यदि आप एक ब्लॉगर है, और आपकी एक बड़ी साईट में है तो आपने डुप्लीकेट यूआरएल की प्रॉब्लम को जरुर देखा होगा। जैसे जैसे साईट बड़ी होती जाती है, डुप्लीकेट यूआरएल के चांस बढ़ जाते है, इससे साईट में डुप्लीकेट कंटेंट प्रॉब्लम होता है। इस परेशानी को कैनोनिकल यूआरएल के द्वारा ठीक किया जा सकता है। चलिए जानते है कि अगर ऐसे कभी परेशानी आपको फेस करनी पड़े तो इसको कैसे ठीक किया जा सकताहै। इसके बारे में आप विस्तार से जानने के लिए विकिपीडिआ या गूगल पर विजिट कर समझ सकते है। इस आर्टिकल में हम आपको कैनोनिकल यूआरएल से जुडी सारी जानकारी देने जा रहे है, आर्टिकल को ध्यान से अंत तक पढ़ें-
कैननिकल यूआरएल क्या है-
जैसे जैसे साईट बड़ी होती जाती है, कई पेजेस एक दुसरे जैसे होते जाते है, इस डुप्लीकेट कंटेंट को बड़ी साईट होने की वजह से रोका नहीं जा सकता है। अगर साईट में दो पेज बिलकुल सेम है और वो पेज रैंक में किसी कीवर्ड में जगह बना चुके है, ऐसे में सर्च इंजिन को समझ नहीं आता है कि इन दो में से किसको ट्रैफिक भेजे. इस समस्या के हल के लिए आप अपनी इच्छा अनुसार URL को चुन सकते है, इसे Canonical URL कहते है।
गूगल कैसे चुनता है Canonical URL –
अगर आपकी साईट का एक पेज मल्टीप्ल यूआरएल द्वारा एक्सेस हो रहा है, या अलग-अलग पेज में एक सामान डाटा है तो गूगल इसे एक ही पेज का डुप्लीकेट वर्शन समझेगा. उदाहरण के लिए एक ही पेज को मोबाइल एवं डेस्कटॉप दोनों वर्शन के लिए अलग बना दिया गया है। ऐसे में गूगल किसी एक यूआरएल को कैनोनिकल यूआरएल के रुप में चुन लेगा और उसे क्रोल करा देगा, बाकि यूआरएल डुप्लीकेट यूआरएल के रूप में कंसीडर होंगें, जिनको कम से कम क्रोल कराया जायेगा. गूगल किसी गलत यूआरएल को कैनोनिकल बनाये उससे बेहतर है आप ही गूगल को कैनोनिकल यूआरएल बना कर दे दे।
एक समान डाटा के बहुत सारे URL –
Canonical URL डुप्लीकेट कंटेंट का टेक्निकल सलूशन। है अगर मान लीजिये आपके किसी एक पोस्ट में 2 केटेगरी सिलेक्ट है, और उसके 2 URL है, कुछ इस तरह –
https://abcd-com/yellow-shirt/yellow-and-red-shirt/
https://abcd-com/red-shirt/yellow-and-red-shirt/
अगर ये दोनों URL एक ही प्रोडक्ट के बारे में है, तो आप किसी एक URL को Canonical URL के रूप में चुन कर के गूगल सर्च इंजन या किसी और सर्च इंजन को बता सकते है कि सर्च रिजल्ट में किस URL को दिखाना है। Canonical की मदद से आप सर्च इंजन को किसी भी आर्टिकल के ओरिजिनल वर्शन तक पहुंचा सकते है। जैसे अगर आपने किसी और के लिए एक पोस्ट लिखा है, जो उनकी वेबसाइट में पब्लिश हो गया है, अगर आ भी इसी आर्टिकल को अपनी वेबसाइट में पब्लिश करना चाहते है तो आप इसे कैनोनिकल के साथ ओरिजिनल पोस्ट बना सकते है।
कैनोनिकल URL का पता कैसे लगाएं –
आपकी वेबसाइट के कंटेंट को कोई अपना बता कर पब्लिश करके उसे कैनोनिकल URL तो नहीं बना दे रहा है, ये आप खुद चेक भी कर सकते है। कई फ्रॉड आजकल मार्किट में है जो ये काम करते है। दूसरों के डाटा को अपना बताते है या कुछ राइटर एक साथ एक ही डाटा खुद की साईट में भी डालते है और दूसरों को भी बेच देते है। आप किसी भी URL को चेक करके जान सकते है कि वो कैनोनिकल URL है कि नहीं, यह है प्रक्रिया –
