टेक्नीकल एसईओ क्या है और इसे कैसे करते हैं ? क्या आप इसके विषय में अच्छे से जानते हैं है? एसईओ करते समय केवल हम ऑन पेज और ऑफ़ पेज SEO पर ही ध्यान देते हैं पर SEO में एक टेक्नीकल एसईओ भी बहुत महत्वपूर्ण होता है| जिसपर किसी भी ब्लॉगर की नज़र नहीं जाती है। यदि आपने आर्टिकल बहुत अच्छा लिखा है और उसके लिए बैकलिंक्स भी बहुत बनाई है पर भी अगर आपका इंडेक्स और रैंक नहीं हो रहा है तो समझ लीजिये की उसमें कुछ टेक्नीकल दिक्कत है जिसे आपको ठीक करना होगा| पर टेक्नीकल एसईओ कैसे करते है। क्या आपको ये पता है ? अगर नहीं तो आपके लिए यह आर्टिकल बहुत महत्वपूर्ण है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, मैं बताने वाला हूँ टेक्नीकल एसईओ क्या है और इसमें कौन कौन सी जरुरी चीजें आती है जिन्हे आपको समझना बहुत जरुरी है जिससे अगर ऑन पेज एसईओ और Off Page SEO व ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट एसईओ फ्रेंडली कैसे लिखे करने के बाद भी आपका रैंक रैंक नहीं होता तो आप उसकी जाँच कर सके। यह आर्टिकल बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाला है इसीलिए किसी भी पॉइंट को मिस ना करे।
टेक्नीकल एसईओ क्या हैं
टेक्नीकल एसईओ ऑफ़ पेज एसईओ, ऑन पेज एसईओ औरब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट एसईओ फ्रेंडली कैसे लिखे इन सब से बिलकुल अलग होता है। टेक्नीकल एसईओ में आपकी वेबसाइट के Structure को analyze किया जाता है। SEO में भी टेक्नीकल एसईओ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाना पड़ता है। टेक्नीकल एसईओ किये बगैर आपकी वेबसाइट का Run करना इतना possible नहीं है। टेक्नीकल एसईओ में आपको अपनी वेबसाइट को crawling, indexing, और rendering के लिए optimize करना पड़ता है जिससे Google को कोई दिक्कत ना हो आपके ब्लॉग पोस्ट को रैंक करने में। दूसरे शब्दों में टेक्नीकल एसईओ में आपकी वेबसाइट से जुडी सारी टेक्नीकल चीजें आती हैं जिसे आपको ठीक करना पड़ता है। उबेर सुझाव के संस्थापक नील पटेल के अनुसार, वह सारा काम को content से अलग किसी भी वेबसाइट की technical foundation को स्ट्रांग करने के लिए किया जाता हैं वो टेक्नीकल एसईओ के अंदर ही आता है। संक्षेप में, मै यही कहना चाहता हूँ कि वो हर काम जो आप अपने कंटेंट से अलग अपनी वेबसाइट के टेक्नीकल चीजों को प्रमोट करने के लिए करते हैं वो टेक्नीकल एसईओ होता है।
टेक्नीकल एसईओ क्यों जरुरी है
क्या आपने बिना फार्मूला प्रयोग किये किसी गणित के प्रश्न को हल किया है? क्या आपने अपनी किताब का एक चैप्टर छोड़कर एग्जाम कभी दिया है ? नहीं ना, किसी भी चीज को बिना पूरा समझे उसे करना बहुत ही खतरे का विषय हो जाता है| इसीलिए बिना Technical SEO समझे बस On Page औ र Off Page SEO यह समझना की आपका काम कम्प्लीट हो गया है, यह गलत है। चलिए मान लेते है की आपने अपनी वेबसाइट का On Page SEO और Off Page SEO कर लिया पर अगर आपकी पोस्ट की crawling और indexing कोई दिक्कत आ गई तो क्या आपका blog post Google में rank करेगा ? नहीं, आपको पहले यह समझना होगा की कौन सी technical दिक्कत की वजह से आपका blog post Google पर rank नहीं कर रहा है। Technical SEO Local SEO में भी सहायता करता है। इसीलिए आपको technical seo का ज्ञान होना बहुत महत्वपूर्ण है तो चलिए समझते हैं की आप अपनी वेबसाइट के technical SEO को कैसे सुधार सकते है।
अपनी वेबसाइट का टेक्नीकल एसईओ कैसे सुधारें-
