पासों का खेल एक ऐसा खेल है जिसका उपयोग आज से नहीं बल्कि सदियों पहले से किया जा रहा है। इसका प्रयोग किसी खेल में यादृच्छिक संख्या उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भीतर खेले जाने वाले खेलों में उपयोग किया जाने वाला यह खेल उपकरण सबसे प्राचीन उपकरण हैं। आधुनिक युग में खेले जाने वाले लूडो (Ludo) में इसके उपयोग से हम सभी भली-भांति परिचित होंगे। यह प्रायः घन के आकार के होते हैं जिसकी प्रत्येक सतह पर एक से लेकर छह बिंदु चिह्नित किये गये होते हैं। इसका उपयोग हज़ारों वर्षों से खेल और अटकलों को हल करने के उद्देश्य से किया जाता रहा है।
मिस्र की कब्रों में मिले साक्ष्यों से यह पता चलता है कि यहां की सभ्यता द्वारा 2000 ई. पू. में पासों का उपयोग किया गया था। अन्य आंकड़ों के अनुसार अमेरिका की आदिम सभ्यताएं भी पासे का उपयोग विभिन्न खेलों के लिए करती थी। इसके अतिरिक्त इनका उपयोग प्राचीन समय से ही जुए के लिए भी किया जाता रहा है। विभिन्न प्रकार से उपयोग किये जाने वाले इन पासों का प्रत्यक्ष प्रमाण महाभारत और अन्य वेद ग्रंथों में देखने को मिलते है। महाभारत में इसका प्रयोग विशेष रूप से जुए के खेल के लिए किया गया था। इनके अतिरिक्त प्राचीन भारतीय ऋग्वेद, अथर्ववेद और बौद्ध खेल सूची में भी पासे से संबंधित खेलों का उल्लेख किया गया है।
पहले के समय में पासों को बनाने के लिए विभिन्न जानवरों की हड्डियों का उपयोग किया जाता था तथा इनकी चार सतहों पर चिह्नित बिंदुओं का उपयोग संभवतः जादुई उपकरणों के रूप में किया गया था। माना जाता था कि ये जादुई उपकरण भविष्य वाणी भी कर सकते थे। प्राचीन यूनानियों और रोम निवासियों नेहड्डी और हाथी दांत से बने पासों का इस्तेमाल किया। शुरुआती संस्कृतियों में अधिकांश पासों के आकार केवल घन न होकर अन्य आकार के भी थे।
वर्तमान में प्रायः घनाकार पासे का उपयोग किया जाता है जिसकी उत्पत्ति चीन में हुई थी। 14वीं शताब्दी के दौरान इनका उपयोग यूरोप में भी किया जाने लगा था। इन पासों को 20वीं सदी तक छोटे पैमाने पर उत्पादित किया जाने लगा। पासे विभिन्न आकार के हो सकते हैं जिनमें चतुष्फलकीय, अष्ट्फलकीय, पंचभुजीय, गोलाकार, बेलनाकार, प्रिज़्माकार (प्रिज़्म के आकार की), त्रिकोण प्रिज़्म, पंचभुजाकार प्रिज़्म आदि पासे शामिल हैं।
पूरे इतिहास में पासे को कई सामग्रियों, जैसे हड्डियों, कांच, लकड़ी, धातु आदि से बनाया गया किंतु आज पासे के निर्माण के लिए प्लास्टिक (Plastic) को व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। जैसे-जैसे प्लास्टिक तकनीक उभरती गई वैसे-वैसे पासा निर्माण में विभिन्न तरीकों को विकसित किया गया। ये पासे अब विभिन्न आकारों और रंगों में उपलब्ध हो जाते हैं और विभिन्न खेलों के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है। प्लास्टिक से पासा बनाने के लिए यह आवश्यक है कि प्लास्टिक साफ़, बेरंग और पारदर्शी होनी चाहिए। पासा निर्माण के लिए उपयुक्त प्लास्टिक सेलूलोज़ (Cellulose) आधारित प्लास्टिक तथा पॉलीमिथाइल मेथाक्रिलेट (Polymethyl methacrylate - PMMA) है जिससे मज़बूत पासों का निर्माण किया जा सकता है।
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