गोण्डा लाइव न्यूज एक प्रोफेशनल वेब मीडिया है। जो समाज में घटित किसी भी घटना-दुघर्टना "✿" समसामायिक घटना"✿" राजनैतिक घटनाक्रम "✿" भ्रष्ट्राचार "✿" सामाजिक समस्या "✿" खोजी खबरे "✿" संपादकीय "✿" ब्लाग "✿" सामाजिक "✿" हास्य "✿" व्यंग "✿" लेख "✿" खेल "✿" मनोरंजन "✿" स्वास्थ्य "✿" शिक्षा एंव किसान जागरूकता सम्बन्धित लेख आदि से सम्बन्धित खबरे ही निःशुल्क प्रकाशित करती है। एवं राजनैतिक , समाजसेवी , निजी खबरे आदि जैसी खबरो का एक निश्चित शुल्क भुगतान के उपरान्त ही खबरो का प्रकाशन किया जाता है। पोर्टल हिंदी क्षेत्र के साथ-साथ विदेशों में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है और भारत में उत्तर प्रदेश गोण्डा जनपद में स्थित है। पोर्टल का फोकस राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उठाना है और आम लोगों की आवाज बनना है जो अपने अधिकारों से वंचित हैं। यदि आप अपना नाम पत्रकारिता के क्षेत्र में देश-दुनिया में विश्व स्तर पर ख्याति स्थापित करना चाहते है। अपने अन्दर की छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर एक नई पहचान देना चाहते है। तो ऐसे में आप आज से ही नही बल्कि अभी से ही बनिये गोण्डा लाइव न्यूज के एक सशक्त सहयोगी। अपने आस-पास घटित होने वाले किसी भी प्रकार की घटनाक्रम पर रखे पैनी नजर। और उसे झट लिख भेजिए गोण्डा लाइव न्यूज के Email-gondalivenews@gmail.com पर या दूरभाष-8303799009 -पर सम्पर्क करें।

विश्व का वह कौन सा अपराधी है जिसे सरकार भी हर महीने के करोड़ों रूपये देती है?

 
kaise-bane-haikar

केविन डेविड मिटनिक (जन्म 6 अगस्त 1963) एक कंप्यूटर सुरक्षा सलाहकार और लेखक हैं। 20 वीं सदी के उत्तरार्ध में, उन्हें विभिन्न कंप्यूटर और संचार से संबंधित अपराधों का दोषी पाया गया। अपनी गिरफ्तारी के समय में, वह अमेरिका का सर्वाधिक वांछित कंप्यूटर अपराधी था।

उस अपराधी का नाम ब्लैक हैट हैकर केविन मिटनिक जो दुनिया का सबसे बड़ा हैकर है। उसको सरकार हर महीने साइबर हैकिंग से बचने के लिए करोड़ों रूपये देती है। इतना ही नहीं गूगल, अमेज़न, याहू जैसी बड़ी कंपनियां भी साइबर हैकिंग से बचने के लिए उसे हर महीने करोड़ों रूपये देती हैं।

प्रारंभिक जीवन-

12 साल की उम्र में, मिटनिक ने सोशल इंजीनियरिंग के द्वारा लॉस एंजेल्स की बसों में टिकट लेने के पंचकार्ड सिस्टम को मात दे दी। ऐसा तब हुआ जब एक स्नेही बस ड्राईवर ने उसे पंच करने वाली मशीन बेचने वाली दुकान का पता बताया और यह बताया कि वह कचरे में से खाली टिकट निकाल कर उनका इस्तेमाल ग्रेटर LA में कहीं भी घूमने के लिए कर सकता है। सूचनाएं जैसे कि उपयोगकर्ता का नाम, पासवर्ड और मॉडम फोन नम्बर्स प्राप्त करने के लिए सोशल इंजीनियरिंग उसका मुख्य हथियार बन गया।

जब वे हाई स्कूल में थे तब "रिर्म पुक"[कृपया उद्धरण जोड़ें] ने उन्हें फोन फ्रीकिंग का तरीका बताया, यह टेलीफोन की काल्स में हेराफेरी करने का एक तरीका था। इसका प्रयोग वह अक्सर लम्बी दूरी के फोन करने में करता था। वह अव्यवसायी रेडियो का इस्तेमाल करने में भी दक्ष हो गया जिसका इस्तेमाल वह कथित रूप से निकट के फास्ट फ़ूड रेस्तरां, के स्पीकर सिस्टम का अनाधिकृत इस्तेमाल करने में करता था।

