मोहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम में परम्परा, विधिशास्त्र तथा विचारों के आधार पर मतभेद होते रहे और अलग-अलग सम्प्रदाय बनते गये। वर्तमान समय में इस्लाम में बहुत से सम्प्रदाय और शाखाएँ हैं। इस्लामी न्यायशास्त्र फ़िक़ह के आधार पर मुस्लिम समुदाय प्राथमिक रूप से तीन समूहों में बंटा हुआ है। वह हैं-
तिरमिज़ी शरीफ़ की हदीस मे लिखा है कि 73 मे से "एक फिरका" (मिल्लत) जन्नत मे जाएगी .
इस्लाम का विभाजन
इस्लाम के पूर्व से ही अरब के लोग दूसरों को लूटने और आपसी शत्रुता के कारण लड़ते रहते थे लेकिन मुसलमान बन जाने पर उनको लड़ने और हत्याएं करने के लिए धार्मिक आधार मिल गया। वह अक्सर अपने विरोधियों को मुशरिक, मुनाफिक और काफ़िर तक कहने लगे और खुद को सच्चा मुसलमान बताने लगे और अपने हरेक दुष्कर्म को कुरान की किसी भी आयत या किसी भी हदीस का हवाला देकर जायज बताने लगे। धीरे धीरे सत्ता का विवाद धार्मिक रूप धारण करता गया। मुहम्मद की मौत के बाद ही यह विवाद इतना उग्र हो गया की मुसलमानों ने ही मुहम्मद के दामाद अली और उनके पुत्र हसन हुसैन को परिवार सहित क़त्ल कर दिया। उसके बाद ही इस्लाम के टुकड़े होना शुरू हो गए। इसके बारे में खुद मुहम्मद ने भविष्यवाणी की थी-
01-"अबू हुरैरा ने कहा कि,रसूल ने कहा था कि यहूदी और ईसाई तो 72 फिरकों में बँट जायेंगे, लेकिन मेरी उम्मत 73 फिरकों में बँट जाएगी, और सब आपस में युद्ध करेंगे (अबू दाऊद-जिल्द 3 किताब 40 हदीस 4579)
02-"अबू अमीर हौजानी ने कहा कि ,रसूल ने मुआविया बिन अबू सुफ़यान के सामने कहा कि ,अहले किताब (यहूदी ,ईसाई ) के 72 फिरके हो जायेंगे ,और मेरी उम्मत के 73 फिरके हो जायेंगे ..और उन में से 72 फिरके बर्बाद हो जायेंगे और जहन्नम में चले जायेंगे .सिर्फ एक ही फिरका बाकी रहेगा ,जो जन्नत में जायेगा "अबू दाऊद -जिल्द 3 किताब 40 हदीस 4580 .
03-"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,ईमान के 72 से अधिक टुकडे हो जायेंगे ,और मुसलमानों में ऐसी फूट पड़ जाएगी कि वे एक दुसरे कीहत्याएं करेंगे ."
अबू दाऊद -जिल्द 3 किताब 40 हदीस 4744 .
04-''अरफजः ने कहा कि मैं ने रसूल से सुना है ,कि इस्लाम में इतना बिगाड़ हो जायेगा कि ,मुसलमान एक दुसरे के दुश्मन बन जायेंगे ,और तलवार लेकर एक दुसरे को क़त्ल करेंगे "अबू दाऊद -जिल्द 3 किताब 40 हदीस 4153 .
05-"सईदुल खुदरी और अनस बिन मालिक ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,पाहिले तो मुसलमान इकट्ठे हो जायेंगे ,लेकिन जल्द ही उनमें फूट पड़ जाएगी .जो इतनी उग्र हो जाएगी कि वे जानवरों से बदतर बन जायेगे .फिर केवल वही कौम सुख से जिन्दा रह सकेगी जो इनको इन को ( नकली मुसलमानों )को क़त्ल कर देगी .फिर अनस ने रसूल से उस कौम की निशानी पूछी जो कामयाब होगी .तो रसुलने बताया कि,उस कौम के लोगों के सर मुंडे हुए होंगे .और वे पूरब से आयेंगे "अबू दाऊद-जिल्द 3 किताब 40 हदीस 4747 .
