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On Page SEO Kya Hai Kaise Kare

On-Page-SEO-kaise-kare

क्या आप एक सफल ब्लॉगर  बनना चाहते हैं? क्या आप अपनी वेबसाइट को गूगल पर रैंक करना चाहते हैं? यदि हाँ, तो आपके लिए यह जानना बहुत जरुरी है की SEO क्या है और यह क्यों जरुरी है। जिससे आप अपने blog का SEO सही तरह से कर पाएं| क्या आप जानते हैं की हर रोज Google पर लगभग 40 लाख से भी ज्यादा ब्लॉग पोस्ट होते है।  जिनमे से मात्र 10% ही ब्लॉग पोस्ट Google पर रैंक कर पाते है। और उनमे से भी मात्र 1% ही Google के 1st पेज पर रैंक  कर पाते है।  मित्रो  प्रतियोगिता बहुत ज्यादा हाई है पर यदि आपके पास हौसला है तो दुनिया की कोई चीज असंभव नहीं। यदि  आप कठोर परिश्रम के साथ स्मार्ट वर्  भी करते हैं तो यह आपके लिए बहुत आसान हो जायेगा। आज मैं आपको को इस आर्टिकल में SEO से रिलेटेड  बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां दूंगा जो आपने कही भी नहीं पढ़ी होगा।  यह जानकारियां मैं खुद आपने अनुभव के आधार पर आपके साथ साझा करने जा रहा हूँ जैसे SEO kya hai, सही SEO kaise kare, on-page, off-page technical seo, keyword research, आदि| तो यह बहुत जरुरी है की आप पूरा आर्टिकल बहुत ध्यान से पड़े और समझे आप कुछ। 

एसईओ क्या है

एसईओ (Search Engine Optimization) गूगल के 200 से भी ज्यादा  रैंकिंग फैक्टर का एक मिला जुला रूप है. जिससे Google यह निर्धारित करता है की कौन सा आर्टिकल सबसे पहले और कौन सा सबसे बाद में दिखाया  जाये ।

एसईओ का फुल फॉर्म क्या है ?  


हिंदी रूपांतरण: सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन

क्या आप SEO के जरिये केवल गूगल पर ही रैंक कर सकते हैं?

नहीं, यह बात एक दम ही गलत है। यदि  आप अपने आर्टिकल का SEO अच्छे से करते हैं तो आप Google के alternatives जैसे Yahoo, Bing, Yandex के अलावा 15 और Search Engines पर भी रैंक कर सकते है।  भले ही इन सर्च इंजन पर आपको ट्रैफिक कम मिलेगा पर मिलेगा जरूर।  क्या आप अभी भी नहीं समझ पाए की SEO Kya Hai? तो चलिए मैं आपको एक उदाहरण के साथ समझाने की कोशिश करता हूँ।  मान लीजिए आपने Google पर एक keyword search किया की “SEO kya hai” अब Google कुछ search results आपको recommend किये। 

जो result No.1st पर rank कर रहा है उसने बहुत अच्छे से अपने कंटेंट को SEO optimize किया है है।  जिससे जब कोई भी व्यक्ति “SEO kya hai” सर्च करता है तो इस कंटेंट को सबसे अच्छा मानकर Google आपको दिखायेगा । मुझे लगता है की अब आप SEO के बारे में थोड़ा बहुत समझ गए होंगे।  और नहीं भी समझ पाए होंगे तो आगे पढ़ने पर आप जरूर समझ जायेंगे। 

एसईओ क्यों आपके ब्लॉग पोस्ट के लिए जरुरी है?

