घंटों ऑफिस की कुर्सी पर बैठना हो, खड़े होकर घर का काम करना हो या दौड़-भाग का कोई काम हो, कमर दर्द या पीठ दर्द की शिकायत होना तय है। किसी को यह दर्द तेज होता है, तो किसी को हल्का-हल्का होता है। एक वक्त था जब यह समस्या उम्र बढ़ने पर होती थी, लेकिन आज की जीवनशैली के चलते यह परेशानी युवाओं को भी अपने चपेट में ले रही है। ऐसे में कई बार लोग कमर दर्द की दवा के आदी हो जाते हैं, जो गलत है।
कमर दर्द के कारण –
कई बार मांसपेशियों में खिंचाव, चोट लगने या दबाव के कारण कमर या पीठ दर्द होता है। नीचे हम आपको कमर व कमर के नीचे दर्द के कुछ अन्य कारण भी बता रहे हैं।
- किसी वस्तु को गलत तरीके से उठाना।
- क्षमता से अधिक भारी वस्तुओं को उठाना।
- गलत मुद्रा में बैठना, चलना, लेटना या खड़े रहना।
- पूरा दिन कुर्सी पर बैठे रहना।
- सही गद्दे पर न सोना।
- जरूरत से ज्यादा व्यायाम करना।
- बिल्कुल व्यायाम न करना।
- नींद न आने की बीमारी।
- रीढ़ को प्रभावित करने वाला बुखार या संक्रमण जैसी चिकित्सा स्थिति।
- गठिया रोग की परेशानी।
- बढ़ती उम्र का असर।
- गर्भावस्था या फिर सी-सेक्शन के कारण।
- मुश्किल व भारी शारीरिक कसरत या व्यायाम।
- कमर में, पीठ में या रीढ़ की हड्डी में चोट लगना।
- घंटों बैठे या खड़े होकर लगातार काम करना।
- शरीर का कमजोर होना।
- सही तरीके से या सही मुद्रा में न सोना।
- धूम्रपान करना।
- सही खाद्य पदार्थ का सेवन न करना या ज्यादा जंक फूड खाना।
- सही जीवनशैली का पालन न करना।
- टीवी या कंप्यूटर के सामने देर तक बैठना।
- सोते वक्त मोटे तकिये का इस्तेमाल करना।
- दो या चार पहिया वाहन चलाना या घंटों यात्रा करना।
- कभी-कभी पुरानी चोट या अंदरूनी चोट के कारण।
- कमजोर हड्डी के चलते।
- दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण।
- कोई गंभीर बीमारी की वजह से।
- आनुवंशिक समस्या के चलते।
- वजन का अत्यधिक बढ़ना या मोटापा।
- भारी बैग उठाने से।
इनमें से कोई भी आपके पीठ या कमर दर्द का कारण हो सकता है। पीठ दर्द से प्रभावित व्यक्ति में कुछ लक्षण नजर आते हैं, जिनके बारे में हम आगे बता रहे हैं।
कमर दर्द के लक्षण –
इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं।
- शरीर का तापमान बढ़ना।
- पीठ पर सूजन।
- तीव्र दर्द।
- हर वक्त दर्द होना।
- ज्यादा देर तक बैठे रहने से या खड़े रहने से दर्द का और बिगड़ जाना।
- पीठ और नितंबों के आसपास सुन्नपन।
- कुछ मामलों में दर्द का पैरों व घुटनों तक फैलना।
- उठने-बैठने में परेशानी होना या फिर कमर में दर्द होना।
कमर दर्द (पीठ दर्द) का घरेलू इलाज –
कमर दर्द के कारण और लक्षण जानने के बाद अब वक्त है कमर दर्द का घरेलू उपचार जानने का। कई बार लोग कमर दर्द की दवा लेते हैं और आगे चलकर उसके आदी हो जाते हैं। इन दवाइयों का सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कमर दर्द का घरेलू उपचार सुरक्षित होता है और कुछ वक्त के लिए आराम भी मिलता है। आइए, जानें कमर दर्द का घरेलू इलाज।
1. एसेंशियल ऑयल
एसेंशियल ऑयल सेहत व त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। एसेंशियल ऑयल पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों और फूल-पत्तियों से निकाला जाने वाला प्राकृतिक अर्क होता है और इसमें प्राकृतिक खुशबू होती है। आप एसेंशियल ऑयल को कमर दर्द के घरेलू इलाज के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
लैवेंडर का तेल
सामग्री :
- तेल की तीन से चार बूंदें
उपयोग करने की विधि :
- कमर में जहां भी दर्द हो रहा हो, वहां इस तेल को लगाएं।
- फिर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
- इसे रोजाना कम से कम दो बार लगाएं।
यह कैसे फायदेमंद है?