कंप्यूटर क्रैकिंग-

मिटनिक ने अपने पहले कंप्यूटर नेटवर्क पर अनाधिकृत अधिकार 1979 मई 16 साल की उम्र में किया जब उसके एक दोस्त ने उसे आर्क के फोन नंबर दिए। यह एक कंप्यूटर सिस्टम था जिसका प्रयोग डिजिटल इक्वीपमेंट कॉर्पोरेशन अपने आर एस टी एस/इ (RSTS/इ) ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर को बनाने में करता था। उसने DEC के कंप्यूटर नेटवर्क को खोल लिया और डीईसी के कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की नक़ल कर ली। इस अपराध के लिए उसे 1988 में आरोपी और दोषी सिद्ध किया गया। इस अपराध के लिए उसे 12 महीने की जेल की सजा मिली और अगले 3 सालों तक उसकी जेल के बाहर निगरानी की गयी। जब उसका जेल के बाहर का निगरानी का समय समाप्त होने वाला था तब उसने पैसिफिक बैल नामक वॉइस मेल कंप्यूटर को हैक कर लिया। गिरफ्तारी का वारंट निकल जाने के बाद मिटनिक भाग खडा हुआ और अगले ढाई सालों के लिए भगोड़ा बन कर रहा।

यू.एस.डिपार्टमैंट ऑफ जस्टिस के अनुसार, जब मिटनिक भगोड़ा था तब उसने कई कंप्यूटर नेटवर्क पर अनाधिकृत अधिकार कर लिया। उसने अपने ठिकाने छुपाने के लिए क्लोन सैल फोन का इस्तेमाल किया और अन्य चोरियों के साथ साथ देश के कुछ सबसे बड़े सैल फोन और कंप्यूटर कंपनियों के महंगे ट्रेडमार्क युक्त सौफ्टवेयर को नक़ल करके चुरा लिया। मिटनिक ने कंप्यूटर के पासवर्ड चुराए, कंप्यूटर के नेटवर्क बदल दिए और लोगों के पासवर्ड चुरा कर उनके निजी मेल भी पढ़े। मिटनिक को फरवरी 1995 में उत्तरी केरोलिना में गिरफ्तार किया गया। उसके पास कई सारे क्लोन सैल फोन,100 से ज्यादा क्लोन फोन के पासवर्ड और कई सारे झूठे पहचान पत्र मिले।

माणित आपराधिक कृत्य -

  • मुफ्त सवारी के लिए लॉस एंजिल्स बस स्थानान्तरण प्रणाली का उपयोग करने के लिए
  • एफ बी आइ से बचने के लिए
  • डी इ सी सिस्टम को हैक करके वी एम् एस देखने के लिए (खबरों के अनुसार डी इ सी को सिस्टम ठीक कराने में $160,000 चुकाने पड़े
  • एक शर्त जीतने के लिए लॉस एंजिल्स के एक कंप्यूटर अध्ययन केंद्र में एक आईबीएम मिनी कंप्यूटर के संपूर्ण प्रशासक विशेषाधिकारों को प्राप्त करने के लिए
  • मोटोरोला, एन ई सी, नोकिया, सन माइक्रोसिस्टम्स और फुजित्सु सिमेंस प्रणालियों को हैक करने के लिए।
कथित आपराधिक कृत्य-
  • लॉस एंजेल्स के एक पैसिफिक बैल टेलिफ़ोन स्विचिंग सेंटर से कंप्यूटर मैनुअल चुराने के लिए।
  • एम् सी आई कम्युनिकेशंस एवं डिजिटल के कंप्यूटर सुरक्षा अधिकारियों के ई - मेल पढने के लिए।
  • कैलिफोर्निया ड़ी एम् वी को वायरटैप करने के लिए।
  • मुफ्त में सेल फोन कॉल्स करने के लिए
  • संता क्रूज़ ऑपरेशन, पैसिफिक बैल, एफ बी आई, पेंटागन, नोवेल, कैलीफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ़ मोटर वेह्कल्स, यूनीवर्सिटी ऑफ़ साउथ कैलीफोर्निया और लॉस एंजेल्स यूनीफाईड स्कूल डिस्ट्रिक्ट सिस्टम्स की साईट हैक करने के लिए।
  • जॉन मर्कोफ्फ़ के अनुसार, उसने एफ बी आई एजेंट्स को वायरटैप किया, हालांकि केविन मिटनिक ने इस बात का खंडन किया है।
गिरफ्तारी, अपराध सिद्धि और क़ैद-
2.5 साल तक कंप्यूटर हैकिंग करने के संघीय जुर्म में, एफ बी आई ने 15 फ़रवरी 1995 को मिटनिक को उसके रालेह, नॉर्थ कैरोलिना के अपार्टमेन्ट से काफी पीछा करने के बाद गिरफ्तार किया।.मिटनिक की तलाश को काफी प्रचारित किया गया था।