इस्लाम के प्रमुख फिरके
आमतौर पर लोग मुसलमानों के दो ही फिरकों शिया और सुन्नी के बारे में ही सुनते रहते है ,लेकिन इनमे भी कई फिरके है .इसके आलावा कुछ ऐसे भी फिरके है ,जो इन दौनों से अलग है .इन सभी के विचारों और मान्यताओं में इतना विरोध है की यह एक दूसरे को काफ़िर तक कह देते हैं .और इनकी मस्जिदें जला देते है .और लोगों को क़त्ल कर देते है .शिया लोग तो मुहर्रम के समय सुन्नियों के खलीफाओं ,सहबियों ,और मुहम्मद की पत्नियों आयशा और हफ्शा को खुले आम गलियां देते है .इसे तबर्रा कहा जाता है .इसके बारे में अलग से बताया जायेगा .
सुन्नियों के फिरके -हनफी ,शाफई,मलिकी ,हम्बली ,सूफी ,वहाबी ,देवबंदी ,बरेलवी ,सलफी,अहले हदीस .आदि -शियाओं के फिरके -इशना अशरी ,जाफरी ,जैदी ,इस्माइली ,बोहरा ,दाऊदी ,खोजा ,द्रुज आदि
अन्य फिरके -अहमदिया ,कादियानी ,खारजी ,कुर्द ,और बहाई अदि.
इन सब में इतना अंतर है कि यह एक-दूसरे की मस्जिदों में नमाज नहीं पढ़ते और एक दुसरे की हदीसों को मानते है। सबके नमाज पढ़ने का तरीका , अजान , सब अलग है। इनमे एकता असंभव है। संख्या कम होने के से यह शांत रहते हैं , लेकिन इन्हें जब भी मौका मिलाता है यह उत्पात जरुर करते हैं.
इस्लाम में मौजूद कुल फिरके
इस्लाम में प्रमुख फिरके 72 है लेकिन इनके अलावा भी कुछ अन्य छोटे फिरके है जिन्हे अगर जोड़ा जाये तो फिरको की संख्या 313 हो जाती है. 1-महकमिय्या 2-अजराकिया 3- आयुजि 4-नजरात 5-असफरिया 6- अबाजिया 7-अहसाम्य्या 8-बहशिस्यह 9-नागलियाह 10- अजजदह 11-अख्वास्या 12-शैबानीयह्ह् 13-मकराम्या 14- वासलिय्या 15- हज़ेलिया 16-नजामिया 17-अस्वारिया 18- अस्काफिया 19-मज्वारिया 20-बशरिया 21-अस्मरिया 22-हसामिया 23-साल्जियह 24 हाबतिया 25-मुकमरिया 26-समामिया 27-जाख्तिया 28-हरीबा 29-जाफरिया 30- बहशमिया 31-जबानिया 32-कबेया 33-ख्यातेया 34- गरसानिया 35-सोबानिया 36-सोबेया 37-अहदया 38- बर्गोसिया 39-नाफेरानिया 40-ब्यानिया 41-मुगिरिया 42- कामलिया 43-मंसूरिया 44-खताबिया 45-अजआबिया 46- जमिया 47-मुस्तदरिकिया48-मुजसामिया 49-करामिया 50-जाहिमिया 51-हनफिया 52-मालकिय्या 53-शाफ्या 54-हम्बिलिया 55-सूफिया 56-दावड़िया 57-सबाइया 58- मफज़जलिया 59-जारिया 60-इशहकिया 61-शेतानिया 62- मफुजिया 63-कसानिया 64-रजानिया 65-इस्माइल्लिया 66-नासिरिया 67-जैदिया 68-नारुसिया 69-अहफटया 70- वाकफीफीया 71-गलात 72-हशविया 73-उल्वेया 74- अबड़िया 75-शमसिया 76-अब्बासिया 