लैवेंडर तेल के कई औषधीय उपयोग हैं। लैवेंडर तेल में ऐंठन को कम करने (एंटीस्पास्मोडिक) के साथ-साथ दर्दनिवारक (एनाल्जेसिक) गुण भी होता है। इससे मांसपेशियों में आई ऐंठन व दर्द से राहत मिलती है। साथ ही इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकता है ।
पिपरमिंट ऑयल
सामग्री :
- तेल की पांच से छह बूंदें
- एक चम्मच बादाम/नारियल तेल
उपयोग करने की विधि :
- बादाम या नारियल तेल में पिपरमिंट ऑयल को मिलाएं।
- इस मिश्रण को दर्द वाली जगह पर लगाएं।
कितनी बार उपयोग करें?
- इसे हर रोज दो बार लगाएं
यह कैसे फायदेमंद है?
पिपरमिंट ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो आपको पीठ दर्द से जल्द राहत दिला सकता है। इसे लगाने से मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द कम होता है। इसकी दर्दनाशक प्रकृति सिरदर्द, कंधों में दर्द व नसों में दर्द से भी आराम दिला सकती है ।
2. अन्य तेल
जरूरी नहीं कि आप एसेंशियल ऑयल का ही उपयोग करें। पीठ या कमर दर्द का घरेलू उपचार अन्य तेल से भी किया जा सकता है। कमर दर्द या पीठ दर्द के दौरान हल्की मालिश फायदेमंद हो सकती है। नीचे हम कुछ तेल को उपयोग करने के बारे में बता रहे हैं, जो आपको कमर दर्द से आराम दिलाएंगे।
अरंडी का तेल
सामग्री :
- एक चम्मच अरंडी का तेल
उपयोग करने की विधि :
- रात को सोने से पहले अरंडी के तेल को गुनगुना गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगाएं।
- फिर हल्के-हल्के हाथों से मालिश करें।
- तेल को रातभर लगा रहने दें।
कितनी बार उपयोग करें?
- आप हर रात सोने से पहले यह तेल लगाएं।
यह कैसे फायदेमंद है?
अरंडी के तेल में रिसिनोलिक एसिड (ricinoleic acid) होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं । यह न केवल दर्द के दौरान होने वाले सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, बल्कि पीठ दर्द को भी ठीक कर सकता है। यह कंधों और एड़ी में होने वाले दर्द से भी आराम दिला सकता है ।
जैतून का तेल
सामग्री :
- एक चम्मच जैतून का तेल
उपयोग करने की विधि :
- रात को सोने से पहले जैतून का तेल गर्म करें और अपनी पीठ की मालिश करें।
- इसे रातभर लगा रहने दें।
कितनी बार उपयोग करें?
- आप इसे हर रोज एक बार लगाएं।
यह कैसे फायदेमंद है?
