ऊर्ध्व पद्मासन का नाम दो शब्दों के मेल से रखा गया है: ऊर्ध्व और पद्म। ऊर्ध्व यानी ऊपर की ओर गया हुआ और पद्म मतलब कमल का फूल। ऊर्ध्व पद्मासन करने से पहले आप सुनिश्चित करें कि आपको हलासना में कोई परेशानी नहीं है।
इस लेख में ऊर्ध्व पद्मासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि ऊर्ध्व पद्मासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
ऊर्ध्व पद्मासन के फायदे -
हर आसन की तरह ऊर्ध्व पद्मासन के भी कई लाभ होते हैं। उनमें से कुछ हैं यह:
- बाज़ुओं, कंधों, गर्दन और धड़ की मांसपेशियों को मज़बूत करता है।
- शरीर के प्रति जागरूकता, संतुलन और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार लाता है।
- मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति में सुधार लाता है।
- पेट के सभी अंगों के लिए लाभदायक है। पाचन में सुधार लाता है।
- माइग्रेन के लिए चिकित्सीय है।
ऊर्ध्व पद्मासन करने से पहले यह आसन करें -
- बालासन
- सेतुबंधासन
- विरासन
- सर्वांगासन
- हलासन
- कर्नापीड़ासन
ऊर्ध्व पद्मासन करने का तरीका -
ऊर्ध्व पद्मासन करने का तरीका हम यहाँ विस्तार से दे रहे हैं, इसे ध्यानपूर्वक पढ़ें। ऊर्ध्व पद्मासन करने से पहले आप सुनिश्चित करें कि आपको हलासना में कोई परेशानी नहीं है।
- पीठ के बल सीधे लेट जायें। बाज़ुओं को सीधा पीठ के बगल में ज़में पर टिका कर रखें।
- साँस अंदर लेते हुए दोनो टाँगों को उठा कर हलासन में ले आयें। याद रहे कि कोहनियों को ज़मीन पर टिकाए हुए दोनो हाथों से पीठ को सहारा देना है। इस मुद्रा में 1-2 साँस अंदर और बाहर लें और यह पक्का कर लें की आपका संतुलन सही है।
- अब टाँगों को पद्मासन मुद्रा में ले आयें।
- स्टेप 1 से 3 की जगह आप ऐसे भी कर सकते हैं: सीधे दंडासन में बैठ जायें, फिर पद्मासन में आ जायें, और फिर पीठ के बल लेट जायें।
- हाथों को अब आगे लाकर हाथों से घुटनों को सहारा दें। अगर संतुलन बाए रखना संभव ना हो तो उन्हे पीठ को सहारा देती हुई मुद्रा में ही रखें।
- दृष्टि को नाक पर रखें। अगर आपको यह करने से दिक्कत होती है संतुलन बनाए रखने में तो दृष्टि को नाभी पर भी रख सकते हैं।
- अपनी क्षमता के मुताबिक 60 से 90 सेकेंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे से पैरों को वापिस ले आयें। शुरुआत में कम देर करें (30 सेकेंड भी पर्याप्त है) और धीरे धीरे समय बढ़ायें।
ऊर्ध्व पद्मासन का आसान तरीका -
- अगर आपकी गर्दन में लचीलापन कम हो तो कंधों के नीचे एक तौलिया लगा लें ऐसा करने से गर्दन को आराम मिलेगा।
- अगर आपको पद्मासन में आने में कठिनाई हो तो आप सिर्फ़ पैरों को चौकड़ी मार सकते हैं या सुखासन में रख सकते हैं।
- अगर आपको संतुलन बनाए रखने में दिक्कत हो तो हाथों से घुटनो को सहारा देना के बजाए पीठ को सहारा दे सकते हैं।
ऊर्ध्व पद्मासन करने में क्या सावधानी बरती जाए -
- रीढ़ की हड्डी, तीव्र सिरदर्द या हाई बीपी की समस्या हो तो यह आसन ना करें।
- घुटने, टखने, कंधे, गर्दन या कूल्हे में चोट हो तो ऊर्ध्व पद्मासन ना करें।
- ऊर्ध्व पद्मासन करने से पहले आप सुनिश्चित करें कि आपको हलासना में कोई परेशानी नहीं है।
- क्यूंकी यह एक कठिन आसन है, इसे शुरुआत में किसी गुरु के निर्देशन में ही करें।
- अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगायें।
ऊर्ध्व पद्मासन करने के बाद आसन -
- पिण्डासन
- मत्स्यासन
- उत्तान पादासन
- शीर्षासन
ऊर्ध्व पद्मासन का वीडियो -
ऊर्ध्व पद्मासन को ठीक से करने के लिए यह वीडियो ध्यान से देखें।



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