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एकाग्रता बढ़ाने के लिए योगासन

 
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मन चंचल होता है और इसका एक जगह केंद्रित रहना मुश्किल है। यही कारण है कि हमें अपने काम पर फोकस करने में मुश्किल होती है। इसलिए, अगर मन हमारे नियंत्रण में आ जाए, तो हमारे जीवन से जुड़ी कई समस्याओं को चुटकी में हल किया जा सकता है। हालांकि, कुछ लोग अपनी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए रात में अकेले रहकर काम करना पसंद करते हैं, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है। ऐसे में आप एकाग्रता बनाए रखने के लिए योगासन का सहारा ले सकते हैं। इससे न सिर्फ मन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।  इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे ही योगासनों के बारे में बात करेंगे। हम एकाग्रता बढ़ाने के लिए योगासन की विस्तृत जानकारी देंगे।

एकाग्रता में कैसे लाभदायक है योग –
मन की एकाग्रता को बनाए रखने में योगासन अहम भूमिका निभा सकता है। योग के माध्यम से शरीर, श्वास और मस्तिष्क को एक साथ जोड़ा जा सकता है। योग करने से तनाव को भी कम किया जा सकता है, जिससे एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिल सकती है ।

एकाग्रता बढ़ाने के लिए योगासन – 
1. ताड़ासन -
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कैसे है लाभदायक:
ताड़ासन करते समय सांस पर ध्यान रखना पड़ता है, जिसका असर दिमाग पर भी देखा जा सकता है। इससे तनाव से राहत मिल सकती है और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है ।

कैसे करें:
  • समतल जगह पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैर आपस में मिले हुए होने चाहिए।
  • फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाते हुए ऊपर की ओर उठाएं।
  • इसके बाद लंबी गहरी सांस लेते हुए शरीर का भार पंजों पर डालते हुए शरीर को ऊपर की ओर खींचने का प्रयास करें।
  • थोड़ी देर इसी अवस्था में रहने का प्रयास करें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं और थोड़ी देर के लिए शरीर को आराम दें।
  • उसके बाद फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • इस आसन को आप लगभग 10 मिनट तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
अगर ताड़ासन करते समय खिंचावट के कारण शरीर में किसी तरह का दर्द होने लगे, तो इस आसन को करना बंद कर दें।

2. वृक्षासन -
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कैसे है लाभदायक:
इस आसन में आपको एक पैर पर खड़ा रहना पड़ता है और पूरे ध्यान को एकाग्र करना पड़ता है। वृक्षासन करने से चिंता से मुक्ति पाई जा सकती है। साथ ही तनाव को भी दूर किया जा सकता है, जिससे एकाग्रता को बढ़ाने में सहायता मिल सकती है ।

कैसे करें:
  • समतल जगह पर योग मैट को बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें।
  • इसके बाद शरीर को संतुलित रखते हुए, हाथों की सहायता से दाएं तलवे को बाईं जांघ पर रखें।
  • फिर हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
  • थोड़ी देर इसी अवस्था में रहने का प्रयास करें, लेकिन ध्यान रहे कि शरीर का संतुलन बना रहे।
  • अब धीरे-धीरे योग की पहली अवस्था में आ जाएं।
  • कुछ मिनट के लिए शरीर को आराम दें।
  • फिर इस प्रक्रिया को दूसरी ओर भी करें।
  • इस आसन को आप दो से तीन बार तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
अगर आपको सिरदर्द है या अनिद्रा की समस्या है, तो इस आसन को न करें। इन समस्याओं में वृक्षासन करने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है।

3. गरुड़ासन -
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कैसे है लाभदायक:
अगर आपका किसी काम में मन नहीं लग रहा है, तो आप प्रतिदिन सुबह या शाम गरुड़ासन करें। इससे एकाग्रता में सुधार हो सकता है और आप ध्यान लगाकर काम कर सकेंगे ।

कैसे करें:
  • इस आसन को करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर दोनों हाथों को सामने की तरफ कर दोनों घुटनों को थोड़ा मोड़ लें।
  • फिर दाएं पैर को आगे से घुमाकर बाएं पैर के पीछे ले जाएं। इस अवस्था में आपका दायां पंजा बाएं पंजे के थोड़ा ऊपर होगा।
  • उसके बाद सामान्य रूप से सांस लेते हुए बाईं बाजू को दाईं बाजू के ऊपर रखे और बाएं हाथ को घुमा कर दाएं हाथ के सामने लाकर नमस्कार की मुद्रा में आने का प्रयास करें।
  • इस अवस्था में एक मिनट तक खड़े रहने का प्रयत्न करें।
  • इस आसन से बाहर आने के लिए विपरीत क्रिया करें।
  • फिर इसे दूसरी तरफ भी करें।
  • इस आसन को आप 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
अगर आपकी नसों में किसी भी प्रकार की सूजन है या जोड़ों में दर्द है, तो इस आसन को करने से बचें।

4. नटराजासन -
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कैसे है लाभदायक:
नटराजासन में शरीर को संतुलित रखना पड़ता है। ऐसे में यह एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद कर सकता है। इस आसन से शरीर के रक्त संचार को सुचारू रूप से बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही याददाश्त में भी सुधार हो सकता है ।