आजकल कई लोग ऑलिव आयल में बने खाने का सेवन करते हैं, क्योंकि यह न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है। इसकी मालिश से हड्डियों के दर्द से भी छुटकारा पाया जा सकता है। जैतून तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्दनाशक (एनलजेसिक) गुण होते हैं। इन गुणों का संयोजन पीठ दर्द में मदद कर सकता है। यह गठिया की बीमारी में भी काफी हद तक आराम दे सकता है ।
3. अदरक
चाहे सर्दी-खांसी हो, सिरदर्द हो या अन्य कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, अदरक का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। ऐसे में जब बात आए कमर दर्द या पीठ दर्द की, तो इसमें भी अदरक काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
सामग्री :
- अदरक के एक या दो छोटे टुकड़े
- एक कप गर्म पानी
- शहद (वैकल्पिक)
उपयोग करने की विधि :
- 5 से 10 मिनट तक अदरक को एक कप गर्म पानी में डुबो कर रखें।
- स्वाद के लिए शहद मिलाएं और ठंडा होने से पहले इसका सेवन करें।
- आप पीठ की मालिश करने के लिए अदरक के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?
- आप हर रोज कम से कम दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।
- वहीं, अगर अदरक का तेल लगा रहे हैं, तो वो भी आप दो बार लगा सकते हैं। रात को सोने से पहले जरूर लगाएं।
यह कैसे फायदेमंद है?
अदरक गुणों का खजाना है, जिन्जेरॉल अदरक के सक्रिय घटकों में से एक है। कई लोग अदरक को एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्दनाशक के तौर पर उपयोग करते हैं। अदरक के नियमित उपयोग से व्यायाम के कारण मांसपेशियों में होने वाले दर्द से भी राहत मिल सकती है। इतना ही नहीं अदरक के तेल से मालिश करने से कमर या पीठ दर्द में भी आराम मिल सकता है ।
4. तुलसी के पत्ते
तुलसी के औषधीय गुण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं। अगर बात करें कमर दर्द या पीठ दर्द की, तो उस परेशानी में तुलसी उपयोगी साबित हो सकती है।
सामग्री :
- चार-पांच तुलसी के पत्ते
- एक कप गर्म पानी
- शहद (वैकल्पिक)
उपयोग करने की विधि :
- तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में 10 मिनट तक डुबो कर रखें।
- स्वाद के लिए शहद मिलाएं और पानी के ठंडे होने से पहले इस चाय का सेवन करें।
- आप कमर पर तुलसी का तेल भी लगा सकते हैं।
- आप इस चाय का दिनभर में दो से तीन बार सेवन कर सकते हैं।
- अगर आप तुलसी का तेल लगा रहे हैं, तो दिनभर में एक से दो बार लगा सकते हैं।
यह कैसे फायदेमंद है?
तुलसी को वर्षों से औषधि के रूप में उपयोग किया जा रहा है। खासतौर पर सर्दी-जुकाम या शरीर में दर्द होने पर तुलसी का काढ़ा या तेल लाभकारी होता है। तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द से राहत दिलाने वाले गुण होते हैं। इसलिए, यह पीठ दर्द के लिए कारगर घरेलू उपचार है ।
5. लहसुन
अगर कमर दर्द या पीठ दर्द की परेशानी है, तो लहसुन का उपयोग करने के कुछ आसान तरीके नीचे पढ़ें।
सामग्री :
- आठ से दस लहसुन की कलियां
- एक साफ तौलिया
उपयोग करने की विधि :
- लहसुन की कलियों को अच्छे से कुचलकर उसका पेस्ट बना लें।
- अब इस पेस्ट को दर्द वाली जगह पर लगाकर साफ तौलिये से ढक लें।
- इसको लगभग आधे घंटे के लिए छोड़ दें और फिर गीले कपड़े से पोंछ लें।
- आप रोज सुबह लहसुन की 2 से 3 कलियां चबा भी सकते हैं।
- अगर आपको लहसुन का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप भोजन में उसका तड़का लगा सकते हैं।
- इसके अलावा, आप लहसुन को सरसों के तेल में डालकर गर्म कर लें और फिर कमर की मालिश करें।
कितनी बार उपयोग करें?
- इस घरेलू उपाय को कम से कम दो बार उपयोग करें।
यह कैसे फायदेमंद है?
