आज के समाज में यौन संबंध में सहमति का महत्व सभी को मालूम होना बेहद जरूरी है। यह एक ऐसा विषय है, जिस पर जब भी चर्चा होती है तो लोग इसकी (यौन संबंध की) सही उम्र पर बहस करने लगते हैं। लेकिन इस सहमति के लिए सही उम्र क्या होनी चाहिए, यह एक कानूनी मुद्दा है। समाज में आज भी लोग शादी को महिला के साथ अपनी इच्छा से संबंध स्थापित करने का प्रमाण पत्र मान लेते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि आज भी अधिकतर लोगों को यौन संबंधों में सहमति के महत्व के बारे में मालूम नहीं है। इससे यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए आज भी समाज सही दिशा की ओर अग्रसर नहीं है। महिलाओं पर की जाने वाली हिंसा व उनके अधिकारों के लिए लोगों को कहीं धरना देने की आवश्यकता नहीं हैं, बल्कि इन सभी समस्याओं की जड़ों के बारे में विचार करके हमको इन समस्याओं को समाज से दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
यौन सहमति क्या है -
किसी भी यौन क्रिया में शामिल होने से पहले दोनों साथियों की सहमति के बारे में एक-दूसरे को मालूम होना ही यौन सहमति है। अक्सर सेक्स करने से पूर्व लोग अपने साथी से उसकी सहमति लेना जरूरी ही नहीं समझते हैं। अगर आप सेक्स करने से पूर्व अपने साथी से उसकी सहमति के बारे में पूछते हैं, तो ऐसा करने से आपके रिश्ते में न सिर्फ मधुरता आएगी, बल्कि आपके साथी की नजरों में आपका सम्मान दोगुना हो जाएगा। ऐसा देखा जाता है कि कई बार साथी सेक्स करने के लिए तैयार नहीं होता और ऐसे में यदि उसकी सहमति के बिना सेक्स किया जाए तो दोनों को ही इस क्रिया से पूर्ण आनंद प्राप्त नहीं हो पाता है। वहीं साथी की सहमति जानने के बाद जब आप सेक्स करते है, तो आपका साथी भी आपके साथ सहज महसूस करता हुआ इस क्रिया का आनंद महसूस करता है। यौन सहमति को देने के कई तरीके हो सकते हैं, जिस पर हम बाद में चर्चा करेंगे।
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भारत में सेक्स की सहमति पर कानून और सही उम्र -
एशिया के हर देश में यौन संबंधों में सहमति की सही उम्र पर अलग-अलग कानून बनाए गए हैं। भारत में सहमति की सही उम्र 18 वर्ष रखी गई है। यह उम्र आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 के अंतर्गत निर्धारित की गई है।
सन 1892 में एक 10 वर्षीय बच्ची के साथ हुए वैवाहिक बलात्कार के बाद यौन सहमति की उम्र 10 वर्ष से बढ़ाकर 12 वर्ष कर दी गई थी। इसके बाद वर्ष 1949 में गर्भावस्था के प्रथम चरण में महिलाओं के स्वास्थ्य स्थितियों पर ध्यान देते हुए इस विषय पर सहमति की उम्र को 15 वर्ष कर दिया गया था। वहीं 1982 में एक अन्य संशोधन के बाद इसको 15 वर्ष से बढ़ाकर 16 वर्ष कर दिया गया। इसके बाद वर्ष 2014 में आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013, के तहत बदलाव करते हुए सहमति की उम्र 16 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष कर दी गई।
सेक्स के लिए सहमति किस तरह दें -
बोल कर सहमति देना- यौन संबंध के लिए आप बोल कर भी सहमति दे सकते हैं। अगर आपका साथी आपसे इस बारे में पूछे, तो आपको उन्हें इधर-उधर की बातों में न घूमाकर सीधे तौर पर कहते हुए सहमति देनी चाहिए। इससे साथी भी किसी तरह के असमंजस में नहीं रहेंगा।
कुछ संबंधित बात से हां कहना – अगर आप इस तरह की गतिविधि के लिए तैयार हैं, तो आप साथी को यह भी कह सकती हैं कि आप इन सब में सहज हैं और आपको कोई परेशानी नहीं है।
इसके अलावा यदि आप खुद भी यौन संबंध बनाने के लिए तैयार हैं, तो साथी के द्वारा इस बात को पूछने से पहले ही आप कुछ ऐसा करें जिससे वह आपकी मन की बात को स्पष्ट रूप से समझ जाएं।
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साथी यौन सहमति दे रहा है कि नहीं यह कैसे जानें -
आप सीधे तौर पर साथी को न कहें। अगर आप साथी के साथ इस तरह की गतिविधि में शामिल होना नहीं चाहती हैं, तो आप उनको इस बात के लिए साफ तौर से माना कर सकती हैं कि आपको यह सब अभी पसंद नहीं है।
अगर पुरुष या महिला कोई भी साथी इस तरह की गतिविधि में सहज महसूस नहीं कर पा रहा है, तो वह एंकात से निकलकर भीड़ वाले स्थान में जाकर इस गतिविधि से दूर हो सकता है।
इस काम के लिए आप किसी पर दबाव नहीं बना सकते हैं। अगर आप साथी पर इस काम के लिए दबाव बनाते हैं, तो भी दबाव में किए गए काम में साथी की असहमति ही मानी जाएगी।
अगर साथी पहले कभी इस बात के लिए सहमत हो गई है, तो यह मत समझें कि वह हर बार यौन क्रिया के लिए सहमत ही होंगी।
नशे की अवस्था में साथी आपको सहमति देने की हालत में नहीं होगा, इसलिए इस अवस्था में उनकी सहमति जानना या जानने की कोशिश करना सही नहीं होगा और वहीं इस अवस्था को सहमति मान लेना भी गलत है।
क्या सेक्स सहमति का निर्णय बदला जा सकता है -
साथी के साथ यौन क्रिया में शामिल होना या न होना सिर्फ और सिर्फ आपका निजी निर्णय है। यौन क्रिया की किसी भी अवस्था में आप इस सहमति के फैसले को बदल सकती हैं। इस तरह की क्रिया में आप कभी भी अपने साथी को यह कह सकती हैं कि आप असहज महसूस कर रहीं है और आगे इस क्रिया को नहीं करना चाहती हैं। सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने पार्टनर से इस बारे में पहले ही बात कर लें। इससे आप दोनों ही यौन क्रिया के दौरान आने वाली हर तरह की स्थिति के लिए पहले से ही तैयार हो जाते हैं।
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