क्या आप अपनी website का technical seo improve करना चाहते हैं ? यदि हाँ, तो यह जरुरी अवयव को समझना आपके लिए जरुरी है। क्योंकि technical SEO में यहीं सारी चीजें आती हैं जिसे आप समझकर अपनी वेबसाइट में ठीक कर सकते है।
Domain क्या हैं-
वह नाम जिसपर आपकी वेबसाइट रजिस्टर होती है उसे Domain कहते हैं| जैसे Deepawaliseotips.com मेरी वेबसाइट का domain है| Domain Name एक पता होता है जिसकी मदद से ही Internet User आपकी Website तक पहुँचते हैं। इंटरनेट पर अनगिनत domain name available हैं जिनके लिए आप किसी भी extension का प्रयोग कर सकते हैं जैसे .in, .xyz, .club, .edu, .store, .net, और बहुत पर इनमें से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और प्रयोग होने वाला extension -com है जिससे आप जरूर परिचित होंगे। आपको अपनी वेबसाइट के कंटेंट के अनुसार ही Domain Name Purchase करना चाहिए जिससे आपकी वेबसाइट के बारे में लोगों को पता चल सके। मुझे पता है अब आप कहेंगे की फिर मैंने अपनी वेबसाइट का नाम gondalivenews-com क्यों रखा है। उस समय मैं इसके बारे में ज्यादा जनता नहीं था इसी लिए।
Web Hosting क्या है
जब कोई website provider किसी वेबसाइट के सारे डाटा को एक server पर host कर देता है जिससे उस server पर आने वाले हर व्यक्ति को वह डाटा दिख सके तो उसे web hosting कहते है। यह डाटा उस server पर कुछ codes के जरिये दिखाया जाता है पर यह एक hard drive में ही स्टोर होता है। आप भी अपनी वेबसाइट को खुद के कंप्यूटर पर host कर सकते हैं| Website server की भी एक limit होती है जो आपकी website के size और traffic पर निर्भर करती है। आप shared, VPS, managed, reseller, इनमें से किसी भी hosting को अपनी जरुरत के अनुसार चुन सकते है । अगर आप एक आप अपनी वेबसाइट शुरू करने की सोच रहें हैं तो शुरुआत shared hosting से करें क्योंकि काफी सस्ती होती है।
Server Location क्या है
वह location जहाँ से आपकी वेबसाइट को host किया जाता है और आपकी website का सारा डाटा save रहता है उसी जगह को Server location कहते है। यह पूरी दुनियां में कही भी हो सकता हैं चाहे US या India । वेबसाइट को जल्दी load करने की लिए आप उसी जगह का चुनाव करें जहाँ की audience को आप target करने वाले हो। क्योंकि इससे website ranking पर काफी फर्क पड़ता है ।जैसे मान लीजिये अगर आप US की audience को target करने वाले हैं तो अपनी website के server location को New York में ही रखे और अगर India तो एशिया में server location set करे।
अल्गोरिथम क्या है और कैसे कार्य करता है
कलन-विधि (Eng. “Algorithm”) को Computer Science में एक महत्वपूर्ण टॉपिक के रूप में देखा जाता है। क्योंकि इसके उपयोग से Developers को बेहद कुशल और Error free programs विकसित करने में मदद मिलती है। शब्द, Algorithm का मतलब उन ‘Series of Steps‘ से है, जो किसी विशेष गणना (Computation) या कार्य (task) को पुरा करने या निष्पादित (execute) करने के लिये जिम्मेदार होते है। आगे हम एल्गोरिथ्म की परिभाषा को और विस्तार से समझेंगे। मूल रूप से गणितीय समस्याओं (Mathematical problems) को हल करने के लिये इसको विकसित किया गया था। लेकिन वर्तमान में यह शब्द Computer Science के साथ दृढ़ता से जुड़ा है। आगे पोस्ट में आप एल्गोरिथ्म क्या है? (What is Algorithm in Hindi) उदाहरण के साथ समझेंगे।
Page Speed क्या है