लहसुन में सेलेनियम और कैप्साइसिन जैसे घटक होते हैं, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक असर के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में यह कमर दर्द के लिए फायेदमंद हो सकता है। खासकर, जब व्यायाम करने के बाद पीठ में दर्द या ऐंठन हो ।
नोट: अगर आपको लहसुन से एलर्जी है या आप गर्भवती हैं, तो आप डॉक्टर की सलाह पर ही लहसुन का सेवन करें। साथ ही रोज कितनी मात्रा में लहसुन का सेवन कर सकते हैं, वो भी पूछ लें।
6. सेंधा नमक
ब्लड प्रेशर को संतुलित रखना हो, पाचन शक्ति में सुधार करना हो या वजन घटाना हो, हर मामले में सेंधा नमक कारगर है। सेंधा नमक मांसपेशियों और बॉडी पेन को भी कम करने में मदद कर सकता है।
सामग्री :
- एक या दो कप सेंधा नमक
- एक बाल्टी पानी
उपयोग करने की विधि :
- सेंधा नमक को एक बाल्टी पानी में मिलाएं।
अब इस पानी से आप नहाएं।
- इसके अलावा, आप इस पानी से तौलिया गीला करके अपने शरीर को पोंछ सकते हैं और बचे हुए पानी से नहा भी सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?
- आप हफ्ते में दो से तीन बार इस विधि को कर सकते हैं।
यह कैसे फायदेमंद है?
सेंधा नमक को मैग्नीशियम सल्फेट के रूप में भी जाना जाता है। इसके नियमित उपयोग से कमर या कमर के नीचे होने वाले दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है ।
7. कैमोमाइल चाय
कैमोमाइल चाय औषधीय गुणों से भरपूर होती है। अनिद्रा की समस्या से छुटकारा पाना हो, तनाव कम करना हो, इम्यून पावर को बढ़ाना हो या मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करना हो, यह चाय काफी राहत दिलाती है। यह मांसपेशियों व कमर में होने वाले दर्द को भी कम कर सकती है।
सामग्री :
- एक चम्मच सूखा कैमोमाइल
- 1 कप गर्म पानी
- शहद (वैकल्पिक)
उपयोग करने की विधि :
- सूखे कैमोमाइल को 5 से 10 मिनट के लिए एक कप गर्म पानी में डुबोएं।
- स्वाद के लिए शहद को मिलाएं और पानी के ठंडा होने से पहले इसे चाय की तरह पिएं।
कितनी बार उपयोग करें?
- हर रोज कम से कम दो बार इस चाय का सेवन करें।
यह कैसे फायदेमंद है?
कैमोमाइल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द से राहत दिलाने वाले गुण होते हैं। इसे हर्बल एस्पिरिन के रूप में भी जाना जाता है। कैमोमाइल के ये गुण दर्द और सूजन से राहत दे सकते हैं। यह चाय गठिया और साइटिका में भी राहत दिला सकती है ।
8. बर्फ के पैक (आइस पैक)
चेहरे पर बर्फ लगाएं, तो ठंडक का एहसास होता है। वैसे ही कमर दर्द या पीठ दर्द में भी बर्फ अच्छा असर करती है।
सामग्री :
- आइस पैक
उपयोग करने की विधि :
- कमर के नीचे दर्द वाली जगह पर आइस पैक लगाएं और इसे 15 से 20 मिनट के लिए छोड़ दें।
कितनी बार उपयोग करें?
- इसे दिनभर में एक से दो बार उपयोग करें।
यह कैसे फायदेमंद है?
अगर बर्फ के पैक को सही दर्दनिवारक दवा और एक्सरसाइज के साथ नियमित रूप से लिया जाए, तो कमर के नीचे दर्द की समस्या काफी हद तक कम हो सकती है ।
9. गर्म सेंक (हीटिंग पैड)
सर्दी-जुकाम हो तो गर्म पानी पीना बहुत लाभकारी होता है। वहीं, कमर दर्द का घरेलू इलाज करने के लिए गर्म सेंक का उपयोग करना भी फायदेमंद होता है।
सामग्री :
- गर्म पानी का बैग (हॉट वॉटर बैग)
उपयोग करने की विधि :
- जहां कमर में दर्द हो रहा हो, वहां हॉट वॉटर बैग से 25 से 30 मिनट सिकाई करें।
कितनी बार उपयोग करें?