77-इमामिया 78- नावस्या 79-तनासुख्या 80-मूर्तजिया 81-राजइय्या 82- खलिफिया 83-कंजिया 84-हज़तरिया 85-मोतजलिया 86- मैमुनिया 87-अफालिया 88-माबिया 89-तारक्या 90- नजमैमुनिया 91-हज़तिया 92-कंदरिया 93-अहरिया 94- वहमिय्या 95-मोटलिया 96-मुतरआ बसिया 97-मुतरफिया 98-मखलुखिया 99-मुतराफिया 100-वबरिया101-मजिया 102-शाबाइया 103-अमालिया 104-मुस्तसिया105- मुशबह्य्या 106-सालमिया 107-कास्मिया 108-कनामिया 109-खारिजया 110-तर्किया 111-हज़ीमिया112-दहरिया 113-साआल्बिया 114-वहाबिया 115-नसारिया 116- मझुलिया 117-सलया 118-अख़बसया 119-बहसिया 120- समराख्या 121-अतबिया 122-गालिया 123-कतएया 124- कुर्बिया 125-मुहमदीया 126-हसनिया 127-क़राबतइया 128-मुबारिकिया 129-श्मतिया 130-अमारिया 131- मख्तुरिया 132-मोसुमिया 133-नानेया 134-तयारिया 135-यतरायह 136-सैरफिया 137-सरीइयह 138-जारुदिया 139-सुलेमनिया 140-तबारिया 141-नइमया 142- याक़ूबिया 143-शमरिया 144-युनानिया 145-बखारिया 146-गेलिन्या 147-शाएबिया 148-समहाज़िया 149- मरसिया 150-हासमिया151-खरारिया 152-क्लाबिया 153-हालिया 154-बाटनिया155-अबाजिया 156- ब्राह्मिया 157-अशअरिया 158-सोफ्सतैया 159- फिलसफिया 160-समिनिया 161-मशाईन 162-अश्राकिन 163-अजुसियह 164-उम्बिया 165-वजीदीया 166- अलीळालाहिया167-सादकिया 168-फुरकानिया 169- फरुकिया 170-शेखिय्या 171-शम्ससया 172-सम्मिस्या 173-फरकिया 174-नक़्शबंदिया 175-कादरिया 176- नेचीरिया 177-मिजाइय्या 178-आगखानिया 179-शहर बदीया 180-चिश्तिया 181-क्रानिया 182-नजदीया 183- बाबिया184-मवाहदीया वहाबी 185-राफजिया 186- नजिया 187-जस्तीया 188-इबारिया 189-जबरिया 190- टबरिया 191-सल्फिया 192-अकलिया 193-सफत्या 194- तकलिया 195-मुट्सफिया 196-हमाओसत 197-शमाफिया 198-हफ्तइमामिया199-हश्तइमामिया200-अशन अशारिया21-अखबारिय्यिन 202-मुतकल्लमिन 203- मुत्सररइन 204-रोशनियां 205-कोकबिया 206-तबकुमिया 207-अर्शेआसेयानी 208-तातिलिया 209 अन्सारिया 210- रखबिया 211-रहमानिया 212-रुहानिया 213-अन्नजिया 214-हबिबिया 215-अजिया 216-हबिरिया 217-सक्तिया 218-जनिदिया 219-जबिया 220-आरहिमिया 221- क्लद्रिया 222-फिरडोमिया 223-मदारिया 224-रजजिया 225-सफाइय्या 226-खाकिया 227-वादिया 228-तशनिया 229-आविया 230-तैकुरिया 231-दवाया 232-शैतारिया 233-तबकानिया 234-सय्यद जमालुद्दीन 235-मतबरिया 236-आर्गुनिया 237-आल्याया 238-गजिरुनिया 239- जाहडिया 240-तोबिया 