किसी भी वेबसाइट के एक specific webpage के load time को ही Page Speed कहते। है ज्यादातर bloggers website speed और page speed को एक ही समझ लेते हैं पर ये दोनों एक दम अलग। है Page speed आपकी website के एक single webpage का load time है जबकि website speed आपकी पूरी website का load time होता है। यह technical seo का सबसे ज्यादा जरुरी भाग है इसीलिए article पब्लिश करने के बाद आपने वेबपेज का speed test जरूर कर लिया करिये। जिससे यह पता चल सके की कहीं आपकी वेबपेज को load होने में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है। इसे चेक करने के लिए आप Google के page speed test platform का use कर सकते है।
वेबसाइट डिज़ाइन और Structure क्या है-
वह डिज़ाइन जो आपने अपने वेबसाइट के लिए चुनी होती है और आपके विजिटर को दिखाई देती यही उसे वेबसाइट डिज़ाइन कहते है। जो आपके user experience को बढ़ाने का काम करती है। आपकी वेबसाइट का डिज़ाइन या structure जितना अच्छा होता है। उतना ही विजिटर को content पड़ने में मजा आता है। आज के time में जो दिखता है वही बिकता है। पर ध्यान रहे कि कोई ऐसा design मत import कर लीजियेगा जो काफी भारी हो नहीं तो उससे आपकी वेबसाइट का load time बढ़ जायेगा और Google आपकी वेबसाइट को rank नहीं करेगा।
Note: एक बात ध्यान में रखे की कम से काम 6 महीने design और structure पर बिलकुल भी ध्यान ना दे बस अपनी website की speed पर ध्यान दे उसके बाद धीरे धीरे अपनी website के डिज़ाइन में changes करे।
Structured Data Errors kaise fix kare
ब्लाग और वेबासाइट रैकिंग के लिए अहुत ही महत्वपूर्ण है। फिरहाल जानकारी के अनुसार यह एरर 2015 से पहले बने टेम्पलेट में अधिकतर देखने को मिलता था। फिर भी यदि आपके थीम में डेवलेपर ने schema markup लगाना यदि भूल गया है। तो ऐसे में आप अपना टेम्पलेट बदल दे,लेकिन यदि आप टेम्पलेट नही बदलना चाहते है और आपको कोडिंग की थोडी बहुत जानकारी है। तो आप इस आर्टिकल के माध्यम से आसानी के साथ ठीक कर सकते है। इसके लिए आप सबसे पहले गूगल संरचित डेटा परीक्षण उपकरण में आप जाकर अपने ब्लाग या वेबसाइट के structure error check को एक बार अवश्य चेक कर ले। और यदि आपके ब्लागर वेबसाइट में फिर भी कोई एरर है तो आपको इन्हे जल्द से जल्द फिक्स कर लेना चाहिये। पहला कमी आपके टेम्पलेट में schema.org tag code की गलत तरीके से एड होने की वजह से इस प्रकार एरर प्रदर्शित होता है। आपइस तरह के एरर को ठीक कर अपने समस्या को हल कर सकते है।
JSON-LD Schema for Google Rich Result Features
गूगल ने 6 अप्रैल, 2020 से, data-vocabulary.org मार्कअप अब Google रिच परिणाम सुविधाओं के लिए उपयोगी नहीं होगा। schema.org के बढ़ते उपयोग और लोकप्रियता के साथ गूगल ने उनके विकास को एकल SD योजना पर केंद्रित करने का निर्णय लिया। गूगल संरचित डेटा मानकीकृत स्वरूपों और साझा स्कीमा का उपयोग किसी पृष्ठ और पृष्ठ द्वारा वर्णित चीज़ों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए करता है। इस जानकारी का उपयोग दो मुख्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है, प्रथम पृष्ठ की सामग्री को समझें और दूसरा विशेष खोज परिणाम सुविधाओं और संवर्द्धन को सक्षम करें।
JSON-LD का मतलब लिंक्ड डेटा के लिए जावास्क्रिप्ट ऑब्जेक्ट नोटेशन है। JSON-LD, RDFa और माइक्रोडेटा जैसे संरचित डेटा प्रारूप कुछ निश्चित संरचनाओं को परिभाषित करते हैं । जिनका उपयोग वर्णनात्मक डेटा को एन्कोड करने के लिए किया जा सकता है। यदि आप संरचित डेटा के साथ समृद्ध परिणाम सक्षम करना नहीं जानते है तो आप इसके लिए दिए गए आर्टिकल के माध्यम से दिए गए स्निपेट कोड नीचे दिए गए हैं आप अपने सुविधा के अनुसार इसका उपयोग कर सकते है ।