- हर रोज कम से कम एक बार सेंक लें।
यह कैसे फायदेमंद है?
गर्म सेंक, गर्म पानी या हीटिंग पैड दर्द पर जादू की तरह काम कर सकता है। नियमित रूप से सेंक लेने से कमर दर्द, पीठ या कमर में खिंचाव, गर्दन में दर्द, ऐंठन व अन्य मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है (20)
नोट : कोशिश करें कि रात को सोने से पहले सेंक लें, ताकि रातभर आराम रहे। साथ ही अगर गर्म सेंक लेने से पहले कोई दर्द निवारक बाम या क्रीम लगाई जाए और उसके बाद सेंक लेकर दर्द वाली जगह को गर्म कपड़े या चादर से ढक दिया जाए, तो दर्द से जल्द राहत मिल सकती है।
10. मेथी
कई घरों में मेथी को खाना बनाने में उपयोग किया जाता है। यह पौष्टिक तत्वों व गुणों का खजाना है। यह डायबिटीज कोलेस्ट्रॉल, पीरियड्स में होने वाले दर्द से लेकर जोड़ों के दर्द, गठिया व पीठ दर्द से राहत दिला सकती है।
सामग्री :
- एक चम्मच मेथी पाउडर
- एक गिलास गर्म दूध
- शहद (वैकल्पिक)
उपयोग करने की विधि :
- एक चम्मच मेथी पाउडर लें और इसे एक गिलास गर्म दूध में मिलाएं।
- फिर इसका सेवन करें।
- आप स्वाद के लिए इसमें शहद मिला सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?
- आप हर रोज रात को सोने से पहले इसका सेवन करें।
यह कैसे फायदेमंद है?
मेथी अपने प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए लोकप्रिय है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि यह दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि पीठ दर्द से राहत पाने के लिए मेथी बेहतरीन प्राकृतिक घरेलू उपचार है। यह गठिया और सूजन की समस्या में भी फायदेमंद हो सकती है। इतना ही नहीं यह मासिक धर्म में होने वाले ऐंठन और दर्द की तीव्रता को भी कम कर सकती है ।
नोट : अगर आपको दूध के साथ मेथी का सेवन करना नहीं पसंद, तो आप उसे रातभर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उसका पानी पिएं या फिर आप अपने खाने में मेथी इस्तेमाल कर सकते हैं।
11. हल्दी
हल्दी ऐसी चीज है, जो हर घर की रसोई में मिलती है। यह न सिर्फ खाने का रंग और स्वाद बढ़ाती है, बल्कि औषधीय गुणों का खजाना भी है। यह पीठ, कमर या मांसपेशियों के दर्द को कम कर सकती है।
सामग्री :
- आधा या एक चम्मच हल्दी
- एक गिलास गर्म दूध
उपयोग करने की विधि :
- एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाएं।
- इस मिश्रण का सेवन करें।
कितनी बार उपयोग करें?
- आप हर रोज दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।
यह कैसे फायदेमंद है?
हल्दी में करक्यूमिन नामक यौगिक होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्दनिवारक गुण होते हैं। कई बार आपने सुना होगा कि कहीं चोट लग जाए या हड्डियों व मांसपेशियों में दर्द हो, तो हल्दी-दूध पीना चाहिए। हल्दी के इन गुणों के कारण ही इसका उपयोग पीठ दर्द से राहत दिलाने के लिए किया जा सकता है। हल्दी सूजन या गठिया की समस्या को भी काफी हद तक कम कर सकती है ।
12. अनानास
फलों की बात करें, तो अनानास कई लोगों को पसंद आता है, यह न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए लाभकारी भी होता है। अनानास का सेवन कमर दर्द के घरेलू उपाय के तौर पर भी किया जा सकता है।
सामग्री :
- आधा कप अनानास
- एक कप पानी
उपयोग करने की विधि :
- अनानास को पानी के साथ मिलाएं और हर रोज या हर दूसरे दिन उसका सेवन करें।
- अगर जूस नहीं पीना, तो आप आधा कप अनानास का सेवन कर सकते हैं।
कितनी बार उपयोग करें?
