने कहा कि रावण के द्वारा सताए हुए कई ऋषि एक साथ एक जगह मूक (मौन) होकर रावण का विरोध कर रहे थे।
 तथा कैसे पड़ा ऋष्यमूक पर्वत का नाम

रावण जब विश्व विजय के लिए वहाँ से निकला, तो उसने एक साथ लाखों ऋषियों को एक जगह एकत्र देख कर पूछा कि इतने सारे महात्मा लोग यहाँ क्या कर रहे हैं? तो राक्षसों ने जबाव दिया — महाराज ! यह आपके द्वारा सताए हुए ऋषि मूक होकर आपके विरोध स्वरूप यहाँ इकठ्ठे होकर आंदोलन कर रहे हैं । रावण ने कहा कि इनकी इतनी हिम्मत? मार डालो इन सभी को। रावण की आज्ञा से राक्षसों ने उन सभी ऋषियों को मार डाला ।उन्हीं के अस्थि अवशेषों से यह पहाड़ बन गया, जिससे इसका नाम ऋष्यमूक पर्वत पड़ गया ।

2. बालि और सुग्रीव का जन्म कैसे हुआ? 
Image SEO Friendly
वह ऋक्षराज नाम का बानर बड़ा ही शक्तिशाली था। अपने बल के घमंड में इधर उधर विचरण करता रहता था ।उस पर्वत के पास में एक बड़ा ही सुंदर तालाब था, लेकिन उस तालाब की यह विशेषता थी कि जो उसमें स्नान करता, वह एक अत्यंत सुंदर स्त्री बन जाता। ऋक्षराज को यह बात मालूम नहीं थी। मस्ती में एक दिन वह उस तालाब में कूद पड़ा और जैसे ही बाहर आया तो उसने देखा कि वह एक बहुत ही सुंदर षोडशी स्त्री के रूप में परिणित हो चुका है।

यह देख कर उसे बहुत शर्म महसूस हुई, परंतु वह क्या कर सकता था? इतने में देवराज इन्द्र की दृष्टि उस स्त्री पर पड़ी। देखते ही उनका तेज स्खलित हो गया। वह तेज उस स्त्री के बालों पर गिरा। उसी से बालि की उत्पत्ति हुई । थोड़ी देर बाद सूर्योदय होने पर सूर्य की दृष्टि भी उस सुन्दरी पर पड़ी, तो सूर्यदेव भी उसकी सुन्दरता पर मोहित हो गये। उनका तेज भी स्खलित हो गया, जो उस स्त्री की ग्रीवा पर पड़ा।उससे जिस पुत्र का जन्म हुआ उसका नाम सुग्रीव पड़ा। क्योंकि ग्रीवा पर तेज गिरा था, इसीलिए वे सुग्रीव कहलाए।

दोनों ही सगे भाई थे। बड़ा भाई बालि इन्द्र का पुत्र और छोटा भाई सूर्य का पुत्र सुग्रीव था। बालों पर तेज गिरने से बालि और ग्रीवा पर तेज गिरने से सुग्रीव नाम पड़ा। दोनों का पालन पोषण उसी ऋक्षराज बानर से बनी हुई स्त्री ने किया और उसी ऋष्यमूक पर्वत को अपना निवास बनाया।

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"