SSL Certificate क्या है
SSL certificate को TLS certificate भी कहते हैं जो आपकी website को HTTP से HTTPS की तरफ move कर देता है जो आपकी वेबसाइट के server पर उपस्थित डाटा को SSL/TSL encryption mode में internet के साथ जोड़ता है। इस encrypted information को decrypt करने की public key आपकी वेबसाइट में install होती है। इसीलिए जब reader आपकी वेबसाइट पर आता है तो उसे सारी information समझ में आ जाती है। Google ने ये function reader की information को secure करने के लिए लाया है। जब आप अपनी website में SSL certificate install करेंगे तभी आपकी वेबसाइट Google में टॉप पर रैंक करेगा।
Website Errors क्या है
जब किसी वेबसाइट का कोई पेज access करने पर आपको 3 digit का एक code दिखाई पड़ता है तो उस पेज को ही Error Page कहते है। यह आपकी गलती या server में कोई technical दिक्कत होने की वजह से होता। है आपको इसे जल्द से जल्द इसे ठीक करना पड़ता है वरना इससे आपकी वेबसाइट की सर्च रैंकिंग पर काफी बड़ा फर्क पड़ जाता है। 401, 403, 404, 500, 502, 503, 504 ये कुछ जरुरी error pages के कोड हैं अगर ये आपको अपनी website के किसी पेज को access करते समय दिखाई दे जाता है तो इसे जल्दी ठीक करना होगा। यह error pages technical SEO में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जिसके चलते reader experience में भी दिक्कत आती है।
URL Structure क्या है
URL structure आपके website के domain का एक पूरा structure होता है जिसमें पहले protocol फिर उसके बाद आपकी वेबसाइट का नाम उसके बाद extension और last में webpage का path होता है। अपनी website का URL structure define करते समय उसमें कोई भी date या year नहीं लेना चाहिए नहीं तो webpage कुछ समय के Google search results में rank करना बंद हो जाता है। एक Ideal URL “ https://gondanewslive-blogspot-com/2021/06/technical-seo-kya-hai.html ” होता है। अगर आपकी वेबसाइट का भी URL Structure ऐसा ही है तो आप ठीक कर रहें है अगर नहीं तो इसे आपको ठीक करना होगा।
Broken Links क्या है
जब किसी वेबसाइट का owner अपनी वेबसाइट पर पब्लिश किसी ब्लॉग पोस्ट को डिलीट कर देता है पर उस पोस्ट की लिंक किसी और वेबसाइट ने अपने कंटेंट में add कर रखी होती है तो जब उस लिंक पर कोई reader click करता है तो उसे [404 Not Found Error या Page Not Found का error show होता है जिसे Broken Link कहते है। आपको अपनी वेबसाइट पर कोई भी ऐसी broken link मिले तो उसे हटा देना चाहिए नहीं तो उसका आपकी website की रैंकिंग पर बहुत फर्क पड़ता है। इसे चेक करने के लिए आप Ahrefs free broken link checker tool का use कर सकते हैं|जो आपको आपकी वेबसाइट के हर webpage से related broken link के बारे में जानकारी देता है।
AMP क्या है
AMP Google द्वारा launch एक free HTML framework है जो mobile users के लिए ही लाया गया है। AMP का पूरा नाम Accelerated Mobile Pages है। जिसमें आपको अपनी वेबसाइट को mobile users के लिए Set करना पड़ता है। जिससे वह mobile में फ़ास्ट load हो सके|जिसके लिए आपको अपनी वेबसाइट में कुछ plugin install करने पड़ते हैं जो आपकी वेबसाइट को amp में convert कर देते हैं पर desktop में अगर आप अपनी वेबसाइट को खोलेंगे तो वह same दिखती है पर मोबाइल पर थोड़ी अलग दिखती। है क्योंकि ये plugin आपकी website से heavy codes को bypass कर देता है जिससे मोबाइल पर website की speed बहुत बड़ा जाती है। जैसा आपको पता है की majority of people mobile पर ही internet use करते हैं तो इसीलिए आपको भी अपनी website पर AMP install करना चाहिए जिससे आपकी website पर user experience अच्छा रहे।