1999 में, मिटनिक ने 4 टेलीग्राम सम्बंधित धोखे,2 कंप्यूटर सम्बंधित धोखे और एक टेलीग्राम कम्यूनीकेशन को अवैधानिक तरीके से तोड़ने के मामले को स्वीकार किया। ऐसा उसने लॉस एंजेल्स में यूनाइटेड स्टेट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट फॉर दा सैंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलीफोर्निया में दलील समझौते (plea agreement) के दौरान किया। उसे 46 महीने के लिए जेल की सजा सुनाई गयी और अगले 22 महीने की सजा 1989 में कंप्यूटर धोखाधडी के बाद निगरानी वाले काल में नियमों का उल्लंघन करने के लिए सुनायी गयी। उसने निगरानी के काल में पैकबैल वॉइस मेल और अन्य सिस्टम्स को हैक करने की और दो अन्य जाने माने कंप्यूटर हैकरों के साथ साझेदारी करके नियमों का उल्लंघन करने की बात स्वीकारी। इस केस में हैकर और साथी प्रतिवादी का नाम लूइस डे पायनी था।

मिटनिक ने पांच साल जेल में काटे - साढ़े चार साल मुक़दमे के दौरान और 8 महीने का एकांतवास - क्योंकि मिटनिक के अनुसार क़ानून प्रवर्तन अधिकारियों ने एक जज को यह विश्वास दिला दिया था कि उसमे "पे-फोन में सीटी बजा कर आणविक युद्ध प्रारम्भ कराने की क्षमता है". उसे 21 जनवरी 2000 को जेल से रिहा किया गया। निगरानी के दिनो के प्रारम्भ में, जो 21 जनवरी 2003 को ख़त्म हुआ, मिटनिक को लैंडलाइन के अलावा किसी भी अन्य संचार के साधन का प्रयोग करना वर्जित था। मिटनिक ने इस निर्णय के खिलाफ अदालत में मुकदमा लड़ा, जिसमे अंत में मिटनिक की जीत हुई और उसे इंटरनेट का प्रयोग करने की अनुमति मिल गयी।

दलील समझौते के तहत, मिटनिक को अगले सात सालों के लिए अपनी आपराधिक गतिविधियों पर आधारित किताबों या फिल्मों से लाभ मिलना निषिद्ध कर दिया गया।

मिटनिक अब मिटनिक सुरक्षा परामर्श एल एल सी, एक कंप्यूटर सुरक्षा परामर्श केंद्र चलाता है।

विवाद-
मिटनिक की आपराधिक गतिविधियाँ, गिरफ्तारी, मुकदमा और उन सबके साथ जुडी पत्रकारिता सभी विवादास्पद रहे हैं।

हालांकि मिटनिक गैरकानूनी रूप से सॉफ्टवेयर की नक़ल का दोषी ठहराया गया है और उसके पास से कई जाली पहचान दस्तावेज बरामद किये गए लेकिन फिर भी, उसके समर्थकों का तर्क है कि उसकी सजा अत्यधिक थी। अपनी 2002 की किताब, दा आर्ट ऑफ़ डिसेप्शन, में मिटनिक ने लिखा है कि उसने कंप्यूटर का दुरुपयोग सिर्फ उन पासवर्ड और कोड के जरिये किया जो उसने सोशल इंजीनिअरिंग के जरिये सीखे थे। उसका दावा है कि उसने पासवर्ड खोजने के लिए या फोन सीकयौरिटी के लिए या कंप्यूटर का अन्यथा उपयोग करने के लिये सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या हैकिंग उपकरण का उपयोग नहीं किया है।

