गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

प्राचीन खेल उपकरण है पासा

upakaran-hai-paasa


पासों का खेल एक ऐसा खेल है जिसका उपयोग आज से नहीं बल्कि सदियों पहले से किया जा रहा है। इसका प्रयोग किसी खेल में यादृच्छिक संख्या उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भीतर खेले जाने वाले खेलों में उपयोग किया जाने वाला यह खेल उपकरण सबसे प्राचीन उपकरण हैं। आधुनिक युग में खेले जाने वाले लूडो (Ludo) में इसके उपयोग से हम सभी भली-भांति परिचित होंगे। यह प्रायः घन के आकार के होते हैं जिसकी प्रत्येक सतह पर एक से लेकर छह बिंदु चिह्नित किये गये होते हैं। इसका उपयोग हज़ारों वर्षों से खेल और अटकलों को हल करने के उद्देश्य से किया जाता रहा है।

मिस्र की कब्रों में मिले साक्ष्यों से यह पता चलता है कि यहां की सभ्यता द्वारा 2000 ई. पू. में पासों का उपयोग किया गया था। अन्य आंकड़ों के अनुसार अमेरिका की आदिम सभ्यताएं भी पासे का उपयोग विभिन्न खेलों के लिए करती थी। इसके अतिरिक्त इनका उपयोग प्राचीन समय से ही जुए के लिए भी किया जाता रहा है। विभिन्न प्रकार से उपयोग किये जाने वाले इन पासों का प्रत्यक्ष प्रमाण महाभारत और अन्य वेद ग्रंथों में देखने को मिलते है। महाभारत में इसका प्रयोग विशेष रूप से जुए के खेल के लिए किया गया था। इनके अतिरिक्त प्राचीन भारतीय ऋग्वेद, अथर्ववेद और बौद्ध खेल सूची में भी पासे से संबंधित खेलों का उल्लेख किया गया है।

पहले के समय में पासों को बनाने के लिए विभिन्न जानवरों की हड्डियों का उपयोग किया जाता था तथा इनकी चार सतहों पर चिह्नित बिंदुओं का उपयोग संभवतः जादुई उपकरणों के रूप में किया गया था। माना जाता था कि ये जादुई उपकरण भविष्य वाणी भी कर सकते थे। प्राचीन यूनानियों और रोम निवासियों नेहड्डी और हाथी दांत से बने पासों का इस्तेमाल किया। शुरुआती संस्कृतियों में अधिकांश पासों के आकार केवल घन न होकर अन्य आकार के भी थे।

वर्तमान में प्रायः घनाकार पासे का उपयोग किया जाता है जिसकी उत्पत्ति चीन में हुई थी। 14वीं शताब्दी के दौरान इनका उपयोग यूरोप में भी किया जाने लगा था। इन पासों को 20वीं सदी तक छोटे पैमाने पर उत्पादित किया जाने लगा। पासे विभिन्न आकार के हो सकते हैं जिनमें चतुष्फलकीय, अष्ट्फलकीय, पंचभुजीय, गोलाकार, बेलनाकार, प्रिज़्माकार (प्रिज़्म के आकार की), त्रिकोण प्रिज़्म, पंचभुजाकार प्रिज़्म आदि पासे शामिल हैं।

पूरे इतिहास में पासे को कई सामग्रियों, जैसे हड्डियों, कांच, लकड़ी, धातु आदि से बनाया गया किंतु आज पासे के निर्माण के लिए प्लास्टिक (Plastic) को व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। जैसे-जैसे प्लास्टिक तकनीक उभरती गई वैसे-वैसे पासा निर्माण में विभिन्न तरीकों को विकसित किया गया। ये पासे अब विभिन्न आकारों और रंगों में उपलब्ध हो जाते हैं और विभिन्न खेलों के लिए इनका उपयोग किया जा सकता है। प्लास्टिक से पासा बनाने के लिए यह आवश्यक है कि प्लास्टिक साफ़, बेरंग और पारदर्शी होनी चाहिए। पासा निर्माण के लिए उपयुक्त प्लास्टिक सेलूलोज़ (Cellulose) आधारित प्लास्टिक तथा पॉलीमिथाइल मेथाक्रिलेट (Polymethyl methacrylate - PMMA) है जिससे मज़बूत पासों का निर्माण किया जा सकता है।


No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"