Crawling & Indexing क्या है
Crawling और Indexing ये दोनों अलग अलग चीजें हैं पर एक दूसरे से जुडी हुई है| पर बहुत से Bloggers Crawling और Indexing को समझने में गलती कर देते है। जब Googlebots आपकी webpage के content को analyze करते हैं तो उसे crawling कहते हैं और जब वह Google के search results pages में दिखाने के काबिल होती हैं तो उसे Indexing कहते है। तो अब पता चला की Crawling & Indexing क्या है। अब मान लीजिये की आपने एक article लिखा तो उसे आपको Google में index करवाने के लिए आपको पहले उसे Google Console में submit करना होगा जिससे Google आपके blog post rank कर सके।
Robot.txt क्या है
Robot.txt एक text file होती है जो Search Engine Bots को यह बताती है की आपकी वेबसाइट के कौन से webpage को crawl और index करें और कौन से नहीं। यह REP यानि Robot Exclusion Protocol का एक भाग होता है जिसकी मदद से bots आपकी वेबसाइट के webpage को access करते है। इस Robot.txt फाइल में आप bots को अपनी website को access करने की permission देते हैं और आपकी website के कौन से भाग तो वो access कर सकते हैं वो भी बताते हैं|अपनी वेबसाइट के लिए आप Sureoak की मदद से आसानी से अपनी वेबसाइट के लिए Robot.txt फाइल बना सकते हैं जिसे आप आपकी वेबसाइट की root folder में डालना पड़ता है।
XML Sitemap क्या है
XML Sitemap आपकी वेबसाइट के उन pages की एक list होती है जिसे आपको Google पर rank करवाना होता है। क्या आपको लगता है की Google bots आपकी वेबसाइट को open करके फिर Crawl करते हैं ? नहीं, Google bots सीधे आपकी website के Sitemap पर जाते हैं और वहां से फिर उस webpage पर जाकर उसे analyze करते है। यह आपकी Website और Google दोनों की मदद करता है इससे Google जल्दी से आपकी वेबसाइट को Crawl और Index कर लेता है और आपका article Google पर जल्द रैंक हो जाता है|आप अपनी वेबसाइट का sitemap बनाने के लिए किसी भी online tool या plugin का use कर सकते है। पर ध्यान रहे आपको Sitemap तैयार करने के बाद उसे Google Console में सबमिट करना पड़ता है। जिससे Google के पास आपकी वेबसाइट का structure और link पहुँच सके।
Google Search Console क्या है
Technical SEO का 60 से 70% काम Google Search Console से सम्बंधित होता है जिसमें आपको अपनी वेबसाइट से related सारी technical चीजों की जानकारी मिलती है। इसीलिए Google Search Console को अच्छे से समझना आपके लिए बहुत जरुरी है। इसमें बहुत सारे matrices दिखाए जाते है और यह Google Analytics से अलग होता है मैंने देखा है की कुछ bloggers Google Analytics और Google Search Console को एक ही समझते है। पर Google Webmaster और Google Search Console ही हैं पहले Google Webmaster में ही सारी technical चीजें दिखाई जाती थी पर Google ने उसे हटा कर एक नया platform present कर दिया और उसका नाम Google Search Console रखा| इसीलिए आपको अपनी website को Search Console के साथ connect करनी पड़ेगी जिससे Google आपकी website को analyze कर सके।
Canonical URL क्या है-