- आप हर रोज या हर दूसरे दिन इसका सेवन कर सकते हैं।
यह कैसे फायदेमंद है?
अनानास में ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी व दर्दनाशक गुण होता है । यह गठिया में होने वाले सूजन, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द या कमर दर्द में काफी हद तक राहत दिला सकता है।
नोट : अगर आपको अनानास से एलर्जी है या आप गर्भवती हैं या आप पहली बार इसका सेवन कर रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से इस बारे में पूछ लें।
13. विटामिन्स
पीठ या कमर दर्द का इलाज सही आहार भी है। शरीर को प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स मिलते रहने चाहिए। विटामिन्स की बात करें, तो कुछ विटामिन्स ऐसे होते हैं, जिसका सेवन करना बहुत जरूरी है। विटामिन-बी12 अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्दनाशक (एनाल्जेसिक) गुणों के कारण पीठ पर दबाव को कम करके दर्द से राहत दिला सकता है। यह कमर के नीचे दर्द की समस्या को काफी हद तक ठीक कर सकता है । वहीं, विटामिन-सी, डी, और ई भी अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण आपको स्वस्थ रखते हैं और कमर या पीठ दर्द को कम कर सकते हैं । कई बार विटामिन-डी की कमी से कमर के नीचे दर्द की समस्या हो सकती है, इसलिए विटामिन-डी युक्त आहार को अपने खाने में शामिल करें । कोशिश करें कि विटामिन्स की दवा या सप्लीमेंट्स की जगह आप ऐसे फल, सब्जियां व अन्य चीजों का सेवन करें, जिनमें विटामिन्स पाए जाते हैं। विटामिन की दवा लेने से पहले आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
14. एलोवेरा जूस
लोवेरा के बारे में लगभग हर कोई जानता होगा, यह छोटा-सा पौधा गुणों का खजाना है। सेहत, बाल, त्वचा हर लिहाज से एलोवेरा फायदेमंद है। यह कमर दर्द के लिए भी लाभकारी हो सकता है, बस जरूरत है इसे सही तरीके से उपयोग करने की।
सामग्री :
- एक चौथाई या आधा कप एलोवेरा जूस
- उपयोग करने की विधि :
- एलोवेरा जूस का सेवन करें।
कितनी बार उपयोग करें?
- हर रोज या हर दूसरे दिन एलोवेरा जूस का सेवन करें।
यह कैसे फायदेमंद है?
एलोवेरा एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुणों से भरपूर एक औषधीय जड़ी-बूटी है, जो पीठ दर्द का इलाज करने में मदद कर सकती है। इतना ही नहीं एलोवेरा गठिया या नसों में होने वाले दर्द जैसे – साइटिका की समस्या में भी आराम दिला सकता है ।
15. गर्म पानी से नहाएं
गर्म पानी कई मायनों में फायदेमंद होता है। सर्दी-जुकाम, बुखार व पेट में ऐंठन से लेकर कमर दर्द तक में गर्म पानी को घरेलू उपचार के तौर पर उपयोग किया जा सकता है। गर्म पानी से नहाने का असर हीटिंग पैड की तरह होता है। यह सूजन और दर्द को काफी हद तक कम कर सकता है। इसका असर तब और अच्छी तरह होता है, जब इसके साथ सही दवा या दर्दनिवारक बाम का भी इस्तेमाल किया जाए । इसलिए, कमर दर्द या मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होने पर एक बार गुनगुने पानी से नहाया जा सकता है। ध्यान रहे कि पानी ज्यादा गर्म न हो, नहीं तो आपकी त्वचा जल सकती है।
16. मालिश