कैसे करें:
  • नटराजासन को करने के लिए सबसे पहले सावधान की मुद्रा में खड़ा हो जाएं।
  • फिर बाएं पैर को थोड़ा आगे करें और दाएं पैर को पीछे की तरफ उठाते हुए घुटने से मोड़ें।
  • फिर दोनों हाथ को उठाएं और बाएं हाथ को सामने की तरफ खीचें और दाएं हाथ से दाएं पैर को पकड़ कर पीठ की तरफ खीचें।
  • इस अवस्था में आप एक पैर के सहारे से खड़े होंगे, लेकिन ध्यान रहे कि शरीर का संतुलन बना रहे और सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
  • फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
  • इसके बाद इसे दूसरी तरफ भी करें।
  • इस आसन को 5 से 10 मिनट तक करें।
सावधानियां:
अगर पैरों में दर्द है, तो इस आसन को करने से बचें, अन्यथा दर्द और भी बढ़ सकता है। शरीर के संतुलित न होने पर आप गिर भी सकते हैं।

5. बकासन-
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कैसे है लाभदायक:
ऐसा माना जाता है कि बकासन करने से काम को लेकर एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिल सकती है, क्योंकि इस आसन को करने पर रक्त संचार बेहतर होता है। इसका फायदा दिमाग पर हो सकता है।

कैसे करें:
  • बकासन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और हाथों को सामने की तरफ रखें।
  • फिर हथेलियों को जमीन पर रखकर कोहनी को बाहर की ओर मोड़ें।
  • अब दोनों पैरों को अंदर की तरफ खींचते हुए घुटनों को कोहनियों के पास ले जाएं। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
  • फिर गहरी सांस लेते हुए शरीर के भार को हथेलियों पर डाल कर पैर को ऊपर उठाएं और घुटनों को कोहनी के ऊपर ट्राइसेप्स के पास रखें।
  • इस अवस्था में आपकी आकृति बगुले के सामान नजर आएगी।
  • थोड़ी देर इस आसन में बने रहें, फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
  • इस आसन को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
अगर हाथों में किसी तरह की समस्या है, तो इस आसन को न करें, क्योंकि इस आसन में आपके शरीर का पूरा भार हाथों पर होता है।

6. उष्ट्रासन -
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कैसे है लाभदायक:
उष्ट्रासन की सहायता से फेफड़ों की क्षमता और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद होता है। रक्त संचार में सुधार होने से एकाग्रता भी बेहतर हो सकती है ।

कैसे करें:
  • उष्ट्रासन करने के लिए योग मैट बिछाकर घुटनों के बल सीधे खड़े हो जाएं।
  • इस स्थिति में जांघ और छाती एक सीध में होनी चाहिए। साथ ही सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • फिर गहरी सांस लेकर कमर से पीछे की तरफ झुकें।
  • अपने दोनों हाथों को भी पीछे ले जाएं और बाएं हाथ से बाएं पैर की एड़ी और दाएं हाथ से दाएं पैर की एड़ी को पकड़ें।
  • उसके बाद गर्दन को पीछे की तरफ झुकाएं।
  • शरीर का पूरा भार दोनों हाथों और पैरों पर डालें।
  • आप इस आसन को 10 मिनट तक कर सकते हैं।
सावधानियां:
अगर आपने पहले कभी इस आसन को नहीं किया है, तो शुरुआत में इस आसन को कम करें और विशेषज्ञ के देखरेख में ही करें। इस आसन से कब्ज, दस्त, सिरदर्द, माइग्रेन और उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न हो सकती  है।

7. पश्चिमोत्तानासन -
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कैसे है लाभदायक:
इस आसन को करने से मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है। इस कारण एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिल सकती है ।

कैसे करें:
  • पश्चिमोत्तानासन करने के लिए सबसे पहले दोनों पैरों को सीधे फैला कर बैठे जाएं, लेकिन ध्यान रहे कि पैरों के बीच में दूरी न हो।
  • इस अवस्था में गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी सीधी होनी चाहिए।
  • फिर दोनों हाथ को घुटनों पर रखें।
  • उसके बाद आगे की तरफ झुकते हुए पैरों की उंगलियों को पकड़ने का प्रयास करें और माथे को घुटने से छूने का प्रयास करें।
  • उसके बाद बांहों को नीचे की ओर झुका कर कोहनी से जमीन को छूने का प्रयास करें।
  • कुछ सेकंड इस अवस्था में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
  • इसके बाद धीरे-धीरे ऊपर उठते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।
  • आप इस आसन को दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।
सावधानियां:
अगर पेट में किसी तरह की समस्या है, तो इस आसन को करने से बचें। इस आसन में ज्यादातर दबाव पेट पर पड़ता है, जिससे पेट की समस्या बढ़ सकती है।

हमें उम्मीद है कि आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद योग की सहायता से अपने मन को नियंत्रित कर पाएंगे। साथ ही सेहत भी अच्छी रहेगी और काम में पूरा मन लगा पाएंगे। इसके अलावा, आप यह भी जान गए होंगे कि कौन-से आसन को कितना समय देना चाहिए। साथ ही योग करते समय किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। अगर आप अपने योग के अनुभव को हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें संपर्क कर सकते हैं।


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