मोमबत्ती का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता आ रहा है और आज भी इसका इस्तेमाल बहुत ज्यादा मात्रा में किया जाता है किसी के भी शुभ अवसर जन्मदिन पर आपको मोमबत्तियां देखने को जरुर मिलेंगे. और दीवाली जैसे त्यौहार पर इनका इस्तेमाल और भी ज्यादा हो जाता है. आज हम मोमबत्तियों का इस्तेमाल सिर्फ कुछ खास अवसरों और त्यौहारों मे मोमबत्ती सजावट करते हैं. लेकिन प्राचीन काल में इसका इस्तेमाल रात को रोशनी या उजाला करने के लिए किया जाता था.
प्राचीन काल में मोमबत्ती बनाने के लिए एक मिट्टी से बनी सांचे का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन अब मोमबत्ती बनाने का मशीन है जिसकी मदद से 1 दिन में बहुत सारी मोमबत्तियां बनाई जा सकती है. लेकिन मोमबत्ती बनाने की मशीन की कीमत थोड़ी सी ज्यादा है. अगर आप मोमबत्ती बनाने का व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो इसकी मशीन आप को कम से कम 40000 में पड़ेगी.
इस पोस्ट में हम आपको मोमबती बनाना , मोम बनाने की विधि के बारे में बताएंगे जिससे आप अपने घर पर भी मोमबत्ती बना सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको मोम की जरूरत पड़ेगी. मोम आप बाजार से खरीद सकते हैं. अगर आप जानना चाहते हैं की मोम क्या है, मोम कैसे बनता है तो इसकी जानकारी भी हम आपको इस पोस्ट में देंगे नीचे आपको इसके बारे में सारी जानकारी दी गई है.
मोम क्या है-
मोम एक हाइड्रोकार्बनों वर्ग का पदार्थ है. जो कि लगभग 45 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पिघलने लगता है.मोम पानी के साथ में नहीं घुल सकता लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों के साथ में यह घुलनशील है. मोम का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. मोम का इस्तेमाल कर चीजों को सुरक्षित रखने के लिए भी किया जाता है. और इसका इस्तेमाल बड़े सतर पर क्रीम बनाने के लिए भी किया जाता है और मोमबत्ती बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
मोम कैसे बनता है -
मोम बनाने के लिए कई तरह की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है और मोम प्राकृतिक रूप से भी बनाया जाता है. कुछ लोग मोम बनाने के लिए पशुओं का इस्तेमाल करते हैं और कुछ लोग पेड़ पौधों का इस्तेमाल करते हैं.हमारे कानों में पाए जाने वाला मैला पदार्थ भी एक तरह का मोम है.मोम को उसके उपयोग के आधार पर भी बनाया जाता है. जैसे कि अगर मोमबत्ती के लिए मोम बनाया जाए तो वह अलग तरह से बनाया जाएगा और अपने शरीर से बालों को अलग करने के लिए मोम बनाया जाए तो वह अलग तरह से बनाया जाएगा.
मोमबती का अविष्कार किसने किया-
मोमबत्ती का नाम मोम और बत्ती के कारण पड़ा है. मोमबत्ती बनाने के लिए हमें मोम की और एक बत्ती की जरूरत पड़ती है. मोमबत्ती का आविष्कार किसने किया यह तो बताना बहुत मुश्किल है क्योंकि मोमबत्ती का इस्तेमाल कई सालों से होता आ रहा है. माना जाता है कि सबसे पहले मोमबत्ती का निर्माण और उपयोग चीन में 200 BC में किया गया था. और मोमबत्ती के मोम को बनाने के लिए उन्होंने वहेल मछली की चर्बी का इस्तेमाल किया था. उसके बाद में यूरोपीय देशों में तेल और वसा जैसे पदार्थों को मिलाकर मोम का निर्माण किया और उसे मोमबत्तियां बनाई.और रोम में मोमबत्तियों का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होने लगा. जिसके कारण यहां पर मोमबत्तियां तेल द्वारा बनाई जाने लगी.
19वीं सताब्दी में मोमबत्तियों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होने लगा और इसका निर्माण व्यवसायिक रूप पर किया जाने लगा 1834 में Joseph Morgan ने एक मशीन के लिए पेंट करवाया जिसे 1 घंटे में लगभग 1500 मोमबत्तियां बनाई जा सकती थी.और इस मशीन के कारण मोमबत्तियों का निर्माण जल्दी होने लगा और मोमबत्तियों की कीमत भी कम हो गई.
19वीं सताब्दी में लंदन की एक कंपनी Price’s Candles.दुनिया की सबसे पहली ऐसी कंपनी हो गई थी क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा मोमबत्तियों का निर्माण कर रही है और इस कंपनी को William Wilson मे 1830 में बनाया था.
इसके बाद अलग अलग देशों में अलग अलग कंपनी ने मोमबत्तियां बनाई.मोमबत्तियों को और बेहतर बनाने के लिए इनमें अलग अलग तरह के डिजाइन और रंगों का इस्तेमाल किया जाने लगा.
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