241-कजिया 242-तशिरिया 243- हलालिया 244-नूरिया 245-एदुसिया 246-यस्विया 247- रफइय्या 248-मोइन्या 249-शकरगजिया 250-महबुने इलहिया 251-महमुदिया 252-फखरुदिनिया 253-नुरे मुहामादिया 254-वुनसुया 255-अल्लाहबक्षिया 256- हाफजिया 257-खिजरुया 258-कर्मनिया 259-करिमियऑ 260-जलिलिया 261-जमालिया 262-कुडिसिया 263- साबरिया 264-मखदुमिया 265-हज़रूमिया 266-निजामिया 267-अबूलअलैया 268-हसमिया चितस्या 269- निजमहिरिया270-बखारिया 271-हमजआशाही 272- फखरिया 273-नायजिया274-जायइया 275-फक्रिया फरीदइया 276-शमशिया सुलमानिया 277-फखरिया सुलमानिया 278-सुदुशाही 279-रजाकिया 280-वहाविया 281-नोशाही 282-शय्येदशाही 283-हुस्सैनशाही284- कबिसिया 285-मुहम्मदशाही286-बहलोलशाही 287- हासशाही 288-सुदुशाही 289-मुकियशाही 290-महुवदशाही 291-कासिमशाही 292-नंतुल्लाहशाही 293-मिरशाही 294- सुफियाहमीडिया 295-कंमसिय्या 296-दोलशाही 297- रसुलशाही 298-सुहागशाही 299-सफबीय्या 300-लालशाही 301-बाजिया 302-बुखारिया 303-कर्मजहलि 304- हबिबशाही 305-मूर्तज़शाही 306-अब्दुलकरिमि307- इस्मैलशाही 308-हलिमशाही 309-रुजाकशाही 310- मिजाकशाही 311-संगरिया 312-अय्याजिया 313- नासिरिया
स्रोत -विकिपीडिया
कुल मिलाकर मुहम्मद साहेब के कहे के अनुसार तिहत्तर भागो में मुसलमान बंटा हैं और उनमे से सिर्फ एक हीं तरह के मुसलमान को जन्नत मिलेगी और बहत्तर तरह के मुसल्ले दोजख में हीं जायेंगे लेकिन मुहम्मद साहेब ने ये नहीं बताया की कौन से मुस्लिम जन्नत जायेंगे और कौन से नहीं. बल्कि कहा हैं कि जो भी मुहम्मद साहब के बताये मार्ग पर चलेगा उनकी शिक्षा मानेगा उनके उपदेशो का पालन करेगा, उसे हीं जन्नत नसीब होंगी.
मैंने एक मित्र से जब इसके बारे में विस्तार से जानना चाहा तो उन्होंने कुछ चर्चा की जिसका सारांश नीचे दिया गया है।
मैंने पूछा-
मौलाना साहब, जन्नत में कौन जायेंगे?
मौलाना - मुसलमान I
जी, कौन मुसलमान? शिया या सुन्नी.?
मौलाना - बेशक सुन्नी जनाब।
जी सुन्नी में कौन.? मुकल्लिद या गैर-मुकल्लिद.?
मौलाना- मुकल्लिद !
जी, मुकल्लिद में तो चार हैं। उनमें से.?
मौलाना - हनफी , और कौन.?
जी, पर हनफी में तो देबबंदी और बरेलवी दोनों हैं फिर उनमें..
मौलाना - देबबंदी I
बहुत शुक्रिया, पर देबबंदी में भी तो हयाती और ममाती दोनों हैं, उनमें से कौन.?
इसके बाद मौलाना साहब गायब हो गये ,वो दोबारा दिखे ही नहीं...!!
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