भदोही (उत्तर प्रदेश):- पत्रावली प्रस्तुत हुई। पुकार कराई गयी। प्रस्तुत प्रकरण में अपीलकर्ता स्वयं उपस्थित हुए। प्रतिवादी पक्ष की ओर से विनय कुमार, ग्राम विकास अधिकारी, विकास खण्ड व जनपद-भदोही उपस्थित हुए। अपीलकर्ता का कथन है कि प्रस्तुत प्रकरण में प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी द्वारा उसके आवेदन पत्र के क्रम में वांछित सूचनाएं अभी तक नहीं उपलब्ध करायी गयी हैं। आज उपस्थित प्रतिवादी पक्ष द्वारा प्रकरण में स्थिति स्पष्ट नहीं की जा सकी।
उक्त के क्रम में उ0प्र0 सूचना आयोग के समक्ष अपीलकर्ता द्वारा प्रस्तुत द्वितीय अपील दिनांक 20.09.2021 का परिशीलन किया गया, जिससे इस तथ्य की पुष्टि होती है कि अपीलकर्ता ने दिनांक- 09.08.2019 को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 6 (1) के अंतर्गत जन सूचनाधिकारी / खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड-भदोही जनपद-भदोही से सूचनाएं मांगी थी। अपीलकर्ता ने अपनी द्वितीय अपील में यह उल्लेख किया है कि जन सूचनाधिकारी द्वारा उसे वांछित सूचनाएं प्राप्त नहीं हुई, जिससे क्षुब्ध होकर अपीलकर्ता ने प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील योजित की. फिर भी अपीलकर्ता को सूचनाएं प्राप्त नहीं हुई। अपीलकर्ता ने उ०प्र० सूचना आयोग के समक्ष प्रस्तुत द्वितीय अपील में उसे उसके मूल आवेदन के कम में वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराने तथा सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 का अनुपालन न करने के लिए प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया है।
उ०प्र० सूचना आयोग द्वारा प्रस्तुत प्रकरण की सुनवाई दिनांक-13.12.2021, 27.07. 2022, 03.11.2022 को प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी कार्यालय, खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड- भदोही जनपद-भदोही को निर्देशित किया गया था कि अपीलकर्ता के मूल आवेदन पत्र के क्रम में वांछित सूचनाएं उपलब्ध कराते हुए आयोग को अवगत कराये अन्यथा जन स्पष्टीकरण देंगे कि अपीलकर्ता को वांछित सूचना क्यों नहीं दी गयी, क्यों न उनके विरूद्ध सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20(1) के तहत रू० 25000/- का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए वसूली का आदेश पारित कर दिया जाए। इसके बावजूद आयोग द्वारा प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी को दिनांक 17.11.2021, 11.07.2022. 06.10.2022. 28.11.2022 को सुनवाई हेतु पंजीकृत डाक के माध्यम से नोटिस प्रेषित की गयी। फिर भी प्रस्तुत प्रकरण में प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी न तो स्वयं और न ही उनका कोई प्रतिनिधि किसी सुनवाई तिथि पर उपस्थित हुआ तथा न ही प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी द्वारा अपीलकर्ता को वांछित सूचनाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। जिससे स्पष्ट है कि प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 व आयोग के आदेशों के प्रति गम्भीर नहीं उपरोक्त के क्रम में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका संख्या-20315 / 2019 (एम0बी0) में उoप्रo सूचना आयोग को दिये गये निर्देश में उल्लिखित है कि दोषी जन सूचनाधिकारी के विरूद्ध अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने से पूर्व उन्हें पर्याप्त अवसर दिया जाये।
उक्त के क्रम में आयोग द्वारा प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी कार्यालय, खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड-भदोही जनपद-भदोही को दिनांक- 13.12.2021 27.07.2022, 03.11. 2022 को पर्याप्त अवसर दिया गया, जिसके लिए आयोग की ओर से दिनांक 17.11.2021. 11.07.2022, 06.10.2022, 28.11.2022 को पंजीकृत डाक से नोटिस जारी की गयी, फिर भी प्रस्तुत प्रकरण में प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी द्वारा अपीलकर्ता को उसके आवेदन पत्र के क्रम में वांछित सूचनाएं अभी तक नहीं करायी गयी है।
उपरोक्त स्थिति से यह स्पष्ट है कि प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी प्रस्तुत प्रकरण को लेकर गम्भीर नहीं है। पत्रावली पर भी ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी द्वारा अपीलकर्ता के आवेदन क्रम में वांछित सूचनाएं उपलब्ध करायी गयी हों। ऐसे में प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी कार्यालय, खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड-भदोही जनपद-भदोही के विरूद्ध अपीलकर्ता को उसके आवेदन के क्रम में साशय वांछित सूचनाएं न उपलब्ध कराने एवं आयोग के आदेशों का अनुपालन न करने का दोषी मानते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत रू० 250 /- प्रतिदिन की दर से रू0 25000/- का अर्थदण्ड अधिरोपित किया जाता है। अधिरोपित अर्थदण्ड की वसूली अपीलकर्ता के आवेदन दिनांक 09.08.2019 प्रस्तुत करने से एक माह उपरान्त यानी दिनांक 09.09.2019 से आज तक कार्यरत रहे समस्त जन सूचनाधिकारियों के जन सूचनाधिकारी के रूप में उनकी कार्यावधि की गणना के आधार पर उनके वेतन से पृथक-पृथक की जायेगी। किन्तु किसी भी जन सूचनाधिकारी से वसूली जाने वाली अर्थदण्ड की धनराशि रू0 25000/- से अधिक नहीं होगी।
रजिस्ट्रार उ०प्र० सूचना आयोग को निर्देशित किया जाता कि वह उपरोक्त के अनुसार प्रतिवादी जन सूचनाधिकारी कार्यालय, खण्ड विकास अधिकारी, विकास खण्ड-भदोही जनपद-भदोही के विरूद्ध अधिरोपित अर्थदण्ड की वसूली उनके वेतन से नियमानुसार कराया जाना सुनिश्चित करें। इसी आदेश के साथ यह वाद निस्तारित किया जाता है। वसूली आख्या प्राप्त होने के बाद पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

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