- कैनोनिकल URL को वेबपेज के सोर्स पर देखा जा सकता है, इसके लिए आपको rel=”canonical” सर्च करना होगा।
- इस प्रक्रिया को सिर्फ सर्च इंजन देख सकेगा, इससे आपके यूजर को कोई फर्क या परेशानी नहीं होगा।
जानिए कब आप URL को रिडायरेक्ट कर सकते है, एवं कब कैनोनिकल का प्रयोग कर सकते है –
आपको बता दे कि रिडायरेक्ट में सेम तरह के दो URL में से एक को डिलीट किया जाता है, और फिर उस डिलीट URL को उस दुसरे URL में रिडायरेक्ट कर दिया जाता है। ऐसा इसलिए करते है क्यूंकि जिस URL को हम डिलीट कर चुके अगर कोई उस पर क्लिक करे तो वो उस नए वाले में रीडायरेक्ट हो जाये, पुराना URL नोट फाउंड न बताये। इसमें सर्च इंजन का कोई काम नहीं होता है, वो कीवर्ड के अनुसार URL को रैंकिंग देता है, फिर क्लिक करके यूजर को पता चलता है कि उसे किसी और URL में भेजा जा रहा है, ये बिलकुल उसी तरह है, जैसे मोबाइल में कोई नंबर फॉरवर्ड होता है। मोबाइल में जब कोई नंबर डायल करते है, कई बार वो बंद होता है, या नेटवर्क नहीं होता है, ऐसे में लोग अपने उस नंबर को दुसरे नंबर में फॉरवर्ड कर देते है।
अगर आप कैनोनिकल का इस्तेमाल करेंगें तो यूजर को रीडायरेक्ट की तरह नहीं पता चलेगा कि आप उसे कही और पहुंचा रहे है। अगर आप किसी URL को अपनी साईट को बिना नुकसान पहुंचाए रीडायरेक्ट करना चाहते है तो आप कर सकते है, इसके लिए कैनोनिकल सबसे अच्छा विकल्प रहेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
कैनोनिकल URL का उपयोग कैसे करें ?
अगर आप सर्वर में काम करते है तो आप वहां rel=”canonical” HTTP headers का प्रयोग करें, इससे सर्च इंजन को यह समझ आएगा कि यह कैनोनिकल URL है. अभी फिलहाल गूगल सिर्फ सर्चिंग के लिए इस मेथड को सपोर्ट करता है. आप अपने हर पेज के कैनोनिकल URL को उठायें और इसे साईट मैप में डाल दें.
कैनोनिकल URL को कैसे ठीक करें?
इसे दो तरह से ठीक किया जा सकता है. पहला 301 रीडायरेक्ट लागू करके, दूसरा आने साईट के पेज में कैनोनिकल टैग्स को जोड़ के, इससे आप गूगल को बता सकते है कि दो एक सामान पेज में से किसको प्रेफर करे.
कैनोनिकल URL को कैसे हटायें?
पेज के एक्शन मेनू को ओपन करें, इसके बाद टाइटल एवं प्रॉपर्टी को चुने. कैनोनिकल URL के ड्रापडाउन बॉक्स में आप सेलेक्ट कर सकते है कि इसे आपको ओपन रखना है या क्लोज.
HTML में कैनोनिकल लिंक कैसे बनायें?
Ans: Setting canonicals using rel=“canonical” HTML tags
कैनोनिकल URL को कैसे ढूढें?
<link rel=”canonical” href=”inserturl-com<?
मित्रो मुझे अब उम्मीद है कि आप लोगो ने कैनोनिकल यूआरएल क्या होता है को अच्छी तरह से समझ गये होगें। फिर भी यदि आप लोगो को इस आर्टिकल से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न होता है। तो आप लोग इसके लिए हमें ईमेल के माध्यम से या कमेन्ट करके या दूरभाष पर सम्पर्क करके अपने समस्या को साझा कर सकते है। जिससे आपके समस्या का निदान हो सके। यदि आप कैनोनिकल यूआरएल क्या होता है के लिए दिए गये तकनीकों को सीखते हैं, तो कृपया नीचे टिप्पणी करें, या दूसरों की मदद करने के लिए इस लेख को साझा करें।
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