Canonical URL technical SEO से सम्बंधित होता है जो आपके या दूसरे वेबसाइट पर duplicate content को दर्शाता है। इससे reader का कोई भी सम्बन्ध नहीं होता है यह बस Google के लिए किया जाता है जिससे Google समझ सके की कौन article को रैंक करना है। जैसा आप जानते हैं की Google केवल original और fresh content को ही rank करता है पर कभी कभी ऐसा भी होता है की आपको same content दो website या दो URL पर डालना होता है जिससे Google को ये समझने में दिक्कत होती है की कौन सा content वह रैंक करे और कौन सा नहीं जब आप Amazon पर किसी product को खोलते हैं तो आपने देखा होगा की वहां कई color, shape, और sizes के options होते हैं जिसमें सभी का अलग URL होता है। पर product एक ही होता है तो आप Google को कैसे ये पता चलेगा की कौन से पेज को rank करना है। इसीलिए main पेज को छोड़कर सभी को Canonical URL दिया जाता है। आपको यह option Yoast Plugin में मिल जाता है।
CDN क्या है
Content Delivery System (CDN) आपके servers का एक group होता है जो आपकी वेबसाइट के सारे assets को जल्दी से load कर देता है और आपकी वेबसाइट को Cyber attach से भी बचाता है। आप सोच रहें होंगे की मैंने CDN को technical seo में क्यों लिया है जबकि इसका SEO से कोई सम्बन्ध नहीं है| गलत, मै CDN की importance को जनता हूँ और मैं समझता हूँ की आपकी website की security भी SEO का ही एक हिस्सा होती है । है क्योंकि अब तक हज़ारों बार मेरी website Deepawali.co.in पर साइबर attract हो चूका है जिसमें मैंने अपनी website को CDN और कुछ और plugins के मदद से बचाया है। क्योंकि अगर website गई तो सब कुछ चला गया इसीलिए आप भी अपनी website पर CDN से connect करें|CDN एक दम फ्री है जिसे आप Google Cloudflare की मदद से अपनी वेबसाइट के साथ जोड़ सकते है।
Technical SEO क्या है
अंत में यही कहना चाहता हूँ की आप अपनी वेबसाइट को Google पर rank करवाना चाहते है तो आपको अपनी website का On Page SEO और Off Page SEO के साथ Technical SEO भी करना पड़ेगा।
जिसे करना इतना मुश्किल नहीं है ऊपर मैंने कुछ SEO से related technical चीजें बताई है जिसे अगर आप follow करेंगे तो आप अपने SEO को Improve कर सकते है। Technical SEO में Keywords पर भी अच्छे से focus करना होता है। मुझे लगता है की अब आप समझ ही गए होंगे की Technical SEO क्या है। क्योंकि मैंने इस article के जरिये आपको समझने की पूरी कोशिश की है अगर फिर भी अगर आपको कुछ समझ नहीं आया तो comment करिये में technical SEO के ऊपर एक वीडियो बना दूंगा। मैंने internet पर देखा की बहुत ही काम bloggers ने इसके बारें में जानकारी दी है क्यंकि अभी भी बहुत bloggers ऐसे है जिन्हे पता है नहीं है की Technical SEO क्या है और इसे कैसे करते है। हालाँकि वह इन सभी चीजों का use तो करना जानते होंगे क्योंकि इनके बिना blogging संभव ही नहीं है पर उन्हें SEO का भाग नहीं मानते।
मित्रो मुझे अब उम्मीद है कि आप लोगो ने टेक्निकल एसईओ क्या है और कैसे करे को अच्छी तरह से समझ गये होगें। फिर भी यदि आप लोगो को इस आर्टिकल से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न होता है। तो आप लोग इसके लिए हमें ईमेल के माध्यम से या कमेन्ट करके या दूरभाष पर सम्पर्क करके अपने समस्या को साझा कर सकते है। जिससे आपके समस्या का निदान हो सके। यदि आप टेक्निकल एसईओ क्या है और कैसे करे के लिए दिए गये तकनीकों को सीखते हैं, तो कृपया नीचे टिप्पणी करें, या दूसरों की मदद करने के लिए इस लेख को साझा करें।
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