दो किताबों ने केविन पर लगे आरोपों की जांच करने का प्रयास किया है:जौन मर्कोफ्फ़ और सूतोमु शिमोमुरा की टेकडाउन और जोनाथन लित्मैन की दा फयूजिटिव गेम। लित्मैन ने चार आरोप लगाए हैं:
  • मर्कोफ्फ़ के द्वारा पत्रकार के रूप में अनुचित व्यवहार किया गया क्योंकि उसने न्यूयॉर्क टाईम्स के लिए जब मिटनिक का केस कवर किया तब केविन का साक्षात्कार लिए बिना सम्पूर्ण केस मात्र सरकारी दावों और अफवाहों को ही आधार बना कर कवर किया।
  • सरकार द्वारा मिटनिक के प्रति कट्टर अभियोग
  • मुख्यधारा से संबंधित मीडिया का मिटनिक के केस को बढ़ा- चढ़ा कर प्रस्तुत करना
  • शिमोमुरा का इस केस से सम्बन्ध अस्पष्ट होना अथवा उसकी संदिग्ध वैधता
अगले विवाद का विषय वह फिल्म थी जो जॉन मर्कोफ्फ़ और शिमोमुरा की किताब पर आधारित थी, परन्तु जिस पर लित्तमैन ने यह आरोप लगाया कि फिल्म के कुछ हिस्से उसकी किताब पर आधारित हैं और इसके लिए उसकी अनुमती नहीं ली गयी।

मिटनिक के खिलाफ केस ने कंप्यूटर अपराधों से निबटने के लिए बनाये गए नए कानून का परीक्षण किया है और इसने कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े सुरक्षा के मुद्दों पर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाई है। परन्तु फिर भी विवाद बना हुआ है और आज भी मिटनिक को कंप्यूटर की दुनिया के सबसे बड़े अपराधी के उदाहरण के रूप में देखा जाता है।

मिटनिक के समर्थकों का मानना है कि उस के खिलाफ कई आरोप झूठे हैं और वास्तविक नुकसान पर आधारित नहीं है।

संचार माध्यम-
2000 में, स्कीट उलरिक और रस्सेल वाँग ने जॉन मर्कोफ्फ़ और सूतोमु शिमोमुरा की किताब टेकडाउन पर आधारित, केविन मिटनिक और सुतोमु शिमोमुरा के चरित्र को टेक डाउन फिल्म में प्रस्तुत किया। इस फिल्म की डीवीडी को सितंबर 2004 में जारी किया गया।
  • कॉरपोरेट आधारित डौकुमैनटरी फिल्म ट्रैक डाउन के जवाब में मिटनिक के फैन्स ने मिलकर एक अन्य डौकुमैनटरी फिल्म बनायी जिसका नाम था फ्रीडम ड़ाउनटाइम।
  • मिटनिक ने विलियम एल. सिमॉन के साथ मिल कर कंप्यूटर सुरक्षा पर दो किताबें लिखी हैं:
  • दा आर्ट ऑफ़ इन्त्रुसन :दा रियल स्टोरीस बिहाइंड दा एक्स्प्लोइत्स ऑफ हैकर्स, इन्त्रूडर्स & डिसीवर्स
  • दा आर्ट ऑफ डीसैपशन
  • वह और उसके सह लेखक वर्तमान में केविन की आत्मकथा लिख रहे हैं।
मूल स्रोत -विकिपीडिया 

No comments:

Post a Comment

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

अस्वीकरण ( Disclaimer )
गोण्डा न्यूज लाइव एक हिंदी समुदाय है जहाँ आप ऑनलाइन समाचार, विभिन्न लेख, इतिहास, भूगोल, गणित, विज्ञान, हिन्दी साहित्य, सामान्य ज्ञान, ज्ञान विज्ञानं, अविष्कार , धर्म, फिटनेस, नारी ब्यूटी , नारी सेहत ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,18 + ,कृषि ,व्यापार, ब्लॉगटिप्स, सोशल टिप्स, योग, आयुर्वेद, अमर बलिदानी , फूड रेसिपी , वाद्ययंत्र-संगीत आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी केवल पाठकगणो की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दिया गया है। ऐसे में हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी सलाह,उपाय , उपयोग , को आजमाने से पहले एक बार अपने विषय विशेषज्ञ से अवश्य सम्पर्क करे। विभिन्न विषयो से सम्बन्धित ब्लाग/वेबसाइट का एक मात्र उद्देश आपको आपके स्वास्थ्य सहित विभिन्न विषयो के प्रति जागरूक करना और विभिन्न विषयो से जुडी जानकारी उपलब्ध कराना है। आपके विषय विशेषज्ञ को आपके सेहत व् ज्ञान के बारे में बेहतर जानकारी होती है और उनके सलाह का कोई अन्य विकल्प नही। गोण्डा लाइव न्यूज़ किसी भी त्रुटि, चूक या मिथ्या निरूपण के लिए जिम्मेदार नहीं है। आपके द्वारा इस साइट का उपयोग यह दर्शाता है कि आप उपयोग की शर्तों से बंधे होने के लिए सहमत हैं।

”go"