अगर आप बिना तयारी के एग्जाम देंगे तो क्या आप कभी भी पास हो पाएंगे? नहीं न, इसीलिए किसी भी वेबसाइट को रैंक कराने के लिए SEO बहुत जरुरी होता होताहै है।  जब कोई भी व्यक्ति गूगल पर कुछ भी सर्च करता है तो Google उस search query आधार मानकर जिस भी ब्लॉग पोस्ट में इससे संभंधित सूचनाएं अच्छे तरह दर्शाई गई हों उसे सबसे पहले दिखाता है।  सिर्फ उस विषय के बारे में लिखना ही महत्वपूर्ण नहीं होता| उसे इस तरह से लिखा जाना चाहिए जिससे Google उसके अर्थ को अच्छे से समझ सके। SEO को सीखना कोई पहाड़ तोड़ने जितना बड़ा काम नहीं है आपको बस कंटेंट लिखते टाइम कुछ इम्पोर्टेन्ट चीजें ध्यान में रखनी है जो मैं आपको आगे बताने वाला हूँ एक बार अगर आपने SEO को अच्छी तरह से सीख लिया तो आप सिर्फ अपना ब्लॉग ही नहीं बल्कि दूसरों की भी मदद कर सकते हैं ब्लॉग रैंक करवाने के  लिए।  यह सोचने की बिलकुल भी भूल मत करियेगा की SEO सीखने के तुरंत बाद आप कोई कंटेंट लिखे और वह रैंक हो जाये।  आपको इसकी प्रैक्टिस भी करना होगा  तभी आपको long term में अच्छे रिजल्ट मिलेंगे। 
  • Google पर ज्यादातर लोग अपने प्रश्नो के उत्तर जानने के लिए सर्च करते है ऐसे में अगर आपका ब्लॉग उन रिजल्ट्स में से सबसे ऊपर रैंक करता है तो आपके ब्लॉग पर क्लिक करने के chances 31.7 % बढ़ जायेंगे । 
  • Organic search results 100% SEO पर ही निर्भर करता है| सभी search engines SEO के द्वारा ही चुनाव करते है की कौन सा रिजल्ट यूजर को पहले दिखाया जाये जिससे उसे सन्तुष्ट किया जा सके । 
  • हमेशा सर्च रिजल्ट्स में No. 1st पर रैंक करने से यूजर वेबसाइट को एक trusted brand की तरह मानने लगता है ।  इसीलिए अगर आप किसी कीवर्ड पर No. 2nd पर भी रैंक कर रहें हो तो वह आपके रिजल्ट पर ही क्लिक करेगा। 
  • अगर आपकी वेबसाइट गूगल पर No.1st पर रैंक और अगर आपके कंटेंट में दम है तो user उसे सोशल मीडिया पर भी शेयर करता है जिससे आपकी social media जैसे Facebook, Twitter, और Instagram पर following बढ़ती है। 
  • यह जाहिर सी बात है की अगर आपका ब्लॉग गूगल पर टॉप पर रैंक करता है तो आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक भी बहुत बढ़ जायेगा । 
  • यदि आप अपनी वेबसाइट पर कोई सामान बेच रहे है और उसके लिए आपके एक बेहतरीन SEO optimize ब्लॉग पोस्ट लिखा है तो रीडर द्वारा उस सामान को खरीदने के chances बहुत बढ़ जाते है। 
आपको लग रहा होगा की क्या Google के लिए सिर्फ SEO ही जरुरी है। 

लेकिन ये गलत है।  आप SEO करके टॉप पर तो रैंक कर जायेंगे लेकिन अगर आपके कंटेंट में दम नहीं है तो गूगल धीरे धीरे आपके ब्लॉग पोस्ट की रैंकिंग घटाने लगता है|यह Google आपके रीडर द्वारा प्राप्त होने वाले डाटा के आधार पर करता है| इसीलिए SEO के साथ साथ आपको आपने content की quality पर भी ध्यान देना होगा। 

एसईओ के प्रकार

क्या आपको भी अब तक यही पता था की SEO के केवल दो हो प्रकार होते है on-page और off-page ? यह जानकारी गलत भी है और सही भी, कैसे ? लगभग 7 से 8 साल पहले SEO के 2 प्रकार थे पर जैसे जैसे Google ने अपने आप को अपग्रेड किया वैसे वैसे SEO के नए प्रकार भी आते गए| अभी वर्तमान में SEO के 3 प्रकार है:
पर अभी भी कुछ लोगों को SEO के केवल दो ही प्रकार के बारे में पता है।  हालाँकि वह technical SEO के बारे में जानते तो होंगे पर इन्हें SEO के प्रकार नहीं मानते है।  मैं यह मानता हूँ की On-Page और Off-Page SEO सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है पर technical SEO के बिना आप Google के No. 1st result पर रैंक कर ही नहीं सकते। है तो इसीलिए technical SEO भी बहुत जरुरी है। 

ऑन पेज एसईओ क्या है?

ऑन पेज एसईओ क्या  है  यह इस बात से ही प्रतीत होता है की यह आपके पूरे एसईओ का लगभग 50% भाग होता है। जो Google के bots को बताता है की आपका ब्लॉग पोस्ट किस विषय पर आधारित है और यह रैंक करने लायक है अथवा नहीं। 

ऑन पेज एसईओ  के अंतर्गत आपको Google द्वारा recommended कुछ जरुरी नियमों का पालन करना पड़ता है जो आपकी वेबसाइट को गूगल पर रैंक करने में मदद करता है और आपका ट्रैफिक बढ़ाताहै।  साथ ही में user experience को सुधारने में भी मदद करता है।  आज भी बहुत से शुरुआती ब्लोग्गेर्स को ऑन पेज एसईओ की ज्यादा जानकारी नहीं है वह सिर्फ कीवर्ड रिसर्च और उसे एड करने को ही ऑन पेज एसईओ समझतेहै। जबकि ऑन पेज एसईओ में और भी बहुत सारी चीज़ें शामिल होती है जैसे, image SEO, quality content, internal linking, URL structure, आदि। ऑन पेज एसईओ कैसे करे ? यदि आप इस सवाल का जवाब चाहते हैं तो आपको इन चीजों को भी अपने ऑन पेज एसईओ में शामिल करना होगा।  तो चलिए देखते हैं की यह महत्वपूर्ण चीजें कौन सी हैं? इसके लिए आपको  सबसे पहले  यह जानना होगा कि ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट को एसईओ फ्रेंडली कैसे लिखे ?   अल्गोरिथम क्या है और कैसे कार्य करता है ?

ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट को एसईओ फ्रेंडली कैसे लिखे ?

मित्रो गूगल  सर्च रिजल्ट में अच्छी रैंक प्राप्त करने के लिए SEO friendly content बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन SEO friendly articles लिखना एक आसान काम नहीं है। एक मजबूत SEO content लिखने के लिए बहुत सारी सोच और technique की आवश्यकता होती है। यहां मैं आपको बताऊंगा SEO Friendly Blog Post कैसे लिखें। SEO आपकी पूरी वेबसाइट को ऑप्टिमाइज़ करने और वेबसाइट रैंकिंग में सुधार करने में मदद करता है। लेकिन Right SEO techniques बहुत जरूरी है। SEO Friendly Blog Post लिखने का मुख्य उद्देश्य है – Blog Post को सर्च इंजन के अनुसार ऑप्टिमाइज़ करना है ताकि सर्च इंजन आसानी से आपकी कंटेंट को समझ सकें। 

एसईओ फ्रेंडली ब्लॉग पोस्ट कैसे लिखें

मित्रो एक अच्छी SEO friendly content आपके ब्लॉग की सर्च इंजन रैंकिंग को बहुत प्रभावित करती है और आपकी कंटेंट को गूगल के पहले पेज पर ले जा सकती है। SEO friendly article लिखने के लिए कौन कौन से factors की आवश्यकता पड़ती है।  एसईओ फ्रेंडली ब्लॉग पोस्ट लिखने से पहले आप अल्गोरिथम क्या है और कैसे कार्य करता है ? इसको समझना जरुरी होता है। 

आंतरिक लिंकिंग  ( Internal linking )
जब हम पोस्ट लिखते हैं तो हमें अपनी पुराने पोस्ट को माइंड  में रखते हुए उनके कीवर्ड विविधता और वाक्यांश कीवर्ड को भी प्राकृतिक तरीका  में सबमिट करना बहुत जरुरी होता है, ऐसा करने से लिंक जूस पास होता  है। जो हमारे कंटेंट के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।  परन्तु इंटर्नल लिंकिंग  भी दो तरह से कर सकते हैं जिन्हें हम नीचे एक के बाद एक लघु में बताने जा रहे हैं। आप आप यदि विस्तार से जानना चाहते है तो आप इसके लिए इस आर्टिकल को पढ़ सकते है - एसईओ के लिए इंटरनल लिंकिंग क्यों जरुरी है ?

रिलेटेड लिंकिंग  – इस तरह की इंटर्नल लिंकिंग  करने से ब्लॉग का बाउंस रेट में कमी आता है  जो किसी भी ब्लॉग के एसईओ के लिए बहुत महत्वपूर्ण  होता है। में आपको बताना चाहूँगा कि किसी भी ब्लॉग के एसईओ के लिए उसका bounce rate under 50% होना चाहिए। और यदि किसी ब्लॉग  का bounce rate above 50% रहता है, तो उसे  सुधारने  की जरुरत होता  है। आपने बहुत सारे ब्लॉग  में देखा होगा कि उनकी पोस्ट में related internal links को insert करने के लिए “Read More”,”Recommended” का उपयोग करते हैं। यदि में अपने इस ब्लॉग  की बात करूँ तो में इसमें internal linking के लिए Inline related post plugin का प्रयोग  करके auto internal linking करते है। और मैं इसमें “इसे भी पढ़िए” का उपयोग करता हूँ।

एंकर टेक्स्ट इंटरनल लिंकिंग – इस तरह की linking, keywords के आधार पर की जाती है। जब हम पोस्ट लिखते हैं तो पुराने पोस्ट की linking करने के लिए कुछ related keywords या phrase words का उपयोग अपनी new post में करते हैं और उन्हे old post से link करते हैं। लेकिन इस बात विशेष ध्यान रखना चाहिए कि post related linking, प्रति 1000 words केवल three times मतलब 3 जगह ही related old post की links insert करनी चाहिए। इससे ज्यादा linking करने पर post पर negative seo का impact पड़ता है। और यदि keywords या anchor text की linking की बात की जाये तो इस तरह की linking आप natural way में चाहे जितनी बार (unlimited) use कर सकते हैं। कुछ लोगों की posts मैंने देखी हुईं है, उन्होंने अपनी post में over internal linking कर रखी होती है, जिसका bad impact उनके on page seo और post quality पर पड़ता है। इसलिए post quality को बनाये रखते हुए internal linking करना बहुत जरुरी होती है।

