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कैसे हो जाती है कोई तकनीक अप्रचलित और कैसा होगा भविष्य?

-aprachalit


वर्तमान का यह युग तकनीकी के युग के रूप में जाना जाता है। तकनीकी समय के साथ उत्तम होते जाती है तथा इसमें बदलाव आते रहते हैं। एक तकनीकी में कुछ बदलाव आ जाने के बाद पुरानी तकनीकी को प्रचलन से दूर मान लिया जाता है। अब हम समझने की कोशिश करेंगे कि आखिर तकनीकी किस प्रकार से बदलाव को देखती है- शुरुआत हम मोबाइल फोन (Mobile Phone) और टेलीफोन (Telephone) से करते हैं। टेलीफोन की तकनीकी में बड़ी तीव्रता से बदलाव देखने को मिला जिसे सामान्यतया हम सभी ने देखा है। शुरूआती टेलीफोन एक गोल डायल (Dial) के साथ आता था तथा यह एक तार यंत्र हुआ करता था। और जब बेतार यंत्र की बात करते हैं तो मोबाइल फोन में हम देखते हैं कि शुरूआती मोबाइल काफी बड़े और भिन्न प्रकार के हुआ करते थे। ये तकनीकी शुरूआती दौर की तकनीकी थी। एक समय यह आता है जब उस तकनीकी में नयी व्यवस्थाओं का प्रयोग होता है और जब ऐसा होता है तो पुरानी तकनीकी को प्राचीन तकनीकी का दर्जा दे दिया जाता है।

यह भी ध्यान देने योग्य है कि यदि पुराना जिसे प्राचीन तकनीकी का दर्जा दे दिया गया है कितना भी अच्छे तरीके से काम करता हो परन्तु उसे लोगों द्वारा छोड़ दिया जाता है। इस तथ्य के पीछे अन्य कई कारण हैं जैसे कि वर्तमान में मोबाइल हलके और चपटे आ गये हैं तो यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि पुराने ईंट जैसे मोबाइल को जेब में रखा जाये कि नए बेहतर मोबाइल को। कई बार यह भी होता है कि तकनीकी में कई बदलाव आ जाते हैं और ऐसे में यह समझने में मुश्किल आने लगती है कि कौन सी नयी तकनीकी है और कौन सी पुरानी? आज भी पुराने टेलेविजन (Television) का प्रयोग किया जाता है जबकि उस तकनीकी के अगले दौर एच.डी. (H.D.) का बाजार में आगाज़ हो चुका है तो अब यहाँ हम यह देख सकते हैं कि कई बार यह फैसला हमें खुद लेना होता है कि क्या हम पुरानी तकनीक वाली वस्तु से काम चला सकते हैं या फिर वो अब बिलकुल ही प्रयोग करने योग्य नहीं रही।

संगीत से लेकर वाहनों तक हम तकनीकी के इस उलट फेर को देखते हैं। एक और उदाहरण यदि लिया जाए तो ट्रेन के इंजन (Engine) का उदाहरण लिया जा सकता है। जैसे कि शुरुवाती दौर में ये भाप पर चलते थे और अब बिजली और तेल से चलने वाले महाभीमकाय इंजन का समावेश हो चुका है। ये तकनीकें एक विशिष्ट आधार पर पुरानी या प्राचीनता की श्रेणी में डाली जाती है जैसे कि यदि देखा जाए तो यह पता चलता है कि आने वाले वर्षों में आज प्रयोग में लायी जाने वाली कितनी ही तकनीकें प्राचीन तकनीकी के रूप में दर्ज हो जायेंगी। कई कम्पनियाँ अपने नए उत्पाद बाज़ार में निकालने से पहले ही निर्धारित कर लेती हैं कि कितने समय में वह अप्रचलित हो जाएगी। इससे ये होता है कि जब तक ये आज लांच (Launch) हुई नई वस्तु अप्रचलित हो जाएगी तब तक वे एक नई तकनीक पर काम कर चुके होंगे और उसी समय एक नाया उत्पाद बाज़ार में पेश कर सकेंगे। कुछ प्राचीन तकीनीकी के रूप में दर्ज हो चुकी तकनीकों के नाम इस प्रकार हैं- फ्लॉपी डिस्क, टाइपराइटर, फिल्म रोल, फैक्स मशीन, रोटरी फोन (Rotary Phone) आदि। आज भी हम रामपुर में कहीं कहीं इन प्राचीन तकनीकी का दर्जा प्राप्त मशीनों को देख सकते हैं।

और यदि एक छोटी सी चर्चा करें भविष्य के विषय में तो हम कह सकते हैं कि आज से करीब 30 साल में आज की कई वस्तुएं अप्रचलित हो चुकी होंगी जैसे तेल से चलने वाले वाहन, इंसानों द्वारा चलाये जाने वाले वाहन (हम तेज़ी से स्वचालन की ओर बढ़ रहे हैं), सी.डी. (C.D.) और डी.वी.डी. (D.V.D.) (जो आज भी कई जगहों पर अप्रचलित हो चुकी हैं), युद्ध वाहन और हथियार भी स्वचालन की ओर रुख कर रहे हैं, अखबार-मैगज़ीन, केबल टी.वी. (आज के युवाओं में मनोरंजन का मुख्य साधन इन्टरनेट है तथा टी.वी. बहुत कम देखा जाता है), आदि।

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