इसे सबसे आसान और असरदार तरीका कहा जा सकता है। मालिश से काफी हद तक दर्द से आराम मिल सकता है। यहां तक कि अगर कमर के नीचे दर्द हो, तो भी यह राहत दे सकता है। आप किसी भी एसेंशियल ऑयल से या कर्रिएर ऑयल से मालिश कर सकते हैं। इतना ही नहीं आप तेल को गुनगुना करके भी उससे मालिश कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आप ज्यादा जोर से या गलत तरीके से मालिश न करें। बेहतर होगा कि किसी विशेषज्ञ या अनुभवी व्यक्ति से ही मालिश कराएं ।
कमर दर्द से बचाव –
ऊपर आपने कमर दर्द के घरेलू उपाय जानें, लेकिन इनके साथ आपको कुछ और बातों का भी ध्यान रखना होगा, ताकि कमर दर्द के घरेलू उपचार से आपको जल्दी फायदा मिले। इसलिए, नीचे बताई गई बातों का ध्यान रखें।
- खाने में पौष्टिक आहार लें। हरी सब्जियां, फल, ड्राई फ्रूट, दूध व दही का सेवन करें। साथ ही कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ लें।
- बाहरी खाना, जंक फूड, तैलीय खाना, चीनी, कुछ डेयरी उत्पाद और लाल मांस का सेवन न करें।
- पीठ या कमर दर्द से आराम दिलाने वाले योग और एक्सरसाइज करें, लेकिन ध्यान रहे कि आप इन्हें डॉक्टर की सलाह के बाद विशेषज्ञों की देखरेख में ही करें। अगर आपको योग व एक्सरसाइज के दौरान या बाद में दर्द ज्यादा महसूस हो, तो इसे तुरंत रोक दें।
- आप जब भी बैठें या सोएं, तो अपनी पीठ को किसी तकिये या बैक रेस्ट से सपोर्ट दें।
- अपनी रीढ़ की हड्डी को हाइड्रेटेड और स्वस्थ रखने के लिए खूब पानी पिएं।
- कमर की हल्के-हल्के हाथों से नियमित रूप से मालिश करें।
डॉक्टर से सलाह कब करें? –
अगर कमर दर्द का घरेलू उपचार करने के बाद भी आपको आराम नहीं मिल रहा है व निम्नलिखित परिस्थितियां का सामना करना पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- दर्द तीव्र हो रहा है।
- उठते-बैठते या सोते वक्त ज्यादा दर्द होता है।
- अगर कमर दर्द पूरे दिन या हर वक्त हो रहा है।
- वक्त के साथ-साथ दर्द और तेज हो रहा है।
- अगर दर्द के साथ-साथ आपको कमर या पैरों में झुनझुनी का अहसास हो, आपके पैर सुन्न होने लगे या आपको कमजोरी महसूस हो।
- आपका दर्द रात को ज्यादा हो और आपको दर्द की वजह से नींद न आए।
- अगर आपको दर्द के साथ बुखार आए।
- दर्द के दौरान या बाद में आपको कमजोरी महसूस हो।
- अगर आपको दर्द को ठीक करने के लिए बार-बार कमर दर्द की दवा या पेनकिलर की जरूरत पड़ रही हो।
आपने इस लेख में कमर दर्द के कारण व कमर दर्द के घरेलू उपाय के बारे में जाना। अगर आप इन उपायों व सावधानियों का पालन नियमित रूप से करेंगे, तो आपको कमर दर्द से काफी हद तक आराम मिल सकता है। हम आपको बता दें कि ये घरेलू इलाज हल्के और मामूली कमर दर्द के लिए हैं। अगर आपको तीव्र कमर दर्द है, तो बिना देर करते हुए तुरंत डॉक्टर से कमर दर्द का इलाज कराएं। आप चाहें तो कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज भी करा सकते हैं। आप कमर दर्द के घरेलू उपाय अपनाएं और हमारे साथ अपने अनुभव जरूर शेयर करें। अगर आपको कोई अन्य कमर दर्द का घरेलू उपचार पता हो, तो उस बारे में भी नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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