बाहरी लिंकिंग ( External linking-Outbound Links   )
External links को अपने blog post में add करना on page seo के लिए बहुत ही important होता है। इससे आपके द्वारा provide की गयी guide या tips के लिए user trust बढ़ता है, और seo के हिसाब से भी link juice pass होती है, जो किसी भी new post के लिए बहुत ही जरुरी होती है। इसके लिए आप पढ़े - inbound और outbound link क्या है ?

लेकिन external linking करते समय हमें हमेशा ध्यान देना चाहिए कि provide की गयी external links के लिए ऐसी website या blog को select करना चाहिए जिसकी PA/DA, Alexa rank और search engine visibility अच्छी हो, इसके साथ ही उसका spam score भी शून्य (zero) हो। अब आपके mind में एक quiestion जरूर आ रहा होगा की हमें अपनी पोस्ट में कितनी external links को add करना चाहिए? 

तो में आपको बता दूँ कि एक पोस्ट में केवल एक या दो links ही use करें। लेकिन ये आपके content की length पर भी depend करेगा। इसमें एक और ध्यान देने वाली बात है कि जब भी अपनी पोस्ट में external links insert करें तो उसे dofollow और open links new window करके ही add करना चाहिए। और हमेशा content से related ही external links को add करें।

पृष्ठ लोड समय-
इसके बारे में तो लगभग सभी जानते होंगे कि किसी भी ब्लॉग  कीलोडिंग टाइम ज्यादा होने पर कितना बुरा असर पड़ता है। फिर में आपको बताना चाहूँगा कि यदि किसी साइट  की  लोडिंग स्पीड स्लो  है तो उसका बाउंस रेट और ट्रैफिक दोनों पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। इसी तरह हमें अपनी पोस्ट लिखते समय ध्यान देना चाहिए कि अनावश्यक चित्र या स्क्रीनशॉट को पोस्ट में एड  करने से बचना चाहिए। क्योंकि पेज की लोडिंग स्पीड पर सबसे ज्यादा प्रभाव चित्र से ही पड़ता है।  पोस्ट में जरुरी इमेज को एड करने से पहले उनके फाइल को कम करके under 100 kb करना बहुत ही महत्वपूर्ण  होता है। इस तरह से अपनी पोस्ट की lलोडिंग स्पीड को कंट्रोल  कर सकते हैं। किसी ब्लॉग  के लिए ऑन पेज के एसईओ  अनुसार उसकी  लोडिंग स्पीड स्लो  नहीं होना चाहिए। यदि आप अपने ब्लॉग पोस्ट की लोडिंग स्पीड चेक करना नहीं जानते तो आप इसके लिए पढ़े - ब्लॉग की लोडिंग स्पीड कैसे चेक करे ?

अपनी कंटेंट में बोर्केन लिंक्स को फिक्स  करें
यदि आपकी साइट में बहुत सारे Broken Links (404 not found) है, तो Google आपकी साइट को बहुत धीरे धीरे क्रॉल करेगा। सर्च इंजन (Google) समझेगा साइट को अच्छी तरह से maintain नहीं किया जाता है। Broken Links आपकी साइट रैंकिंग और user experience दोनों को प्रभावित करती हैं। Broken Links से छुटकारा पाने के लिए, आप Broken Link Checker plugin का उपयोग कर सकते हैं। यह प्लगइन आपकी साइट पर internal और external broken links को ठीक करने में मदद करता है। यदि आप Broken Links  फिक्स फिक्स करना नहीं जानते है तो पढ़े - ब्रोकेन लिंक क्या है और इसे कैसे चेक और रिमूव करे ?

मित्रो मुझे अब उम्मीद है कि आप लोगो ने ऑन पेज एसईओ क्या है और कैसे करे को अच्छी तरह से समझ गये होगें। फिर भी यदि आप लोगो को इस आर्टिकल से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की कोई समस्या उत्पन्न होता है। तो आप लोग इसके लिए हमें ईमेल के माध्यम से या कमेन्ट करके या दूरभाष पर सम्पर्क करके अपने समस्या को साझा कर सकते है। जिससे आपके समस्या का निदान हो सके। यदि आप ऑन ऑफ पेज एसईओ क्या है और कैसे करे के लिए दिए गये तकनीकों को सीखते हैं, तो कृपया नीचे टिप्पणी करें, या दूसरों की मदद करने के लिए इस लेख को साझा करें।  


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